You are mine... in Hindi Short Stories by Lotus books and stories PDF | तुम मेरे हो...

The Author
Featured Books
Categories
Share

तुम मेरे हो...

सदियो से राधा कृष्ण की है और कृष्ण हमेशा से राधा के
प्रेम बंधन पवित्र रिश्ता युग युगांतर से दोनो एक दुजे के
तुमसे कितना प्यार है कैसे दिखा ऊं तुम्हे प्रियवर मेरे कैसे बताऊं तुम्हे की कितनी मन्नतो से से हुए थे तुम मेरे...
तुमसे इतना प्यार है मुझे सनम मेरे जैसे भवरे को फुल से
कितनी प्यारी ऑखें है तुम्हरी देखती हू मे सिर्फ तुम्हरी हू जैसे
जी तो चाहता है की मे तुम्ह
हर पल देखती ही रहू सब भुल जाऊं बस तुम्हे निहारती ही रहू
तुम्हारे प्यार के नशे मे जी चाहता है हमेशा के लिए डूब जाऊं
तूम मेरे हो दूनिया से क्या डरना मेरे ख्वाबों के तुम ही राजा हो
तुम्हरी हू यही सच्ची अपनी प्रेम कहानी मे शरीर तुम प्राण हो
तुम से बिछडकर क्या कहे किस हाल मे दीन रात कट रहै है
जीती तो हू मगर जाने कोन सी रस्म और कसम निभा रही हू
इंतज़ार है मुझे उस पल का उस घड़ी का मुददतो बाद ही सही गम नही...देखकर तुम्हे लिपट जाए समा जाए तुम मे और कभी छोडू नही...विरह के दिन बहुत काट लिए अब और नही प्रियतम मेरे यू ही नही मिले थे हम और तुम अचानक सात फेरो संग हुए थे तुम मेरे...दूरी इस हद तक ना बडावो की अंत समय तक कम न कर पाऊं ..कुछ जुगत लगाओ कम हो दूरी तुमसे दुबारा फीर मिल न पाऊं...कैसे जीती हू तुम बीन कैसे मे तुम्हे सुनाऊ सून ना सकोगे...जो ज्यादा देर की आने मे तुमने शायद फिर पाना सकोगे...तुम मेरे हो मेरे ही रहोगे चाहे जहा भी रहो तुम मेरे प्रियतम तुम्हे छीन न सकेगा मुझसे कोई आये भगवान या स्वयं यम...लिपट कर तुम्हे नम ऑखों से सूखे नर्म होठो से सब कह दूगी..नही हटूगी लम्हो तक तुम्हारे सिने मे ऐसे घंटो सिमटी रहूगी..लग सीने से तुम्हारे सुनुगी आवाज तुम्हारे दिल की प्रियतम..क्यो नही सुनाई दी थी तुम्हे जो कहती थी तुम्हरी धड़कन बार बार मुझसे मीलने की जीद जब दिल तुम्हारा करता था..क्यो दबा देते थे तुम सुनकर अनसुनी तुम्हारा दिल करता था..प्रिय मेरे आवो मिलने प्यासी है अंखिया तुम्हारे दर्शन को
तरस रही है आत्मा मेरी एक झलक दिखला जाओ नयन को..
काश तुम्हे दिखला पाती जख्म दिल के इंतजार मे नासूर बन गए..तुमसे दूर तडप कर जीना प्यार मे तुम्हारे जाने क्यो दस्तूर बन गए...ऑखें बंद किए सीने से तुम्हारे घंटो तक लिपटी रहती नही हटती पहरो तक धडकनो को शौर न करने देती मे बुझा लेती प्यास मे अपनी जन्म की जन्मो तक के लिए खबर हो जाए तुम्हे कही से मेरी चाहत की एक पल के लिए.....
कह पाती तुमसे व्यथा सारी अपने व्याकुल प्यासे ह्रदय की सीने मे वीरह के फफोलो को ठंडा करती है नदिया नैनो की मे करती रही इंतज़ार तुम्हारा प्रिय क्षितिज के उस छोर पे आ जा ओ शायद तुम कही से बीत चला अब आखरी पहर....रोहित..!!!!

ये सच है इंतज़ार वही करता है जो दिल से चाहता है
वरना आज कल तो अगर बात न करो तो लोग कीसी और से बात करने लग जाते है जैसे वो हमे जानते ही नही...!!!

वो भी क्या करे दोर यही है। कहानी कैसी लगी.....like kre Rohit.....