wet road in Hindi Short Stories by Kamini Trivedi books and stories PDF | भीगी सड़क

Featured Books
  • सनातन - 3

    ...मैं दिखने में प्रौढ़ और वेशभूषा से पंडित किस्म का आदमी हूँ...

  • My Passionate Hubby - 5

    ॐ गं गणपतये सर्व कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा॥अब आगे –लेकिन...

  • इंटरनेट वाला लव - 91

    हा हा अब जाओ और थोड़ा अच्छे से वक्त बिता लो क्यू की फिर तो त...

  • अपराध ही अपराध - भाग 6

    अध्याय 6   “ ब्रदर फिर भी 3 लाख रुपए ‘टू मच...

  • आखेट महल - 7

    छ:शंभूसिंह के साथ गौरांबर उस दिन उसके गाँव में क्या आया, उसक...

Categories
Share

भीगी सड़क

अनिक एक बहुत ही अमीर , हैंडसम और एरोगेंट लड़का था । शहर का सबसे अमीर और एलिजिबल बैचलर हर किसी लड़की के दिल की धड़कन । दिखने में इस दुनिया के हर लड़के से ज्यादा खूबसूरत। डैशिंग लुक गहरी भूरी आंखे। लेकिन वो किसी लड़की की तरफ ध्यान भी नही देता था । चाहे कितनी ही खूबसूरत लड़की उसके सामने आ जाए। उसे लड़कियों में इंटरेस्ट ही नही था

आज अनिक को एक बहुत बड़ी कंपनी की लॉन्च पार्टी में जाना था । उस कंपनी के मालिक की बेटी ईशा की नज़रे कबसे अनिक पर टिकी हुई थी। आखिरकार उसने अनिक के पास आकर कहा,
"हैलो अनिक,, आई एम ईशा अवस्थी। मिस्टर नवीन अवस्थी इस माय फादर।"
अनिक ने उसे "हाई" कहकर पूरी तरह से इग्नोर कर दिया । वो फिर भी जब कुछ कहने को हुई तो अनिक ने उसे हाथो से जाने का इशारा किया
ईशा को बड़ा इंसल्टिंग सा फील हुआ । वो पैर पटक कर वहां से चली गई ।

"यार तू गै तो नही है ना?" हर्ष ने पूछा ।
हर्ष मेहता अनिक का बेस्ट फ्रेंड।
"तू मुझे कबसे जानता है?"
"बचपन से"
"मेंने कभी तेरे साथ कुछ किया?"
"नही"
"तो साले मैं गै होता तो सबसे पहले तेरे साथ ही,,,,,"
"छी दूर रह मुझसे"
अनिक हंसने लगता है ।हर्ष को अचानक कॉल आ जाता है उसे पार्टी से अर्जेंट जाना पड़ता है।
"किसका कॉल था?"
"डैड को एयरपोर्ट पिक करने जाना है आई’ ल बी बैक"
"चल मैं भी चलता हूं"
"तू यहां स्पेशल गेस्ट है इस तरह नही निकल सकता मैं वापिस आता हूं ना"
"ओके जल्दी आना यार "
हर्ष चला गया ।बाहर तेज बरसात थी ।
अनिक के ज्यादा दोस्त नही थे ना ही उसे पसंद था किसी से बात करना। वो ड्रिंक करने लगा। थोड़ी देर में उसका नाम लेकर उसे कुछ कहने को कहा गया।
उसने कुछ शब्द कहे और हर्ष को कॉल किया । उसे गए काफी देर हो चुकी थी।
"हां बोल"
"तू आ रहा है"
"मैं तुझे कॉल ही करने वाला था यार,, डैड को घर छोड़ने के बाद निकलने वाला था बट यहां बहुत ज्यादा बारिश है । आई कांट कम यार, कांट सी एनीथिंग,,,"
"ओके ओके डोंट वरी । मैं भी यहां से निकल ही रहा हूं"
"सुन बहुत बारिश है अपना खयाल रखना " हर्ष ने कहा ।

अनिक अपनी गाड़ी में जाकर बैठ गया और ड्राइवर से कहा ," बहुत बारिश है अविनाश अंकल मैं आपको घर छोड़ देता हूं उसके बाद खुद ड्राइव करके चला जाऊंगा।"
"कोई बात नही सर मैं आपको छोड़ के निकल जाऊंगा"
"नही मैं जितना कह रहा हूं उतना करिए"
उसकी बात न मानने की हिम्मत किसी में नहीं थी अविनाश जी ने जी सर कह दिया।

अविनाश गाड़ी चला रहा था की अचानक शॉर्ट ब्रेक मारी ।
"क्या हुआ?"
"सर सामने सड़क पर कुछ भी दिख नही रहा है मुझे ऐसा लगा जैसे कुछ बच्चे पानी में खेल रहे है ।
अनिक ने नजरे सड़क पर दौड़ाई तो वो एक पल के लिए खो ही गया । एक लड़की ५–६ छोटे बच्चों के साथ बारिश में भीग रही और नाच रही थी । वह उमर में कुछ 20–21 साल की होगी लेकिन बहुत छोटे बच्चो के साथ पानी में कूद रही थी बिलकुल बच्चो की तरह । उसने सफेद रंग का चूड़ीदार सूट पहना था । वह पूरी तरह भीग चुकी थी उसके सारे कपड़े उसके बदन से चिपक गए थे । खुले गीले बाल बड़ी बड़ी पलके आंखो में मस्ती लिए वह बच्चो सी मासूम लग रही थी ।
"भोली सी सूरत ,,,
आंखों में मस्ती ,,,
दूर खड़ी शर्माए,,,"
उसी वक्त गाड़ी में ये गाना बजने लगा ।अनिक उसका चेहरा साइड से देख पाया था । उसकी फिगर कमाल की थी। लंबे बाल थे । रंग गोरा,,,, अनिक को कभी किसी ने इतना आकर्षित नही किया जितना वो लड़की कर रही थी ।
अविनाश ने गाड़ी स्टार्ट कर दी । अनिक उसी को देखता रहा ।
"क्या हुआ सर?"
अनिक को एक ही और देखते हुए अविनाश ने पूछा ।
"वो ,,,,,वो लड़की,,,?"
"वो जो बच्चो के साथ कूद रही थी?"
"ह,,,,, हां"
"वो तो मेरे दोस्त कमल की बेटी है अभी कॉलेज में पढ़ती है लेकिन बिलकुल बच्चो जैसी है उसे कितनी बार समझाया है कि अब वो बड़ी हो गई है पर कहती है चाचा मै कभी बड़ी नही होऊंगी। मन में तो हमेशा एक बच्चा रहने वाला है ।"

"हम्मम" अनिक को ज्यादा कुछ पूछना सही नही लगा ।

अविनाश का घर आ गया अनिक उसे छोड़कर वापिस उसी जगह आकर रुका जहां वो लड़की कूद रही थी पर अब वहां कोई नहीं था ।वो जा चुकी थी,, अनिक कार से उतरा उसी जगह गया जहां वह नाच रही थी। उसने आसपास देखा पर कही कोई नही था अनिक को अचानक ना जाने क्या हुआ और वह अपनी बाहें फैला कर बारिश में भीगने लगा ।
उसने पहले कभी ऐसा नहीं किया था । भीगी सड़कों पर वह अकेला बारिश को महसूस कर रहा था । उसे कभी बारिश पसंद नहीं थी । लेकिन आज ना जाने क्यों उसे बारिश अच्छी लग रही थी । कुछ देर भीगने के बाद वह घर आ गया । नहाकर बिस्तर पर लेट कर भी वह खुली आंखों से उस लड़की को नाचते देख रहा था और मुस्कुरा रहा था ।

अगले दिन सुबह ७ बजे उसने हर्ष को फोन करके बुलाया । हर्ष उसे मिलने आया अनिक हर्ष को लेकर उसी जगह गया रातभर बारिश होने से सड़के अब भी भीगी हुई थी ।
"हम लोग यहां क्यों आए है?" हर्ष ने पूछा
अनिक इस उम्मीद में उस सड़क पर खड़ा था कि वो लड़की उसे देखने मिल जाए ।एक घंटे तक वैसे ही खड़े रहने के बाद हर्ष ने गुस्से से कहा अबे सारे इंपोर्टेंट काम छोड़कर हम ये बस्ती में क्यों खड़े है बताएगा अब मुझे गुस्सा आ रहा है ।"
अनिक कुछ नही बोला और गाड़ी लेकर घर आ गया । ऑफिस के लिए तैयार होकर निकलने वाला था की अविनाश आ गया । अनिक का दिल किया वो उस लड़की के बारे में सबकुछ पूछ ले पर उसने ऐसा कुछ नही किया।

हर्ष की समझ नही आ रहा था कि अनिक को हुआ क्या है । उसने रास्ते में उसे पूछा ।
" कुछ बोलेगा?"
"अनिक अब भी मुस्कुरा रहा था"
"बे तू गाड़ी रोक ,,,, गाड़ी रोक तू" हर्ष की सबर का बांध टूट गया। अनिक ने गाड़ी साइड में लगाई । दोनो बाहर एक पेड़ के नीचे जाकर खड़े हो गए हर्ष ने कहा "अब तू बता वरना मैं आज तेरे साथ नही रहूंगा"
अनिक कुछ कहता इतने में फिर बारिश शुरू हो गई । अनिक ने कहा चल गाड़ी में बैठ । हर्ष ने कहा "हम पेड़ के नीचे है नही भीगेंगे नही जाना मुझे तू पहले मुझे बता हुआ क्या है सुबह से अजीब हरकते कर रहा है"
अनिक उसे कुछ कहता उससे पहले लाल रंग के चूड़ीदार सूट में एक लड़की दौड़कर उसी पेड़ के नीचे आकर खड़ी हो गई वो थोड़ी भीग चुकी थी । अनिक को लगा तो कि यह वही है लेकिन उसने उसे साइड से देखा था ।
कन्फर्म करने के लिए अनिक ने उस लड़की का चेहरा पकड़ कर साइड में किया । हर्ष की हालत खराब , "अबे साले तू पिटवाएगा पब्लिक से।"
वो लड़की अजीब तरह से अनिक को देखकर गुस्से में चिल्लाई, "ओए मिस्टर वाटेवर,,,,, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे छूने की।"और इस तरह उस लड़की ने अनिक को काफी देर तक न जाने कितनी बाते सुनाई लेकिन अनिक तो उसकी खूबसूरती में खो चुका था उसे वो लड़की म्यूट लग रही थी बस उसकी आंखे दिख रही थी ,, होठ हिलते दिख रहे थे,,,हाथ हिलते दिख रहे थे , झुमके हिलते दिख रहे थे । अनिक मुस्कुराए जा रहा था और वो लड़की चिल्लाए जा रही थी ।
कुछ देर बाद उस लड़की को अजीब लगा तो उसने हर्ष की और देख कर कहा " अजीब है ये पागलखाने से लाए हो क्या??"
हर्ष का मुंह बन गया वो क्या कहता अनिक की हरकते ही ऐसी थी ।

बारिश रुक गई और वो लड़की चली गई अनिक अब भी मुस्कुरा रहा था । हर्ष ने उसके बम पर लात मारते हुए कहा, "क्या कर रहा था बे तू?"
अनिक अचानक होश में आया। "कहां गई वो?"
"पागल समझ रही थी तुझे ,,गई वो,,पर तुझे क्या हो गया था ।
हर्ष ने ड्राइविंग सीट संभाली और अनिक साइड में बैठा।
"यार वो पार्टी वाले दिन अविनाश अंकल को छोड़ने बस्ती आया था तब बारिश में इसे नाचते देखा तब से बस यही हर जगह दिखाई दे रही है । आई थिंक आई एम इन लव विथ हर"
"कौन ये पेड़ के नीचे वाली लड़की?"
"हां ये वही है"
"वो मुझे बोलकर गई की इसको क्या पागलखाने से लेकर आए हो? तुझे हो क्या गया था सीधा उसे छूने लगा । वो तो अच्छा है वो चिल्लाई नही वरना अभी जेल जाना पड़ता हमे।"
"एक मिनिट एक मिनट,,,, द अनिक बजाज ,,, मोस्ट एलिजिबल बैचलर,,, मोस्ट हैंडसम मेन ,,, को प्यार हो गया? " हर्ष को काफी देर बाद समझ आया तो उसने कन्फर्म किया।
"हां यार आजतक तूने कभी किसी लड़की के सामने मुझे ऐसा करते देखा है क्या??"
हर्ष की आंखो में चमक आ गई । "हां बे ,,ये तो मैने सोचा ही नहीं।"
"पर अब क्या? वो तो गई उसका तो नाम भी नही पूछा हमने" हर्ष ने कहा।
"अविनाश अंकल के दोस्त की बेटी है । पर मैं उनसे कैसे पूछू।" अनिक ने कहा।
"मैं पूछ लूंगा"
दोनो वापिस घर आए अविनाश जी ने उठते हुए कहा, सर आप गाड़ी लेकर खुद क्यों गए मुझे बता दिया होता मैं ले जाता आपको।
हर्ष ने अविनाश से पूछा, "अंकल,,,,वो,,,,वो कल जो लड़की थी ना उसका नाम ?"
"कौन लड़की हर्ष बेटा?"अविनाश ने सोचते हुए कहा।
"वो आप पार्टी से अनिक को लेकर आ रहे थे ना तब रास्ते में जो बारिश में दिखी थी। वो,,,,"
अविनाश अनिक को बचपन से जानते थे उन्होंने कभी उसे किसी लड़की में रुचि लेते नही देखा था । वह समझ गए हर्ष क्यों पूछ रहा है । मुस्कुराते हुए बोले, "बेटा उसका नाम माही है वो मेरे घर के पास ही रहती है। लेकिन उसे अमीर लड़के पसंद नही है । वो दोस्ती भी नही करेगी तुमसे।" अनिक मायूस हो गया।
"अंकल अनिक को उससे,,,,,"
"प्यार हो गया है ,,, हे ना सर?" अविनाश ने मुस्कुराते हुए कहा ।
"हां" अनिक ने कहा ।
"बेटा माहि को नौकरी चाहिए थी मैं ने आज ही उसे ऑफिस आने को कहा था कभी उसे नौकरी मिल जाए सोच कर । शायद किस्मत भी आपको उससे मिलाना चाहती हो । आप ऑफिस तो चलो।" अविनाश ने कहा
इतना सुनकर अनिक भागकर अपने कमरे में गया अच्छे से तैयार होकर नीचे आया फिर अविनाश उन्हे ऑफिस लेकर आ गया।

ऑफिस में अनिक और हर्ष बैठे थे तभी माही वहां आई । सेक्रेटरी ने अनिक को बताया तो वह दरवाजे की तरफ पीठ करके बैठ गया।
हर्ष ने कहा "यार तुझे वो पहचान गई तो??"
अनिक थोड़ा घबराने लगा। माही को अंदर भेजा गया।
उसने पहले तो दोनो को ग्रीट किया फिर खड़ी रही हर्ष ने उसे बैठने को कहा तभी माही को एहसास हुआ की उसने कही तो हर्ष को देखा है । वो कुछ समझ पाती उससे पहले अनिक पलटा और उसने माही से कहा ," बैठो मिस माही" माही अब इन दोनों को पहचान गई ।
"आ,,,,,आ,,,आप,,, तो,,,,,वो,,,," उसके हलक से शब्द नहीं निकल रहे थे। उसने सुबह उन दोनो को न जानें कितना कुछ कह दिया था ।वह डर के मारे कांपने लगी थी । उसके चेहरे का रंग उड़ गया था।
"वो,,, मै ,,, सर,,,,, आई एम सॉरी " माही ने कहा ।

"बैठो माही" अनिक ने कहा ।
माही बैठ गई । उसका दिल जोर से धड़क रहा था।
"तुम जॉब क्यों करना चाहतीं हो?" अनिक ने पूछा।
"वो मेरे पापा की तबियत खराब रहने लगी है। तो मैं जॉब करके उन्हे आराम देना चाहतीं हु।" माही ने कहा।
"तुम्हारी जॉब पक्की" हर्ष ने कहा ।
"लेकिन सर , आपने ना कुछ पूछा, ना फाइल्स देखी,, सर मुझे अनुभव भी नही है।"
"वो सब हम सीखा देंगे आज से तुम अनिक की पर्सनल असिस्टेंट हो"
"अ,,,,, अ,,,,,,पर्सनल असिस्टेंट" माही अटकते हुए बोली।
"अ,, अ पर्सनल असिस्टेंट नही होता,,,, प,,, प,,,,पर्सनल असिस्टेंट होता है।" हर्ष ने कहा तो माही को हंसी आ गई।
अनिक उसी की और देख रहा था । माही अनिक से डर रही थी उसे लगा कि सुबह की उसकी बातो का वो बदला जरूर लेगा । उसने कहा, " वो सुबह मैंने,,,,"
"सुबह तुमने जो भी कहा इसने कुछ नही सुना"
"क्यों? बहरे है?" माही ने मासूमियत से पूछा ।
हर्ष को बहुत जोरों से हंसी आ गई ," सुबह पागल और अभी बहरा, तुम पता नहीं इसे क्या बना के छोड़ोगी"
"सॉरी, सर" माही ने मासूमियत से कहा ।
अनिक ने हर्ष को घुरकर देखा तो वह समझ गया कि अनिक अकेले में उससे बात करना चाहता है ।
उसने कहा " मैं अभी आया । तुम यही बैठना"
माही का दिल घबरा रहा था अनिक के साथ अकेले बैठने में। अनिक ने उसे देखा वही लाल रंग का सूट पहना था उसने बहुत खूबसूरत लग रही थी वो।
माही नजरे झुकाए बैठी थी। "माही,,,," अनिक ने बड़े ही प्यार से उसका नाम पुकारा।
"जी सर" माही ने अब भी उससे नजरे नही मिलाई।
अनिक फिर से बोला, कल रात को मैंने तुम्हे बारिश में नाचते हुए देखा था ,,,, और आज सुबह जब पेड़ के नीचे देखा तो बस मैं कन्फर्म करना चाह रहा था कि तुम वही हो या कोई और इसलिए मैंने तुम्हे छुआ था मेरा इरादा गलत नही था । सॉरी "
अनिक जो उसका बॉस था उसे इस तरह खुद से माफी मांगते देख माही को बहुत अच्छा लगा उसने नजरे उठाकर अनिक को देखा तो वह उसे बहुत प्यार से देख रहा था । माही भी उसकी खूबसूरत आंखो में जैसे खो सी गई । दोनो एक दूसरे को ऐसे ही देखते रहें और फिर अचानक हर्ष आया । उसने दोनों को खोया हुआ देख कर अपना गला साफ किया । उसकी आवाज से दोनो होश में आए ।
"सर मैं ने भी आपको गलत समझ के काफी कुछ कह दिया उसके लिए सॉरी"
माही ने अनिक से कहा ।
माही अब अनिक की पी ए थी अनिक को उसके पास होने से बहुत खुशी और एनर्जी मिलती थी । जबसे माही कंपनी में आई थी अनिक दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करने लगा । साल भर गुजर गया । आया वही दिन जब पहली बार अनिक ने माही को देखा था ।उसी दिन अनिक ने माही को प्रपोज करने का सोचा ।
उसने माही से कहा कि उन्हें कुछ काम से कही जाना है । वह उसी जगह माही को ले गया अपनी बस्ती देख कर माही स्तब्ध हो गई उसकी कुछ समझ नही आया ।

बारिश शुरू हो गई थी अनिक ने माही को उस जगह खड़ा किया जहा उसे अनिक ने पहली बार देखा था बारिश तेज होने लगी । माही जाने को हुई तो अनिक ने उसे कहा यही रुको। माही की समझ से सबकुछ बाहर था।
सड़के फिर भीग चुकी थी । भीगी सड़कों पर अनिक अपने घुटनों के बल बैठ गया और माही के सामने रिंग दिखा कर उससे पूछा ," माही मैने पहली बार तुम्हे यही देखा था और तबसे मुझे हर वक्त बस तुम ही दिखाई देती हो आई लव यू माही,,,,,विल यू मेरी मि?"

माही के दिल में भी अनिक के लिए फीलिंग्स थी । वो खुशी से पागल हो गई उसने हां में जवाब दिया । अनिक ने पूछा"तुम खुश हो ?" "हां बहुत" माही ने कहा ।
"तो एक बार फिर बच्चो की तरह नाचो न "
माही शर्मा गई उसने अनिक को अपनी बाहों में लेकर उसके होठों पर अपने होठ रख दिए । अनिक ने उसकी कमर पकड़ कर उसे कसकर बाहों में भर लिया दोनो एक दूसरे को बहुत इंटेंस किस कर रहे थे । तभी वहां बच्चे आकर नाचने लगे । माही को हाथ पकड़ कर खींच कर वो नाच रहे थे अनिक अपने हाथ बांध कर मुस्कुरा कर माही को देख रहा था । और माही अनिक की और देखते हुए उन बच्चो के साथ बच्ची बन गई थी ।

उन भीगी सड़कों पर दोनो की प्रेम कहानी शुरू हुई थी और उन्ही भीगी सड़कों पर वो दोनो एक हो गए,,,,,,।।

कहानी तो खतम हो गई पर एहसास बाकी है ।।

भीगी सड़कों पर जब देखा तुझे तो ,,,,
दिल में प्यार की बारिश हुई ,,,
दिल तड़प उठा तुझे पाने को और,,,
खुदा से यही एक गुजारिश हुई ।

तुझे पा लिया मैने ,,,
तो जहां पा लिया मैने,,,,
🌹🌹🌹🌹🌹🌹

धन्यवाद ।।