Tum Jo aaye jindagi main in Hindi Love Stories by Nirali Patel books and stories PDF | तुम जो आए ज़िंदगी में... - 5 (अंतिम भाग)

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तुम जो आए ज़िंदगी में... - 5 (अंतिम भाग)

आर्य - नहीं। मीरा मैं तुम्हें यू तुम्हारी लाइफ बर्बाद नहीं करने दूंगा। मैं भरूंगा तुम्हारी लाइफ में रंग। और मैं ही इस बार तुम्हारी दिवाली को रोशनी से भर दूंगा। इस बार तुम्हें दिवाली अंधेरे में नहीं मनानी पड़ेगी।

इतना बोल कर आर्य वहा से खड़ा होता है और अपनी बाहें फैला कर बोलता है - मीरा क्या तुम एक बार मुझ पर भरोसा कर सकती हो???

मीरा जट से आर्य की बाहों मे समा जाती है और बोलती है - हा।
कभी मेरा विश्वास मत तोड़ना।

आर्य - मरते दम तक नहीं।

मीरा बहुत खुश थी कि उसको लाइफ में ऐसा कोई मिल गया जो पुरी लाइफ उसे प्यार करेगा। और इस दिवाली उसको यू अकेले नहीं मनानी पड़ेगी। वो आर्य से कस कर लिपट जाती है और बोलती है।

मीरा - I Love you....

आर्य - अरे...... बाप रे.... ये कब हुआ??( मजाक करते हुए)

मीरा - जब से तुम्हें देखा तब से। ( आर्य की आखों में देखकर )

आर्य - तो क्यों इतने दिन इग्नोर कर रही थी??

मीरा - डर था कि फिर से किसी के ऊपर विश्वास करके वही तो नही होगा जो दो साल पहले हुआ था।

आर्य - नहीं। कभी नहीं। U can trust me.....baby.

मीरा - बेबी.....?

आर्य - (मीरा के माथे पर किस करके बोलता है) हा...।

I Love you too Miruu.


Song edition...


पाया मैंने पाया तुम्हें, रब ने मिलाया तुम्हें

होंठों पे सजाया तुम्हें, नगमें सा गाया तुम्हें

पाया मैंने, पाया तुम्हें, सबसे छुपाया तुम्हें

सपना बनाया तुम्हें, नींदों में बुलाया तुम्हें


तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई

इश्क मज़हब, इश्क मेरी ज़ात बन गई


तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई

सपने तेरी चाहतों के, देखती हूँ अब कई

दिन है सोना और चांदी रात बन गई

तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई


चाहतों का मज़ा, फासलों में नहीं

आ छुपा लूँ तुम्हें हौसलों में कहीं

सबसे ऊपर लिखा है तेरे नाम को

ख्वाहिशों से जुड़े सिलसिलों में कहीं

ख्वाहिशें मिलने की तुमसे, रोज़ होती है नई

मेरे दिल की जीत मेरी मात बन गई

तुम जो आए ज़िन्दगी...


ज़िन्दगी बेवफा है ये माना मगर

छोड़कर राह में जाओगे तुम अगर

छीन लाऊँगा मैं आसमां से तुम्हें

सूना होगा ना ये, दो दिलों का नगर

रौनके हैं दिल के दर पे, धड़कने हैं सुरमई

मेरी किस्मत भी तुम्हारे, साथ बन गई

तुम जो आए ज़िन्दगी...


ऐसा मैं सौदाई हुआ, धड़कनें भी अपनी तो

लगती हैं तेरी आहटें

माँगी न खुदाई मैंने, माँगा न ज़माना भी

माँग ली है तेरी चाहतें

ख्वाहिशें मिलने की तुमसे, रोज़ होती है नई

मेरे दिल की जीत मेरी मात बन गई

तुम जो आए ज़िन्दगी...


तेरे बिना फीकी सी थी मेरी ज़िन्दगानी ये

तेरे संग मीठी हो गई

आता-जाता खुशियों के मैं गले लग जाता हूँ

दुनिया भी लगती है नई

रौनके हैं दिल के दर पे, धड़कने हैं सुरमई

मेरी किस्मत भी तुम्हारे, साथ बन गई

तुम जो आए ज़िन्दगी...


ये होती है प्यार की ताकत... प्यार वो होता है ज़िंदगी को बदल देता है। और ऐसा प्यार हर किसको नहीं मिलता यह सिर्फ नसीब वालों को ही मिलता है।


समाप्त...