हिंदी का गौरव अभिमान श्री पी आर बसुदेवन दक्षिण के धर्मवीर in Hindi Biography by नंदलाल मणि त्रिपाठी books and stories PDF | हिंदी का गौरव अभिमान श्री पी आर बसुदेवन दक्षिण के धर्मवीर

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हिंदी का गौरव अभिमान श्री पी आर बसुदेवन दक्षिण के धर्मवीर


(क)-व्यक्ति से व्यक्तित्व कि यात्रा-काल समय वक्त जो ब्रह्मांड कि परम सत्ता का अभिभाज्य अवयव है द्वारा अपने निरंतर प्रवाह में अपने दोनों महत्वपूर्ण अंगों प्रकृति कि विशेष घटनाओं एव प्राणि के विशिष्ट कर्म अनुष्ठान का स्वंय साक्ष्य बनकर अपने ही ब्रह्मांड के भविष्य के लिए प्रेरक प्रेरणा के स्वरूप में प्रस्तुत करता है। वास्तव में ईश्वरीय सत्ता सिद्धांतों का सत्यार्थ ही होता है इसी सत्य के प्रतीक प्रतिबिंब का जन्म अतीत के मद्रास वर्तमान के चेन्नई में छः अप्रैल उन्नीस सौ अट्ठावन को हुआ माता पिता कि आकांक्षाओं के संतान का नाम बड़े प्यार से पी आर बासुदेवन रखा जन्म से ही कुशाग्र बुध्दि के स्वामी अपनी किलकारियों से माता पिता के मन आंगन एव घर आंगन में आने वाले भविष्य की छाप छोड़ी पी आर बासुदेवन ने ।बचपन से ही भारतीय राष्ट्रीय परम्पराओ के अभिमान तमिलनाडु के महान विभूतियों के पद चिन्हों को अपने जीवन का पथ प्रकाश बनाया एव भारतीय महापुरुषों  को अपने जीवन नैतिक मूल्यों मर्यादाओं में आत्म साथ किया और शैने शैने आगे बढ़ते रहे पी आर बासुदेव वास्तव मे साधारण से असाधारण उपलब्धियों कि जीवन यात्रा का जीवंत जाग्रत पराक्रम पुरुषार्थ है पी आर बासुदेवन।अपनी योग्यता दक्षता क्षमता से प्रमाणित किया हिंदी भाषा साहित्य के लिये समर्पित हिंदी सेवको में ख्याति प्राप्त भारत के दक्षिण के व्यक्ति से व्यक्तित्व कि यात्रा प्रेरक एव संघर्षपूर्ण है।पी आर बासुदेवन जी के कृतित्व व्यक्तित्व पर कुछ भी लिखना अतिश्योक्ति नही बल्कि सत्यता को ही साकार करना है।(ख)-शिक्षा दीक्षा -- पी आर बासुदेवन जी कि प्रारम्भिक शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालईय शिक्षा चेन्नई में ही हुई शिक्षा के दौरान अति महत्वपूर्ण कीर्तिमान स्थापित करते हुए उपलब्धियों को आत्मसाथ किया गया जो असाधारण उपलब्धियों कि आधार शिला के रूप में प्रखर निखर होकर समय समाज राष्ट्र के लिये धन्य धरोहर के रूप में प्रस्तुत हुई।पी आर बासुदेवन शेष द्वारा -एम ए ,बी एड ,एम फिल ,एम बी ए,पी एच डी, डी लिट् ,स्नातकोत्तर डिप्लोमा- अनुवाद ,पत्रकारिता, कार्मिक प्रबंधन, कवि लेखक ,प्रचारक,अनुवादक ,समीक्षक विद्यावाचस्पति विद्यासागर ( विक्रमशिला हिंदी विद्याविथ भागलपुर बिहार ) विद्याभाष एव विद्या मार्तण्ड(श्री मैन तीर्थ हिंदी विद्यापीठ उज्जैन मध्यप्रदेश)मातृ भाषा तामिल होते हुए भी हिंदी  अधिकारी (सेवा निबृत्त) महालेखाकार(हकदारी एव लेखा कार्यालय) से सेवा निबृत्त होने के पश्चात भी हिंदी सेवा में समर्पित प्रवक्ता हिंदी राम कृष्ण विवेकानंद महाविद्यालय चेन्नई(ग)-उपलधियाँ-1-भारत सरकार के केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो -राजभाषा विभाग गृह मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा फ़ा संख्या -8-1/98 पैनल दिनांक 19 01 2001 के अंतर्गत अनुवादकों के आखिल भारतीय पैनल में सम्मिलित किया जाना।2-भारत सरकार के केंद्रीय अनुवादक ब्यूरो राज भाषा विभाग गृह मंत्रालय उच्चस्तरीय अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम दिनांक 10 06 2013 से 14 06 2013 तक सहभागिता।भारत सरकार केंद्रीय हिंदी निदेशालय उच्चस्तरीय शिक्षा विभाग मॉनव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली हिन्दीतर भाषी हिंदी नवलेखन शिविर हरिद्वार में आयोजित दिंनांक 20 05 2011 से 27 05 2011 तक हिंदी रचनाकार के रूप में भाग लिया।3-विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ भागलपुर बिहार द्वारा विद्या वाचस्पति उपाधि -20144-मदर इंडिया केयर द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर की चैरिटेबल स्वंयसेवी संस्था बेंगलुरू महाकवि काली दास काव्य रत्न सम्मान 19 नवम्बर-20175-Nepal india future venture dialogue series  -missing link between nepal and india historical traditiona & heritage kathmandu certificate of attendence on 17 april-2015 at nepal(घ)-अति महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां--1-महात्मा गांधी द्वारा मद्रास में स्थापित दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा मे 25 वर्षो से निरंतर वरिष्ठ हिंदी प्रचारक के रूप में महत्त्वपूर्ण योगदान।।2- अब तक केंद्रीय सरकार के कार्यालयों में 400 से अधिक हिंदी कार्यशालाओं में व्यख्यान हिंदी विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान।।3- देश की अनेको साहित्यिक संस्थाओं में पदाधिकारी एव सदस्य के रूप में हिंदी विकास अनुष्ठान का निरंतर सहभागिता अतिमहत्वपूर्ण योगदान।।4- तमिल नाडु हिंदी अकादमी चेन्नई में महासचिव के रूप में हिंदी विकास में सारगर्भित निरंतर योगदान।5- मद्रास हिंदी प्रचारक संघ चेन्नई के उपाध्यक्ष के रूप में हिंदी भाषा साहित्य के निरंतर प्रोत्साहन एव विकास को समर्पित।।6- आथर गिल्ड नई दिल्ली के आजीवन सदस्य के रूप में हिंदी भाषा एव साहित्य के लेखन के प्रोत्साहन में महत्वपूर्ण योगदान।।7- देश की अनेको गौरवशाली सम्मानित महत्वपूर्ण पत्र पत्रिकाओं में अब तक 100 से अधिक लेख प्रकाशित।।8- सैकड़ो साहित्यक संगोष्ठियों में शोध परक लेख प्रस्तुत कर हिंदी भाषा एव साहित्य को प्रोत्साहित करने का अति महत्वपूर्ण अनुष्ठान।9-1200 से अधिक विद्यार्थियों को  हिंदी प्रचार सभा के बिभिन्न कार्यक्रमों   पाठ्यक्रमों प्रशिक्षित करने की महत्वपूर्ण उपलब्धि।।10- 450 से अधिक केंद्रीय सरकार द्वारा आयोजित हिंदी  कार्यशालाओं में व्याख्यान।। कृतियाँ-- अब तक 13 पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है श्री पी आर वासुदेवन जी की जिसमे 1- चार लघुकथा संग्रह 2- चार काव्य संग्रह 3- तमिल बालकथाओ का हिंदी अनुवाद 4- एक पुस्तक समीक्षा 5- अटल बिहारी बाजपेई जी कि कविताओं का तमिल में अनुवाद जिसका लोकार्पण वाराणसी उत्तर प्रदेश में 2023 में हुआ 6- सरदार कि बेटी बाल लघुकथा हिंदी से तमिल 7- प्रतिध्वनि लघुकथा का हिंदी से तामिल अनुवाद 8- अनुवाद अनुवादक श्री मति अनुसुया 9- प्रतिध्वनी लघुकथा का अंग्रेजी अनुवाद 4- प्रतिबिंब लघुकथा का हिंदी में तमिल में अनुवाद 5- वेदाद्री महर्षि कि तामिल किताब एन गुरुवर का हिंदी में मेरे गुरुवर नाम से अनुवाद प्रकाशाधीन पुस्तकें- प्रस्तुत प्रपत्रों का संकलन -प्रेरणा अनु प्रेरणा का कार्य चल रहा है।(च)-सहभागिता सम्मान एव पुरस्कार-1- केंद्रीय हिंदी निदेशालय भारत सरकार मॉनव संसाधन विकास मंत्रालय लवलेखन शिविर 11 05 2018 में सहभागिता।।2- विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ भागलपुर बिहार से विद्यासागर सारस्वत् सम्मान 13 दिसम्बर 20193- बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन कदम कुंआ पटना से साहित्य सम्मेलन शताब्दी सम्मान 09 जून 20094- श्रीमती कटोरी देवी बाबू राम शर्मा हिंदी साहित्य समिति बिसौली बदायूं उत्तर प्रदेश द्वारा महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती सम्मान 2019 राशि रु 2500 5-अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सभा (अहिसास) नासिक महाराष्ट्र से साहित्य श्री सम्मान दिनांक 13 10 20196- साहित्य मंडल श्री नाथद्वारा राजस्थान से प्रो एन बी राजगोपालन स्मृति सम्मान 2019 सम्मान राशि रु 50017- कादम्बरी संस्थान जबलपुर मध्यप्रदेश कि साहित्यिक संस्था कि साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था द्वारा डॉ जमालुद्दीन सम्मान 12 मार्च 2019 सम्मान राशि रु 25008- भारत  सरकार गृह मंत्रालय राज भाषा विभाग से राज भाषा गौरव पुरस्कार 2019-20 राशि रु 25000 पुरस्कार केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित भाई शाह जी के कर कमलों द्वारा प्राप्त।।9-अखिल भारतीय साहित्य शोध मंथन संस्थान नई दिल्ली द्वारा भारतेंदु हरिश्चंद्र हिंदी सेवी सम्मान -23 अक्टूबर -202110- केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद राज भाषा विभाग गृह मंत्रालय एव रेल मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त दींन दयाल नगर मुगल सराय चंदौली उत्तर प्रदेश द्वारा साहित्य साधक सम्मानफरवरी -2021 ।11- विद्योतमा फाउंडेशन नासिक महाराष्ट्र द्वारा विद्योतमा साहित्य सेवी सम्मान 9 जनवरी -2022।12- उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ तमिल भाषा हेतु सौहार्द पुरस्कार -2020 सम्मान राशि 2.5 लाख।13- एम डी एजुकेशन सोसायटी पब्लिकेशन छत्तीसगढ़ से साहित्य साधक संम्मान - 202114- नगरीय लिपि परिषद नई दिल्ली द्वारा आचार्य रविन्द्र नाथ ओझा स्मृति नागरी सेवी सम्मान 17नवम्बर -2023  तिरुवनंतपुरम।15- शारदा सप्तर्षि फाउंडेशन मोहाली पंजाब से शारदा साहित्य शिरोमणि सम्मान 11 नवम्बर-2023निष्कर्ष-दक्षिण भारत मे जन्मे तामिल भाषी मातृभाषा के व्यतित्व साधक मनीषी पी आर बासुदेवन जी का मराठी, पंजाबी ,बांगला,गुजराती भाषाओं का आतयोपान्त ज्ञान है ।पी आर बासुदेवन जी को प्राप्य सम्मानों कि सूची बहुत लंबी हैं जिसे सम्पूर्णता के साथ वर्णित कर पाना असंभव है फिर भी कुछ आवश्यक सम्मानों को वर्णित इस उद्देश्य के साथ किया गया है कि सम्मान भी पी आर बासुदेवन से सम्माननित एव गौरवान्वित हुए है ।हिंदी साहित्य के लिए समर्पित पी आर बासुदेवन के विषय मे कुछ भी लिखना ज्ञान के शिखर को चुनौती देना है पी आर बासुदेवन प्रखर निखर निर्मल अविरल साहित्य समाज समय कि वह धारा है जिसके कलरव श्रवण एव स्पर्श से हिंदी साहित्य भाषा एव समाज राष्ट्र गौरवान्वित एव अभिमानित हुआ है ।।

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।