Pyaar ka Zeher - 63 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | प्यार का ज़हर - 63

Featured Books
  • महाभारत की कहानी - भाग 128

    महाभारत की कहानी - भाग-१२९ अर्जुन द्वारा जयद्रथ को मारने का...

  • Obsessed with You - 3

    वो गाड़ी एक दम से ऐसे ब्रेक मारती हुई आई जिसे सौम्य देख नहीं...

  • चीकू

    यह कहानी काल्पनिक है। इसका किसी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई...

  • एक अनोखी मुलाकात

    कहानी का शीर्षक: एक अनोखी मुलाकातयह कहानी एक छोटे बच्चे सौरभ...

  • इश्क की लाइब्रेरी। - 18

    रीकैपपिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा कि किस तरह कल्याणी जी माय...

Categories
Share

प्यार का ज़हर - 63

राज : लेकिन भैया अभी तक ये बात क्यू बहार नही आने दी की ये सब हुआ कैसे यहा तो सिर्फ पुलिस के बारे मे ही लिखा है. और सिर्फ एक ही पुलिस वाले के बारे मे लिखा है. और खाश बात ये है की इस पुरे कांड को लपेट ने मे इस मैन टैन टीम की कोशिश रही होगी क्यू?

सरस : हा बिल्कुल और इसके पीछे का सारा सच मे जानती हू.

राहुल : तुम कैसे जानती हो. तुम वहा थी क्या जब ये लडाई हो रही थी.

सरस : हा भैया मे थी वहा. दरअसल राहुल भैया ने चुप के से रिहान जी को कॉल किया था. और बहुत सारा इनके बिच बात चित चली वो सब सुना मेने.

राहुल : ये गलत है बहना ऐसे किसी की बाते नहीं सुनते पता नही है क्या ये बात.

सरस : हा भैया हमसे गलती हुए है लेकिन अगर उस वक़्त मेने ये सब नही सुना होता तो मुझे नही पता चलता इस हादसे के बारे. और मुझे क्या किसी को भी पता नही चलता इस हादसे के बारें में. सो मेने उस वक़्त सही मान कर सुन्ती रही आपकी सारी बाते.

राज : अच्छा तो इस हादसे को समेट ने वाला कहा है और कोन है.

सरस : हा चड यंत्र रिहान जी ने रचा था और इस चड यंत्र मे राहुल भैया ने साथ दिया. तो जिसके काम गिरि की खबर आने के बजाई अखबार वालो ने सिर्फ एक पुलिस ऑफिसर का काम छाप दिया.

राज : वैसे एक बात आपने जानी की इसमे रिहान का बदलाव होना शुरु हो गया है. और बदलाव क्या वो पहले से ही इस चिज के लिये गये थे. हमे तो अब ये सारा माजरा समझ आया.

सरस : भैया चलो ना रिहान के पास जाते है. हम उससे बात करेंगे.

राहुल : बहना ये कुच ज्यादा तो नही हो रहा. क्यू की हमे ऐसा क्यू प्रतीत हो रहा है जैसे की तुम उसे प्यार व्यार करने लगी हो. बस इस का खयाल रखना की हम दो भाई की इज्जत तुम्हारे हाथो मे है प्यार करके भाग ने वाली बात तुम्हारे जुबान पे नही आनी चाहिये ठीक है. फिर प्यार रिहान के साथ हो या किसी और के साथ हो फरक नही पडेगा उसको मौत के घाठ उतारने मे ठीक है.

सरस : अरे भैया ऐसा कुच भी नही है. आप गलत सोच रहे है. हमारे मन मे किसिके लिये कोई प्यार व्यार का ख्याल नही है. और हम ऐसा कुच भी नही करेंगे जिसकी वजह से इस घर की इज्जत मिट्टी मे मिल जाये.

राज : काकू ओ काकू गाडी निकालो हमे कही पे जाना है.

राव : जी साहब आइये आपको लेकर चलते है.

राज : रहुल भैया सरस बहना चलो अब बैठ जाओ गाडी मे.

सरस : जी भैया चलो और काकू गाडी थोडा संभाल कर चलाना ठीक है.

राव : जी छोटी माल्किन आप फिकर ना करो हम बिल्कुल ध्यान रखेंगे इस बात का.

《《कुच देर बाद》》

देवेन्दर : अरे भाई कोई आ रहा है. जल्दी से वो तुम्हारी चौट है वो चुपाओ वरना उन सबको पता लग जायेगा.

आगे जान्ने के लिए पढते रहे प्यार का ज़हर और जुडे रहे मेरे साथ