Roohaniyat - 8 in Hindi Love Stories by Shweta pandey books and stories PDF | रूहानियत - भाग 8

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रूहानियत - भाग 8

Chapter -8

मुस्कुराने को वजह

अब तक

समीर नील को मनाते हुए," चलो ना यार प्लीज मिल ले ना एक बार, उसे मैंने कहा था अपने बेस्ट फ्रेंड से मिलाऊँगा .....,चल ना ......"।

अंजली समीर को आवाज़ लगाती है," समीर..."।

सामीर टर्न करता है अंजली की तरफ, और अपना हाथ दिखाते हुए उसे अपने पास आने के लिए कहता है"अंजली....."( अंजली खिचकर चाहत को जबर्दस्ती उनके पास लेकर जाती ....)

समीर दोनो को ,"hi"

अंजली एक स्माइल के साथ,"hi...."(चाहत की तरफ देखकर) "meet my Friend chahat....".

अब आगे

नील चाहत का नाम सुनकर suddenly रुक जाता है और फिर उनकी तरफ टर्न करता है.......)

चाहत एक स्माइल के साथ समीर से,"हाय..."

वही सैमी नील की तरफ देखते हुए,"और He is my best friend Neal." 

अंजली को नील को देखकर ,"hi....,इनको तो कौन नहीं जानता...."(अंजली ऐसे देख रही थी नील को जैसे जाकर हग ही कर लेगी)

सैमी धीरे ​​से नील से with जेलेसी,"इसका बॉयफ्रेंड यहा खड़ा है फिर भी सारी अटेंशन तुझे ही मिल रहा है..."।

नील सद्देनली चाहत को देखते हुए,"hi...."(नील चाहत के सामने हैंडशेक के लिए हाथ बढ़ाता है.....)

सैमी बड़ी बड़ी आंख करके मतलब आँख फाड़कर नील को देखता है....,बेचारे को शॉक लगा था...)

नील चाहत को देखता है ....,जो लगातार उसके हाथो के निशान को देख रही थी...,नील अपना हाथ साइड कर लेता है," लगता है तुम्हारी फ़्रेंड को हमसे मिलने में कोई Interest नहीं है..."।

अंजली अपने कंधे से चाहत को शेक करती है...और धीरे से," क्या हुआ?..."।

चाहत नहीं में सर हिलाती है ....,और नील को देखती है....,नील भी उसे ही देख रहा था.....)

सैमी बात बदलते हुए,"यहाँ बहुत भीड़ है....,चलो हम कही और चलकर बात करते हैं...."।

अंजली ,"ओके...."

चारो एक रेस्टोरेंट में जाते है......,अंजली और सामी आगे जा रहे थे एक - दूसरे का हाथ पकड़कर और चाहत और नील पीछे .....,

नील चाहत के सामने चल रहा था, चाहत नील को ऑब्जर्व कर रही थी जैसे उसने नील को कहीं देखा हो...,नील चलते चलते अचानक रुक जाता है...,

चाहत नील को रुकते देख अचानक रुक जाती है और घबराते हुए मन मे,"ये रुक क्यों गया?....,साइड से निकल जाती हूँ...)

नील पीछे टर्न करता है.....,चाहत एकदम से रुक जाती है और उसकी आंखें बड़ी बडी हो जाती है....,क्योंकि नील चाहत के तरफ ही आ रहा था .....,

चाहत नील को आता देख परेशानी के भाव मे मन मे,"ये मेरे पास क्यू आ रहा है?......,ओह गॉड हेल्प मी....,(फिर अचानक सेंस में आती है और मन मे ही) "1 सेकेंड बट मैं क्यू डर रह गई इससे...,(खूद को समझाते हुए)"मैं...,मैं नहीं डरती किसीसे......)

लेकिन जब नील उसके बिल्कुल पास आता वो डर से अपनी आंखें बंद कर लेती है...)

अचानक चाहत को कुछ सुनायी देता....,वो अपनी एक आंख ओपन करती है फिर दोनो ओपन करके पीछे टर्न करती है...,नील कार का डोर ओपन करके उसमें से अपना फोन निकालता है......,नील जैसे ही टर्न करने वला होता है.....,चाहत जल्दी से सामने की तरफ टर्न होती और वहाँ से जल्दी जल्दी चले जाती है...,

चाहत जाते हुए अपने सर पर हिट करती है ....,"मैं भी पता नहीं क्या क्या सोचती हूं ...."

नील ,"क्या?...."

चाहत आवाज सुनकर पिछे टर्न करती है...,नील जस्ट पिछे ही खड़ा था .....,चाहत मन मे,"ओफ्फो...." और फिर नील को देख कर ) "N-Nothing ....."( और जाने लगती है तभी....)

नील अचानक," रुको...."

चाहत की आँखे बड़ी बड़ी हो जाती और अपने घुट अंदर लेते हुए नील की तरफ टर्न करती है.....,"जी..."

नील ,"मैं बहुत देर से देख रहा हूँ....,तुम......, शायद मुझसे डर रही हो..."

चाहत नील की तरफ देखती है और फिर फेक हँसते हुए,"मैं...,मैं मैं किसी से नहीं डरती....,और मैं आप-आपसे क्यों डरूंगी?...."

नील थोड़ा आगे आता है तो चाहत अपने कदम पीछे लेने लगतीं है,नील ये भी नोटिस करता है,"ok.... ,तो फिर तुम सारे वर्ड्स रिपीट क्यू कर रही हो? ....,

चाहत ने अपना हेड भी नीचे किया हुआ था,"मैं मैं कहा रिपीट कर रही हूं...."(चाहत ने फिर रिपीट किया था😂) ....

नील को suddenly हंसी आ जाती है....,वो स्माइल करने लगता है....,चाहत नील को देखती है...,अचानक उसका डर गायब हो जाता है, नील को स्माइल करता देख...,

नील का ध्यान सामने ग्लास पर पड़ता...,वो खुद को स्माइल करता देखता...,और अचानक उसके एक्सप्रेशन चेंज हो जाते..."।

चाहत नील को देखकर,"अजीब है अभी स्माइल कर रहा था और suddenly ......,ये कुछ उस भूत जैसा लग रहा है मुझे....(उसके हाथ की तरफ देखकर) "और ये निशान, ये भी तो..." suddenly......

सैमी बाहर आकर,"नील कहा रह गया यार तू चल, चाहत चलो...."।

चाहत हाँ सर हिलाती है और उसके साथ अंदर जाती है ।

To be continued.....

आगे की स्टोरी जानने के लिए बने रहे हमारे साथ , और अपने प्यारे प्यारे समीक्षा करके हमे प्रोत्साहित जरूर करे , धन्यवाद ।

~Shweta Pandey