Mystry of Horror Haveli in Hindi Horror Stories by Mukesh Solanki books and stories PDF | भूतिया हवेली का राज़

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भूतिया हवेली का राज़

बहुत समय पहले की ये बात है, एक छोटे से गाँव में एक बहोत पुरानी हवेली थी।हवेली बहोत सालो से ऐसे ही पड़ी थी। वह हवेली बहुत ही डरावनी और अजीब सी लगती थी, और इसी वजह से गाँववाले इससे दूर ही रहते थे। कोई भी गांव वाले की हिम्मत नहीं हो रही थी की वो उस हवेली के पास से गुजरे। कहा जाता था कि हवेली में रात के समय में एक अजीब सा चेहरा चमकता था और गांव वाले उसे एक प्रेत का साया मानते थे।

 एक रात, गाँव का एक युवक जिसका नाम अर्जुन था। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर ये निर्णय लिया कि वो सब प्रेत सपित हवेली में रात बिताएंगे। हालांकि ये निर्णय उनका बहोत ही डरावना थ। उन्होंने यह निर्णय लिया क्योंकि उन्हें यह सच्चाई को जानने  की जिज्ञासा थी की आखिर वहा पर है क्या और लोग इतना क्यों डरते ह।  सारे दोस्त काफी बहादुर भी थे। 

रात के समय में , जैसे ही उन्होंने सोचा था उस हिसाब से अर्जुन और उसके दोस्त हवेली की ओर बढ़े। हवेली के दरवाजे की आवाज सुमसान और एकदम सांत जगह में ऐसे आ रही थी मानो आपके अगल बगल में कोई घूम रहा है।  ये आवाज  उन्हें डरा देने लगी, लेकिन अर्जुन ने अपनी हिम्मत बनाए रखी और दरवाजा खोला।

 जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला तो देखा की हवेली में एकदम सन्नाटा था, और हवेली के अंदर के सन्नाटे में एक अजीब सी आवाज सुनाई दी, पर उन्होंने उस आवाज पर भी ध्यान नहीं दिया और आगे बढ़ते हुए एक पुराने कमरे में पहुँचे।

 कमरे में पहुँचकर, वो सबने देखा कि यहाँ पर तो कोई चेहरा नहीं चमक रहा था। थोड़ी देर तक वे उस चेहरे की खोज करते रहे, पर उन्हें कुछ नहीं मिला। अर्जुन के सारे दोस्त डर के मारे उस  हवेली से बाहर निकल गए, लेकिन अर्जुन ने अपने आत्मविश्वास में दृढ़ता बनाए रखी और आगे बढ़ते हुए एक और कमरे की ओर बढ़ा।

 अर्जुन ने देखा की वहां, एक पुराना पियानो रखा हुआ था। उस पियानो की बैंकर पर कोई हाथ नहीं थे,पर फिर भी पियानो खुद-ब-खुद अपने आप ही बज रहा था। अर्जुन को यह सब अजीब लग रहा था लेकिन उसने सोचा की शायद कोई बहोत ही शक्तिशाली आत्मा या भूत यहां मौजूद हो सकता है जो ये सब कर रहा है।

 अर्जुन ने वह पर आवाज दी की "वहा पर कोई है"? पर सामने से कोई आवाज नही आई फिर उसने सोचा कि शायद इस आत्मा को शांति की जरुरत है। उसने गांव के एक पुराने पंडित से मदद मांगने का निर्णय लिया और वहां पंडित के घर पहुँचा।

 उसने सुरु से सारी बाते पंडितजी को बताई के उसके साथ हवेली में क्या हुआ! पंडितजी ने उसे ध्यान से सुना, फिर थोड़ा घबराये लेकिन उन्होंने फिर ये सोचा की अगर अर्जुन इतनी हिम्मर कर सकता है तो मुझे भी जाकर ये पुण्य का काम करना चाहि।

 पंडितजी और अर्जुन दोनों एकसाथ हवेली में पहुंचे और वहां पर विशेष यग्न-पूजा सुरु कर दी । शुरुआती डोर में वो आत्मा उन पर हावी होने लगी और जो बुरी आत्माये थी उन्होंने ये यग्न रोकने कीबहोत कोसिस की लेकिन अर्जुन ने उस सबको बी संभाला थ। धीरे धीरे करके हवेली में सन्ति छाने लगी सब आत्माओ को हवं और यग्न की वजह से मुक्ति मिल गई। धीरे धीरे हवेली में हकारात्मक सकती का प्रभाव पड़ने लग।  जिसको अर्जुन और पंडितजी दोनों महसूस कर सकते थे।

 गाँव में आने के बाद अर्जुन ने वो सारी बाते गाँव वालो को बताई की पंडितजी और उसने दोनों ने साथ मिलकर कैसे हवेली के अंदर बसी आत्माओ को सन्ति और मुक्ति दिलवा।

 इसके बाद से, गाँववालों ने हवेली को सुरक्षित स्थान माना और अर्जुन को उनका हीरो माना। हवेली की डरावनी कहानी अब सिर्फ एक किस्सा बन कर ही रह गया है , और लोग वहां शांति से रहने लायक समझने लगे।

 

समाप्त