BLACK CODEX - 7 in Hindi Horror Stories by Rajveer Kotadiya । रावण । books and stories PDF | BLACK CODEX - 7 - ना कु टेरेस का इतिहास

Featured Books
  • આશાનું અજવાળું

    આશાનું અજવાળુંચાર વૃદ્ધ માતાજીઓ એક ગામના ઝાડ નીચે બેઠી હતી....

  • અકસ્માત

             વહેલી સવારે અચાનક પત્ની સાથે સાપુતારા જવાનો અને વસં...

  • તુ મેરી આશિકી - 3

    ️ ભાગ ૩ ️ "હજી બાકી છે બધું…"પ્રારંભ – હાથમાં હાથ, પણ રાહ પડ...

  • કાલીધર લાપતા

    કાલીધર લાપતા- રાકેશ ઠક્કરઅભિષેક બચ્ચનનો OTT પર એક અભિનેતા તર...

  • ચંદ્રવંશી - પ્રકરણ 5

    સવારॐ सूर्याय नम: ।ॐ सूर्याय नम: ।।   બે હાથ વચ્ચે એક સોનાની...

Categories
Share

BLACK CODEX - 7 - ना कु टेरेस का इतिहास

30 नवम्बर 2008 को हॉन्ग कॉन्ग के अखबार ओरियंटल डेली ने एक

खबर छापी कि हाईस्कूल की आठ छात्राएं, जो ऐतिहासिक इमारत नाम

टेरेस में रुकी थीं, बेहद डरी हुई हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है मानसिक चिकित्सक उनका ट्रीटमेंट कर रहे हैं। खबर के बाद अस्पताल के बाहर मीडिया का तांता लग गया। जब लड़कियां एक-एक कर होश संभा पायीं तब उनसे सवाल किये गये। सभी के जवाब हैरान कर देने वाले थे। एक ने कहा कि रात को जब हम नाम कू टेरेस के एक कमरे में रुके तो चीखें सुनायी दीं। ऐसा लग रहा था कि कोई बच्ची सिसकियां लेकर रो रह है। दूसरी ने कहा कि एक लड़की के रोने की आवाज़ सुनायी दी। तीसरी ने कहा, मुझे ऐसा लगा कि अंदर कोई कोई बच्ची दर्द से करहा रही है। बाकियों के जवाब भी कुछ ऐसे ही थे। इन लड़कियों के जवाब जानने के बाद जब इतिहास के पन्ने पलटे, तो पता चला कि यह वही इमारत है, जह जापानी सैनिकों के लिये लड़कियां परोसी जाती थीं। सैनिकों के लिये चीन कोरिया, बरमा, थाईलैंड, मलेशिया, ताइवान, वियेतनाम, आदि देशों से महिलाओं, लड़कियों व छोटी-छोटी बच्चियों को अगवा करके लाया जात था। और सैनिक उन लड़कियों के साथ जबरन यौन संबंध स्थापित करते वो मंजर हर लड़की के लिये दर्दनाक होता था, क्योंकि अपने देश से दूर, व कहां हैं, पता भी नहीं होता था। अगर इतिहास के पन्ने पलटें तो उनमें से 5 फीसदी लड़कियां या तो यौन रोगों की शिकार हो गईं, या फिर कभी मां न बन पायीं और कई तो दर्द से करहाते हुए मर गईं। बताया जाता है कि इर्स इमारत में कई लड़कियां चीखती-चिल्लाती मौत के आगोश में सो गईं। औ उन्हीं लड़कियों की रूह आज भी इस भूतिया बंगले में भटकती हैं। *** ना कू टेरेस का इतिहास *** यह लाल रंग की इमारत है, जिसे 1915-1921 में शंघाई के एक व्यापारी चुन मान ने बनवाया था। इस इमारत में व्यापारी ने अपना एक कार्यालय खोला, जहां से सिल्क का व्यापार किया जाता था। इसी इमारत के एक हिस्से में व्यापारी ने अपना निवास स्थान भी बना लिया। लेकिन जब जापानी सेना ने हॉन्ग कॉन्ग पर कब्जा किया तो जबरन इस इमारत को खाली करवा लिया गया। यही नहीं इसी इमारत के पास में बने सेंट लूक कॉलेज और ट्रंग ची कॉलेज को भी सैनिकों ने जबरन खाली करवाया और वहां अपनी छावनी बना स्थापित कर दी। जापानी सेना ने नाम कू टेरेस को सैनिकों के लिये वेश्यालय बना दिया। यहां आम नागरिक का प्रवेश पूर्ण रूप से प्रतिबंधित था। अलग-अलग देशों से लड़कियों, महिलाओं और छोटी-छोटी बच्चियों को पकड़ कर लाया जाता और इस इमारत के कमरों में बंद कर दिया जाता। जब कभी किसी भी सैनिक के मन में यौन इच्छाएं जागृत होती, तो वे वहां जाते और किसी भी लड़की को चुन कर उनके साथ जबरन यौन संबंध स्थापित करते। अफसोसनाक बात तो यह है कि उस वक्त जापानी सेना के अंतर्गत यह काम गैरकानूनी नहीं था ।




आपके अभिप्राय अवश्य दे । । । ।