Saat fere Hum tere - Secound - 25 in Hindi Love Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - २५

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सात फेरे हम तेरे - सेकेंड सीजन - भाग - २५

नैना ने लेक्चरर बनाने के लिए सारी तैयारी कर रही थी अगले हफ्ते ही परिक्षा होने वाली थी।
उसने आज जो कुछ भी किया वो अपनी मेहनत से ही किया था अगर अभय भाई और मासी का साथ नहीं मिलता तो कैसे सब होता।

आज नैना का एग्जाम होने वाला है लेक्चर सिप के लिए ।।
अभय ने कहा बहना तीन राउंड कोली्फाई करने के बाद ही तुमको एक बड़े डिग्री कॉलेज में मौका मिल जाएगा।
नैना ने कहा हां पर क्या मुझे मौका मिल जाएगा।।
अभय ने कहा अरे बाबा ऐसा कोई भी कालेज नहीं होगा जो तुझे नहीं लेगा तेरे जैसी टलेन्टेट और कोई नहीं है ।
नैना ने कहा हां ठीक है ज्यादा तारीफ नहीं।।
मासी नाश्ता दे दिजिए जल्दी से।
फिर नैना नाश्ता करने के बाद फिर से पढ़ाई करने लगीं उसका अब एक मकसद था कि अच्छी जिंदगी जीना होगा।
मुझे खुद के लिए ये सब करना होगा।
फिर इसी तरह एक हफ्ते बीत गए।
आज नैना का पहला एग्जाम है और फिर इतनी तेज बारिश हो रही है हांग कांग में।
अपर्णा ने कहा अरे तू इतनी बारिश में कैसे जाएगी?
नैना ने कहा अरे बाबा ओला बुक किया है।
कुछ देर बाद ही एक ओला आ गया और फिर नैना जल्दी से जल्दी निकल गई।
ओला में बैठ कर नैना ने अभय को भी बता दिया।
और फिर ड्राईवर ने कहा कि हर जगह तुफानी हवाएं चलने की वजह से पेड़ भी गिर गए हैं।
नैना को किसी भी तरह युनिवर्सिटी पहुंचना था।
कुछ घंटों बाद ही नैना युनिवर्सिटी पहुंच गई पर ये बारिश रूकने का नाम नहीं ले रहा था।
फिर किसी तरह युनिवर्सिटी में पहुंच कर ही एग्जामिनेशन बोर्ड पर पहुंच गई।
पहले तो रिटर्न पेपर हो गया और उसके बाद इन्टरव्यू के लिए पहुंच गई। जहां पर देखा कि काफी भीड़ थी।
नैना ने सोचा कि अभय भाई ने कहा था कि हो जाएगा पर यहां तो इतना भीड़ है।
फिर काफी देर बाद नैना का नम्बर आया और जब अन्दर पहुंच गई तो देखा दस बारह लोग बैठे थे।
नैना एक दम से डर गई थी।
फिर उसने सबको अभिनन्दन किया और फिर इजाजत ले कर बैठ गई और फिर शुरू हुआ प्रश्नों का सिलसिला।।
नैना को सोचने का भी मौका नहीं मिल रहा था पर सारे जबाव वो बखुबी दे रही थी।
फिर वहां बैठे सभी लोग बुढ़े ही थे पर एक आवाज ने नैना को हिला कर रख दिया था।
बस फिर क्या उसने पूछा क्या हुआ था जो आधे में यहां आ गई?
ये तो किसी ने नहीं पूछा?
नैना ने कहा हां कुछ पसोनल है।
यहां पर कौन है?
नैना ने कहा मासी।
स्टुडेंट ऑफ द ईयर टाइटल पुरस्कार कैसे मिला?
नैना ने कहा मेरी मेहनत और काविलयत से।
फिर पुछा कि अगर कोई स्टुडेंट ने आकर कहा कि आपसे शादी करनी है तो क्या करोगी?
नैना ने कहा कि मैं तुम्हारी टीचर हुं, दोस्त भी हुं, मां हुं और एक बाप भी हुं पर हमसफ़र नहीं,वो तो कोई और ही है मैं नहीं मैं तो गुरु हुं।
ये सब सुन कर ताली बजाने लगे।
नैना सबको देखने लगीं।
प्रिंसिपल ने कहा वाह नैना प्राउड ऑफ यूं। ये है साहिल तुम्हारे कोओडिनेटर तुम उनको असिट करोगी।
नैना ने कहा हां ठीक है मैं जा सकती हुं।
साहिल ने कहा अरे मेरे पर्मिशन के बिना तो इस युनिवर्सिटी में पत्ता नहीं हिलता और फिर तुम।
नैना ने कहा ओह सॉरी सर।
साहिल ने कहा सर नहीं सब साहिल कहते हैं मुझे।
नैना ने कहा पर मैं तो सर ही बोलुगी।
साहिल ने गुस्से से कहा हां ठीक है मैं तुम्हें तुम्हारा काम बता देता हूं।
देर से आने वाले मुझे पसंद नहीं है। स्टूडेंट्स पर हाथ नहीं उठाना है, तुम्हारे सैलरी पैकेज है दस डालर।।जो कि महिने के एक तारिख को जमा हो जाएंगे।
खुले बाल नहीं चलेगा और टीचर्स से गासिप भी नहीं।।
नैना ने कहा ओके सर।
साहिल ने कहा अब तुम जा सकती हुं ज्यादा सपने मत देखो अभी परमानेंट नहीं हुई हो।
नैना ने कहा थैंक यू सर।
नैना उठकर चली गई।
और जातें हुए सोचते हुए कहा कि ये कितना खरूस है बाप रे बाप।।
घर पहुंच कर ही सारी बातें मासी को बताया और फिर बोली अरे बाबा ये साहिल क्या चीज़ है मुझे देखना होगा ये कह कर लैपटॉप पर खोजने लगीं और फिर जल्दी ही साहिल मिल गया।
साहिल खन्ना, खन्ना कार्पेट का मालिक एकलौता बेटा और फिर नेशनल रिसर्च युनिवर्सिटी का मालिक है।
नैना ने कहा ओह माई गॉड इसलिए इतना गुरूर है इसको।
अपर्णा ने कहा नैना चल खाना खाने।
फिर दोनों ने खाना खाया और फिर सोने चले गए।
शाम को जब अभय आया तो नैना ने सारी बात बताई।
अभय ने कहा हां ठीक है पर तुम खुश हो ना।
नैना ने कहा हां अब तो चैलेंज लेने की आदत पड़ गई है।


अभय ने कहा हां ठीक है एक पार्टी हो जाएं और वैसे भी मुझे मारिसस जाना है।
नैना ने कहा ओह माई गॉड ओके मैं कल पार्टी देती हुं।

नैना ने कहा हां ठीक है कल नौ बजे रिपोर्ट करना है।
अभय ने कहा हां ठीक है चलो।
फिर सब अपने अपने कमरे में जाकर सो गए।
नैना को रात भर नींद नहीं आई और उसे विक्की कि याद आने लगी और फिर बोली अरे तुम आज मेरे पास होते तो कितना अच्छा होता पर तुमने तो मुझे मेरे हालात पर छोड़ दिया विक्की।।
फिर सुबह नैना तैयार हो कर नाश्ता करने के बाद बोली कि मासी बस आ गया होगा मैं चलती हूं।
फिर नैना जैसे ही बाहर निकल आई तो देखा कि बस आ चुका था। नैना जल्दी से जाकर बैठ गई और फिर बोली अरे आप कब आए।
बस डाईबर ने कहा हां मैं अभी आया।
फिर बस निकल गई और फिर कुछ देर बाद ही युनिवर्सिटी पहुंच गए।
बस सिर्फ टीचर्स को प्रोवाइड किया गया था।
नैना ने गेट पर टाइम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर हाथ रखा और फिर टाइम फिट हो गया।
और फिर नैना अन्दर की तरफ बढ़ गई और फिर आगे टीचर्स रूम में पहुंच गई वहां पर देखा तो सब बैठ कर बातें कर रहे थे।
कुछ देर बाद एक चपरासी आया और फिर नैना को बोला कि आप को साहिल सर बुला रहे हैं।
नैना ने कहा हां ठीक है।
फिर नैना उठकर जाने लगी तो सब आपस में खुसर फुसर करने लगे कि आज इसकी बारी है।
फिर नैना ने बाहर से दरवाजा खटखटाया और फिर अन्दर पहुंच कर बोली गुड मॉर्निंग सर।
साहिल ने कहा हां गुड मॉर्निंग न्यूज़।
नैना ने आगे बढ़कर कहा हां न्यूज।
साहिल ने कहा हां बोलो क्या न्यूज लाईं हो।
नैना ने कहा हां कैसे न्यूज।
साहिल ने कहा ओह माई गॉड ओके बैंठो।
नैना बैठ गई और फिर बोली सर मेरा टाइम टेबल।।
साहिल ने कहा हां ये है टाइम टेबल। और बाल।
नैना ने कहा कि ये बाल बंधे हुए हैं।
साहिल ने कहा ओके रिपोर्ट मी।
नैना ने कहा एस सर।
ये कह कर जाने लगी तो साहिल ने कहा मैंने कहां क्या चली जाओ।
नैना ने कहा ओह।
साहिल ने कहा कि ये सब देख कर मुझे दो बजे रिपोर्ट करना।
नैना ने कहा हां ठीक है।
साहिल ने कहा हां ठीक है जाओ।
साहिल ने सब कुछ समझाया और कहा कि पांच बजे तक।

नैना ने कहा ओके सर ‌कहते हुए चली गई।
सबसे पहले पीरियड था बीए प्रथम वर्ष के छात्रों को अंग्रेजी का क्लास।
फिर नैना रुम न दस में पहुंच गई और फिर देखा तो दुर तक स्टुडेंट बैठे थे और जहां पर टीचर्स के लिए जगह था वहां माइक लगा था नैना के लिए सब कुछ नया था। नैना ने कहा गुड मॉर्निंग स्टुडेंट।
सब ने रिप्लाई दिया।
और नैना ने अंग्रेजी साहित्य किताब खोलकर पहला अध्याय खोल दिया।
नैना ने कहा चेप्टर नैम लाइफ इज नेजर।
नैना ने सबसे पहले खुद को इनटरडुज करवाया और फिर लाइफ और नेजर के बारे में लेक्चर देना शुरू किया।
नैना के बोलने के तरीके ने सारे बच्चों का मन मोह लिया था।
कुछ देर बाद ही साहिल आकर पीछे बैठ गए।
नैना ने देखा और फिर नैना बोर्ड पर लिखना शुरू किया और सभी से नोट डाउन करने को कहा।

फिर बेल बज गया और नैना ने क्लास को बाई करके दूसरे क्लास के लिए निकल गई।
अब नैना का बीए द्वितीय वर्ष के छात्रों से क्लास में जाना था। थर्द फ्लोर पर पहुंच कर तीसरे रूम में जाकर नैना ने सबसे पहले अपना इन्टौ दिया और फिर लेक्चर देने से पहले सबको एक बात बताना चाहती हुं तुम लोग अब फाइनल ईयर में जाओगे तो सब कुछ खास होना चाहिए।
आज का चेप्टर है आध्यात्मिक ज्ञान चर्चा करेंगे।
एक छात्र ने कहा पर मैम इससे पहले जो थी वो कुछ नहीं पढ़ाई तो क्या आप शुरू से पढ़ाएगी?
नैना ने कहा हां बिल्कुल पढ़ाऊंगी।
पीछे से साहिल सब कुछ सुन रहे थे और फिर वहां से चले गए।
फिर नैना ने शुरू से सब कुछ बताया और फिर बेल बज गई।
सबने मिलकर कहा कि मैम कल आपका इंतजार करेंगे।
नैना एक स्माइल देती हुई निकल गई।
टाइम टेबल चेक किया तो पता चला कि अब उसका आफ था तो टीचर्स रुम में जाकर बैठ गई।
कुछ टीचर्स थी वहां पर और सब बातें कर रही थी पर नैना अपने किताब में खो गई थी और फिर साहिल पुरे टाइम बस नैना को मोनिटर कर रहा था।
नैना को किसी भी बात का डर नहीं था।
फिर बेल बज गई और फिर नैना पहुंच गई एक और क्लास में लेक्चर देने के लिए।
इस तरह से आज का पुरा दिन निकल गया। बच्चे जा चुके थे सिर्फ होस्टल के बच्चे इधर उधर घुमने लगें थे तो उनकी एक क्लास लग गई साहिल के साथ।
फिर साहिल के केबिन में नैना पहुंच गई।
घड़ी देखा तो पांच बज रहे थे।
साहिल ने कहा वाह टाइम की पक्की हो।
नैना ने कहा हां सर ।
साहिल ने कहा ओके बैठ जाओ।
नैना बैठ गई और फिर बोली सर अब क्या करना होगा।
साहिल ने हंसते हुए कहा अरे वाह ऐसा लग रहा है कि सब कुछ मुझे से पुछ कर कर रही हो।
नैना ने कहा नहीं ऐसा नहीं है।
साहिल ने कहा ओके मिस नैना आप अब जा सकती हैं आप मेरी नजरों में हो।
नैना ने कहा ओह तो ये बात है सर।
साहिल ने कहा हां वो तो देखना होगा कि मिडिल टाइम में यू एस छोड़ कर आने की वजह।
नैना ने कहा सर आई थिंग की वो मेरा पर्सनल बात है मैं यहां पढ़ाने आती हूं वो आप देखिए कैसा पढ़ाती हुं और आपको पता चल गया होगा।
साहिल ने कहा ओह तो।
नैना ने कहा ओके सर में आई लिव?
साहिल ने कहा यस।
नैना वहां से निकल गई और फिर युनिवर्सिटी के बाहर बस खड़ा था और फिर नैना बैठ गई।
घर पहुंचते शाम हो गई और फिर शाम होते ही वो आसमान में निलेश को देखती और कहती निलेश तुम जहां कहीं भी हो मैं तुम्हें याद करती हुं हमेशा।।
और फिर दिल में एक दर्द लिए हां ये दर्द तो विक्की ने ही दिया है।

घर पहुंच कर ही सारी बातें बताई और फिर अपर्णा ने कहा चलो नाश्ता करने बैठ गए।।
नैना ने कहा मासी थक गई हूं खिला दो।
मासी ने खिला दिया और फिर अभय भी आ गया और बोला अरे टीचर जी कैसे रहा।
नैना ने कहा क्या भाई आप भी ना।
अभय ने कहा चलो अब।
नैना ने कहा कि सन्डे को चलते हैं।
अपर्णा ने कहा हां थक गई है।
नैना ने कहा हां एकदम और एक नबाव है वहां का राजा है पता नहीं क्या समझता है।
अभय ने कहा कौन साहिल।।
नैना ने कहा आप जानते हो?
अभय ने कहा हां जानता हूं तो।
नैना ने कहा कैसे?
अभय ने कहा लम्बी कहानी है।
नैना ने कहा ओह मैं अब सोने जा रही हुं।
ये कहते हुए नैना चली गई।
अभय ने कहा मम्मी उस साहिल की वजह से हम और माही अलग हो गए थे।
अपर्णा ने कहा हां ये मुझसे बेहतर कौन जानता है।
अभय ने कहा हां मैं फेश् होकर आता हूं।
फिर अभय और अपर्णा खाना खाने बैठ गए।
अभय ने कहा नैना पहले दिन ही थक गई।
फिर दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर तैयार हो कर नीचे पहुंच गई नैना और थोड़ा सा नाश्ता कर ही रही थी कि बस का होरन् सुनकर नैना जल्दी से खाते हुए भाग गई।
मासी ने कहा अरे बाबा नाश्ता ठीक नहीं किया तो पढ़ाएगी क्या।
फिर नैना भाग कर बस में बैठ गई।
एक महिला ने हंसते हुए कहा आओ मेरे पास बैठो।
नैना बैठ गई और फिर वो बोली मैं आशा हुं हिन्दी की टीचर।
नैना ने कहा हां मैं नैना हुं अंग्रेजी की टीचर।
फिर दोनों आपस में बात करते हुए युनिवर्सिटी पहुंच गए।
गेट पर ही टाइम का लेखा जोखा हो गया और फिर अन्दर पहुंच गई।
टीचर्स रूम में जाकर बैठ गई फिर कुछ नैना की हम उम्र टीचर्स आ गई और फिर बातें करने लगी।
कुछ ज्यादा ही हंसी मज़ाक हो गया था और फिर साहिल सर वहां पहुंच कर बोलें कि कैसे आप टीचर्स बन जाती हो जबकि आप लोगो में तो एक कालेज गोईंग स्टूडेंट्स का तोड़ तरीका दिखता है।
साहिल ने देखा कि नैना वहां पर बैठ कर अपना काम कर रही थी।


फिर इसी तरह से एक,,, एक दिन बीतने लगे थे।
क्या नैना और साहिल में तकरार जारी रहेगा या फिर।।
ये जानने के लिए पढ़ें अगला अध्याय।
क्रमशः