muskarate chahare ki hakikat - 2 in Hindi Fiction Stories by Manisha Netwal books and stories PDF | मुस्कराते चहरे की हकीकत - 2

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मुस्कराते चहरे की हकीकत - 2

अवनी आश्रम से निकलकर रिक्शा वाले के पास जाकर उसे एक एड्रेस देती हैं और वहा से चलने के लिए कहकर पीछे बैठ जाती हैं।
बीस मिनिट के बाद रिक्शा रुकता है और अवनी उतरकर वहां से चली जाती हैं। सामने एक बहुत बड़ी कॉलेज थी जिसमे केवल बड़े परिवार के बच्चे ही पढ़ने आते हैं। अवनी कॉलेज के बहार खड़ी हो जाती हैं जहां पहले से ही बहुत से लोग खड़े थे। कुछ देर बाद अवनी कि नजर एक लड़की पर जाती है, अवनी उस लड़की के पास जाकर मुस्कराते हुए- hello, please you can help me?
लड़की दिखने में बिल्कुल अवनी के जैसी ही थी, अमीर परिवार से थीं पर घमंड बिल्कुल नहीं था, मासूम चेहरा, जींस शर्ट पहने हाथ में कार कि चाबी और कंधे पर बैग लिए कार के पास खड़ी थी।
लड़की, असमंजन में अवनी को देखते हुए- तुम मुझे कैसे जानती हो पहले तो कभी नहीं देखा और क्या हेल्प चाहिए तुम्हे......
अवनी- वो मै यहां नयी हु मुझे रहने के लिए एक रुम चाहिए था किराए पर। जॉब के लिए यहां आई थी, मेरा इंटरव्यू है।मेरा एक दोस्त है जो इसी कॉलेज में पढ़ता था, उसने तुम्हारे बारे में बताया था।
लडकी, अपना परिचय देते हुए- मेरा नाम काव्या है,,,,, तेरे दोस्त का नाम, जिसने तुम्हे मेरे बारे में बताया था।
अवनी, कुछ सोचकर- परवीन मल्होत्रा,,,,,,,,,,,
काव्या- या या........ मै परवीन को जानती हु, तुम्हारा नाम...........
अवनी,उससे नजरे चुराते हुए- अवनी..... अवनी मिश्रा
काव्या, मुस्कराते हुए- मेरे साथ चलोगी,,, मेरे अपार्टमेंट मे, मै वहां अकेली रहती हूं मुझे भी तेरा साथ मिल जाएगा।
अवनी- पर मै तुम्हारे साथ कैसे.....?
काव्या,अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए-फ्रेंड्स
अवनी भी मुस्कुराते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाती है-फ्रेंड्स,,
काव्या- अब कोइ प्रॉब्लम नहीं है ना......
अवनी, थोड़ा सीरियस होकर- thank you for help me...
काव्या, अवनी के हाथ पर हाथ रखकर- फ्रेंड्स, नो थैंक्यू नो सॉरी, ओके।
अवनी, काव्या की तरफ़ देखकर- ओके...
दोनों हंसने लगती है
काव्या, कार में अन्दर बैठते हुए- आओ कार में बैठ जाओ,,, अवनी काव्या की गाड़ी में बैठ जाती है और दोनों एक दूसरे से बातें करते हुए आगे बढ़ती हैं
काव्या,कार का हैंडल घुमाते हुए-अवनी तुम कौन सी जॉब के लिए अप्लाई कर रहीं हों
अवनी काव्या की तरफ़ देखकर -मैंने फैशन डिजाइनर का कोर्स किया है उसी के लिए 2 दिन बाद मेरा इंटरव्यू है यहां पास में ही,,,
काव्या -Wow great Avni
अवनी - thanks
कुछ देर बाद काव्या अपनी कार को पार्क में खड़ी करती है और दोनों कार से उतरते हैं,,, सामने एक छोटा सा अपार्टमेंट था जो बाहर से देखने में बहुत ही खूबसूरत था और अंदर से भी उतना ही सुंदर जिसमें दो बेडरूम, एक किचन और एक बड़ा सा हॉल था ।
काव्या अंदर जाकर, सोफे पर बैठते हुए -रामू काका दो कप चाय बनाइए , सिर बहुत दर्द कर रहा है।
रामू काका -जी बिटिया अभी बनाते हैं,,,, कहकर रामू काका किचन में चले जाते हैं।
अवनी चारो तरफ देखकर काव्य से- यहां तुम अकेली रहती हो......
काव्या अवनी की तरफ़ देखते हुए- हा इसीलिए तुम्हें यहां लेकर आई हूं और अब तुम मेरे पास ही रहोगी ओके
अवनी ,हां मैं सिर हिलाते हुए - ओके
काव्या- तुम्हारा घर कहां है, आई मीन मम्मी पापा और बाकी परिवार........
अवनी- मैं इंदौर से हूं वही मम्मी पापा रहते हैं और तुम्हारे
काव्या ........
काव्या, सोफे पर अपना सिर टीकाकर -मम्मी पापा यूएस गए हुए हैं कुछ काम से ,चार-पांच दिन में आ जाएंगे
तभी बाहर से रामू काका की आवाज आती है- बिटिया चाय तैयार हो गई है और खाना भी,,,,,,
काव्या अंदर से दो कप चाय लेकर आती हैं और दोनों वहीं बैठ कर चाय पीने लगती है कुछ देर बाद काव्य की कुछ फ्रेंड वहा आती है।
काव्य उन्हें देखकर - आज कहां जाने का प्लान है तुम लोगों का।
सामने से काव्य की दोस्त की आवाज आती है- क्या यार एक डेढ़ महीने में शादी है तुम्हारी और तुम.......चल पार्टी करते हैं।
अवनी उठकर- हां हां ठीक है लेकिन पहले मेरी बेस्ट फ्रेंड से नहीं मिलोगे...
बेस्ट फ्रेंड.... हमारे अलावा भी तुम्हारी कोई बेस्ट फ्रेंड है हैरानी से काव्य की ओर देखते हुए,, उसके दोस्त बोलते है।
काव्या- हां (अवनी के पास आकर) यह हैं मेरी बेस्ट फ्रेंड अवनी
काव्य की दोस्त माही अवनी के पास आकर- लेकिन पहले तो तुमने इसके बारे में हमें नहीं बताया
काव्य- अरे यार आज ही मिली है।
सब अवनी के पास जाते हैं और उससे मिलकर काव्या से- चल तु आजा और अपनी बेस्ट फ्रेंड को भी साथ ले ले।
काव्या अवनी से,- अवनी चलोगी ना मेरे साथ, मना मत करना मेरी कसम है तुझे,,,,,
अवनी मुस्कुराते हुए -हां मैं चल रही हूं तेरे साथ,,,,
काव्या अवनी कुछ देर में तैयार होकर बाहर आते हैं,
काव्य ने शॉर्ट ड्रेस पहनी थी और अवनी ने जींस शर्ट खुले बाल हल्का मेकअप जो दोनों की खूबसूरती को और बड़ा रहा था।
सब पास के एक होटल में जाते हैं और खूब एंजॉय करते हैं रात को 1:30 बजे वापस लौटते हैं अवनी को छोड़कर सब ने ड्रिंक किया हुआ था तो सब आकर बाहर सोफे पर ही सो जाते हैं
अवनी कमरे में जाती है और अपने बैग से अपनी डायरी निकालकर उसे सीने से लगाकर -और कितने झूठ बोलने पड़ेंगे..... इतना कहकर वहीं बैठ जाती है और अपनी आंखें बंद करके वही सो जाती है।
सुबह के 9:00 बज रहे थे और अभी तक सब सो रहे थे रामू काका काव्या के पास आकर उसे उठाता है काव्या बाकी सब को उठाकर अवनी के रूम में जाकर उसे उठाती है
अवनी उठकर अपनी आंखों पर हाथ फेरते-हुए गुड मॉर्निंग काव्या
काव्य मुस्कुराते हुए -गुड मॉर्निंग अव्वी....
अवनी आश्चर्य से - अवि....
काव्या उसके पास बैठकर- देख पहले हम दोस्त बने फिर बेस्ट फ्रेंड, इतनी जल्दी हमारा रिश्ता आगे बढ़ रहा है तो मैं तुम्हें कुछ भी बुला सकती हूं..
अवनी हंसते हुए- डन
काव्या तैयार होकर कॉलेज चली जाती हैं और अवनी वहीं बैठकर कल के इंटरव्यू के लिए फाइल तैयार करने लगती है
अगले दिन
अवनी तैयार होकर काव्या के पास आती है और उसे उठाते हुए -सुबह के 8:00 बज रहे हैं मैं इंटरव्यू के लिए जा रही हूं।
काव्या नींद में ही -बेस्ट ऑफ लक अवनी...
अवनी थैंक यू बोलकर बाहर आकर एक रिक्शा में बैठ कर इंटरव्यू के लिए चली जाती है।