Bairy Priya - 28 in Hindi Love Stories by Wishing books and stories PDF | बैरी पिया.... - 28

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बैरी पिया.... - 28



शाम का वक्त :


शिविका कमरे में यहां से वहां घूमे जा रही थी । आज दोपहर में दरवाजे के पास खड़े होकर उसने देखा कि दरवाजा नहीं खुला तो वो समझ गई कि संयम उसे नही देखा रहा था । तभी दरवाजा उसके एक बार जाने पर भी नहीं खुला । और उस मौके को देखते हुए वो संयम के स्टडी रूम में चली गई थी ।



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फ्लैश बैक :


अंदर आकर शिविका ने दीवार पर टंगी फोटोज को देखा तो उसमे एक कोने में छोटी सी फोटो पर उसकी नजर ठहर गई । शिविका ने गौर से देखा तो उस फोटो को उसने पहचान लिया । फोटो डॉक्टर की थी ।



पिछली बार जब उसने उस फोटो को देखा था तो उसपर कोई निशान नहीं था लेकिन अब उसपर लाल मार्कर से क्रॉस का निशान बनाया हुआ था ।



" यह डॉक्टर की फोटो यहां पर क्यों है और यह रेड क्रॉस क्यों बनाया इस पर..... ??? " सोचते हुए शिविका ने फोटो पर हाथ फेरा ।


शिविका ने कुछ सोचा और फिर आगे बढ़ गई । सामने एक अलग से बने square पिलर पर एक किताब रखी हुई थी जिसे शिविका पहले भी देख चुकी थी पर उस तक पहुंच नहीं पाई थी । पिलर शिविका के कंधों जितना ऊंचा था तो किताब बिल्कुल शिविका की आंखों के सामने थी ।


शिविका ने हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ना चाहा तो उसे शॉक लग गया । शिविका दो कदम पीछे हट गई । कमरे में सायरन की आवाज आने लगी तो शिविका घबरा गई । और जल्दी से वहां से बाहर जाने लगी । तभी पास की book shelf मे रखी एक किताब पर उसका हाथ लगा और वो किताब पीछे की ओर पुश हो गई । ।


किसी दरवाजे के गड़गड़ की आवाज के साथ खुलने की आवाज शिविका को सुनाई दी । लेकिन उसने कोई ध्यान नही दिया । वो जल्दी से वहां से बाहर निकल गई ।


फ्लैश बैक एण्ड ।



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शिविका कमरे में घूमते हुए दोपहर का सोचे जा रही थी । उसे खुद से बातें करने की आदत सी थी लेकिन इस कमरे में मुंह से आवाज करके वो खुद से बात भी नहीं कर सकती थी । इसलिए मन में बात करने का ही उसने सोच रखा था ।


" आखिर ऐसा क्या है उस किताब में जो... इतनी सिक्योरिटी रखी है उसके पास... । करंट भी और सायरन भी.... । और वो आवाज किस चीज की हुई थी । शायद कोई दरवाजा खुला था... । " सोचते हुए शिविका ने फिर से स्टडी रूम में जाने का सोचा ।



फिर कमरे के मेन door के पास आकर खड़ी हो गई । और दरवाजे को देखने लगी । कुछ समय तक दरवाजा नहीं खुला । जैसे ही शिविका स्टडी रूम को जाने के लिए घूमी तो दरवाजा खुल गया ।


शिविका ने आवाज सुनी तो अपनी जगह पर ही जम गई । उसमे कैमरा की ओर देखा । वो समझ गई कि संयम अब उसे देख सकता है । ।


" कहीं SK ने दोपहर की रिकॉर्डिंग चेक की... तो तू तो गई शिवि.... । फिर तो तुझे भगवान भी नहीं बचा सकता... " सोचते हुए शिविका अपना निचला होंठ चबाने लगी ।


फिर बेड के किनारे पर आकर बैठी तो वहीं पर रखे रिमोट का बटन दब गया । शिविका की नजर पास के खुले ड्राइवर पर पड़ी तो उसमे उसकी खरीदी हुई condoms रखी हुई थी ।


शिविका ने झल्लाते हुए कहा " इस कचरे को बाहर फेंको यहां से.... " बोलकर शिविका बेड से उठी तो दीवार ने बने खांचे से एक रोबोट बाहर आ गया ।



उसके परों में पहिए लगे थे तो वो बोहोत तेज़ चल रहा था और कमरे में अपनी नजरें घुमा रहा था ।
फिर उसकी नजरें आकर शिविका पर ठकर गई ।



उसकी लाल आंखें शिविका को ही देखे जा रही थी ।
" कचरा..... " बोलते हुए वो उसी की ओर बढ़ रहा था । शिविका ने उसे अपनी ओर आते देखा तो अपने कदम पीछे की ओर ले लिए ।


शिविका उसे घूर ही रही थी कि इतने में रोबोट ने आकर शिविका का हाथ पकड़ा और उसे पकड़कर दरवाजे की ओर चल दिया । शिविका खींची हुई उसके पीछे चली गई । रोबोट ने दरवाजे के पास आकर उसे बाहर की ओर फेंक दिया । पर दरवाजा बंद था तो शिविका उसमे बज गई ।


" आह.... " बोलकर उसने अपने बाएं हाथ से अपना सिर मला और फिर अपनी दाईं बाजू को पकड़ लिया । उसके दांए हाथ पर प्लास्टर था तो वो उसको मोड़ नहीं पाती थी और उसकी वो साइड दरवाजे से टकराई थी ।



वो हैरानी से उस रोबोट को देखने लगी । उसने तो उस रोबोट को नही बुलाया था तो वो क्यों बाहर निकला था और ये सब क्या कर रहा था ।


Robot ने देखा कि शिविका अभी भी कमरे के अंदर उसकी आंखों के सामने ही है तो कचरा बोलते हुए फिर से उसका हाथ पकड़ लिया । और बाहर की ओर जोरों से फेंकने लगा । इस बार जब उसने शिविका को बाहर की ओर झटका तो दरवाजा खुल गया । और शिविका लड़खड़ाते हुए कमरे से बाहर गैलरी में आ गई ।


उसने पलट कर रोबोट को देखा तो वह अभी भी उसे ही देखे जा रहा था । शिविका 3 सेकंड तक काउंट करने लगी कि दरवाजा बंद जो जायेगा । लेकिन इससे पहले ही वो रोबोट उसकी ओर बढ़ गया ।


शिविका ने घबराते हुए रोनी सूरत बनाकर उस रोबोट को देखा और फिर गैलरी में यहां से वहां उससे बचने के लिए दूर भागने लगी ।


Robot भी कचरा कचरा बोलते हुए उसके पीछे भागने लगा । गैलरी के 5 से 6 चक्कर लगाने के बाद शिविका वापस से संयम के कमरे में आ गई ।


इस वक्त तो वो जैसे भूल ही गई थी कि उसके पैरों में दर्द भी था ।


रोबोट उसके पीछे कमरे में आया तो शिविका गोल गोल घूमते हुए पूरे कमरे में घूमने लगी । और सामान को उठाकर उसकी ओर फेंकने लगी ।



शिविका बाथरूम में गई और अंदर से बंद कर दिया तो रोबोट ने बाहर से दरवाजे को अनलॉक करके अंदर घुस गया । शिविका चिल्ला दी । उसे बचने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा था । उसने अंदर टंगा बाथरोब उतारा और रोबोट के उपर फेंक दिया ।



रोबोट की आंखों पर बाथरोब गिरा तो वो उसे हटाने लगा । शिविका जल्दी से बाथरूम से बाहर निकल गई ।


फिर जब रोबोट हर जगह उसके पीछे जाने लगा तो शिविका बेड के उपर चढ़ गई और कंबल उठाकर उसके उपर फेंक दिया । रोबोट ने उसको फेंक दिया तो शिविका ने चद्दर खींचकर उसकी ओर फेंक दी । रोबोट ने उसको भी फ्लोर पर फेंक दिया । रोबोट ने अपने हाथ लंबे कर दिए । उसकी बाजुओं में स्प्रिंग लगे हुए थे जिनकी मदद से वो हाथों को छोटा और बड़ा कर सकता था ।


शिविका आंखें फाड़े उसे देखने लगी । उसकी जान अब हलक में आ चुकी थी । उसे चक्कड़ आने लगा था ।


शिविका ने रोते हुए खुद से कहा " आहा.... अ अ ये कमरा कितना खतरनाक है... । कितने गंदे लोग रहते हैं यहां की दीवारों के अंदर.... । अगर ऐसा ही चलता रहा तो ये रोबोट तो मेरी जान लेकर ही मानेगा... । या शायद... शायद उससे भी ना माने... उसके बाद भी कचरा कचरा करके बाहर पटकता रहेगा.... " बोलते हुए शिविका को पसीने आ गए ।



वो बेड से नीचे उतरने लगी कि इतने में रोबोट ने उसका दांया हाथ पकड़ लिया जिसपर प्लास्टर चढ़ाया हुआ था ।


शिविका ने pleading नजरों से उसे देखा । लेकिन एक रोबोट में क्या ही फीलिंग्स होंगी.. । रोबोट ने हाथ खींचना चाहा पर इतने में ही शिविका चिल्ला दी और उसने आंखें बंद कर ली ।


" कचरा कचरा... " बोलते हुए रोबोट उसे खींचने लगा पर इतने में " Stop there.... " की आवाज आई और रोबोट रुक गया ।


शिविका आंखें बंद किए गहरी सांसें ले रही थी ।
आवाज सुनने पर उसने आंखें खोल दी ।



सामने संयम जेब में हाथ डाले खड़ा था और शिविका को घूरे जा रहा था ।


" यहां से तो बच गई पर अब SK के हाथों तो तू गई शिवि... " सोचते हुए शिविका ने नीचे देखा तो वो संयम के bed के उपर खड़ी थी ।


संयम ने अपने हाथ में पहनी घड़ी का बटन दबाया तो रोबोट ने शिविका का हाथ छोड़ दिया और वापिस से दीवार में बने अपने खांचे में फिट हो गया ।


शिविका जल्दी से बेड से नीचे उतर गई । और सिर झुकाए खड़ी हो गई । संयम ने कमरे में नजर दौड़ाई तो पूरा कमरा तहस नहस हुआ पड़ा था ।


बेड के उपर की ब्लैंकेट और चद्दर नीचे फ्लोर पर पड़ी हुई थी । बाथरूम के दरवाजे पर बाथरोब पड़ा हुआ था । और भी कई सामान कमरे में बिखरा पड़ा था । संयम ने आंखें बंद की और गहरी सांस लेने लगा ।


फिर शिविका की ओर चलते हुए आया तो शिविका ने अपने कदम पीछे की ओर लेने शुरू कर दिए ।



संयम ने उसे कमर से पकड़कर खुद के करीब किया और बोला " हाथ ठीक है.... ??? " ।


शिविका ने अब तक आंखें बंद कर रखी थी लेकिन संयम की बात सुनकर उसने आंखें खोल दी । और संयम को देखने लगी ।


फिर उसने सिर हिला दिया । और बोली " आपका वो रोबोट मेरे पीछे क्यों पड़ गया था । और कचरा बोलकर बाहर क्यों निकाल रहा था ?? " ।


संयम " वो अपने आप एक्टिवेट नहीं होता.... तुमने उसे एक्टिवेट किया होगा और कचरा बाहर फेंकने का बोला होगा... " ।



शिविका को याद आया कि उसने condoms को देखकर कचरा बाहर फेंकने की बात कही थी । पर रोबोट उस आर्डर को मान लेगा ये शिविका ने नहीं सोचा था ।



शिविका ने भवें सिकोड़ते हुए पूछा " तो क्या मैं कचरा हूं.... ??? " ।


संयम ने उसके चेहरे पर बिखरे बालों को साइड किया और बोला " इस कमरे की चीजों के अलावा हर बाहर से आई चीज कचरा है... । क्योंकि इसके फंक्शन में वो add नहीं है... " ।


शिविका ने सुना तो सिर हिला दिया ।


संयम ने कमरे को देखा और बोला " आज बोहोत काम किया है तुमने... । थक गई होगी ना.. !! " ।


शिविका ने बांए हाथ से माथे से पसीना पोंछा और संयम के सीने पर सिर टिकाते हुए बोली " हान.... बोहोत.. । कम से कम 30 से 45 मिनट भगाया इस रोबोट ने.... मेरी तो जान ही हलक में अटक गई थी.... । " ।



बोलते हुए शिविका ने रियलाइज किया कि उसने संयम के सीने पर सिर रखा हुआ है तो उसने सिर उसके सीने से अलग कर लिया और एक झलक उसे देखा । संयम उसे ही देखे जा रहा था । शिविका ने चेहरा नीचे झुका लिया ।



तभी उसके दिमाग में एक बात आई और वो संयम को देखने लगी । दरवाजा खुल और बंद हो रहा था मतलब संयम इतनी देर से सब कुछ देख रहा था और दरवाजे को खोल भी रहा था । तो उसने अब तक कुछ किया क्यों नहीं !!! । सोचते हुए शिविका उसे बुरी तरह से घूरने लगी







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