Mayavi Emperor Suryasing - 10 in Hindi Fiction Stories by Vishnu Dabhi books and stories PDF | मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 10

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मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 10

दूसरे दिन का सुबह था । चारो ओर शांति और मधुर वातावरण था । गांव के लोग अपने अपने काम के लिए घर से निकले थे । तब अचानक चारो और से धूल उड़ने लगी। तेज हवाएं चलने लगी। जोर जोर से बिजली कड़कने लगी और वहा पर सूर्या के साथ बोतल के जिन का आगमन हुआ ।...
लोगी की भीड़ इकट्ठा हो गई और उनके साथ सूर्या के अब्बू हजरत अली खान और उनकी बहन सीतल दोनो एक साथ खड़े थे । उन्होंने देखा की सूर्या एक जिन को लेकर आया है। तब गांव वालो ने सूर्या को नया नाम दिया वो था सरदार सूर्यसिंग ।
सूर्या ने सबका धन्यवाद करके अपने घर गया। ओर घर जाते ही सूर्या का पहला हुक्म था की बोतल के जिन तुम वो टूटे भाले को जोड़ दो .. तब जिन ने अपनी जादुई शक्तियों से टूटे भाले को अपने हाथो मे पकड़ा और उन पर जादू का इस्माल करने लगा।
थोड़ी ही देर में जोर जोर से बिजली कड़कने लगी और सूर्या के घर में एक बड़ी रोशनी आ गिरी और वो टूटा भाला फिर से तैयार हो गया. लोहे से बना ,हीरे से भी अधिक चमकने वाला , दुनिया का सबसे नायाब भाला ,बड़े बड़े जादू को तोड़ने वाली जादुई शक्तियों वाला मजबूत भाला अब सूर्या के हाथो में था ।
अब बस सूर्या का एक ही मकसत था . सूर्यगढ़ पर मंडरा रहे युद्ध को जितना ।
दूसरी सुबह हुई सूर्या अपनी जादुई शक्तियों से सूर्यगढ़ के दरबार में पहुंचा और वहा पर सुल्तान महमूद मदनी साहब का दरबार भरा था ।
सूर्या ने कहा कि में और जादूगर ध्यानचंद हम दोनों अब युद्ध के लिए तैयार है अब बस तुम्हारी आज्ञा की देर है। सुल्तान महमूद मदनी साहब ने कहा कि अब थोड़े ही दिनों में युद्ध शुरू होने वाला है ।
अब सूर्या और जादूगर ध्यानचंद दोनो युद्ध की तैयारी में जुट गई।
थोड़े दिन के बाद होने वाले युद्ध के परिणाम की राक्षस राजा को कोई परवा नहीं थी वो तो अपनी जादुई शक्तियों को सबसे ज्यादा महत्व देने लगा ।
सीतल ने सरदार सूर्यसिंग को एक नायाब तोहफा दिया जो एक मजबूत ढाल थी ।जिस पर बड़े बडे हथियारों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता था । सूर्या को गांव वालो ने तरह तरह के तोहफा दिया जिससे सूर्या एक खुद में बड़ी फोज बन गया।
सूर्या को शक्ति और उनके हथीयार अब सूर्या को भेद पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि ना मुमकिन था ।
अब होने वाला था युद्ध ।
उसमे सबसे ताकतवर शाहेनसा का पुत्र सूर्या ।।
अब अली खान ने सूर्या को सब कुछ सच बता दिया कि वो कोन है कहा से आया है और उसका मक्सत क्या है
जब सूर्या को पता चला कि वो खुद सूर्यगढ़ का होने वाला सुल्तान है । ये सुनते ही सूर्या में एक नया उस्साह आ गया । अब सूर्या एक सैनिक होने की वजह से नहीं परन्तु अपने प्रजा और सूर्यगढ़ के सुनेहरे भविष्य के लिए लड़ने वाला था ।
अब सूर्या को जितना किसिके बस में नहीं था ।