Love poetry in Hindi Poems by Vyas Dhara books and stories PDF | इश्क

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इश्क

" बन जाऊं जो में ...? "


बन जाऊं अल्फाज अगर में ,
तो क्या तू वो अल्फाज पढ़ पाएगा ?

बन जाऊं मैं एक राज जो,
तो क्या तू उससे दिल में छुपा पाएगा ?

बन जााऊं जो आवाज में दबी सी ,
तो क्या तु मुझे सुन पाएगा ?

बन जाओ जो तेरी आंख का आंसू ,
तो क्या तू मुझे आंखों में सजा पाएगा ?

बन जाओ जो एक ख्वाब सुहाना ,
तो क्या उसे हकीकत बना पाएगा?

बन जााऊं जो एक विश्वास की डोर ,
तू क्या उसे ( डोर )को संभाल पाएगा ?

बन जाऊं प्यारी सी याद जो मे ,
तो क्या उस याद को संभाल पाएगा ?

बन जाऊं एक सुकून वाला एहसास जो ,
तो क्या उसे तु महसूस कर पाएगा ?

बन जाऊं जो तेरी मुस्कुराहट की वजह में ,
तो क्या तू मेरी मुस्कुराहट की वजह बन पाएगा ?




" इश्क "

दोस्ती से लेकर bf-gf तक का सफर है , इश्क .....

इंप्रेशन से लेकर डिप्रेशन तक का सफर हैै ,इश्क .....

तुम से लेकर आप और हम तक का सफर है ,इश्क .....

मुस्कुराहट की वजह तुम से लेकर रोने तक की वजह तुम का सफर है, इश्क.....

स्वीट सी लड़ाई से लेकर बडी लड़ाई तक का सफर है , इश्क ....

रूठने से लेकर मनाने तक का सफर है, इश्कक......

ब्रेकअप से लेकर पर पैचअप तक का सफर हैै, इश्क.....

ब्लॉक अनब्लॉक से लेकर फेक आईडी तक का सफर हैै , इश्क.....

Hii.... I L U से लेकर good bye .....I hate you तक का सफर है ,इश्क....

फ्रेंड क्लोज फ्रेंड से लेकर hubby wife तक का सफर है , इश्क ...

मेरी रूह से तुम्हारी रूह तक का सफर है , इश्क ....

सच्ची कसमों से लेकर सच्चे वादे निभाने तक का सफर है , इश्क ....


" वो किताब खोलते हैं। "

चलो आज फिर उस किताब को खुलते हैं ।

उस किताब के पन्नों पर लिखी कहानी पढते हैं ।

चलो उस कहानी में हम तुम फिर मिलते हैं ।

चलो आज फिर उस किताब को खोलते हैं।

उस किताब के पन्नों पर लिखी यादें पढते हैं ।

चलो उस यादों में बसे मैं और तुम फिर " हम" हो जाते हैं ।

चलो आज फिर उस किताब को खोलते हैं।

उस किताब के पन्नों पर लिखी " Love story " पढ़ते हैं ।

चलो उस " Love story " के Love ( प्यार) को हम निभाते हैं ।

चल आज फिर हम उस किताब को खोलते हैं ।

के पन्नों पर लिखी कहानी में याादें -यादेंं, रस्मे - कसमें ‌‌.......और प्यार सिमटा हुआ है ।

चलो उस किताब के पन्नों पर लिखी कहानी में यादे -वादे रस्मे - कसमेंं..... और प्यार "हम "(मेें - आप) सिमट जातेे हैंं।

चलो आज फिर उस किताब में जीते हैं ।

चलो आज फिर उस किताब को खोलते हैं ।



‌‌‌‌‌‌‌‌‌ " उन से यु मुलाकात ...... "



आज उनसे फिर यूं मुलाकात हो गई ।

फिर से वही पुरानी शिद्दत वाली मोहब्बत हो गई ।

आज उनसे फिर यूं मुलाकात हो गई ।

बातों बातों में मीठी सी यादें बन गई ।

वादे वादों के सहारे सपने बुन लिए ।

आज उनसे फिर यूं मुलाकात हो गई ।

वही चेहरा वही आवाज थी ।

वही प्यार पुराना था ।

वही चांद की चांदनी थी ।

वही सितारों से चमकता आसमान
था ।

यह बेहद प्यारा सुकून वाला ख्वाब था ।

वही ख्वाब टूटा आंखें खुली तो ,
यह सवेरे का सपना था ।

आज उनसे फिर यू ख्वाबों में मुलाकात हो गई ।

आज उनसे फिर यू सपनों में मुलाकात हो गई ।

आज फिर उनसे यूं मुलाकात हो गई ।


Dhara Vyas