Devil Ceo's Sweetheart - 32 in Hindi Love Stories by Saloni Agarwal books and stories PDF | डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 32

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डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट भाग - 32

अब आगे,

 

रूही बस चुप चाप अपनी जगह पर खड़ी हुई थी, उस को कुछ समझ में नहीं आ रहा था, कि उस को क्या बोलना है..!

 

उस फल वाले बूढ़े बाबा ने रूही के सामने अपने हाथ जोड का धन्यवाद कहा और वहा से चले गए..!

 

उन फल वाले बूढ़े बाबा के चले जाने के बाद रूही ने अपने उलटे हाथ से अपने होटों को साफ करा और अपने चारो तरफ देखने लग गई..!

 

वहा पर खड़ी हुई भीड़ अब रूही को ही देखे जा रही थी और उन की अजीब नजरो को अपने ऊपर महसूस कर रूही काफी डर गई..!

 

अब रूही ने खुद को संभाला और अपने राशन, फल और सब्जी का थैला ढूंढने लग गई और फिर जैसे ही उस ने अपना थैला देखा तो उस ने अपनी चुनरी को अपने चेहरे पर बांध लिया और वो थैला उठा कर जल्दी जल्दी अपने रास्ते से घर जाने के लिए उस हाइवे से जाने लगी..!

 

जब रूही वहा से जा ही रही थी तो एक औरत ने अपने पास खड़ी दूसरी औरत से कहा, "जरूर इस ने ही उस बड़े आदमी को अपने जाल में फंसाया होगा, तभी उस ने इस के साथ सब के सामने ये सब करा है..!"

 

जब उस औरत ने अपनी बात कही तब रूही वहा से गुजर ही रही थी और उस ने उस औरत की पूरी बात सुन ली थी पर रूही, उन से कुछ कहे बगैर ही वहा से रोते हुए जाने लगी..!

 

रूही जल्दी जल्दी चल रही थी क्योंकि अब शाम होने को आ गई थी और साथ में बाजार बंद होने से सड़के सुनसान होने लगी थी जिस से रूही को डर लग रहा था..!

 

और वो जल्द से जल्द अपने घर पहुंचना चाहती थी, क्योंकि अगर वो सही समय पर घर नही पहुंच पाई तो उस की सौतेली मां कुसुम उस को बहुत ही मारेगी..!

 

वही दूसरी तरफ,

 

अभय, राजवीर को कॉल कर रहा था और राजवीर उस का कॉल रिसीव ही नही कर रहा था जिस वजह से अभय को बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था और अब अभय ने अपने पी ए से गुस्से से कहा, "कहां है राजवीर, हम सब कब से उस का यहां इंतजार कर रहे हैं और है कि आने का नाम ही नही ले रहा है और न ही मेरा कॉल रिसीव कर रहा है...!"

 

अभय के पी ए का पूरा नाम "आकाश शर्मा" था उस की उम्र लगभग 25 वर्ष थी और हाइट 5"8 इंच होगी और आकाश ही अभय के ऑफिस से लेकर उस का सारा काम संभालता था..!

 

अभय का गुस्सा देख कर उस के पी ए आकाश की हालत खराब हो रही थी क्योंकि राजवीर और अभय दोनो का ही गुस्सा बहुत ही तेज था..!

 

अब अभय ने अपने गुस्से से अपने पी ए आकाश से कहा, "अब तुम मुझे क्या देख रहे हो, अब राजवीर के पी ए दीप को कॉल करो और उस से पूंछू कि राजवीर कब तक आ रहा है...!"

 

अभय की बात सुन कर अब उस के पी ए आकाश ने उस से कहा, "जी बॉस, मै अभी कॉल करता हु..!"

 

अपनी बात कह कर अभय के पी ए आकाश ने अब राजवीर के पी ए दीप को कॉल करने लगा..!

 

और पहली रिंग पर ही राजवीर के पी ए दीप ने अभय के पी ए आकाश का कॉल रिसीव कर लिया और कॉल रिसीव होते ही अब अभय के पी ए आकाश ने राजवीर के पी ए दीप से पूछा, "राजवीर सर कब तक आयेंगे, क्योंकि अभय सर बहुत देर से उनका यहां पर इंतजार कर रहे हैं..?"

 

अभय के पी ए आकाश की बात सुन कर राजवीर का पी ए दीप इतना तो समझ गया था कि अभय सर भी बहुत गुस्से में आ चुके होंगे और इधर राजवीर सर का गुस्सा भी कम नहीं हो रहा था तो कही कुछ हो न जाए फिर भी राजवीर के पी ए दीप ने अब अभय के पी ए आकाश से कहा, "हम सब कुछ देर में वहा पहुंच जायेंगे क्योंकि हाइवे वाली रोड पर कुछ ड्रामा क्रिएट हो गया था...!"

 

राजवीर के पी ए दीप की बात सुन कर अब अभय के पी ए आकाश ने फोन रख दिया और अभय को वो सब बता दिया जो अभी उस को राजवीर के पी ए दीप से उस से कहा था..!

 

और अब अपने पी ए आकाश की बात सुन कर अब अभय ने अपने मन में कहा, "हो ना हो जरूर वो ड्रामा राजवीर से कनेक्ट होगा तभी उस को यहां पर आने मे समय लग रहा है...!"

 

करीब 15 मिनट बाद,

 

एक कंस्ट्रक्शन साइड पर एक साथ 5 ब्लैक बुलेट प्रूफ लक्जरी कार आकर रुख गई और उस गाड़ियों में से पहले राजवीर के बॉडीगार्ड्स बाहर निकले..!

 

फिर राजवीर का पर्सनल बॉडीगार्ड देव बाहर आ गया और फिर राजवीर का पी ए दीप ने राजवीर के लिए कार का दरवाजा खोला और फिर तब जाके राजवीर उस कार से बाहर निकला..!

 

राजवीर के चेहरे पर गुस्सा साफ साफ झलक रहा था जिसे देख वहा खड़े सब लोग थर थर कांप रहे थे राजवीर उस कंस्ट्रक्शन साइड पर बनी अधूरी बिल्डिंग में अंदर जाने लगा और वही जब राजवीर एक कमरे में घुसा..!

 

तो अभय उस को ही घूर कर देख रहा था क्योंकि अभय को इंतजार करना बिलकुल भी पसंद नही था पर फिर भी अभय ने राजवीर से कुछ नही कहा क्योंकि वो अच्छे से जानता था कि राजवीर उस के किसी भी बात का जवाब तब तक नही देगा तब तक वो खुद किसी सवाल का जवाब देना न चाहे...!

 

और अब राजवीर वहा रखी किंग साइज कुर्सी पर बैठ गया और वही एक कोने में एक 55 वर्षीय आदमी खड़ा हुआ था जो राजवीर को पहली बार देख कर थर थर कांप रहा था क्योंकि राजवीर ने अब अपने गुस्से में अपनी लाइसेंस गन निकल रखी थी..!

 

To be Continued......

 

हेलो रीडर्स, यह मेरी पहली नोवेल है। कृपया इसे अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें, मेरी प्रोफाइल को फॉलो करे और कमेंट्स, रिव्यू और रेटिंग के साथ मुझे अपना सपोर्ट दे। अधिक जानने के लिए पढ़ते रहिए मेरी पहली नोवेल "डेविल सीईओ की स्वीटहार्ट" और अगला भाग केवल "मातृभारती" पर।