Nagin aur Rahashymayi Duniya - 12 in Hindi Fiction Stories by Neha Hudda books and stories PDF | नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 12

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नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 12

देविका और दक्ष रोज साथ-साथ स्कूल जाते थे। एक दिन अचानक बहुत सारे नेवलों ने उन्हें घेर लिया और उन पर हमला कर दिया। वे दोनों पर हमला करने लगे, लेकिन देविका को नहीं पता था कि नेवलों ने ऐसा क्यों किया।😶‍🌫🗯

देविका और दक्ष दोनों के पास सांप का मोती है और दोनों ही भविष्य में सांप बनेंगे, इसलिए नेवलों ने उन पर हमला कर दिया। नेवलों को उन दोनों से सांप की गंध आ रही थी। सांप और नेवलों में गहरी दुश्मनी होती है।💫💫

देविका के सांप का मोती अचानक चमकने लगा और वह अपने मोती के वश में आ गई। दक्ष को भी अचानक तेज सिरदर्द होने लगा, वह अपना सिर पकड़कर जमीन पर बैठ गया। कुछ देर बाद दक्ष भी अपने मोती के वश में आ गया।💬

फिर दोनों ने अपने मोती की शक्तियों से नेवलों को भगा दिया। जैसे ही उन्होंने उन्हें भगाया, वे दोनों सांप के मोती के नियंत्रण से बाहर आ गए और बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़े।

थोड़ी देर बाद, वे दोनों होश में आए और फिर देविका और दक्ष ने घर जाने का फैसला किया। वे दोनों अभी भी सोच रहे थे कि नेवले ने उन पर हमला क्यों किया।

देविका: "दक्ष, क्या हुआ? नेवले ने अचानक हम पर हमला क्यों किया?"दक्ष: "मुझे नहीं पता, लेकिन मुझे लगता है कि यह एक अजीब संयोग है।"

देविका: "लेकिन मुझे लगता है कि इसमें कुछ और भी है। जब नेवला हम पर हमला कर रहा था, तो मुझे एक अजीब सी गंध आ रही थी।"दक्ष: "हाँ, मुझे भी वही गंध आ रही थी। लेकिन इसका क्या मतलब है?"

देविका और दक्ष घर जाने के बाद, उन्होंने मोहनलाल को घटना के बारे में बताया।

रात में, देविका को एक अजीब सपना आया। उसे लगा कि वह एक सांप में बदल गई है और वह अपने आस-पास लोगों को देख रही है। सपना इतना वास्तविक था कि देविका को लगा कि वह वास्तव में साँप बन गई है। 🙃

देविका ने दक्ष को अपने सपने के बारे में बताया, लेकिन दक्ष ने भी ऐसा ही सपना देखा था। वे दोनों अब और भी हैरान थे कि क्या हो रहा था...🙁😕

देविका और दक्ष ने कई अजीबोगरीब घटनाओं का अनुभव किया। एक रात, जब वे सो रहे थे, तो उन्होंने एक आवाज़ सुनी, "उठो दक्ष, उठो देविका। मुझे तुम्हारी ज़रूरत है। अपनी शक्ति को पहचानो।"🗯💫

थोड़ी देर बाद, वे मोती के प्रभाव में आ गए और बिस्तर से उठकर बाहर चले गए। मोहनलाल, जो बाहर सो रहा था, ने कदमों की आवाज़ सुनी और सोचा कि कोई घर में घुस आया है।

जैसे ही मोहनलाल उठा, उसने देविका और दक्ष को साथ-साथ चलते देखा। "बच्चों, इतनी देर रात तुम कहाँ जा रहे हो?" उसने पूछा। लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, अभी भी साँप के मोती के प्रभाव में थे। साँप की मोती शक्ति उन्हें कहीं खींच रही थी।

मोहनलाल के बार-बार पुकारने के बावजूद वे मणि के जादू से मुक्त नहीं हुए और चलते रहे। मोहनलाल ने उनका पीछा करने का फैसला किया। 😶‍🌫

जब मोहनलाल उनका पीछा कर रहा था, तो उसने देखा कि वे दोनों मंदिर की ओर जा रहे थे। मोहनलाल धीरे-धीरे उनके पीछे चल पड़ा। रास्ते में अचानक तेज हवा चलने लगी और बहुत तेज तूफान आ गया। तूफान के कारण मोहनलाल कुछ भी साफ नहीं देख पा रहा था। 🗯💫

दोनों मंदिर के सामने एक साथ खड़े हो गए और पुकारा, "अरे भोलेनाथ, हम आ गए हैं। हमें आगे का रास्ता दिखाओ।" उनके इतना कहते ही मंदिर का द्वार पूरा खुल गया। वे दोनों मंदिर के अंदर चले गए। जैसे ही वे मंदिर के अंदर गए, दरवाजा बंद हो गया। मोहनलाल बाहर ही रह गया। 🗯🗯

जब उसने मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की, तो उसने देखा कि दरवाजे पर बहुत सारे सांप खड़े थे और उन्हें अंदर नहीं जाने दे रहे थे। 😶‍🌫😶

मोहनलाल हैरान था कि क्या हो रहा है। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि देविका और दक्ष को मंदिर क्यों जाना पड़ा। उसने फिर से दरवाजे पर जाने की कोशिश की, लेकिन सांप उसे रोक रहे थे।

मोहनलाल: "क्या हो रहा है? यह क्या चमत्कार है?"

तभी एक आवाज़ आई: "मोहनलाल, तुम्हें यहाँ नहीं आना चाहिए था। देविका और दक्ष को अपनी नागमणि की शक्ति को समझने के लिए यहाँ आना पड़ा।"

मोहनलाल ने इधर-उधर देखा, लेकिन उसे कोई नहीं दिखा। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आवाज़ कहाँ से आ रही है।

मोहनलाल: "तुम कौन हो? मुझे दिखाओ।"

आवाज़: "मैं तुम्हें नहीं दिखाऊँगा। लेकिन मैं तुम्हें बता सकता हूँ कि देविका और दक्ष को अपनी शक्ति को समझने के लिए यहाँ आना पड़ा।"देविका और दक्ष के अंदर प्रवेश करते ही दरवाजे पर नागराज की पेंटिंग भी बदल जाती है। नागराज का महल पूरी तरह से सजा हुआ है, मानो उन दोनों के स्वागत के लिए सजाया गया हो। वहाँ बहुत सारे सांप खड़े हैं, सामने एक गुरुजी भी खड़े हैं। यह सारी सजावट देविका और दक्ष की नागमणि की चमत्कारी शक्तियों द्वारा की गई है। आज पूजा करने के बाद उन्हें अपनी शक्तियों का एहसास होगा और उन्हें पता चलेगा कि भविष्य में वे नाग-नागिन बनेंगे, जो अपनी इच्छा से मनुष्य और सांप दोनों का रूप ले सकते हैं।

गुरुजी ने उनका स्वागत किया, वे नागराज के महागुरु थे, जिनके पास बहुत सारी शक्तियां हैं। गुरुजी अपनी शक्तियों से जान सकते हैं कि अतीत में क्या हुआ था।

अगले अध्याय में पढ़ते रहें।💕💕