after love - 28 in Hindi Love Stories by Mr Rishi books and stories PDF | ऑफ्टर लव - 28

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ऑफ्टर लव - 28

सुबह सुबह त्रिशा महादेव के मंदिर में पूजा कर रही होती है। तभी वहा पुजारी आकार त्रिशा को प्रसाद देते हुए कहते है"ये लो बिटिया भोलेनाथ का प्रसाद है।और ईहा आओ"ये कहते हुए पुजारी   त्रिशा के माथे पर चंदन का टीका लगाते हुए कहता है"महादेव तुम्हारी हर मनोकामना पूर्ण करेंगे और तुम्हे तरक्की के साथ साथ एक अच्छा वर भी देंगे जो तुम्हारे हर सुख दुःख में साथ देगा।"


पुजारी इतना कह कर वहा से चला जाता है,त्रिशा पुजारी की बातों को लेकर सोचने लगती है और उसके चेहरे पर एक मुस्कुराहट आ जाती है।त्रिशा मुस्कुराहट के साथ मंदिर से बाहर निकल ही राही होती है की उसके सामने दो बाइक सवार एक लड़के का गर्दन उसके धर से अलग करके बाइक लेकर स्पीड में निकल जाते है।


ये देखने के बाद त्रिशा के होश उड़ जाते है,उसके रोंगटे खड़े हो जाते है।और वो वही पर जस के तस खड़ी रहती है। तभी एक आदमी ब्लैक कोर्ट पहने हुए वहा कुछ बॉडीगार्ड के साथ आता है।और उस लड़के को इस हालत में देख कर अपनी आँखें झट से बन करते हुए चिल्ला पड़ता है"नहीं,,,और वही पर अपने घुटनो के बाल गिर कर रोने लगता है।ये सब वहा खड़े हो कर सब लोग देख रहे होते है।
              दरअसल वो आदमी एक बहुत बड़ा बिजनेसमैन होता है।उसका नाम विक्रम सहाय होता है। अभी ओ वही पर बैठ कर रो ही रहा होता हैं की तभी उसके पास कॉल आता है।वो झट से अपना फोन देखता है।तो इसी नंबर से कॉल आया हुआ था जिस नम्बर से थोड़ी देर पहले कॉल आया हुआ था।वो कॉल उठता है।"ओह,, कितना बुरा ही न मैं!एक बाप के सामने उसके बेटे को ही मर दिया,, ओज सॉरी सामने नहीं बस तुमने थोड़ी सी देर कर वरना अपने बेटे को मरते हुए लाइव देख पाते वैसे मेरे आदमियों ने तुम्हारे बेटे को तड़पाया नही डायरेक्ट उपर,"",,ये कहते हुए जोर जोर से हसने लगता है।
         वो कॉल पर कोई और नही बल्की जगीरा होता है, विक्रम रोते हुए कहता है"क्यों मर दिया मेरे बेटे को उसका क्या कसूर था ओ अभी बच्चा था।"...


"तो ये तुम्हे पहले सोचना चाहिए था ना मैने मात्र 100करोड़ ही तो मांगें थे।पर तुमने 100करोड़ के जगह अपने बेटे की मौत चुनी।खैर अब तुम्हें 200करोड़ देने होंगे वरना सुनने में आया है। तुम्हारी एक बेटी भी है। काफी जवान भी साथ ही बहुत खुबसूरत क्यों सही कहा न??पर तुम चिन्ता मत करो उसे तुम्हारे बेटे के जैसे आम मौत नही दूंगा वो क्या है ना मैं एक मर्द हू और मेरी अभी तक शादी भी नहीं हुई हैं,,खैर ये सब छोड़ो क्या सोचा है??" ये कहते हुए जगीरा हँसने लगता है।
            विक्रम डरते हुए कहता है"देखो मेरी बेटी को कुछ नही होना चाहिए तुम्हें पैसे मिल जाएंगे।"जगीरा हँसते हुए कहता है"ओह अगर यहीं बात पहले मान लिया होता तो आज तुम्हारा बेटा भी तुम्हारे साथ खेल रहा होता।खैर अब क्या कर सकते है, भगवान तुम्हारे बेटे कि आत्म को शती दे।"....

विक्रम के हाथ से फोन गिर जाता है और रोते हुए जोर से चीखता है। वही उसकी पत्नि अपने बेटे की मौत को अपने सामने होते देख सदमे में पड़ी हुई थी।


त्रिशा की आँखों में ये सब पूरी तरह से छप चुका था।वहा एबुलेंस आती है और डेथ बॉडी को लेकर वहा से चली जाती है।धीरे धीरे भीड़ भी काम होने लगती है,त्रिशा अपने रूम पर आकर पूजा की थाली साइड में रखते हुए अपने बेड पर शान्त हो कर बैठ जाती है।उसके आँखों में अभी भी वहीं सब चल रहा होता है। जो उसने मन्दिर के पास देखा था तभी वहा मधु आते हुए त्रिशा के गले लगते हुए कहती है"ओ त्रिशा,,, त्रिशा"मधु के चेहरे पर एक बहुत बड़ी खुशी झलक रही होती है।

पर त्रिशा का मुंह देख कर मधु भी थोड़ा अपसेट होते हुए पुछती है"क्या हुआ तुझे ??यार मैं तुझे एक गुड न्यूज़ सुनने वाली थी और तू अपना मूड ऐसे कर के बैठी हुई है!कोई प्रोब्लम हो गई है क्या??"
          "मेरे आँखों के सामने बेचारे एक लड़के को उन लोगों ने मार दिया।"त्रिशा उदास होते हुए बोलती है।तभी मधु दुःख जताते हुए कहती है"ओह बेचारा उसके माता पिता पर क्या बीत रही होंगी। अच्छा,, अब छोड़ ना ये सब तुझे एक बात बतानी थी, मेरी बुक ''' वन नाइट बिफोर डाई '''..." पब्लिस्ड हो गई और कल तक पूरे शहर इनफैक्ट पूरे दुनिया में फैल जाएगी।"

मधु बहुत खुश होती है,और अपना फोन निकालते हुए कहती है,"देखना मम्मी को बताऊंगी तो बहुत खुश होंगी।"मधु अपने  माँ को कॉल करती है पर वो कॉल नहीं उठाती है।त्रिशा कॉल कट करते हुए कहती है"जरूर अंकित गेम खेल रहा होगा इसी लिए काल नहीं उठा रहा हैं,पापा को कॉल करके बताती हू।"इतना कहते हुए अपने पापा को कॉल करती है, काफी देर तक रिंग करता है थोड़ी देर बाद उसके पिता कॉल उठते हुए कहते है।"हेलो,,"...

"पापा आपको एक गुड न्यूज़ देनी थी मेरी बुक पब्लिश हो गई है। जिस सपने को पूरा करने के लिए आप सब से दूर भागती रही छिप छिप कर रह रही थी।आज वो सपना पूरा हुआ abb मैं वापस आना चाहती हु।"ये कहते कहते मधु की आँखें नम हो जाती है। फिर मधु अपने इमोशन को कंट्रोल में करते हुए कहती है"वैसे अंकित को बता दीजिएगा की उसकी बहन आ रही है शैतान को कितनी बार कॉल कर रही हू उठा ही नहीं रहा हैं,एक बार आने दीजिए फिर उसे ऐसा मजा चखाऊंगी की  ओ भी याद रखेगा।"...


पर उसके पापा कुछ नहीं बोलते हैं, और उसे अपना ख्याल रखने के लिए कहते हुए कॉल कट कर देते है। मधु भी सोचती है आखिर उसके पिता ने उससे बात क्यों नहीं किया?"खैर शायद मुझसे नाराज़ होंगे आखिर कार इतने दिनो तक उनसे दूर जो रही हू।"मधु ज्यादा इस बारे में न सोचते हुए मुस्कुराते हुए अपने कपड़ो को पैक करने के लिए चली जाती है।

पर त्रिशा अपने जगह पर अभी भी बैठी हुई होती है। मधु उसे ऐसे उदास बैठे देख कर उसके पास आते हुए कहती है। यार क्या तू भी उस हादसे को लेकर बैठी हुई है? छोड़ ना जो हो गया उसे भूल जा और वैसे भी कल मैं वापास अपने घर जा रही हू।और तुझे कुछ बताना चाहती हू। वो दरअसल मैंने तुम से एक बात छुपाई है।"मधु हिचकिचाते हुए कहती है।


To be continued


आखिर मधु ने क्या बात छिपाई थी, त्रिशा से??और क्या सच है मधु का ये जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी कहानी DON'T TOUCH MY SOUL


अगर कहानी में आगे क्या होने वाला है और मधु कौन हो सकती है आपको पता है तो कॉमेंट में जरुर बताइएगा।