Why in Hindi Short Stories by anushka swami books and stories PDF | क्यों

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क्यों

' तुम्हे क्या बताऊँँ, स्मिता जय एकदम बदल गये हैं। पहले जहा वो मेरे बगैर रह नहीं पाते थे और अब कई दिन निकल जाते हैं,हम एक छत के नीचे रहते हुए भी बात नहीं करते। जब भी मैं कोशिश करती हुं उनसे बात करने की वो घर से बाहर चलें जाते हैं । उन्हें मुझसे मतलब ही नहीं,आज चार महीने हो गये हैं ऐसे ही चल रहा है।अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा मैं उनसे डाइवोर्स लुंगी'। श्रेया ने दुःखी होकर फोन पर अपनी दोस्त स्मिता को बताया।
' अरे श्रेया जल्दबाज़ी में कोई फैसला मत लो '। स्मिता ने कहा।
' नहीं स्मिता अब और नहीं' श्रेया ने कहा।
' छं साल का रिश्ता तुम एक झटके में खत्म कर दोगी,क्या इतना कमज़ोर है तुम्हारा रिश्ता? स्मिता ने कहा।
'कैसा रिश्ता स्मिता ? प्यार और रिश्ता दोनों तरफ से होता है। पर जय अब इसे निभाना ही नहीं चाहते।अब उनकी तरफ से मुझे सिवाए रुखेपन के और कुछ नहीं मिलता।हमारे बीच झगड़े के अलावा और कुछ बचा ही नहीं।मुझे लगता है कि वो मेरे साथ खुश नहीं है वो मुझसे छूटकारा चाहते है।साथ रहकर दुःखी रहने से अच्छा है अलग होकर खुश रहना '। श्रेया ने कहा।
'तुम जय से अलग रहकर खुश रह पाओगी '? स्मिता ने पूछा।
' पता नहीं स्मिता '। श्रेया ने कहा।
' देखो श्रेया पति -पत्नी के बीच छोटी -मोटी नोकझोक होती रहती है। यूँ इस तरह रिश्ता खत्म करना ठीक नहीं है'।स्मिता ने कहा।
' मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा मैंने जिससे भी अपनी परेशानी कहीं तो सब ने मुझे यही समझाया कि हमारा अलग हो जाना ही बेहतर है'। श्रेया ने आंसू पोछते हुए कहा।
'मैं नहीं जानती श्रेया की सब लोगो ने तुम्हें क्या सलाह दी है मेरी मानो तो तुम्हें डाइवोर्स नहीं लेना चाहिए।'स्मिता ने कहा।
' तो क्या करुँ ? यूँ घुटती रहूं ' श्रेया ने कहा।
' क्या तुमने जय से बात की केि तुम उससे डाइवोर्स लेना चाहती हो?' सिम्ता ने पूछा।
' नहीं उनसे बात करने जाऊ तो बस झगड़ने लगते हैं,खिझे - खिझे रहते है।फिर मुझे भी गुस्सा आ जाता है और हमारी लड़ाई हो जाती है'।श्रेया ने कहा।
' श्रेया तुम्हें जय से आराम से बात करनी चाहिए '। स्मिता ने समझाते हुये कहा।
' नहीं अब मुझे नहीं लगता बात करने को कुछ बचा है, तुम बस मुझे उस वकिल का नंबर दे दो मुझे डाइवोर्स पेपर बनवाने है'। श्रेया ने कहा।
' देखो मैं तो अब भी यही कह रही हूँ कि तुम्हें जय से बात करनी चाहिए, बात करने से कई मसले हल हो सकते हैं।'स्मिता ने कहा।
'नहीं स्मिता बात करने को कुछ नहीं बचा '। श्रेया ने कहा।
' बचा है श्रेया '। स्मिता ने कहा।
'क्या?'।श्रेया ने पूछा।
' क्या तुमने जय से पूछा कि उसके रुखेपन का क्या कारण है '?स्मिता ने पूछा।
' मैंने कहा ना अब हमारे बीच सिर्फ बहस होती है बात नहीं।'श्रेया ने कहा।
' कम ऑन श्रेया,जिस जय ने अपनी फॅमिली के अगेंस्ट जाकर तुम्हारा साथ दिया,क्या तुम्हें नहीं लगता की तुम्हें नहीं की तुम्हें एक बार उससे पूछना चाहिए कि उसकी इस व्यव्हार का क्या कारण है? क्यों वो तुमसे उखड़ रहा है ? तुम्हें उससे 'क्यों' का जवाब लेना चाहिए। उसके बाद तुम्हारी मर्जी '। स्मिता ने ये कहकर कॉल कट कर दी।लेकिन श्रेया के कानो में ' क्यों ' शब्द गूंज रहा था।