The Author Alone Fighter Follow Current Read Land of survival...land of the walking dead - 1 By Alone Fighter Hindi Adventure Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books પ્રેમ થાય કે કરાય? ભાગ - 21 સગાઈ"મમ્મી હું મારા મિત્રો સાથે મોલમાં જાવ છું. તારે કંઈ લાવ... ખજાનો - 85 પોતાના ભાણેજ ઇબતિહાજના ખભે હાથ મૂકી તેને પ્રકૃતિ અને માનવ વચ... ભાગવત રહસ્ય - 118 ભાગવત રહસ્ય-૧૧૮ શિવજી સમાધિમાંથી જાગ્યા-પૂછે છે-દેવી,આજે બ... ગામડા નો શિયાળો કેમ છો મિત્રો મજા માં ને , હું લય ને આવી છું નવી વાર્તા કે ગ... પ્રેમતૃષ્ણા - ભાગ 9 અહી અરવિંદ ભાઈ અને પ્રિન્સિપાલ સર પોતાની વાતો કરી રહ્યા .અવન... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Alone Fighter in Hindi Adventure Stories Total Episodes : 1 Share Land of survival...land of the walking dead - 1 (4) 2.3k 6.5k 3 नमस्ते ।मेरा नाम वीर है ।में मुंबई के एक अच्छे मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहा हु ।पर फिर भी मुझे आज तक पता नहीं चला की मेरे मां बाप कोन है क्योंकि मेरे जन्म के वक्त ही उन्होंने मुझे अनाथालय में छोड़ दिया था ।मेरा बचपन वही पर बीता था।मुझे बचपन से ही लोगो की मदद करना बहुत अच्छा लगता था इसी लिए मेने बचपन में हीं डॉक्टर बनने की ठान ली थी।लेकिन अनाथ बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा प्राप्त करना बहुत मुश्किल होता है ।पर फिर भी मेने कभी हिम्मत नही हारी और मेहनत करता रहा । में दिन में काम करता था और रात में पढ़ाई करता था जिससे अपनी स्कूल की फीस भर सकू । और इस तरह मेने 12वी तक्की अपनी पढ़ाई पूरी की और 12वि में मेरे अच्छे मार्क्स होने की वजह से मुझे आसानी से मुंबई के एक अच्छे मेडीकल कॉलेज में दाखिला मिल गया ।फिर मेने अपनी कॉलेज की पढ़ाई के साथ साथ छोटे बच्चों की ट्यूशन लेना भी शुरू कर दिया था ताकि अपने रहने और खाने का बंदोबस्त कर सकू ।सब कुछ ठीक चल रहा था ।में बहुत खुश था अपनी लाइफ में ।लेकिन उस एक रात ने पूरी तरह से लोगो की जिंदगी बदल के रख दी । अब तक जहा लोग पैसो के लिए कुछ भी करने को तैयार थे वहा अब लोगो के लिए जिंदा रहना भी बहुत मुश्किल हो गया था ।उस रात भारत देश के मुंबई शहर में एक जैविक प्रयोगशाला में एक हादसा हुआ था । जहा इंसानों पे अवैध रूप से प्रयोग किए जाते थे । उस रात एक कार्यकर्ता की गलती से एक बहुत ही बड़ा विस्फोट हुआ । जिसमे एक अजीबो गरीब वायरस फेल गया ।इस वायरसने सिर्फ इंसानों को ही नही परंतु पूरी जीव सृष्टि को ही प्रभावित कर दिया था ।जो लोग इस वायरस से संक्रमित होते थे वह ना तो पूरी तरह से जिंदा रह पाते थे और ना ही पूरी तरह से मर पाते थे एक तरह से कहे तो वो लोग जोंबी में परिवर्तित हो रहे थे ।इस खतरनाक वायरस के बारे में जैसे ही सरकार को पता चला की उन्होंने तुरंत ही पूरी तरह से कर्फ्यू लगा दिया पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी ।देखते ही देखते यह वायरस पूरी दुनिया में फेल गया ।उस दिन जब में खाना लेने के लिए बाहर गया तभी एक ज़ोंबी तेजी से दौड़ता हुआ मुझ पर हमला करने के लिए टूट पड़ा । उसे देखते ही मेरे तो होश उड़ गए । में बहुत ही ज्यादा दर गया था और मुझे समझ में नहीं आ रहा था की में क्या करू । फिर बिना कुछ सोचे समझे अपनी जान बचाने के लिए में तेजी से दौड़ने लगा । थोड़ी देर बाद जब मुझे लगा की अब में सुरक्षित हु तो में एक जगह पर बैठ गया । अभी में पूरी तरह से बैठा भी नहीं था की मेने अपनी एक तरफ देखा तो मेरे पाऊं तले से जमीन खिसक गई । मेने देखा की एक बहुत ही बड़ा जॉम्बीज का झुंड मेरी और बढ़ा चला आ रहा है । में कुछ समझ पाव इससे पहले मेरा ध्यान अपनी एक और पड़ी बंदूक पे गया और मेने बिना कुछ सोचे समझे उसे उठा लिया और उस जॉम्बीज के झुंड की और निशाना साध दिया । वैसे तो मेने पहले कभी बंदूक को उठाया नही था और मुझे ठीक से निशाना लगाना भी नही आता था । फिर दर के मारे मेने उन जॉम्बीज पे गोली चलाना शुरू कर दिया । फिर जो हुआ वो देखके मेरे होश उड़ गए । गोली गलने के बाद भी वो फिर से उठ कर मुजपे हमला करने के लिए आगे बढ़ रहे थे ।यह देखकर तो में सिर से लेकर पैरो तक पूरा कांपने लगा । मुझे समझ नही आ रहा था की अब में क्या करू । मुझे समझ आ गया था की अब मेरा अंत समय नजदीक हैं। फिर मेने अपनी आंखे बंद करली। वैसे तो मेने पुरे साल किसी भी भगवान को याद नहीं किया था लेनिक अभी मुझे ऐसे भगवान के नाम भी याद आ रहे थे जिनका नाम मेने पहले कभी सुना भी नहीं था ।में जहा अपनी मौत से थोड़ी ही दूर था की तभी मैने अचानक बहुत ही तेज गोलियों की आवाज सुनी ।में चौक गया और मैने पीछे मुड़कर देखा तो एक आदमी हथियारों से सज्ज होकर जॉम्बीज की उस भीड़ पर टूट पड़ा था । दिखने में तो वह किसी फौजी की तरह लग रहा था । लेकिन जब वो उन जॉम्बीज पे गोली चला रहा था तब ज्यादातर जॉम्बीज वापस खड़े नहीं हो रहे थे । यह देखकर मुझे फिर से जटका लगा ।आखिर कौन था वह आदमी ?और मेरी जान बचाने के लिए वह अपनी जान क्यों खतरें में डाल रहा था ?और उसके गोली मारने पर वह जॉम्बीज वापस खड़े क्यों नहीं हो रहे थे ?इन सभी सवालों के जवाब जानेंगे हम अगले भाग में...To be countinue... Download Our App