Apradh hi Apradh - 37 in Hindi Crime Stories by S Bhagyam Sharma books and stories PDF | अपराध ही अपराध - भाग 37

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अपराध ही अपराध - भाग 37

अध्याय 37

पिछला सारांश:

विवेक ने अपने अप्पा से, धनंजयन ने उसको दिए धमकी के बारे में बताया।

दामोदरन ने बताया कि उन्होंने ही धनंजयन को तीसरा असाइनमेंट पूरा न कर पाए, इसीलिए उन्होंने रामकृष्णन के लड़के से धनंजयन की अक्का से शादी करने के लिए उनके ब्रोकर को भेजा था।

ब्रोकर के कहे अनुसार उनको लड़की देखने के लिए आने को धनंजयन ने कह दिया। घर आए रामकृष्णन को मलेशिया से फोन आया। रामकृष्णन के कानून के विरुद्ध जो काम कर रहे थे, उसके लिए उन्होंने वहां के एजेंट को पुलिस ने पकड़ लिया। इसको सुनकर रामकृष्णन सदमे में आ गए।

 

सदमे आए पसीने को पोंछते हुए “क्या कह रहे हो…प्राण भी चले जाएं तो दूसरों के बारे में कुछ भी नहीं बोलना है वही तो हमारा सिस्टम है” हांफते हुए रामकृष्णन ने पूछा। 

“कोई ‘सुपरनारको इंजेक्शन’होता है बताया उसे लगाने से पिछले जन्म की बातों को भी उगल देते हैं !”

“वह ठीक है यह समाचार स्प्रेड हो गया क्या?”

“नहीं, आई.बी. के क्विंग में जो अपना आदमी है उसने अभी-अभी समाचार दिया। पर, यहां आपको ढूंढना उन्होंने शुरू कर दिया। अभी आपके चेन्नई जाने की बात और आपके लड़के की शादी रुक गई दोनों उन लोगों को पता चल गया। 

“हो सकता है इंटरनेशनल पुलिस को सूचना चेन्नई के सी.बी.आई. चला गया होगा। वे आपको ढूंढते हुए किसी भी समय पहुंच सकते हैं। आप अंडरग्राउंड हो जाइए।”

“यहां मैंने अपने लड़के के लिए एक लड़की देख कर फैसला कर लिया। अभी मैं कैसे अंडरग्राउंड हो सकता हूं?”

“फंसोगे तो खत्म हो जाओगे… पहले आप भाग न पाएं इसके लिए आपके पैर को तोड़ देंगे। पूछे तो बाथरूम में फिसल गए कह देंगे। ‘पेइन किलर’ खाओ तो भी दर्द कम नहीं होगा। 

“आपके घुटनों को खत्म कर देंगे। यह मजिस्ट्रेट को पता चलें तो भी वे उसको पता है नहीं दिखाएंगा।”

“डराओ मत रे…अचानक बताने से मैं कहां जाकर छुपुंगा?”

“दामोदरन सर से पूछिए। कोल्ली मलाई ‘मोबाइल टावर’ जहां काम नहीं करता वहां उनके पास जगह है ऐसा मैंने सुना है। वह भी पेड़ों पर ‘वुड हाउस’ है आप वहां चले जाइए।”

मलेशिया से बात खत्म कर उन्होंने जैसे ही मोबाइल को ऑफ किया, वैसे ही घंटी बजने लगी दामोदरन का हीं कॉल था। 

“क्यों रामकृष्णा तुमने अपनी बहू को देखकर बात कर लिया। कोई समस्या तो नहीं है?”

“यहां कोई समस्या नहीं है। परंतु अपने एक एजेंट को आई.बी. वालों के बीच फंसकर उसने मेरे बारे में भी बता दिया। अभी-अभी मलेशिया से फोन आया है। मीडिया को अभी मालूम नहीं। यहां सी बी आई को जरूर सूचना दे दी होगी। वे लोग मुझे ढूंढना शुरू कर दिया होगा। मुझे तो अंडरग्राउंड होना ही पड़ेगा।”

“कौन है वह एजेंट? किसी भी हालत में रहने वालों के लिए ही तो हमने एजेंसी में जगह दी है…फिर क्यों ऐसे कर दिया?”

“कोई सुपर नारको इंजेक्शन होता है बताया। कैंसर के लिए ही दवाई उन्होंने निकाल ली। अपने जैसे डॉन के लिए इसे मालूम कर लिया होगा?”

“ठीक है अब क्या करने वाले हो?”

“अब तुम्हें ही तो बताना है। कोल्ली मलाई जंगल में मोबाइल फोन कवरेज जहां पर नहीं है वहां पर तुम्हारा एक पेड़ों वाला घर है बताया?”

“इसका मतलब तुम अंडरग्राउंड होने का फैसला कर लिया?”

“और कोई रास्ता?”

“फिर यह शादी?”

“शादी के लिए कुछ कह कर 6 महीना नहीं तो 1 साल के लिए आगे कर देंगे। मुझे पुलिस में फंसना नहीं चाहिए। पहले से मेरे घुटने में दर्द है।”

“स्टूपिड…यह धनंजयन भी करीब करीब सी.बी.आई. जैसे ही है। इसको दबाने के लिए यह शादी तो होनी ही चाहिए?”

“किसी भी मिनट मुझे पुलिस अपने कब्जे में लेने की स्थिति में शादी कैसे होगी?”

“तुम जो कह रहे हो वह ठीक है। फिर तुम एक काम करो मैं जैसा कह रहा हूं करो। शादी को जल्दी से कर दो। तुम भी एस्केप हो सकते हो।”

“कैसे?” रामकृष्णन के पूछते ही दामोदरन ने अपना मास्टर प्लान बताया। 

अब रामकृष्णन के चेहरे पर एक तरह की शांति छाई।

“क्या बात है रामकृष्णन कोई बात ही नहीं कह रहे हो?”

“तुम्हारी योजना बिना किसी झंझट के वर्कआउट हो जाएगा?”

“वह तुम्हारे हाथ में ही है। बहुत कठिन परिस्थिति में बिजली जैसे काम करें तभी तो हम डाॅन

 हैं नहीं तो बेकार…”

“रैइमिगं जैसे बात कर टेंशन कर रहे हो दामोदर?”

“अभी तुम ही समय को नष्ट कर रहे हो। पहले तुम्हारे मोबाइल में जो सिम है निकाल कर फेंकों। बाद में मैंने जैसे कहा वैसा करो।”

“ठीक है कोशिश करता हूं। हां यदि मैं सिम को निकाल दूं तो तुमसे कैसे बात करूंगा?”

“तुम्हारे बेटे के फोन के द्वारा बात करो। उसके नाम को मैंने सेव किया हुआ है। तुम फिकर मत करो।”

“अभी शुरू कर देता हूं। तुम फोन को कट करो” कहकर दूसरे ही क्षण उसने सिम को निकाल कर अपने जेब में रख लिया। 

अपने छाती को पकड़ कर हाल में आकर सोफे पर बैठा। 

उसको देखकर दामाद मोहन परेशान हुआ। 

“डेट क्या हुआ?”

“छाती में दर्द हो रहा है?”

“क्या अचानक क्या हुआ?”

“छाती में दर्द समाचार देकर आएगा क्या?” कहते हुए अगले ही क्षण में नीचे गिरे। 

“सब को पहले से ही हॉट प्रॉब्लम है क्या?” धनंजयन ने पूछा।

“अप्पा एक हॉट पेशेंट है बाईपास सर्जरी इनकी हो गई है” मोहन ने बोला। 

अगले क्षण रामकृष्णन की पत्नी रंजीता घबराने लगी। 

आगे पढ़िएगा....