everything without saying anything in Hindi Anything by DINESH KUMAR KEER books and stories PDF | बिना कहे सब कुछ

Featured Books
  • انکہی محبت

    ️ نورِ حیاتحصہ اول: الماس… خاموش محبت کا آئینہکالج کی پہلی ص...

  • شور

    شاعری کا سفر شاعری کے سفر میں شاعر چاند ستاروں سے آگے نکل گی...

  • Murda Khat

    صبح کے پانچ بج رہے تھے۔ سفید دیوار پر لگی گھڑی کی سوئیاں تھک...

  • پاپا کی سیٹی

    پاپا کی سیٹییہ کہانی میں نے اُس لمحے شروع کی تھی،جب ایک ورکش...

  • Khak O Khwab

    خاک و خواب"(خواب جو خاک میں ملے، اور خاک سے جنم لینے والی نئ...

Categories
Share

बिना कहे सब कुछ

1. दो किसान - रामू और श्यामा

एक गांँव में दो किसान रामू और श्यामू रहते थे। वे दोनों ही बहुत बहुत मेहनती थे। अपनी मेहनत के बल पर दोनों के खेतों में गाँव में सबसे अधिक फसल होती थी, लेकिन कुछ समय से गाँव के ही कुछ लोगों की बुरी संगत के कारण रामू अपने खेतों में ध्यान कम दे रहा था। वह बीज और खाद - पानी समय पर नहीं देता था। उसकी लापरवाही उसकी फसलों को प्रभावित करने लगी थी। उसके खेत सूखे हुए थे और फसलों का उत्पादन लगातार कम होता जाता था। रामू अपने नये साथियों के साथ अक्सर गाँव में ताश खेलता रहता था। रामू की पत्नी रामू की इस आदत से परेशान रहती थी। वह समझाती तो रामू उससे झूठ बोल दिया करता कि खेतों से अभी आया हूँ।
एक दिन रामू से श्यामू ने कहा, "रामू भाई! आपको अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। खेती में लापरवाही नहीं करनी चाहिए, क्योंकि हमारी जीविका का एकमात्र साधन यही है। समय पर हर काम नहीं करोगे तो खेत सूने हो जायेंगे।"
रामू ने उसे अपने खेत दिखाये और फिर उसे खेतों की ओर ले गया। अपने मुरझाये खेतों को देखकर वह बहुत शर्मिन्दा हुआ। तब उसे यह अहसास हुआ कि वास्तव में उसने लापरवाही की है। और अपनी ग़लती सुधारने के लिए मन में तय कर लिया।
धीरे - धीरे रामू की खेती की रंगत बदल गयी। मेहनत और ध्यान देने से उसकी फसल भी अच्छी होने लगी। मुरझायी फसलें फिर से खुशी से झूमने लगीं। रामू को अच्छी पैदावार प्राप्त हुई, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ।

संस्कार सन्देश :- यदि हमारे मित्र या सम्बन्धी अपना रास्ता भटक जाएँ, तो सही सलाह देकर उनको राह दिखानी चाहिए।

2.
आप कितनी भी तरक्की कर लें,
पर इंसान ही इंसान के काम आएगा.

दौलत से
वस्तुएं तो खरीदी जा सकती हैं,

पर सुकून तो
मन की शाँति में ही है.


जो उड़ते हैं अहम के आसमानों में
उन्हें जमीं पर आने में,
वक़्त नहीं लगता.

हर तरह का वक़्त आता है,
ज़िंदगी में
वक़्त के गुज़रने में
वक़्त नहीं लगता.

कारवाँ - ए - ज़िन्दगी
हसरतो के सिवा कुछ भी नहीं ..!
ये किया नहीं,
वो हुआ नहीं,
ये मिला नहीं,
वो रहा नहीं.

आज से बेहतर कुछ नहीं,
क्योंकि ...
कल कभी आता नहीं,
और आज कभी जाता नहीं.
यूँ तो गलत नहीं होते
अंदाज़ चेहरों के,
लेकिन ...!
लोग वैसे भी नहीं होते
जैसे नज़र आते हैं.

जीवन की सच्चाई

जैसे - जैसे उम्र बढ़ती है,
व्यक्ति ... धनवान बनता जाता है.
चाँदी बालों में,
सोना दाँतों में,
मोती आँखों में,
शक्कर खून में
और महंगे पत्थर
किडनी में आ जाते हैं.
3.
जो काम धीरे बोलकर,
मुस्कुराकर
और प्रेम से बोलकर
कराया जा सकता है,
उसे तेज आवाज में बोलकर और
चिल्लाकर करवाना ...
मूर्खों का काम है.

और जो काम केवल
गुस्सा दिखाकर हो सकता है,
उसके लिए
वास्तव में गुस्सा करना
यह महामूर्खों का काम है.

अपनी बात मनवाने के लिए
अपने अधिकार या
बल का प्रयोग करना
यह पूरी तरह पागलपन होता है.

प्रेम ही ऐसा हथियार है, जिससे
सारी दुनिया को जीता जा सकता है.
प्रेम की विजय ही सच्ची विजय है.

आज प्रत्येक घर में ईर्ष्या, संघर्ष,
दुःख और अशांति का
जो वातावरण है
उसका एक ही कारण है ....
और वह है
प्रेम का अभाव.

आग को आग नहीं बुझाती,
पानी बुझाता है.
प्रेम से दुनिया को तो क्या ....
दुनिया बनाने वाले तक को
जीता जा सकता है.

पशु-पक्षी भी
प्रेम की भाषा समझते हैं.
!!.. तुम प्रेम बाँटो ..!!
इसकी खुशबू
कभी ख़त्म नहीं होती.