Bairy Priya - 15 in Hindi Love Stories by Wishing books and stories PDF | बैरी पिया.... - 15

The Author
Featured Books
  • My Wife is Student ? - 25

    वो दोनो जैसे ही अंडर जाते हैं.. वैसे ही हैरान हो जाते है ......

  • एग्जाम ड्यूटी - 3

    दूसरे दिन की परीक्षा: जिम्मेदारी और लापरवाही का द्वंद्वपरीक्...

  • आई कैन सी यू - 52

    अब तक कहानी में हम ने देखा के लूसी को बड़ी मुश्किल से बचाया...

  • All We Imagine As Light - Film Review

                           फिल्म रिव्यु  All We Imagine As Light...

  • दर्द दिलों के - 12

    तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के...

Categories
Share

बैरी पिया.... - 15

संयम उठा और उसे पीछे से hug कर लिया । ।

शिविका ने मुट्ठी कस ली । संयम के हाथ शिविका के कंधे से होकर उसकी बाजू पर उपर से नीचे की ओर फिसलते हुए उसके हाथों की मुट्ठियों तक पहुंच गए । फिर उसने अपने हाथों को शिविका के पेट पर लपेट लिया ।


शिविका की सांसें मानो थम सी गई हो । ये संयम क्या करने लगा था । शिविका की टांगें कांपने लगी थी । संयम ने उसकी गर्दन पर अपने होंठ टिका दिए । शिविका ने कसकर आंखें मिच ली और सिसकी भरी गहरी सांस ली ।


संयम ने उसके कान पर होंठ रखते हुए पूछा " उम्र क्या है तुम्हारी.... ??? " ।


" उन उन... " शिविका बोल ही रही थी कि संयम ने उसकी गर्दन पर फिर से होंठ रख दिए । शिविका ने अपने दोनो होंठ आपस में जोड़ कर कस लिए । उसे goosebumps आ चुके थे ।


" उन उन क्या.... आगे बोलो.. पूरा सुनना है मुझे..... " बोलते हुए संयम ने उसकी गर्दन पर उपर नीचे होंठ रब किए ।


" उन.. उन्नीस.... " शिविका ने जल्दी से जवाब दे दिया । संयम का असर ही ऐसा था कि उसकी बात का जवाब ना देना उसे सही नही लगा ।


" बस.... उन्नीस.... " संयम ने सिर टेढ़ा करते हुए उसे देखते हुए कहा और उसकी कमर पर पकड़ और कस ली । संयम के सख्त हाथ शिविका अपनी नाजुक सी कमर पर मूव होते हुए महसूस कर सकती थी ।


शिविका ने हल्के से सिर हिला दिया ।


" इतनी जल्दी भी क्या थी इस प्रोफेशन में आने की... ??? " संयम ने अजीब से बहके हुए लहजे में पूछा ।




शिविका ने मुट्ठी कस ली । प्रोफेशन से संयम का मतलब अब वो समझ रही थी । संयम उसे पहले भी कई बार slut बुला चुका था । और प्रोफेशन से भी उसका वही मतलब था ।


" पैसे और पावर का इतनी छोटी उम्र में इतना ज्यादा लालच.... कि इनके लिए अपने womb का सौदा करना चालू कर दिया । और एक 60 साल के बूढ़े से भी शादी को तैयार खड़ी थी । Huh.... What a dedication.... । पर किस्मत देखो.... 25 साल का नौजवान मिल गया... not expected right... । अच्छा ये बताओ कि पैसे और पावर के बदले में मुझे क्या दोगी...... ??? " बोलते हुए संयम ने उसके होंठों को देखा जो कांप रहे थे ।




शिविका सहम सी गई थी । एक तरंग सी उसके सीने में दौड़ पड़ी । संयम का ऐसे छूना उसे बोहोत बेचैन कर रहा था ।


संयम की गर्म सांसें शिविका की गर्दन और कान पर पड़ रही थी । संयम के क्या इरादे थे । कुछ तो उसके दिमाग में चल रहा था ये शिविका को अच्छे से पता था लेकिन आखिर क्या ?? ।


" हमारा भी तो सौदा ही हुआ है ना... । तो बदले में मुझे भी तो कुछ चाहिए... Deal एक तरफा तो नही होती । पर अभी तक डिसाइड नहीं किया है कि तुम मुझे दे क्या सकती हो.... । " बोलकर संयम ने उसे कमर से घुमाकर अपनी ओर कर लिया । फिर बाहों के घेरे में उसे कमर से पकड़कर अपने करीब खींच लिया और उसके होंठों पर अपनी नजर जमा ली ।
शिविका ने उसकी नजर देखी तो उसका दिल जोरों से धड़का ।


" और मेरी डील में बच्चे की कोई जरूरत नहीं है.... । So tell me what will you give me butterfly.... ?? " बोलकर संयम उसकी नाक से नाक रब करने लगा । शिविका की सांसें रुक रुककर चलने लगी थी ।


" So Physical satisfaction..... ??? " संयम ने कहा तो शिविका उसे घबराई हुई सी नज़रों से देखने लगी ।


संयम ने उसके भाव देखे तो बोला " what.... ?? ऐसे क्यों देख रही हो... ?? This is your profession right.... !!! " बोलकर संयम उसके चेहरे पर उंगली फेरने लगा ।


इस वक्त संयम की बातें , उसकी छूअन शिविका को एक अजीब सा एहसास दे रही थी । वो अंदर तक सिहर उठी थी ।


" पर शादी हो चुकी है हमारी तो... ये तो हक है मेरा.... । ये deal नहीं हो सकती.... तो.... " बोलते हुए संयम ने शिविका के चिन को पकड़ते हुए उसके चेहरे को अपने सामने कर लिया और भौहें उठाकर उसे देखने लगा ।


" तो " दोहराते हुए शिविका ने उसकी आंखों में देखा.... ।


" तो.... " बोलकर संयम ने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए । संयम ने शिविका की कमर और पीठ पर अपने हाथों को लपेटकर उसे अपने बेहद करीब कर लिया । शिविका के हाथ उसके कंधे पर चले गए ।




संयम ने उसे बोहोत कसकर पकड़ा हुआ था ।
वो उसे कसकर kiss करने लगा । कुछ देर बाद शिविका की सांसें उखड़ने लगी तो उसने संयम के बाथरोब को मुट्ठी में कस लिया । संयम को महसूस हुआ कि वो सांस नहीं ले पा रही तो उसने उसके होंठों को थोड़ा हल्का छोड़ा और फिर बोहोत प्यार से धीरे धीरे हर तरह से kiss करने लगा ।


शिविका की आंखें पहले से ही बंद थी और अब संयम ने भी आंखें बंद कर ली । संयम का एहसास शिविका को अब बुरा नही लग रहा था । धीरे धीरे वो भी उसके एहसास में खो सी गई थी ।


शिविका की कमर को पकड़कर संयम ने उसे लिफ्ट किया और पीछे सोफे पर जाकर उसके साथ लेट गया । इस बीच kiss break नहीं हुई थी ।


शिविका नीचे थी और संयम उसके उपर.. संयम ने 20 मिनट बाद उसके होंठों को छोड़ दिया । शिविका ने आंखें खोली और संयम को देखने लगी । क्या संयम शिविका को टॉर्चर करना चाह रहा है या सच में वो कुछ फील करता है जो उसने इस तरह से kiss किया... । मतलब kiss तो उसने पहले भी की थी लेकिन उसमे एग्रेशन और जबरदस्ती थी.. । पर अभी जो था उसका एहसास बोहोत अलग था ।


" खूबसूरत तो हो तुम... " बोलते हुए संयम ने उसके चेहरे पर आए बालों को साइड किया । शिविका ने नजरें फेर ली । संयम ने उसके गाल पर kiss किया ।


संयम ने उसके हाथ की उंगलियों में अपनी उंगलियां फंसाई और सोफे से हाथ को सटा लिया । फिर उसकी गर्दन पर kiss करने लगा । शिविका ने आंखें मिच ली । वो संयम को मना भी नही कर सकती थी क्योंकि वो जानती थी कि शादी के बदले इस तरह के सौदे होंगे.... । और वहीं शादी करने की पहल भी उसने ही तो की थी ।


संयम ने उसकी नेक पर बाइट किया तो. " सि... SK " शिविका ने सिसकी भरते हुए कहा । मानो संयम को रोकना चाहती हो ।


" Don't say no... " बोलकर संयम उसके कंधे को चूमने लगा । शिविका ने आंखें बंद करके चेहरा दूसरी ओर घुमा लिया । संतम ने शिविका की कॉलरबोन पर kiss करना शुरू किया ।


शिविका के जिस हाथ को संयम ने पकड़ा हुआ उस हाथ पर शिविका ने भी अपनी पकड़ कस ली । और दूसरे हाथ से उसने संयम की पीठ पर बाथरोब को पकड़ लिया ।


संयम ने वापिस से उसकी गर्दन पर kiss किया और फिर गर्दन से चेहरा हटाकर शिविका के चेहरे को देखने लगा । कमरे में जल रही लाइट बोहोत डिम और लाल रंग की थी । उस लाल रंग की रोशनी में शिविका बला की खूबसूरत लग रही थी ।


संयम ने उसके सिर से सिर जोड़ा और " i will be back.... " बोलकर उसके नाक पर kiss करके उसके उपर से उठ गया ।


अपने आप को फ्री पाकर शिविका ने आंखें खोल दी । संयम वॉर्डरोब वाले रूम की ओर चला गया ।


शिविका ने याद किया कि संयम अभी क्या बोल गया तो वो जल्दी से सोफे की सीट से सिमट कर आंखें बंद करके लेट गई । आज संयम बोहोत कुछ अलग कर रहा था । शिविका सोने का नाटक करने लगी । और इसके सिवाय वो और कर भी क्या सकती थी । यहां से भागना अब उसके हाथ में नहीं था ।