Ishq Jaisa kuchh nahi - 3 in Hindi Love Stories by Miss devil books and stories PDF | इश्क जैसा कुछ नहीं - 3

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इश्क जैसा कुछ नहीं - 3

विश्नव और आचमन शरार्थ को घर लेकर जाने लगते हैं तभी आबिद उन्हें ठहरने के लिए कहता है 


आगे:-


आचमन गुस्से से - अब क्या है??? कब से तो कह रहे थे निकलो यहां से अब जा रहें हैं तो रोक रहे हो 😒😒

आबिद मुस्कान बरकरार रखते हुए - महाशय! अपना पर्स देने की कृपया करेंगे जरा.....

आचमन बुरा सा मुंह बनाकर अपना पर्स निकाल कर दे देता है आबिद शरार्थ के सामने जाकर अपनी पॉकेट से शरार्थ का दिया हुआ कार्ड निकाल पर्स में डाल देता है और उसमें से दो हजार का नोट निकाल लेता है और शरार्थ का गाल थपथपा कर उसे वो पर्स पकड़ा देता है..

आबिद शरार्थ को घूरकर - दुआ करना हम दोबारा ना मिले.....

आचमन दांत पीसकर - ये क्या बदतमीजी है तुमने बिना मेरी परमिशन के मेरे पर्स से पैसे कैसे निकालें ईमान नाम की कोई चीज नहीं है ना तुम्हारे अंदर.....

आबिद भौंह चढ़ाकर - ओ डेढ़ फुटिया क्यों कपड़ों से बाहर निकला जा रहा ये जो तुम्हारा भाई सही सलामत खड़ा भूल मत मेरी वजह से ही और रही ईमान की बात तो मेरे लिए पैसे से बड़ा कुछ नहीं है, तुम लोग मुंह में चांदी की चम्मच लेकर पैदा होते हो और अपनी औलादों को सोने की देकर टपक जाते हो ...... लेकिन हमारे यहां ऐसा नहीं होता है समझे बच्चे......

शरार्थ - वो सही कह रहे हैं मन..... उन्होंने अपने हक के पैसे लिए हैं जाने दे चल .....

विशनव - हम्म आचमन चलो शरार्थ सही कह रहा है 

फिर वो सब लोग वहां से निकल जाते हैं......

आबिद की मां वहां आकर उसे एक चपत लगा देती है और कहती है - तू क्यों करता है ऐसा, देखा ना अब भी उस बच्चे ने तूझे सही ठहराया और तू कब से उसे डराए जा रहा है 

आबिद - ऐय! अलिशा सक्सेना तू उन अमिरजादो के लिए मेरे को क्यों मार रही है भाड़ में जाए वो लोग , तूझे पता है ना मुझे इन अमिरजादो से कितनी चिढ़ है.....

अलिशा जी - बदतमीज औलाद! अपनी मां को नाम लेकर बुलाता शर्म नहीं आती है ना....

आबिद - अरे! माता वो आने की तो जिद करती है लेकिन मैं आने ही नहीं देता ना और चल जा अब तू अंदर आराम कर मैं आता हूं तेरी दवाइयां और इंजेक्शन लेकर.....





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बड़ा सा बंगलों 

( हम यहां बंगलो को डिस्क्राइब नहीं कर रहे हैं आप खुद से गेस कर लेना )


एक कमरे में शरार्थ बेड पर लेटा था और उसके दोनों साइड आचमन व विश्नव बैठे थे 

आचमन गुस्से से - बिग ब्रो अब बताओगे भी क्या हुआ था आपके साथ और कैसे उस सका लाका प्लेनेट के एलियन ने आपको बचाया था.....

शरार्थ हंसते हुए - सका लाका प्लेनेट का एलियन वाह क्या नामकरण किया है हाहाहाहाहा😂😂

आचमन - हां तो देखा नहीं कैसे खंबे जैसा खड़ा था, ना नॉर्मल तरीके से बात करनी आती है, ना अच्छे से बिहेव करना आता है साला बिजली के खंबे जैसा है जब भी छुओगे करंट ही मारेगा.....

विश्नव - ऐय! गाली नहीं देते हैं....बैड मैनर्स

आचमन - उप्स सॉरी मैं भूल गया था उसकी ही प्रजाति के एक इंसान यहां भी बैठे हैं वो इरिटेटिंग फेस बना कर कहता है 

शरार्थ - चुप रहो यार! इरिटेट मत करो।

विश्नव- अरे तुम इन्हें छोड़ो.... अपनी कहो!

शरार्थ - उम्म एक शर्त पर अगर तुम दोनों डैड को कुछ नहीं बताओ तो ????

विश्नव और आचमन गर्दन हिला अपनी सहमति दे देते हैं 

" कल तुम दोनों के जाने के बाद एक वेटर तीन ग्लास वाइन के वहां रखकर चला गया था तो मैंने उन तीनों को अकेले ही पी लिया था.....

शराब पीने के बाद थोड़ी ही देर बाद शरार्थ को बैचेनी होने लगी थी वो अपनी जेखिट उतार कर रख देता है....

शरार्थ - अरे! ये दोनों अभी तक आए क्यों नहीं है और ये सर दर्द क्यों करने लगा है हमेशा तो यही पीता हूं फिर आज क्या हो गया वो मुस्कुरा कर हां शायद ज्यादा पी ली है ना आज चलो उन्हें लेकर आता हूं.....

इतना कह वो बाहर की तरफ बढ़ जाता है 
( बेचारे को नशें में कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कहां जाना है )

बाहर आकर वो आसमान में देखकर अपने सिर में खुजाकर एक आंख छोटी कर - मुझे तो बाथरूम जाना था ना उन्हें लेने हंसकर तो तो ये बाथरूम की छत टूट गई क्या हाहाहा लेकिन वो दोनों कहां गये अपने दोनों हाथ मुंह पर रखकर ओओओओओ उनके ऊपर तो छत नहीं गिर गई है वो अपना हाथ बढ़ाकर लेकिन दरवाजा कहां है कैसे जाऊं अंदर अपने भाई को लेने वो वहीं नीचे पसर कर दहाड़े मारकर रोने लगता है ( अरे आंसुओं से नहीं रे ) 
तभी वहां एक आदमी आता है और उसके सिर को सहलाकर पूछता क्या हुआ......

शरार्थ - अं बूढ़े नहीं नहीं इज्जत से बूढ़े जीईई मेरे भाई अंदर बाथरूम में फंस गये हैं और बाथरूम की छत टूट गई है और मु मुझे दरवाजा ही नहीं मिल रहा मैं कैसे उन्हें बचाऊं इतना कह वो फिर रोने लगता है

वो आदमी दुखी होकर - पहले खुद को तो बचा लो इतना कह वो उसे एक इंजेक्शन लगा देते हैं जिससे शरार्थ की आंखें बंद होने लगती हैं वो आदमी उसे कंधे का सहारा देकर चलने लगते हैं थोड़ी दूर चलने पर उसे गाड़ी दिखाई देती है वो उस तरफ बढ़ जाता है लेकिन तभी वो किसी लड़के से टकरा जाता है और उसके पॉकेट से कुछ गिर जाता है....

वो लड़का उन दोनों को संभालते हुए - सॉरी सर 

वो आदमी हड़बड़ा कर - को कोई बात नहीं आजकल के बच्चे भी ना पी कर तमाशा करने की आदत हो गई है वो शरार्थ की तरफ इशारा कर कहते हैं....

वो लड़का मुस्कराकर - मैंने कुछ पूछा.....ये आपका बेटा हो या आप इसके किडनैपर मेरे को क्या लेना-देना....

वो आदमी हंसकर - ह हां सही कह रहे हो.... फिर वो अपने माथे पर आया पसीना पोंछकर गाड़ी की तरफ बढ़ जाते हैं और मुड़ कर बार बार उस लड़के को देख रहा था जैसे किसी बात की उम्मीद हो.....

तभी वो लड़का भी आगे बढ़ जाता है और वो आदमी निराशा से आगे बढ़ जाता है तभी उसके कानों में एक आवाज गुंजती है......

" रूकिए "

वो आदमी झटके से पीछे मुड़ जाता है वो लड़का - ये आपका कोई कागज़ गिर गया था वो उनकी तरफ एक कागज बढ़ाते हुए कहता है ....

वो आदमी कागज अपनी जेब में रखकर वहां से निकल जाता है....

शरार्थ की आंखें पूरी तरह से बंद नहीं थी बस वो कोई मूवमेंट नहीं कर पा रहा था बाकी वो थोड़ा बहोत देख पा रहा था कि उस गाड़ी में उसके जैसी हालत में ही दो लड़के और भी पड़े हुए थे अब उसे समझ आ रहा था वो फंस चुका है लेकिन वो कुछ कर नहीं पा रहा था उसे अपनी बेबसी पर बहुत गुस्सा आ रहा था थोड़ी देर में वो गाड़ी रूक जाती है वो देख पा रहा था वो एक सिग्नल लाइट एरिया ( पता नहीं एग्जेक्ट वर्ड क्या लिखें ) था.....

काले कपड़े पहने एक आदमी गाड़ी से बाहर निकलता है और पुलिस के पास जाकर पूछता है - साहब कायको टाइम पास कर रेला है????

पुलिस वाला - ऐय! रेगुलर चेकिंग है बस चलो दिखाओ गाड़ी में क्या है????

वो आदमी - अरे साबजी! क्या होएंगा खाली बिल्कुल गाड़ी कुछ भी नहीं जाने देना बच्चे वेट कर रहे होंगे अप्पन के....

पुलिस वाला - ज्यादा चूचपड की ना तो अंदर कर दूंगा अगर कुछ नहीं है तो एक बार चेक करवाने में क्या जा रहा है तेरा इतना कह वो गाड़ी खोल देखने लगते हैं...

पुलिस वाला - कुछ भी तो नहीं है गाड़ी में चल लेजा अपने लड्ढे ( गाड़ी ) को इतना कह वो अपनी जीप की तरफ बढ़ जाते हैं....

वो आदमी हैरानी से - कोई नहीं है सच में वो गाड़ी में देखकर तो गये कहां सब तभी उसकी नज़र गाड़ी की दूसरी तरफ जाती है वहां उसके दोनों साथी अधमरी हालत में पड़े हुए थे और वहीं कुछ दूरी पर वो बुजुर्ग बेहोश गिरे हुए थे....

वो आदमी अपने माथे को ठोककर - ये सब यहां है तो स्साला! वो तीनों कहां गये वो उन सबको उठाकर पूछने लगता है लेकिन उनमें से कोई भी कुछ बताने की हालत में नहीं था ' आज तो बॉस ' जान से मार डालेंगे.....

कहां ढूंढूं अब उन लोगों को वो अपना सिर पकड़ गाड़ी के सहारे टिक कर बैठ जाता है 












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कहां गये तीनों लड़के???

टू बी कंटिन्यू ❣️ ❣️