muskarate chahare ki hakikat - 19 in Hindi Fiction Stories by Manisha Netwal books and stories PDF | मुस्कराते चहरे की हकीकत - 19

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मुस्कराते चहरे की हकीकत - 19

यश, अपनी जगह खड़ा होकर- क्या गाना था अवनी.... तुम्हें तो यार सिंगर होना चाहिए, सच में मैं तो फैन हो गया तुम्हारा....
रिया, तालियां बजाते हुए खड़ी होकर-
क्या दर्द है, क्या सुर है तेरी आवाज़ में
तेरी यह आवाज कहीं हमें दीवाना ना बना दे,
सब मुंह फाड़कर रिया की ओर देख रहे थे, रिया सब की तरफ देख कर- शायरी पर मत जाओ, भावनाओं पर जाओ यार,,,,,,,,
श्रेया, रिया के कंधे पर हाथ रखकर- समझ गए हम, तु क्या कहना चाहती हैं (फिर अवनी की तरफ देख कर) सच में अवनी तुम्हें तो अर्जित सिंह के साथ गाना चाहिए यार.....
करण- हां अवनी तुम्हें ट्राई करना चाहिए, सिंगिंग कॉन्पिटिशन तो तुम आराम से जीत जाओगी।
अवनी, गिटार को दूसरी तरफ रखकर- देखे हुए हर सपने पूरे नहीं होते जीजू... उम्र कम पड़ जाती है,,,,,,
अवनी क्या कहना चाहती थी कोई समझ नहीं पा रहा था और ना ही किसी ने समझने की कोशिश की,,,,
अवनी के सिर में अभी भी बहुत तेज दर्द हो रहा था पर वह किसी को नहीं बताती,, बस सब की बातें सुन रही थी,
नित्या, मुस्कुराते हुए अवनी की तरफ देखकर- वैसे अवनी आज किसका पैचअप कराने का मूंड हैं तेरा....
सब एक साथ हैरानी से- पैचअप....?
अवनी सबकी तरफ देखती है फिर नित्या की तरफ देखकर- चुप कर नित्या, क्या कुछ भी बोलती रहती है...
यश, नित्या से- पैचअप.... बताओ नित्या, अवनी किसका पैचअप कराती हैं....हमें नहीं पता था अवनी को इन सब में भी इंटरेस्ट है....
नित्या- पूरी बात तो सुनते यश...... जब हम कॉलेज में थे तब अवनी ने हमारी बैच की लगभग लड़कियों का ब्रेकअप करवा दिया था, क्योंकि इसे पसंद नहीं था.. हमारे बैच में बहुत कम लड़कियां सिंगल थी तो मजा नहीं आता था कहीं घूमने भी जाते तो हॉस्टल से परमिशन नहीं मिलती थी तो अवनी ने सारी लड़कियों को हमारी तरफ करने के लिए सब के झगड़े करवा दिए, लड़के और लड़कियों के बीच, misunderstanding create की धीरे- धीरे सारी लड़कियां हमारी तरफ हो गई.........
विवान, नित्या की बात पूरी होने से पहले ही- तभी आज तक सिंगल हैं.... कितनी जाहिल है ये....ना खुद सेट होती है ना किसी को होने देती है मिस विलेन (विलेन पर जोर देते हुए)
सब विवान की बात पर जोर-जोर से हंसने लगते हैं अवनी, थोड़े गुस्से से विवान को अंगुली दिखाते हुए-तुम नहीं सुधरोगे मिस्टर लंगूर... पता नहीं क्या समझते हो खुद को,,, शायद अभी तुमने नित्या की बात पूरी सुनी नहीं फिर बात करना समझे....
विवान,अवनी को आंखे दिखाते हुए- लंगूर... मैं... तुम क्या समझती हो मुझे... मैं लंगूर दिखता हूं तुम्हें,,,,,
अवनी उसी तरह- तो मैं तुम्हें विलेन दिखती हूं....
नित्या, दोनों की तरफ देखकर-यार चुप करो तुम दोनों, विवान क्यों इतना भड़क रहे हो पहले उसके आगे क्या हुआ यह तो सुन लो... वैसे विवान तुम खुश किस्मत हो....
विवान, हैरानी से- क्यों..? क्या मतलब है तुम्हारा...?
श्रेया- नित्या, बताओ यार फिर क्या हुआ....
नित्या, बात को फिर से शुरू करते हुए- जब लड़कों को पता चला कि अवनी की वजह से यह सब हुआ है तो सब ने मिलकर प्लान बनाया अवनी को फंसाने का..... उस समय अवनी हमारे क्लास की टॉपर भी थी और स्पोर्ट्स में भी चैंपियन थी इस कारण भी लड़कों को उससे प्रॉब्लम थी, उन लड़कों की टीम में एक लड़का था वैभव जो बहुत बड़ी फैमिली से बिलॉन्ग करता था हैंडसम भी था और बॉयस ग्रुप का लीडर भी,,, एक दिन हमारे कॉलेज में फंक्शन था अवनी स्टेज पर स्पीच दे रही थी तो वैभव ने स्टेज पर जाकर अवनी को प्रपोज कर दिया.....
सब एक साथ जोर से- क्या.........
विवान- फिर इसने एक्सेप्ट कर लिया...
नित्या जोर जोर से हंसने लगी सब नित्या को हैरानी से देख रहे थे फिर अवनी की तरफ देखने लगे जो हल्का सा मुस्कुरा रही थी,,,,,
काव्या, नित्या से- फिर क्या हुआ नित्या बताओ....?
नित्या, अपनी हंसी रोकते हुए- वहां टीचर और पूरी कॉलेज के स्टूडेंट्स सब हैरान थे, पीछे से कुछ लड़के जोर जोर से तालियां और सीटियां बजा रहे थे थोड़ी देर अवनी चुप रही फिर माइक हाथ में लेकर सबके सामने उससे पूछ लिया कि कल शादी करोगी मुझसे,,,, बेचारा वैभव थोड़ी देर चुप रहा फिर बोला- पहले मम्मी पापा से बात करनी पड़ेगी,,,,,,,,,
प्रपोज करने से पहले पूछा था, नहीं ना तो फिर शादी करने में क्या प्रॉब्लम है,,,,,,, अवनी ने उसके सामने आकर पुछा,,,
अवनी को वैभव पहले से ही पसंद नहीं था और आज तो उसने हद ही कर दी थी अवनी ने सबके सामने उसे थप्पड़ मारा फिर सबके सामने आकर अवनी ने बता दिया कि वैभव उसे फसाना चाहता है और सब को वार्निंग दी कि आज के बाद किसी ने ऐसी हरकत उसके सामने की तो बहुत बुरा होगा,,,,,,
चार-पांच दिन बाद वैभव उसके कुछ दोस्तों के साथ अवनी से बदला लेने आया, उस समय मैं, अवनी और हमारे साथ एक लड़की और थी हम कॉलेज गेट के बाहर खड़े थे, वैभव ने आकर अवनी का हाथ पकड़ा और उसके दोस्तों ने भी अवनी को घेर लिया... अवनी के कहने पर हम साइड में हट गए,,,,, वैभव को अपनी इंसल्ट का बदला लेना था तो उसने पूरे स्टूडेंट्स को भी वही बुला लिया... पर अवनी डरने वालों में से नहीं थीं उन चारों के लिए वह अकेली काफी थी,,,,
वैभव ने भी अवनी से यही सवाल पूछा था विवान, कि तुम खुद को समझती क्या हो.. उसका जवाब अवनी ने मुक्के से दिया था,, वैभव ने स्टूडेंट्स को बुलाया था अवनी का तमाशा बनाने के लिए लेकिन उसका खुद का तमाशा बन गया था बाकी तीनों लड़के वहां से भाग गए थे लेकिन वैभव को बचाने वाला कोई नहीं था, लास्ट में वैभव के पापा को आना पड़ा था अपना काम छोड़कर तब जाकर अवनी ने उसे छोड़ा था वैभव वहां से सीधा हॉस्पिटल पहुंचा फिर कभी कॉलेज वापस नहीं लौटा,,, उस दिन बाद कॉलेज के लड़के अवनी से इतना डरने लगे थे कि दोस्ती करने से पहले भी सौ बार सोचते थे,,, एक दिन पता नहीं अवनी को क्या सुजा, उसने हमारे बेंच की सारी लड़कियों और लड़कों को बुलाया फिर आज वाले सॉन्ग की तरह ही प्यारा सा सॉन्ग गाकर वापस सबका पैचअप करवाया, उनकी गलतफेमिया दुर की,,, उसके बाद जब भी कोई नाराज होता अवनी का सॉन्ग उनके लिए दवा बनता,,,,,,,
नित्या की बात सुनकर सब हंस रहे थे और अवनी को देख रहे थे,,, लेकिन अवनी का ध्यान इन सब बातों से दूर था उसके सिर में बहुत तेज दर्द होने लगा था और चक्कर भी आ रहे थे, उसने अपना सिर झुका रखा था, उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे पर किसी को दिख नहीं रहे थे,, विवान ने अवनी की तरफ देखा उसे अवनी के आंसू दिख रहे थे पर उस समय वह कुछ नहीं बोला,, बस उसकी नजर अवनी की आंखों से बहते आंसुओं पर थी,,,,
यश, हंसते हुए- यार अवनी तू तो सच में सिंगल पीस है
.. क्या हालत की बेचारे की,,,,
करण, विवान की तरफ देखकर- बेटा विवान सच में तेरी किस्मत अच्छी है,, अब आगे से बच कर रहना,,,,,, और हंसने लगता है लेकिन विवान का ध्यान भी,सबकी बातों से दूर था वह केवल अवनी की तरफ देख रहा था,,,
विवान, अपनी जगह से उठकर अवनी के पास आता है और उसके कंधे पर हाथ रखकर- are you okk Avni...?
विवान के अचानक हाथ रखने से अवनी चौक जाती है और ऊपर विवान कि तरफ़ देखती है उसका पूरा चेहरा, आंखें लाल हो चुकी थी,, सब अवनी को इस तरह देखकर हैरान थे क्योंकि कुछ देर पहले तक सबकी नजरों में अवनी की हालत बिल्कुल ठीक थी, सब उठकर अवनी के पास आते हैं अवनी को डर था कि किसी ने उसकी बीमारी के बारे में पूछ लिया तो क्या जवाब देगी इसलिए वह उठकर वहां से जाने लगती है लेकिन उसका सिर बुरी तरह घूम रहा था तो वह गिरने वाली होती है पर विवान उसके पास ही खड़ा था तो उसने अवनी को पकड़ लिया,तब तक अवनी बेहोश हो चुकी थी विवान अवनी को लेकर वहीं बैठ गया अवनी का सिर विवान की गोद में था सब अवनी को होश में लाने की कोशिश कर रहे थे पर अवनी की हालत बहुत गंभीर थी,, काव्या नित्या चाहकर भी खुद को रोक नहीं पा रही थी वह अवनी के दोनों तरफ बैठी थी और उसके हाथों को अपने हाथों से रगड़ रही थी और अवनी का नाम लेकर रोते हुए उसे होश में लाने की कोशिश कर रही थी,,रिया, श्रेया, कुणाल, करण, यश उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे थे पर सबकी आंखों में आंसू थे,,,
विवान अवनी के सिर पर तो कभी उसके गालों पर हाथ रखे उसका नाम पुकार रहा था,, सबकी आवाज सुनकर कृष्णमूर्ति, सुधा जी, शालिनी, राजेश और कविता भी नीचे आ जाते हैं अवनी को इस हालत में देखकर सबकी आंखों में हैरानी थीं,,,,
कृष्णमूर्ति के कहने पर विवान अवनी को उठाकर नित्या के कमरे में ले जाता हैं और बेड पर लेटा देता है। विवान नित्या और काव्या उसके पास ही बेड पर बैठे थे बाकी सब चारों ओर खड़े थे,,,
कृष्णमूर्ति, करण के पास आकर- करण, तुम डॉक्टर को फोन लगाओ... जल्दी यहां आने को बोला..,
यश- अंकल, मैंने फोन कर दिया है वह आते ही होंगे,,,,
विवान, अवनी का हाथ पकड़कर- अवनी.... अवनी... उठो प्लीज.. क्या हुआ तुम्हें... प्लीज ...कुछ तो बोलो अवनी...
विवान बार-बार अवनी का नाम पुकारा रहा था,,,,
शालिनी, विवान के पास आकर- धीरज रखो बेटा... डॉक्टर आते ही होंगे... (विवान के कंधे पर हाथ रखकर) कभी-कभी हम जिससे लड़ते- झगड़ते हैं उससे हमारा रिश्ता अपने आप मजबूत हो जाता है तेरा और अवनी का रिश्ता भी बिल्कुल वैसा ही है सबसे अलग,,, पर तू चिंता मत कर वह ठीक हो जाएगी... बहुत स्ट्रॉन्ग है अवनी....
विवान उठकर शालिनी के गले लग जाता है- हां मां....she is very strong.... पर इसकी हालत.....
करण, काव्या के पास आकर बैठता है और श्रेया नित्या के पास,,,,
करण, काव्या को चुप कराते हुए- हिम्मत रखो काव्या, वह ठीक हो जाएगी... उसे पता चला कि तुम दोनों उसके लिए इतना रो रही थी तो वह खुद को भी दोषी मानेगी.. प्लीज चुप हो जाओ, देखो सबको.. कितना परेशान है और तुम इस तरह रोती रहोगी तो सब और परेशान हो जाएंगे...,
काव्या, करण के कंधे पर सिर रखकर जोर-जोर से रोते हुए- करण... कुछ भी करो प्लीज... मैं इसे इस तरह नही देख सकती प्लीज़...
यश के पास किसी का फोन आता है वह बाहर आता है, यहां डॉक्टर अपनी कार से उतरता है और यश के साथ अंदर आता है डॉक्टर अवनी के पास जाकर उसके सिर पर हाथ रखता है और अपने बैग से कुछ सामान निकालकर अवनी की हार्टबीटस् चेक करता है,,,
डॉक्टर, कृष्णमूर्ति के पास आकर- मिस्टर अग्रवाल.. पेशेंट की हालत बहुत गंभीर है इन्हें कोई बहुत बड़ी बीमारी है लेकिन हम इसकी पहले की रिपोर्ट के आधार पर ही दवाई या इंजेक्शन दे सकते हैं जिससे यह जल्दी होश में आ जाए.... यदि आपके पास कोई रिपोर्ट या इसकी बीमारी के लक्षण मालूम है तो जल्दी बताइए वरना...
विवान, डॉक्टर के पास आकर- वरना... वरना क्या डॉक्टर...?
डॉक्टर- वरना पेशेंट की हालत और ज्यादा गंभीर हो सकती है..,
करण, हैरानी से- पर हमें नहीं मालूम कि अवनी की हालत कब से खराब है और ना ही हमें उसकी रिपोर्ट मालूम है ना ही उसकी बीमारी के बारे में कुछ पता....
डॉक्टर- किसी को तो मालूम होगा ना... आप कोई भी उसकी फैमिली से नहीं है क्या..? किसी फैमिली मेंबर को.. किसी को तो मालूम होगा...,
यश, नित्या के पास आकर- नित्या, तुम्हें कुछ मालूम है...
नित्या - नहीं, मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता लेकिन प्रवीण... हां प्रवीण को मालूम हो सकता है तुम उससे पूछो उसे मालूम होगा...
विवान, यश के पास आकर- यश, मुझे प्रवीण के नंबर दो मैं उससे पूछता हूं....
यश अपने फोन से प्रवीण को कॉल लगाता है और विवान को दे देता है थोड़ी देर रिंग जाने के बाद प्रवीण फोन उठाता है,,,,
विवान- हेलो प्रवीण, मैं विवान बोल रहा हूं वो अवनी....
प्रवीण, सामने से- विवान, क्या हुआ अवनी को..? वह ठीक तो है ना.. प्लीज मुझे घबराहट हो रही है... विवान अवनी कहां है..?
विवान- प्रवीण अवनी ठीक नहीं है वह बेहोश है तुम उसकी बीमारी के बारे में जानते हो तो बताओ, क्योंकि डॉक्टर उसे ऐसे ही दवा देने के लिए तैयार नहीं है इससे ज्यादा गंभीर हालत हो सकती है,,,,,
प्रवीण- विवान, मुझे अवनी ने बताने से मना किया था पर मैं उसकी हेल्प के साथ कोई कंप्रोमाइज नहीं कर सकता... विवान अवनी को सेकंड स्टेज ब्लड कैंसर है तुम अभी उसके रूम में जाओ, वहां बहुत सारी दवाइयां होगी उनमें अवनी की रिपोर्ट और दवाइयां भी है तुम जल्दी से वो लाकर डॉक्टर को दो... वह उनमें से सही दवा दे देंगे....आज पहली बार नहीं है विवान एक साल हो गया अवनी को इस बिमारी से गुजरते हुए... मैं अभी यहां से निकलता हूं तुम उसका ख्याल रखना प्लीज...
प्रवीण की बात पूरी होने से पहले ही विवान के हाथ से फोन नीचे गिर जाता है और विवान घुटनों के बल वहीं बैठ जाता है उसकी आंखों से लगातार आंसु बह रहे थे वहां खड़ा हर शख्स विवान की हालत देखकर और ज्यादा घबरा जाता हैं,, सब विवान से पूछते हैं लेकिन विवान कुछ भी नहीं बोलता वह चुपचाप नीचे नजर झुकाए बैठा था,,, वह खुद अपने होश खो बैठा था,एक पल के लिए वह भूल गया था कि अभी अवनी की हालत कैसी है,,,,,
अवनी को कुछ देर के लिए होश आता है लेकिन उसकी आंखें अभी भी बंद थी उसकी सांसों की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी एक तरफ सबकी नजरें अवनी पर थीं और दूसरी तरफ विवान पर......

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