Redimed Swarg - 13 in Hindi Detective stories by S Bhagyam Sharma books and stories PDF | रेडीमेड स्वर्ग - 13

Featured Books
  • જીવન પથ - ભાગ 33

    જીવન પથ-રાકેશ ઠક્કરભાગ-૩૩        ‘જીતવાથી તમે સારી વ્યક્તિ ન...

  • MH 370 - 19

    19. કો પાયલોટની કાયમી ઉડાનહવે રાત પડી ચૂકી હતી. તેઓ ચાંદની ર...

  • સ્નેહ સંબંધ - 6

    આગળ ના ભાગ માં આપણે જોયુ કે...સાગર અને  વિરેન બંન્ને શ્રેયા,...

  • હું અને મારા અહસાસ - 129

    ઝાકળ મેં જીવનના વૃક્ષને આશાના ઝાકળથી શણગાર્યું છે. મેં મારા...

  • મારી કવિતા ની સફર - 3

    મારી કવિતા ની સફર 1. અમદાવાદ પ્લેન દુર્ઘટનામાં મૃત આત્માઓ મા...

Categories
Share

रेडीमेड स्वर्ग - 13

अध्याय 13

दामू के घर अंदर घुसते ही रंजीता, सुंदरेसन भाग कर उसके सामने खड़े हुए। रंजीता ने पूछा।

"तुम्हारे पुलिस के फ्रेंड को देखा ?"

"नहीं दीदी...! वे दूसरे शहर में किसी केस के विषय में गए हुए हैं...।

"तुम्हारे फ्रेंड के शहर में नहीं होना अच्छा रहा।"

"दीदी तुम क्या कह रही हो ?"

"हां रे.. तुम अपने पुलिस फ्रेंड को देखने बाहर गए तो सुरभि को किडनैप करने वाले का फोन आया और दस लाख दे दो तो सुरभि को छोड़ देंगे बोल रहा है।”

..... दामू की आंखें चौड़ी हुई।

"तुम और जीजाजी उसके लिए मान गए....?"

"बिना माने ....क्या कर सकते हैं...?"

"आप दोबारा धोखा खाओगे...."

"तू क्या बोल रहा है रे...?"

"वह इस दस लाख रुपयों से नहीं रुकेगा और मांगेगा। सुरभि, के कमाए  सारे रूपयों को मांगेगा तो दे दोगे क्या....?"

"फोन पर बात करते समय ऐसी कोई इच्छा होती तो वह एक ही बार में ज्यादा रुपए मांग लेता। अब दस लाख रुपये देने पर सुरभि को छोड़ देंगे कह रहा है....."

"सुरभि पर इतनी जल्दी कोई विपत्ति नहीं आनी चाहिए....! कल मेरा दोस्त क्राइम ब्रांच ऑफिसर लक्ष्मण बाहर से वापस आ जाएगा समस्या को उनको बता उनको समर्पित कर देंगे। वे समस्या का हल कर सुरभि को वापस लाएंगे।"

सुंदरेसन बीच में बोले।

"नहीं दामू! इसको हम ही डील कर लेंगे। पुलिस का इंवॉल्वमेंट नहीं चाहिए।"

"जीजा जी मैं क्या बोल रहा हूं ?"

"तुम कुछ मत बोलो ! आज रात मैं रुपए लेकर जाने वाला हूं।"

टेलीफोन की घंटी बजी।

रंजीता ने रिसीवर को उठाया।

"हेलो...."

"यह सुरभि का घर है क्या....?"

"हां...."

"कौन बोल रहा है ?"

"सुरभि की मां रंजीता... आप कौन ?"

"मैं फिल्म चेंबर का प्रेसिडेंट चंद्रकांत बोल रहा हूं। प्रड्यूसर कनकु ने आप और आपकी बेटी सुरभि पर चेंबर में शिकायत की है।

उनके पिक्चर की रिकॉर्डिंग, सुरभि के न आने से नहीं हो पाई?"

"वह.. वह... उसकी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं है। इसीलिए रिकॉर्डिंग पर नहीं गई....."

"तबीयत को क्या हुआ ?"

"किसी को ब्लड डोनेट करने गई थी आते ही उसे चक्कर आने लगे इसलिए सोई है। डॉक्टर रेस्ट के लिए बोले इसलिए वह रिकॉर्डिंग पर नहीं जा पाई ...."

"कल सुरभि रिकॉर्डिंग अटेंड कर सकेगी ?"

"कर सकती है।"

"इतने दिनों.... अच्छे नाम से रहने वाली इस सुरभि पर आज चेंबर की सीढ़ी चढ़कर कोई आकर कंप्लेंट किया है। इस कंप्लेंट को आखिरी रहने दो। इसके बाद आप कोई ऐसी सिचुएशन पैदा मत करिएगा । कल जरूर सुरभि को भेज दीजिए... नहीं तो सुरभि के ऊपर हमें एक्शन लेना पड़ेगा। दूसरी तरफ से रिसीवर को रख दिया। - रंजीता भी रिसीवर को रखकर दामू की तरफ पलटी।

"वह ... प्रड्यूसर कनकू ने अपने सुरभि के ऊपर फिल्म चेंबर में शिकायत की है। कल वह रिकॉर्डिंग में शामिल नहीं होगी तो चेंबर का प्रेसिडेंट फोन करके बोलेंगे। और किसी के लिए नहीं तो भी कल के रिकॉर्डिंग में शामिल होने के लिए उसे छुड़ाना ही पड़ेगा...'

"कुछ भी करो...."गुस्से में कह कर दामू अंदर गया।