Rajkumari Shivnya - 20 in Hindi Mythological Stories by Mansi books and stories PDF | राजकुमारी शिवन्या - भाग 20

The Author
Featured Books
  • प्रेम और युद्ध - 5

    अध्याय 5: आर्या और अर्जुन की यात्रा में एक नए मोड़ की शुरुआत...

  • Krick और Nakchadi - 2

    " कहानी मे अब क्रिक और नकचडी की दोस्ती प्रेम मे बदल गई थी। क...

  • Devil I Hate You - 21

    जिसे सून मिहींर,,,,,,,,रूही को ऊपर से नीचे देखते हुए,,,,,अपन...

  • शोहरत का घमंड - 102

    अपनी मॉम की बाते सुन कर आर्यन को बहुत ही गुस्सा आता है और वो...

  • मंजिले - भाग 14

     ---------मनहूस " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ कहानी है।...

Categories
Share

राजकुमारी शिवन्या - भाग 20

भाग २०

अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या ने देखा वीरेन तो वही लड़का है जो उसे मैदान में मिला था वह अपने माता पिता से वीरेन की शिकायत कर रही थी अब आगे की कहानी
देखते है।

वीरेन भी राजकुमारी शिवन्या को देख कर आश्चर्यचकित हो गए थे , रानी सुमिधा ने कहा राजकुमारी कृपया कर शांत हो जाए हमे नही पता की आप दोनो के बीच क्या बातचीत हुई परंतु में एक चीज अपने पुत्र के विषय में दावे के साथ कह सकती हु, मेरा पुत्र नटखट है वह मजाक कर सकता है परंतु किसी स्त्री के बारे में कुछ गलत नही बोल सकता अगर आपको मेरे पुत्र की कही कोई भी बात बुरी लगी हो तो में आपसे हाथ जोड़ कर माफी मांगती हु ,


राजा धरम ने भी हाथ जोड़ कर माफी मांगी शिवन्या भाग कर उन
दोनो के पास गई और उनके हाथ नीचे किए उन दोनो का हाथ पकड़ा और बोली आप दोनो मुझे
शर्मिंदा कर रहे है में आपसे छोटी हु बड़े छोटो से हाथ नही जोड़ते गले लगाते है।

ये बात सुनकर दोनो ने हस कर शिवन्या को गले लगाया , सब लोगो के चहरे पर मुस्कान आ गई , वीरेन कहते है में भी आ रहा हु, शिवन्या उसे रोक कर कहती है तुम वही रुक जाओ अभी में गले लग रही हु ना ये दोनो मेरे माता पिता समान है तुम तो अभी विद्या ले कर लोटे हो तुमसे ज्यादा मेरा हक है , ओर मेने तुम्हे अभी माफ नही किया समझ गए , राजा विलम ने राजकुमारी को कहा पुत्री यह क्या तरीका हुआ बात करने का अब माफ करदो उसे , रानी सुमिधा ने हस कर बोला अरे रहने दीजिए महाराज क्या गलत बोला शिवन्या बचपन से हमारे साथ खेली है राजकुमार वीरेन से ज्यादा हक इनका ही बनता है।

वीरेन ने कहा क्या माता अब मुजसे भी ज्यादा आप अब इनसे प्रेम करती है , इतनी अच्छी है क्या ये , अगर है तो मुझे क्षमा क्यू नही करती।

राजकुमार वीरेन बहुत शांति से शिवन्या के सपिम गए और बोला जी राजकुमारी शिवन्या मुझे क्षमा कर दे अगर मेने आपका जरा भी दिल दुखाया हो तो मेरा मंतव्य आपको दुख पोहचाना नही था में तो उस दिन केवल आपसे मजाक में वार्तालाप कर रहा था मुझे क्षमा करे , राजकुमारी के मन अब दयाभाव जागृत हो रहे थे वह कुछ बोले उसके पहले उन्हे कुछ आवाज सुनाई देती है , वह चोककनी हो गई ओर अपनी तलवार निकाल कर बोली सब लोग सावधान हो जाए , राजा विलम ने पूछा क्या हुआ पुत्री , सब लोग डर गए, राजकुमारी ने कहा पिताजी ये ध्वनि सुनाई दी आपको मानो कई सारे अश्व दौड़ कर आ रहे हो।

तभी अचानक से एक सैनिक भागता हुआ आया और बोला महाराज महाराज एक समस्या हो गई है , दुश्मन राज्य चरनपुर के राजा मनसुख ने हमला करने वाले है युद्ध करने वाले है महाराज उनकी सेना तेजी से हमारे राज्य की ओर आ रही है महाराज , रानी निलंबा ने कहा है ईश्वर ये अचानक से केसा संकट आन पड़ा , राजा विलम ने सैनिक से कहा शीघ्र करो हमारी सेना बुलाओ सबको तैयार करो युद्ध के लिए , राजा धरम ने कहा हम अपनी सेना भी बुला लेते है , राजा विलम ने कहा नही मित्र तुम नही तुम यही रहोगे यह महल में सुरक्षित रहो ।

राजा धरम ने कहा मित्र नही में तुम्हारे साथ चलूंगा , युद्ध होने वाला है ओर तुम यह कह रहे हो की में तुम्हारी सहायता न करू , वीरेन ने कहा में भी चलूंगा , तब राजकुमारी शिवन्या ने कहा नही , तुम नही चलोगे हा शिखी होगी तुमने बाण या तलवार चलाने की विद्या पर तुम्हे अभी युद्ध का अनुभव नहीं है तुम यही माता ओर महारानी के साथ रहो और महल की निगरानी के लिए भी किसी को होना आवश्यक है , पिताजी में चलती हु फिर राजा धरम, राजा विलम और उनकी सेना युद्ध के मैदान की ओर चल पड़ी, रानी सुमिधा ओर रानी निलंबा काफी चिंतित थी।


रानी सुमिधा ने कहा , रानी निलंबा आप ज्यादा चिंतित ना हो दिखाएगा , वे लोग युद्ध जीत कर आयेंगे, तब राजकुमार वीरेन ने कहा रानी निलंबा माता ने सच कहा आप दोनो जा कर बैठिए , वैसे ये क्या बात हुए राजकुमारी ने तो मुझे आने से ही मना कर दिया।

अगर में जाता तो ये मेरे पहले युद्ध का अनुभव होता, तब रानी निलंबा ने कहा पुत्र आप बुरा न लगाए क्या ये वे बताती नही है परंतु उनको आपकी चिंता थी इसलिए मना किया है ,मेने उसकी आंखो में आपके लिए अभी प्रेम तो नही देखा परंतु आपके प्रति चिंता ओर दया जरूर देखी है।

कहानी को यही तक रखते है , कहानी का अगला भाग जल्द ही आयेगा।😊