Wo Ankahi Baate - 20 in Hindi Fiction Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | वो अनकही बातें - 20

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वो अनकही बातें - 20

समीर ने कहा क्या समझु मैं तुम्हारी खामोशी को की तुम खुश नहीं हो।।
शालू ने कहा सोमू तुम भी ना कैसी बातें करते हो हां। मैं आज अगर हुं तो सिर्फ़ तुम्हारे लिए हुं। हमारे प्यार को कभी किसी की नजर ना लगे।काश ! ये पल यहां थम जाएं अगर उस बरसात की रात मैं तुम्हारे गाड़ी के नीचे नहीं गिरी होती तो क्या हम मिल पाते।
ओह सोमू तुमने मुझे वो प्यार दिया है जिसकी चाहत मुझे बरसों से थी।
तभी कहीं से ये धुन आने लगा आपके प्यार में हम सबरने लगें,आपके प्यार में हम निखरने लगें।इस कदर आप से हमको मुहब्बत हुई।।।।
तभी शालू भी गुनगुनाने लगी और समीर भी बड़े ध्यान से सुनने लगा।
शालू ने कहा याद है इस फिल्म की ओडियो कसेट तुम कैसे लाएं थे मेरे लिए, और मैं भी कितनी पागल थी क्या शर्त रखा था याद है? समीर हंस कर बोला क्या क्या ना किया ऐ दिल तेरे प्यार में।।।
शालू ने कहा हां,पर मैंने कहां था अगर कसेट नहीं मिले तो आना मत, और तुम रात भर उस दुकान के बाहर खड़े रहे सुबह दुकान खुलने का इंतजार करते रहे और आखिर में कसेट लेकर ही आएं। समीर ने कहा हां।मरता क्या-क्या न करता, शालू ने अपना हाथ सोमू के मुंह पर रख दिया और फिर बोली देखो आगे से कभी ऐसा मत बोलना। समीर ने कहा तो क्या करूं, तुमसे मिले बगैर मैं जिन्दा रह सकता था क्या? शर्त तो तुमने ही रखा था कि अगर नहीं मिला तो आना मत।। शालू ने कहा हां और वहां उन शैतान मच्छरों की वजह से तुम्हें डेंगू जो हो गया,
मैं घबराई हुई अस्पताल पहुंच गई। और कितना रोई थी, बहुत रूलाया तुमने हां।
समीर ने कहा अच्छा बाबा।। अब चलो डिनर करने।
शालू ने कहा हां चलते हैं।
फिर दोनों लिफ्ट से ऊपर आ गए।
समीर ने डोर बेल बजा दिया विनय काका ने दरवाजा खोला और बोले बेटा अब खाना खा लो।
समीर ने कहा हां काका बस आप परोस दो हम अभी फैश् होकर आते हैं।
फिर दोनों ऊपर रूम में जाकर फे्श हो कर खाना खाने आ गया।
समीर ने कहा आज तुमने सुबह का दवा भी नहीं लिया प्लीज़ आगे से मत करना हां।
शालू ने एक कान पकड़कर कहा ओके डॉ सहाब अब से गलती नहीं होंगी।
समीर ने कहा अच्छा ठीक है ठीक से खाना खाओ। अच्छा रूको मैं तुम्हें खिलाता हूं।
शालू एक दम से खुश हो गई उसके दोनों गाल एक दम लाल दिख रहे थे। फिर समीर एक निवाला शालू को खिला रहा था और दूसरा निवाला खुद खा रहा था। इसी तरह दोनों एक-दूसरे की आंखों में आंखें डाल कर खाना खाने लगे। और फिर खाना ख़त्म हो गया।
समीर ने कहा विनय काका कल से हमें एक ही थाली में देना।हम दोनों की पुरानी आदत है।
विनय काका बोले अरे बेटा ठीक है। चलो मैं तुमदोनो को बदाम दुध ऊपर देकर आता हूं।
समीर ने कहा हां ठीक है पहले आप खाना खा लो।
फिर शालू मुस्कुराई और ऊपर चली गई।
अन्दर पहुंच कर नाईटी पहन कर बेड में बैठ गई।
तभी समीर आ गए। शालू ने कहा थैंक मेरे सोमू।
समीर ने कहा अरे थैंक्स किस लिए।
शालू ने कहा कुछ नहीं। विनय काका दूध का गिलास टेबल पर रख कर चले गए। समीर ने कहा शालू फटाफट दूध पी लो और ये दवाएं भी हां।
शालू ने कहा हां बाबा। फिर शालू ने दूध का गिलास खत्म किया और दवा भी ले लिया।
समीर ने कहा देखो कल हमारी शादी की पार्टी है।सो जल्दी से सो जाओ। शालू ने कहा क्या सोमू पार्टी तो शाम को होगा। तुम मेरे पास बैठो ना। समीर ने कहा अब क्या हुआ?
शालू ने एक बच्चे की तरह कहा सोमू मुझे नींद नहीं आ रही है।। मुझे तुम सुला दो ना।
समीर ने कहा ओह नो। मेरी छुई मुई को आज क्या हुआ?
शालू ने कहा प्लीज़ मजाक मत करो मुझे एक कहानी सुनाओ।
समीर ने कहा अच्छा ठीक है चलो फिर समीर ने शालू के बालों को सहलाने लगा और फिर एक परियों की कहानी सुनाने लगा और फिर शालू सो गई। समीर ने मुस्कुराते हुए कहा आज शालू को ऐसा पहली बार देखा। उसके लिए कुछ सोचना होगा, थोड़ा सा चेंज चाहिए उसको।देखता हूं मेरा इस महीने का ओ टी क्या है और कब है। ये सोचते हुए समीर भी सो गया।
दूसरे दिन सुबह दोनों जल्दी से तैयार हो कर नीचे नाश्ता करने पहुंचे और फिर विनय काका ने कहा कि ये शालू बिटिया के नाम का कुछ सामान आया है।
शालू एक दम से चौंक गई और बोली मेरे नाम का कोरियर कैसे आ सकता है सोमू। मुझे तो यहां कोई जानता नहीं सालों बाद कौन याद रखा होगा। समीर ने कहा अरे मैम आपका कोई चाहने वाला होगा, पहले नाश्ता करते हैं फिर देखते हैं।
फिर दोनों एक दूसरे को देखते हुए एक-दूसरे को खिलाया और फिर शालू ने दवाई भी ले ली।
समीर ने कहा विनय काका अब वो पैकेट लेकर शालू को दे दिजिए।
शालू ने कहा हां, अब मैं देखना चाहती हूं। विनय काका ने वो ला कर टेबल पर रख दिया। शालू ने नाम देखा तो शालिनी कौशिक लिखा था। तभी वो बोली अरे नाम और सर नेम तो मेरा है। समीर ने कहा हां, हां खोलो भी। शालू ने कहा हां खोलती हूं। और फिर शालू ने वो पैकेट खोला।तो देखा कि एक छोटा सा बंगलों था। शालू ने देखा और बोली अरे सोमू ये तो मेरा ड्रिम हाऊस पर इसके बारे में मैंने तो सिर्फ और सिर्फ तुमको ही बताया था तो क्या तुमने मुझे।। समीर ने कहा ओह माई गॉड मेरी जान बातें बहुत करती हो प्लीज़ इसको देखो तो सही कि क्या है? शालू ने कहा ओके। ये कह कर पैकेट के इधर उधर देखने लगी और फिर उसे एक लिफाफा मिला। शालू ने कहा ओह। अब ये क्या होगा? शालू ने वो लिफाफा ओपन किया उसमें से एक बड़ी वाली चाबी मिला और एक लेटर मिला। अब शालू थोड़ा सा सीरियर हो गई।
और उसे ओपन किया लिखा था।
तुमने अपना सपना किसी के साथ शेयर किया था और आज मैंने तुम्हारे सपने को अपना बना लिया है। प्लीज़ अब तुम भी इसे अपना लो।
शालू को समझते देर नहीं लगी और बोली कि सोमू तुमने ये क्या कर दिया।जो सपना मैंने कालेज के दिनों देखा था उसे तुमने पुरा किया। शालू उठकर अपने सोमू से लिपट कर रोने लगी। समीर ने कहा अरे बाबा रो क्यों रही हो देखो कहीं ना कहीं मेरा भी यही सपना था कि अपना एक बंगलों हो जहां हम जा कर अपने वीकेंड इन्जाय करें ‌। और फिर ये सपना पूरा करने में देर हो गई शालू ‌।
अब चलो मैं तुम्हें सारा डिटेल बताता हूं।ये खंडाला और लोनावाला के बीच में ही है नाम है माउंट वीयू रिसोर्ट जिसमें हमारा सपनों का घर है।हम दोनों जायेंगे वहां सिर्फ हम दोनों। शालू ने कहा ओह सोमू।आई लव यू। सोमू ने कहा मैडम घर की चाबी अच्छी तरह रखना हां।। शालू ने कहा यस माई लव।
समीर ने कहा अरे वाह बहुत रोमांटिक हो रहीं हों इरादा क्या है? शालू ने कहा इरादा तो नेक पर अभी तो मुझे तैयारी करनी है।
समीर ने कहा अरे हां वो हबीब पार्लर से अभी आ रही है। शालू ने कहा अच्छा तुमने ये भी कर दिया। समीर ने कहा हां और क्या नई नवेली दुल्हन को सजाना होगा।
शालू ने कहा अच्छा ठीक है।
फिर कुछ देर बाद ही महेदी वाली आ गई जो शालू को महेदी लगाने लगी।
फिर लंच में समीर अपने हाथों से शालू को खिलाया और खुद खा लिया।
पांच बजे हबीब पार्लर से दो लड़की आ गई।
और फिर शालू को तैयार करने लगी।
समीर ने शालू के लिए एक पिंक कलर का लाचा लाया था।जिसे सभी देखते रह जाएंगे जिसमें हैवी वर्क किया हुआ है। ये बात शालू ने कहा।।हबीब पार्लर से दो लेडी ने बहुत ही खूबसूरती से शालू को तैयार कर दिया। शालू के बालों को एक खुबसूरत सा जुड़ा बना दिया और अब शालू एक राजकुमारी जैसी लग रही थी। समीर भी एक डेसिग सूट में तैयार हो गए थे।
समीर तो अपनी पलकें बंद नहीं कर पा रहे थे शालू की तरफ से।
शालू ने कहा सोमू कैसी लग रही हुं मैं, कहिए क्या ख्याल है।। समीर ने हंसते हुए कहा बिजलियां ना गिर पड़े अब तो ये सवाल है।।।।।
फिर विनय काका भी तैयार हो गए। सभी लोग निकल गए।


वहां पहुंच कर ही शालू को वहां पर बने हुए स्टेज पर पहुंचा दिया गया और शालू बैठ गई।
समीर इधर उधर देखने लगे कुछ देर बाद विकास और सपना भी आ गए। सबसे पहले विकास और सपना स्टेज पर पहुंच कर एक गिफ्ट लेकर शालू को दिया। शालू ने हंसते हुए कहा थैंक्स। सपना ने कहा शालू यू आर सो स्वीट। विकास ने कहा हां किसकी पसंद है?
फिर धीरे धीरे समीर के अस्पताल के स्टाफ आने लगें। सभी स्टेज पर जाकर शालू को बधाई और गिफ्ट देने लगें। फिर वेटर कोल्ड ड्रिंक,जूस, स्टार्टर सर्व करने लगे। समीर ने शालू को जूस पीने को दिया। शालू ने कहा थैंक यू गला सूख गया था। फिर धीरे धीरे पुरा हाॅल भर गया। सभी डा समीर को बधाई दे रहे थे।

खाने पीने की व्यवस्था बहुत ही अच्छे से कराया गया था।बूफे सिस्टम था और जगह जगह गोल गोल टेवल और साथ में चार ,चार कुर्सी भी लगवाई गई थी।
सभी लोग बहुत ही इन्जाय कर रहे थे। समीर ने विकास को रिसोर्ट वाली बात भी बताई ये सुनकर विकास भी खुश हुआ।
सपना ने कहा वाह! ये तो फिल्मों में होता है।
समीर ने कहा हां सपना आप लोग भी चलना वहां।। सपना ने कहा हां ज़रूर। हनीमून का क्या प्लान है? समीर ने कहा हां, बैंकाक जा रहे हैं पर शालू को नहीं बताया है। विकास ने कहा हां, सरप्राइज गिफ्ट।।


फिर सभी मेहमान चले गए। विकास, सपना, शालू और सोमू एक साथ मिलकर खाना खाने बैठे। उधर विनय काका ने वहां के कर्मचारी की मदद से सारा गिफ्ट गाड़ी में रखवा दिया।
फिर चारों मिलकर हंसी मजाक के साथ खाना खाया और फिर वहां की सारी फोरमालिटी पुरी कर के बाहर निकल गए उधर विकास और सपना अपनी कार में सवार होकर चले गए और उधर शालू और सोमू भी अपनी गाड़ी में बैठ गए।

फिर समीर की गाड़ी घर आकर रूकी। समीर ने कहा आकाश सारा गिफ्ट अन्दर रखवा दो। फिर समीर शालू को लेकर अन्दर आ गए। फिर दोनों खुशी खुशी ऊपर पहुंच गए। शालू ने कहा सोमू थैंक यू डियर हवी। समीर ने कहा अच्छा ठीक है पहले फेश् हो जातें हैं।
फिर दोनों तैयार हो कर एक दूसरे की बाहों में आ गए और एक दूसरे से बात करने लगे। समीर ने कहा शालू दवाई ले लिया। शालू ने कहा हां, फिर दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर सो गए

क्रमशः