Wo Ankahi Baate - 15 in Hindi Fiction Stories by RACHNA ROY books and stories PDF | वो अनकही बातें - भाग - 15

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वो अनकही बातें - भाग - 15

मुम्बई पहुंच कर समीर बिल्कुल खामोश हो गया था।
आधी रात उठ बैठा और सोचने लगा कि ऐसा क्यों किया शालू ने तीसरी बार।।


फिर नींद भी नहीं आई।


सुबह उठते ही उसने विकास को फोन किया तो उसने बताया कि शालू मुम्बई से बहार गई है।

समीर ने हंस कर कहा फिर से वही नाटक अब और नहीं मैं उसे अब कभी नहीं मिलूंगा।

हे खुदा अब फैसला तेरा मुझे मंजूर है।।।

समीर फिर से अपने काम में व्यस्त रहने लगा।

बस कभी कभी शालू की डायरी निकाल कर पढ़ा करता रहता था। शालू ऐसा क्यों किया तुमने एक बार फिर से धोखा दिया।

समीर आजकल बहुत बीमार सा रहने लगे थे दूर दूर तक उसका कोई अपना था नहीं ,जो थी वो नजरों से दूर हो गई।




उधर शालू की जिंदगी में मुसीबतों का पहाड़ टूट गया था वो अपना इलाज कराने के लिए अमेरिका के एक कैंसर के अस्पताल में भर्ती थी वो भी छः महीने पहले से।।जो भी जमा पूंजी था सब निकल गए और फिर रानो बुआ ने भी हमेशा के लिए साथ छोड़ कर इस दुनिया से विदा ले कर चली गई।

शालू का अब कहने को अब कोई भी नहीं था। उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी और केमो थेरेपी दिया जा रहा था। शालू का अब बैंक एकाउंट भी खाली होने को था।




एक दिन समीर ने फेश बुक पर एक मेसेज पढ़ा तो उसे कुछ डाउट हुआं तो उसने उस मेसेज जिसके द्वारा पोस्ट किया गया था उससे बात करने की कोशिश की। किसी तरह पता चला कि वो एक नर्स थी।

और समीर ने फोन किया तो उस नर्स ने बताया कि एक भारतीय महिला यहां पांच महीनों से पड़ी है पर इलाज के लिए पैसे नहीं हैं।

समीर ने पूछा कि क्या नाम है उसका? नर्स ने कहा कि शालिनी कौशिक।


समीर नाम सुनते ही समझना शुरू किया और फिर उसने एक फोटो भेजने को कहा।


फिर कुछ देर बाद ही समीर के मोबाइल पर फोटो आ गया।
समीर जैसे ही फोटो देखा तो अपने होश खो बैठा।।


फिर समीर ने अपना टिकट बुक करवाया और नर्स से बात करके सब बताया और हिदायत दी कि शालू को कुछ ना बताए।

रात को ही समीर निकल गए एयरपोर्ट और १२बजे कि फ्लाइट थी अमेरिका की।


समीर सोचने लगा ओह माई गॉड शालू कितना कुछ सहा तुमने पर मुझे नहीं बताया हर बार मुझे इतना छोटा कर दिया मुझे शालू।इतनी तकलीफ़ थी पर ऊफ तक नहीं किया।
हो सके तो मुझे माफ़ कर देना।

अगले दिन सुबह समीर अमेरिका के एयर पोर्ट पहुंच गए और वहां से सीधे कैंसर अस्पताल में पहुंच गए और काउंटर पर ही जितना धनराशि जमा करना था सब करके सीधे उस नर्स के पास गया और बोला कि आपके एक मेसेज स
ने सबकुछ कितना आसान कर दिया। थैंक यू तो बहुत ही छोटा होगा।


नर्स ने कहा नहीं नहीं मैं हमेशा फेश बुक पर मेसेज देती रहती हुं तो मुझे लगा कि एक बार कोशिश कर के देख लेती हूं। मुझे शालू की तकलीफ़ नहीं देखी जा रही थी बिना इलाज के वो चली जाती।
सर मैंने सिर्फ कोशिश किया वो ऊपर बैठा है सबका मशीहा उसी का सब तालमेल कर दिया।

समीर ने कहा कि मैं अब से इस अस्पताल के लिए भी कुछ धनराशि जमा करवाऊंगा उनके लिए जो बिना इलाज के इस दुनिया से विदा लेते हैं।
समीर ने कहा क्या हम शालू से मिल सकते हैं।

नर्स ने कहा कि अब उनका केमो थेरेपी चल रहा है।
समीर ने कहा ओके।
वह इन्तजार करने लगा।

फिर शाम हो गई और फिर रात ऐसे ही एक दिन बीत गए।

समीर ने सुबह ही शालू डॉ से मिलने जा पहुंचे।


डॉ डिसुजा में आई कम इन। समीर ने कहा।
डॉ डिसुजा ने कहा एस डा समीर कम इन।
फिर बहुत देर तक डिक्शन चलता रहा।
समीर ने शालू की फाइल देखने के लिए ले लिया।
फिर बाहर आकर समीर ने शालू की फाइल देखी और फिर शालू से मिलने उसके वार्ड में गया।


समीर अन्दर पहुंच कर देखा तो शालू सो रही थी सर पर सफेद रंग के कपड़े बंधे हुए थे।
समीर बिना आवाज किए धीरे से कुसी में बैठ गए और फिर शालू के हाथों को स्पर्श किया जैसे ही छुआ तो शालू ने अपनी आंखें खोल दीं।


अपने सामने अपने सोमू को पाकर वो खुब जोर जोर से रोने लगी और बोली सोमू तुम यहां कैसे?
समीर ने कहा अब कुछ मत कहो। तुमने तो मुझे जिंदगी से निकल दी दिया था क्यों हर बार ऐसा सिला देती हो तुम्हारे बिना मैं कुछ भी नहीं हुं तुम हो तो सब कुछ है।उस रात ऐसा क्या हुआ जो तुम्हें तभी निकलना पड़ा, मुझे एक बार बुलाया होता।


शालू ने अपनी नजरें झुका ली और बोली सोमू जब मैं सोने गई थी तो मेरी रूटिन चेकिंग की रिपोर्ट पर मेरी गाईनो ने कहा कि मुझे फेफड़ों का कैंसर है और जल्दी से इलाज करवाना होगा।तो मैं कुछ समझ नहीं पा रही थी और तुमको परेशान नहीं करना चाहती थी और अब सोचा कैंसर से मरना है तो तुमसे दूर हो जाती हुं

बस तभी एक कार बुक करवा लिया और वापस मुंबई लौट आईं और फिर रानो बुआ मेरी कैंसर वाली बात सुनकर दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई


और फिर मैं अमेरिका अपना इलाज कराने आ गई।बस इतना ही कहना था।


समीर बोला अरे बस करो रो मत अब मैं आ गया हुं कैंसर को तो जाना होगा।
शालू बोली अरे वाह मजाक अच्छा करते हो।

शालू ने कहा मेरा जो भी जीवन भर की जमा पूंजी था वो सब चला गया।
समीर ने कहा मैं समझ रहा हूं पर अब मैं आ गया हुं तुमको चिंता करने की जरूरत नहीं है जो गया है वो मैं वापस ला दूंगा बस तुम जीने की आस मत छोड़ना।
तुम्हारी जो जो चाहत है मैं सब कुछ पुरा करूंगा।
शालू।।


अब मैं तुम्हें कहीं भी जाने नहीं दे सकता हूं।
मेरी जान हो, मेरी तमन्ना हो,दिल की धड़कन हो,।।



क्रमशः