Bairy Priya - 29 in Hindi Love Stories by Wishing books and stories PDF | बैरी पिया.... - 29

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बैरी पिया.... - 29

शिविका दिमाग में एक बात आई तो वो संयम को देखने लगी । दरवाजा खुल और बंद हो रहा था मतलब संयम इतनी देर से सब कुछ देख रहा था और दरवाजे को खोल भी रहा था । तो उसने अब तक कुछ किया क्यों नहीं !!! । सोचते हुए शिविका उसे बुरी तरह से घूरने लगी ।


क्या संयम जान बूझ कर ये सब होने दे रहा था । क्योंकि अगर वो चाहता तो रोक सकता था ।


" आप जान बूझ कर ये सब होने दे रहे थे । ?? " शिविका ने पूछा तो संयम ने तिरछा मुस्कुरा दिया ।


" बोला ना बोहोत काम किया तुमने आज... तो उसका इनाम दे रहा था तुम्हे... । इतनी चोट खाने के बाद भी तुम्हे मुझसे कोई डर नहीं है... । और इस दर्द का एहसास भी तुम्हे नहीं है... । 30 से 45 मिनट तक non stop भाग ली... रोबोट की एनर्जी को match करते हुए... " । संयम ने सर्द आवाज में कहा ।
शिविका टेंशन से भरकर उसे देखने लगी ।


फिर मन में बोली " मतलब मैं study रूम में गई थी ये बात SK को पता है... ?? " ।


" सही सोच रही हो... " संयम ने कहा तो शिविका उसे गौर से देखने लगी ।


संयम ने पूछा " क्या तुम्हें मुझसे डर नहीं लगता.... । जिस काम को मैं मना करता हूं उस काम को तुम फिर भी करती हो.... । जहां जाने से रोकता हूं वहां तुम चली ही जाती हो... ?? क्या तुम चाहती हो कि तुम पूरी तरह से अपाहिज हो जाओ..... ?? " ।


शिविका ने सुना तो उसकी आंखें डर और हैरानी से फैल गई ।


" Tell me.... डर नहीं लगता ना... ??? " संयम ने एक बार और पूछा तो शिविका ने ना में सिर हिला दिया ।


" क्यों... ?? " संयम ने एक आइब्रो उपर उठाते हुए पूछा । ये पहली बार था जब किसी ने उससे ये कहा था कि उसे संयम से डर नहीं लगता है ।


" क्योंकि आप वो पहले इंसान थे जिसने यहां पर आने के बाद मेरी मदद की थी.... । वो भी बिना किसी मतलब के.. । उस वक्त तो हम एक दूसरे को जानते भी नहीं थे । जब आपने उन लड़कों से मुझे बचाया था । । वर्ना हर कोई बस अपना उल्लू सीधा करने के तरीके ढूंढ रहा था... " शिविका ने बोहोत सहजता से जवाब दिया ।


संयम उसकी आंखों में देखने लगा । संयम को उसकी आंखों में सच्चाई दिखाई दे रही थी । आज से पहले शिविका और उसकी इतनी बात नही हुई लेकिन जब भी हुई तो संयम को उसकी बातों से उसके इरादों का पता चल जाता था । और यही वजह थी कि अभी भी वो शिविका की बातों के पीछे की सच्चाई अच्छे से भांप पा रहा था । ।



शिविका आगे बोली " अगर आपको मुझे मारना या अपाहिज ही बनाना होता तो बाकियों की तरह हाथ पांव तुड़वा देते सरिए से जलवा देते या...... या गोलियों से छलनी कर देते... । पर आपने ऐसा कुछ नहीं किया बल्कि... अपने डॉक्टर से मेरा इलाज करवा रहे हैं... । ऐसे इंसान से मुझे डर नहीं लग सकता... । फिर चाहे ऐसा इंसान दुश्मन ही क्यों ना हो... " ।


संयम ने सुना तो शिविका की आंखें में झांकने लगा फिर उसके गाल पर हाथ रख दिया और उसके होंठों को अपने होंठों से छू लिया । शिविका ने आंखें बंद कर ली । संयम ने शिविका की कमर को कसकर अपने सीने से लगा लिया । शिविका पूरी तरह से उससे चिपक गई ।



संयम ने उसके फ्रैक्चर्फ हाथ को आराम से अपनी गर्दन में डाला और उसके होंठों को suck करने लगा । धीरे धीरे उसकी किस पैशनेट होती जा रही थी और उसी के साथ शिविका की सांसें भी उखड़ने सी लगी थी । संयम ने जीभ शिविका के मुंह के अंदर डाल दी थी और उसके साथ खेलने लगा था । शिविका ने बांए हाथ से संयम की शर्ट को कसकर अपनी मुट्ठी में भर लिया ।



दोनो की सांसें गहरी चलने लगी थी । संयम का सीना बोहोत तेज़ी से अंदर बाहर होने लगा था । वही शिविका का भी यही हाल था ।


संयम ने शिविका की पीठ पर हाथ फेरा और उसके बालों को एक तरफ कर दिया । फिर शिविका की ड्रेस की zip खोल दी ।


शिविका ने गहरी सांस ली । संयम ने उसके कंधे के एक तरफ से ड्रेस को नीचे खिसका दिया । और शिविका को up lift करके बेड पर ले गया । शिविका को आराम से बेड पर लेटाकर संयम ने 15 मिनट बाद kiss ब्रेक किया और शिविका के गालों को देखा तो वो सुर्ख गुलाबी हो चुके थे और शिविका के हो सूज कर लाल पड़ चुके थे । शिविका गहरी सांस लेते हुए संयम देखे जा रही थी । संयम उसपर झुका और उसके कंधे पर kiss करने लगा ।


शिविका गहरी सांसें लेते हुए संयम को देखने लगी ।


कंधे को चूमने के बाद संयम होंठ फिसलाते हुए उसकी गर्दन पर ले आया । संयम ने गर्दन पर suck करके बाइट किया तो शिविका ने एक सिसकी भरी.... । ।संयम ने उसकी सिसकी सुनकर एक और बार बाइट कर लिया ।



शिविका ने बाएं हाथ से उसके बालों को कसकर पकड़ लिया । संयम ने उसके हाथ को अपने बालों से हटाया और फिंगर्स इंटरलॉक सिर के उपर की ओर हाथ को रख दिया और पकड़ को कस लिया ।


शिविका ने भी उसके हाथ को कसकर पकड़ लिया । संयम ने उसके earlobe को बाइट किया फिर उसके चेहरे को चूमने लगा ।


शिविका ने कसकर आंखें बंद किए हुए कहा " i am down.... " ।


संयम ने सुना तो चूमना बंद कर दिया फिर शिविका को देखते हुए बोला " what... ??? " ।


शिविका ने फिर से कहा " i am down... " । ।


संयम " मतलब.... ?? " ।


शिविका " मतलब मेरे पीरियड्स शुरू हैं.... " ।


संयम अजीब सा मुंह बनाते हुए " what's that.... ??? " । शिविका ने सुना तो हैरान सी संयम को देखने लगी ।


शिविका ने पूछा " क्या आपको नहीं पता.... ??? " ।


संयम ने ना में सिर हिला दिया ।


शिविका सोच में पड़ गई । क्या संयम को नही पता कि पीरियड्स क्या होते हैं... ?? पर अगर पता होता तो वो पूछता क्यों... ??? पर पता भी कैसे होगा.. एक अकेला लड़का जो है.. और आस पास भी हमेशा लड़के ही दिखते हैं । शिविका ने भी अभी तक किसी लड़की को वहां नही देखा था । और अगर वो पूछ रहा है तो सीधी सी बात है कि उसे नही पता.... । ।


शिविका को समझ में नहीं आया कि वो संयम को क्या बताए... और कैसे बताए... ??


संयम भवें उचकाकर उसे देखने लगता है ।


शिविका सहजता के साथ समझाने की कोशिश करने लगती है " लड़कियों को हर month एक cyclic changes body में होते हैं... । बचपन से ही लड़कियों में ये प्रोसेस होना शुरू हो जाता है लेकिन teenage आने के बाद इसके symptoms दिखने लगते हैं ।



फीमेल बॉडी का वो पार्ट जहां बच्चा ग्रो होता है uterus में.. । उस पार्ट से vagina के थ्रू ब्लीडिंग होती है । जब तक लड़की conceive नहीं कर लेती ये ब्लीडिंग हर month होती रहती है... । और अगर कंसीव कर लेती है तो जब तक बच्चा कोख में रहता है तब तक ये ब्लड बाहर नहीं निकलता क्योंकि इससे बच्चे की बॉडी form होती है... ।



फिर बच्चे के जन्म के कुछ महीनो के बाद फिर से ये cycle शुरू हो जाता है । ये सब monthly cycle में होता रहता है इसलिए इसे पीरियड्स भी कहते हैं... । इस दौरान पेट में और पूरी बॉडी में बोहोत pain रहता है... । कई बार तो अनबियरेबल भी हो जाता है । और weakness भी आ जाती है.... " ।


संयम को कुछ terms समझ नहीं आए थे लेकिन ओवरऑल वो समझ आ गया था पर कुछ सवाल रह गए थे ।


" तो इसका मतलब अगर बच्चा पेट में होगा तो खून नहीं निकलेगा.. । That means having a baby in womb is good " संयम ने शिविका की आंखों में देखते हुए कहा ।


शिविका उसकी बातें सुनकर माथे पर शिकन लाते हुए " ह.. हान पर इसका मतलब ये थोड़ी ना है कि इससे बचने के लिए हर साल एक बच्चा करते बैठो.... " ।



शिविका परेशान सी उसे देखने लगी । कहीं संयम उल्टा मतलब तो नहीं सोचने लग गया ।


" Hmm right... । तो फिर अगर ब्लीडिंग होती है तो pain तो होगा ही... पर क्या बॉडी में खून की कमी नहीं हो जाती... !!! । फिर खून चढ़ाना पड़ता है क्या... ??? " संयम ने उसकी आंखों में देखते हुए पूछता है.. ।


शिविका हल्का हंसते हुए बोली " न नहीं... खून की कमी नहीं होती.. । ब्लड सेल्स बनते और टूटते रहते हैं । और आयरन लेने से... रिकवर हो जाता है " ।


" Ohk... और Pain कम कैसे होता है... ?? मतलब कोई मेडिसिन चाहिए क्या... ??? " बोलते हुए संयम शिविका की आंखों में देखने लगा ।


" दवाई नहीं...... चाहिए... । डार्क चॉकलेट और हॉट वाटर bags से थोड़ा आराम मिलता है... " शिविका ने दर्द से आंखें मींचते हुए जवाब दिया । उसके पेट में दर्द होने लगा था ।


" Ohk " कहते हुए संयम ने उसका हाथ छुड़ा और bed से उठकर कमरे से बाहर निकल गया ।


शिविका उसे जाते हुए देखने लगी । फिर अपने आप को देखा । वो संयम के बेड पर थी । संयम ने उसे बेड पर आने से सख्त मना किया था और अभी उसने खुद ही उसे बेड पर लेटाया था ।


कुछ ही दिनों में शिविका के दिल में संयम के लिए एहसास आने लगे थे ये शिविका को महसूस हो रहा था पर उसे संयम भी अलग लगने लगा था । क्या वो भी शिविका के लिए कुछ महसूस करता था ।



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