Sirf Tumhare Liye - 1 in Hindi Adventure Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | सिर्फ तुम्हारे लिए - 1

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सिर्फ तुम्हारे लिए - 1

सिर्फ तुम्हारे लिए

{ एक सड़क से गुजरते हुए दो लोग. }

ओ हेल्लो मिस्टर कहा चले. बिना बताए जरा हमे भी बताओ. तो हम भी चलते साथ में.

मुझे तुम्हारी जरूरत नहीं है. में अलेका ही काफी हू. और हा बहेरबानी कर के मेरे से दूर ही रहना.

अरे हम इतने ज्यादा बुरे है. क्या? जो तुम हमे अपने साथ तक ले जाना नही चाहते.

अरे पर ना जान ना पहचान. में तुझे अपना मेहमान क्यू बनाऊ. तुम हो कौन जो में तुम्हे अपने साथ ले जाऊ. चलो निलको निकलो. फालतू में कोई बकवास नही सुन्नी मुझे.

में कृतिका हु. तुम्हारा नाम भी तो बताओ.

मेरा नाम कार्तिक है. और हा मेरा नाम जोड़ने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है. अगर ऐसा सोचा भी तो देख लेना.

पर इतना गुस्सा क्यू हो रहे हो. और इतनी अक्कड़ क्यू दिखा रहे हो. ठीक है नही आना तुम्हारे साथ. जाओ जहा जाना हो. में भी चली अपने रास्ते.

हा तो मैं भी चला अपने रास्ते. अब जिंदगी में कभी भी मुलाकात ना हो.


{ कुछ देर बाद... }


अरे कार्तिक भाई इतना गुस्सा हो कर कहा से आ रहे हो. किसीने कुछ कहा क्या. सब ठीक तो है ना.

अरे क्या बताऊं यार पियूष रास्ते में एक लड़की मिल गई. वो बोलती है. कहा जा रहे हो. मुझे साथ ले चलो. में बोला ना जान ना पहचान में क्यू लाऊ अपने साथ उसको.

भाई वो कही चुड़ैल तो नही थी ना. कहते है की अक्षर सुन सान से रस्तों में ऐसी चुड़ैल घुमा करती है. उसने कुछ किया तो नही.

नही भाई वो लड़की ही थी कोई चुड़ैल नही थी. उपर से उसको दो बात सुना कर आया हु. लेकिन भाई आज कल ऐसे कौन जबरदस्ती पीछे पड़ता है. साथ चलने के लिए.

पर मुझे तो उस लड़की में ऐसा कुछ भी नही दिखाई दिया. जिससे वो चुड़ैल लग सके. वो नॉर्मल ही लग रही थी.

भाई देखने में तो वो बहार से नॉर्मल ही दिखते है. पर अंदर से वो क्या है. वो किसको पता.

और में तो उसको साथ ही साथ बोल आया हु. फिर से हमारी मुलाकात ना हो. मेरे अंदर तो एक जरा सा भी डर नही था. में तो उसके मुंह पे ही जवाब दे देता था. खैर वैसे भी में उस वक्त गुस्से में था. इस गुस्से की वजह से. एक बला टली और क्या.

लेकिन कार्तिक भाई वो नॉर्मल लड़की होगी. तो फिर ठीक है. लेकिन अगर वो बुरी आत्मा निकली. तो क्या होगा.

कोई बात नही आदित्य भाई में किसी से नहीं डरता. चाहे वो चुड़ैल हो या कोई भी हो.

अच्छा भाई ठीक है तो देखते है. क्या होता है. बस थोड़ा बचकर रहना. में तो चला अगर कोई भी प्रॉब्लम हो जाए तो बताना ठीक है.

हा जरूर पर जहा तक मुझे लगता है. में उसके लिए अकेला काफी हू. फिर तुम्हारी इच्छा के लिए तुम्हे बता दूंगा.


{ कुछ देर बाद... }


बेटी क्रीतिका ओ बेटी क्रीतिका कहा हो. कहा चुप कर बैठी हो. मेरे पास आओ मुझे काम है.

पढ़ना जारी रखे...