Pyaar ka Zeher - 18 in Hindi Love Stories by Mehul Pasaya books and stories PDF | प्यार का ज़हर - 18

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प्यार का ज़हर - 18

राहुल : जी अंकल अब कोई इतनी दिलजसबी दिखाएगा उसको में अब मना थोड़ी कर सकता हूं. आप फिकर मत करो हम यही रहेंगे शादी तक ठीक है.
 
[ राहुल अपने परिवार से इतना गुस्सा था कि उसके गुस्से का कोई ठिकाना नहीं रहा. जब वो अपने ही घर पर आकर सब देखता है. तो लेकिन राहुल की किस्मत में कुछ. और ही लिखा था. यहा पे हयाती ने राहुल को मना भी लिया था. शादी तक रहने के लिए पर इतने में एक फोन आता है. और आप खुद जान देखो आगे. ]
 
राहुल : हेल्लो कोन में राहुल जोशी बोल रहा हूं आप कोन.
 
सारा : जी में आपकी कंपनी की एंपलोए बोल रही हूं. सारा एहमद. साहब आपको यहा पर जल्द से जल्द आना होगा. आपकी पेसंट ने अपना हाथ काट लिया है पेसंट का नाम है. दिव्या अग्रवाल आप ज़रा जल्दी से आजाइए ये पेसंट हमारे काबू में नहीं आ रहा है.
 
राहुल : क्या ये क्या कह रहे है. में अभी आ रहा हूं. बस आप थोड़ा सा खयाल रख लीजिए में अभी आ रहा हू. और आप ऐसे गैर जीमेदार कैसे बन गए रुको तुम लोग. अब में अभी आया मेरे आने तक उसको दूसरी खरोच आए ना तो खैर नहीं तुम लोगो की उस कुछ होना नहीं चाहिए ठीक है.
 
सारा : ठीक है साहब पर आप जल्दी से आइए वरना ये हमारे काबू में नहीं रहेगी हम क्या करे कुछ समझ नहीं आ रहा है.
 
राहुल : बस में 1 घंटे में आया ठीक है. तुम लोग बस उसको सुलाने की कोशिश करो.
 
सारा : ठीक है साहब कोशिश करते है.
 
राहुल : हयाती जी और उंकल हमे माफ करना हमे जाना होगा दरअसल जो हमारी पेसंट है. ना वो हमारी खुद प्रेमिका है. और बात ये है कि उसकी दिमागी हालत खराब है. 1 साल से उसको हॉस्पिटल में रखा हुआ है. बस यही उम्मीद पे उसको ठीक करने की कोशिश कर रहे है. खाश वो ठीक हो जाए लेकिन हम नाकामयाब रहते है. खैर हमे माफ कीजिए हम टाइम निकाल कर आने की कोशिश करेंगे लेकिन अभी जाना पड़ेगा.
 
रवि शंकर : ठीक है बेटा हम आपके साथ चलते है. उनसे मिलना चाहते आप मना मत करना ठीक है. हयाती जी सिर्फ आयेगी और कोई नहीं अंकल आप भी आ सकते है. आंटी को लेकर चलो मेरे पास वक़्त नहीं कोई भी बात करने का.
 
हयाती : राज आप यहा पे रहना मम्मी पापा को संभाल जिएगा ठीक है. वो बहुत उदास है में इनके पेसंट को देख कर आती हूं. और मम्मी और पप्पा आप ना घर जाओ में सीधा वहा आजौंगी.
 
राज : ठीक है तो फिर आप जाइए आपसे तो भैया बात करते है. हमसे ही नाराज़ है वो ऐसे वक़्त में उनके साथ तक नहीं जा पा रहा हूं.
 
कुछ देर बाद...
 
सारा : आइए साहब जल्दी आइए.
 
राहुल : दिव्या क्या हुआ यहा देखो दी दिव्या यहा पे किसीने कुछ कहा क्या हा बोलो तो दिव्या कुछ बताओ तो किसीने कुछ कहा क्या.
 
दिव्या : रा रा राहुल इन लोगो ने.
 
आगे जान्ने के लिए पढते रहे प्यार का ज़हर और जुडे रहे मेरे साथ