खोखले होते रिश्ते व अन्य लघुकथायें
1--खोखले होते रिश्ते
"काजल कह रही थी।शुक्रवार को चली जा।एक दिन और मिल जाएगा।"
मैं एक साहित्यिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रुद्रपुर जा रहा था।बस में मेरे पास वाली सीट पर एक युवती बैठी थी।होली पर वह घर जा रही थी।मोबाइल पर वह अपनी सहेली से बात कर रही थी।
"तो चली जाती।गई क्यों नही?"
"क्या करती पहले जाकर।तीन दिन रहूंगी घरवालो के साथ,बहुत है",वंहा जाकर बोर होती।यंहा दोस्तो के साथ खूब एन्जॉय किया---मस्ती की---
उसकी बातें सुनकर मैं सोचने लगा।संतान के घर से दूर रहने पर माँ बाप हर पल चिंतित रहते है और आजकल के बच्चे
2--फर्ज
केशव नौकरी के साथ प्रेस में पार्ट टाइम जॉब भी करता था।प्रेस में उसकी रात 8 बजे से 12 बजे तक ड्यूटी रहती थी।कभी कभी प्रेस से लौटने में देर भी हो जाती थी।वह चाहे जब लौटे, लेकिन घर आते ही सबसे पहले माँ के कमरे में जाता था।
उसकी मां केंसर से पीड़ित होने के कारण इतनी कमजोर हो गई थी कि खुद चल फिर नही सकती थी।उसे टॉयलेट जाना था।उसने बहु को आवाज दी।लेकिन दूसरे कमरे में सो रही बहु ने उसकी आवाज सुनी नही और उसके कपड़े खराब हो गए।
केशव माँ के कमरे में पहुंचा।उसने देखा माँ के कपड़े खराब है।वह माँ के कपड़े और बिस्तर बदलने लगा।बेटे को देख माँ की आंखों में आँसू आ गए।माँ को रोते देखकर बेटा बोला,"माँ तू रो क्यों रही है?"
"भगवान कैसे दिन दिखा रहा है।थके हारे लौटे बेटे को आरसम देने की जगह उससे गन्दगी साफ करा रही हूं।"
"तो क्या हुआ माँ?तूने न जाने कितनी राते जग कर मेरी गन्दगी साफ की होगी,"मैं एक दिन कर लूंगा तो क्या?यह तो मेरा फर्ज है।"
3--हक
"तुम इस्लाम से खारिज हो गई।"
"क्यों"?मौलवी की बात सुनकर उसने पूछा था।
"तुमने गुस्ताखी की है।"
"केसी गुस्ताखी?"उसने मौलवी से पूछा था।
"मांग में सिंदूर,माथे पर बिंदी गले मे मंगलसूत्र पहनने और आरती में शामिल होने की इज़्ज़ाजत हमारा धर्म नही देता।"
"मैने हिन्दू मर्द से शादी की है।पति का मुझ पर कोई दबाव नही है।लेकिन हिन्दू विवाहित औरते जो सुहागचिन्ह शरीर पर धारण करती है।मुझे बहुत पसंद है।इसलिए मैं उन्हें पहनती हूँ।"मौलवी की बात का उसने जवाब दिया था।
"तुम्हारी इन्ही धर्म विरोधी हरकतों की वजह से मैने तुमहे इस्लाम से खारिज होने का फ़तवा जारी कर दिया है।"
"तुम कौन होते हो मुझे मेरे धर्म इस्लाम से खारिज करने वाले?"मौलवी की बात सुनकर वह बोली।
,"मैं खुदा का बन्दा--//मौलवी----वह अकड़कर बोला
"बेशक तुम खुदा के बन्दे हो लेकिन खुदा नही हो।इस्लाम मे रझने और न रखने का अधिकार सिर्फ खुद को है,"वह मौलवी से बोली,"खुदा मुझे इस्लाम मे रखना चाहता था।इसीलिए उसने मुझे मुस्लिम के घर मे पैदा किया।जिस दिन खुदा मुझे इस्लाम से खारिज करना चाहेगा।मुझे अपने पास बुला लेगा।"
4--अस्तित्व
"तूने लिंग परीक्षण करा लिया?"
"नही,"नीना का प्रश्न सुनकर रीना ने पूछा था,"लिंग परीक्षण क्यों?"
"लिंग परीक्षण से पता चल जायेगा, तेरे गर्भ में लड़का है या लड़की।लड़की हो तो उससे छुटकारा पा लेना,"रीना को समझाते हुए नीना बोली,"मैंने तो ऐसा ही किया था".
"अगर तेरी माँ ने भी ऐसा ही किया होता तो?"
रीना के प्रश्न ने नीना के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया था।
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