Pratishodh - 8 in Hindi Adventure Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | प्रतिशोध - 8

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प्रतिशोध - 8

आओ
उमेश,रानी को गोद मे उठाकर पलँग पर ले गया था
"अब क्या है
"अब तो मांग में सिंदूर भर दिया।अब तो हमारे बीच रिश्ता हो गया।
रानी कुछ नही बोली।उमेश ने एक एक करके उसके शरीर से कपडे अलग कर दिए और दो शरीर मिलकर एक हो गए थे।उनके बीच की दूरी मिट गई थी ।भोली भाली रानी ने मां लिया था कि उमेश उसका हो गया है।
दो दिन बाद रानी ने उसे टोका था,"अब शादी भी कर लो
"तुम्हे विश्वास नही है क्या मुझ पर
"अगर विश्वास न होता तो तुम्हारे साथ क्यो आती।तुम्हे अपना शरीर क्यो सोपति,"रानी बोली,"लेकिन समाज मे पति पत्नी की तरह रहने के लिए शादी जरूरी है
"जैसे ही मुझे जॉब मिलती है।हम शादी कर लेंगे।हम ज्यादा दिन होटल में नही रह सकते।यह हमें महंगा पड़ रहा है।उमेश रोज सुबह नौकरी की तलाश की कहकर जाता और दोपहर में लौट आता।शाम को वह रानी के साथ घूमने के लिए जाता।और रात को रानी के जिस्म से खेलता।रानी भी अब विरोध नही करती थी।चुपचाप रोज समर्पण कर देती।
एक रात उमेश देर तक उसके जिस्म से खेलता रहा।उमेश के साथ रानी भी थककर सो गई थी।
सुबह रानी कि नींद टूटी तो बिस्तर पर उमेश नजर नही आया।उसने सोचा। बाथरुम में होगा।आ जायेगा।लेकिन काफी देर हो गयी तब वह उठी थी।बाथरूम खाली था।शायद बाहर गया होगा।लेकिन तभी उसकी नजर उमेश के बैग पर गयी।उसका बेग नही था।औऱ तभी उसने देखा उसका बेग बिखरा पड़ा है।रानी जो रु और गहने चुराकर लायी थी।उमेश उन्हें लेकर गायब हो गया था।
रानी की जिंदगी में आने वाला पहला मर्द उमेश था।वह उसकी मीठी और चिकनी चुपड़ी बातों में आ गई।उस पर बिना सोचे समझे विश्वास कर लिया।उसके कहने पर उसके साथ भाग आयी।भागने से पहले मामी के गहने और रु चुरा लिए।उमेश ने मांग में सिंदूर भरने का नाटक किया।उसके नाटक को सच माना और तन मन सब कुछ उसे सौंप दिया।रानी ने उसे मन से पति मां लिया।उसे क्या पता था।उसने उसका जिस्म पाने के लिए यह सब किया है।
उमेश ने उसका तन मन ही नही लूटा।उसके गहने और पैसे चुराकर भाग गया था।उसे धोखा दे गया था।
रानी को उमेश की बेवफाई से ऐसा धक्का लगा कि उसे मर्दो से नफरत हो गयी।इस नफरत की आग में घी डालने का काम होटल मैनेजर ने किया था।
उमेश के भाग जाने के बाद होटल मैनेजर उसके पास आया
"मेडम दस दिन हो गए है अभी एक भी पैसा जमा नही हुआ है
"मेरे साथी को आ जाने दो वह जमा कर देगा
"मिस।वह अब नही आएगा
"क्या आपसे कहकर गया है
नही
फिर आप कैसे कह रहे हैं
"मिस यह मुम्बई है।यहाँ पर आदमी ऐसे ही औरतों को अपने जाल में फंसा कर लाते हैं।फिर उसका सब कुछ लूटकर भाग जाते हैं
"उमेश ऐसा नही है
ऐसा ही है
"मेरे पास पैसे नही है।जो थे वो सब ले गया
"किराया तो आपको देना पड़ेगा
मेरे पास नही है तो कहा से दू
आप तो है
क्या मतलब
हम आपसे पैसा वसूल लेंगे
मेरे से
जैसे आपका साथी आपको लूटता रहा।
रानी अपने शरीर को सौपना नही चाहती थी।लेकिन उसके पास कोई चारा भी नही था। पूरे दस दिन तक मैनेजर अपने दोस्तों के साथ उसके शरीर को नोचता रहा