Internet wala love - 84 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | इंटरनेट वाला लव - 84

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इंटरनेट वाला लव - 84

हा भाई ये आइडिया अच्छा है। चलो कॉल करके यहा पर बुला लेते है। वैसे भी हम बाजार में है। तो कुछ खरीद भी लेंगे उनके लिए।

हा भाई ये अच्छी बात बोली आपने वेल डन। अच्छा सुनो भाई आप बात करो तब तक में आता हु। मुझे थोड़ा काम है ठीक है।

हा जाओ कोई बात नही. में भी अपना काम लिपटा कर आता हु.

कुछ देर बाद. . .

अरे हितेश जी आपका कॉल आया था. कुछ काम था क्या.

हा भूमि जी एक्चुअली हम न आपके लिए कुछ खरीदना था. तो चले फिर मॉल में.

हा चलो तो चले इसमें किसने किया है. पर एक मिनट आपके पास पैसे तो है न. अगर नही है तो नही जायेंगे ओके.

अरे आप ये सवाल कैसे कर रहे हो. पैसे तो होंगे ही न मेरे पास. अगर पैसे नही होते तो तुम्हे ऐसे यह पर क्यों बुलाता.

सॉरी मेने ये सवाल किया पर मेरा सवाल कुछ और था. लेकिन सवाल मेरे मुंह से ये निकल गया. दरअसल मेरा सवाल ये है. की ये इन सब फालतू खर्चों में पैसे क्यू वेस्ट करना. अगर पैसे बचाकर रखेंगे तो आगे हम ये पैसे काम आयेंगे. प्लीज हितेश सर ऐसे फालतू में पैसे वेस्ट मत करो.

अरे बाबा ऐसी बात नहीं हैं. और ये सर सर क्या लगा रखा है. अब तो हमारा रिश्ता पति और पत्नी का होने वाला है ना. तो फिर ये सर सर कहने की कोई जरूरत नहीं है.

हा ठीक है अब से नही बोलेंगे. वो न थोड़ा आद्दत से मजबूर है. लेकिन अब से कोशिश करेंगे. की आगे से हम आपको सर कह कर न बुलाए. ओके अब खुश.

हा बहुत ज्यादा वाला. खैर अब चले शॉपिंग करने. देखो हम कोई भी फालतू की चीज नही खरीदेंगे. जो काम की चीज़े होगी वही चीज खरीदेंगे ओके.

हा लेकिन थोड़ा काम शॉपिंग करना ठीक आप लगते नही हो शॉप पर जाकर कंट्रोल में रहोगे.

में बिलकुल कंट्रोल में रहूंगा आप टेंशन मत लो ठीक है. एक बार चलो तो सही.

कुछ देर बाद. . .

फाइनली शॉपिंग हो गई. अब चलो अब घर भी जाना है. तो चलो लेट हो रहा है. 

हा चलो अब चल ही रहे है. लेकिन ये समीर कहा पर रह गया अभी तक आया नही.

ये लो भाई आपने नाम लिया और हम हाज़िर. अब चले बिना देर किए.

क्या टाइमिंग है. वाव भाई गजब बहुत अच्छे. चलो गाड़ी में बैठो. में गाड़ी स्टार्ट करता हु.

हा ठीक है. जाने दो भाई. और हा भाई वो मुन्नी की कोई खोज खबर.

अरे समीर भाई आपको तो पता ही तो है. फिर आप क्यू पूछ रहे हो. कोई दिक्कत तो नही है ना.

दिक्कत तो नही है पर वो संतोष शर्मा ना. उसके पीछे पड़ा हुआ है. कुछ प्यार व्यार का चक्कर चला रहा है. पता नही वो कर क्या रहा है. उसका ना दिमाग खराब हो गया है. जो ये ऐसी हरकतें कर रहा है.

अच्छा ऐसी बात है. फिर तो ये नजारा देखना पड़ेगा मेरे को.

अरे लेकिन हितेश जी और समीर भाई. अगर कोई किसीसे प्यार कर रहा है. इसमें आपको फरक पड़ रहा है.

अरे भूमि जी आप ये क्या कह रही है. मुन्नी हमारी दोस्त है. उसकी जिंदगी में कौन आ रहा है. ये तो हमे ही देखना पड़ेगा ना.

कुछ देर बाद. . .