Bhola's Bholagiri - 8 (20 wonderful stories of Bhola for children) in Hindi Children Stories by SAMIR GANGULY books and stories PDF | भोला की भोलागिरी - 8 (बच्चों के लिए भोला के 20 अजब-गजब किस्से)

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भोला की भोलागिरी - 8 (बच्चों के लिए भोला के 20 अजब-गजब किस्से)

कहानी- 14

भोला का पशु प्रेम

भोला ने फिर एक बार मॉनिंग वॉक करना शुरू किया. बढ़िया नाश्ते का ख्वाब देखते हुए घर लौटते भोला के सामने कुत्ते का एक गोल-मटोल प्यारा सा पिल्ला आ गया. उसे थोड़ा प्यार-दुलार कर वह आगे बढ़ा तो पिल्ले उसके पीछे हो लिया. वह रूका तो पिल्ला भी रूक गया वह दौड़ा तो पिल्ला भी पीछे-पीछे दौड़ने लगा. इस तरह पिल्ला भोला के घर तक पहुंच गया.

भोला ने सोचा उसे दूध पिलाएगा और पालेगा.

मगर खटिया पर बैठी बुआ वहीं से चिल्लाई, ‘‘ खबरदार जो इसे घर लाया. एक तो काला कुत्ता और उस पर शनिवार का दिन. तुझे भी घर से निकाल दूंगी.’’

भोला बेचारा क्या करता. उस प्यारे से पिल्ले को गोद में लेकर वापस छोड़ने चल पड़ा.

अभी थोड़ी दूर गया था कि एक मैडम ने उसे रोककर पूछा, ‘‘ बेचोगे क्या?’’

भोला को कुछ न सूझा , कि बोले क्या.

मैडम ने चुपचाप पर्स खोला और भोला को पांच सौ रूपए पकड़ा दिए और उससे वह पिल्ला ले लिया.

तीसरे दिन मॉर्निंग वॉक से लौटते वक्त फिर वैसी ही घटना हुई. मगर इस बार पिल्ला नहीं मेमना था. प्यार , दुलार पाते ही मेमना भोला के पीछे हो लिया.

भोला रूका तो मेमना भी रूक गया. वह दौड़ा तो मेमना भी दौड़ पड़ा. इस तरह दोनों घर तक पहुंच गए.

मगर इस बार भोला ने चतुराई दिखाई. बुआ की नजर से बचाकर मेमने को चबूतरे पर एक खूंटे से बांध दिया.

फिर बाजार जाकर चारा खरीद लाया. उसके लिए चने भी भिगो दिए. भीगे गमछे से उसको पौंछ कर साफ भी किया. लेकिन वह मेमना प्रेम ज़्यादा देर न टिका.

लोगों से पूछताछ करता हुआ मेमने का मालिक मुसद्‍दी पहलवान उसके घर तक आ पहुंचा.

भोलू ने सोचा, यह आदमी उससे मेमना खरीदने आया है. जोश में आकर उसने कहा, ‘‘ मोल-भाव नहीं होगा. पूरे सात सौ लगेंगे.’’

इतना सुनते ही मुसद्‍दी पहलवान ने भोला के कान पकड़ लिए और आंखें लाल करता हुआ बोला, ‘‘ मुझे बुद्धू समझ रखा है क्या, मेरा मेमना मुझी को बेचेगा, चोट्‍टे!’’

भोला की सिट्‍टी-पिट्‍टी गुम हो गई. उसने हाथ जोड़ लिए, मुंह से बस इतना ही निकला , ‘‘ गलती हो गई, मुझसे और मेमने से भी. उसने मुझे मालिक समझा.

यह सुनकर पहलवान की हंसी छूट गई. और उसी के साथ हाथ से भोला का कान छूट गया. भोला ने ऐसी दौड़ लगवाई कि अगले कई दिनों तक मॉर्निंग वॉक को नहीं गया. कहीं पिल्ले का मालिक भी न टकरा जाए.


भोला की भोलागिरी

(बच्चों के लिए भोला के 20 अजब-गजब किस्से)

कौन है भोला ?

भीड़ में भी तुम भोला को पहचान लोगे.

उसके उलझे बाल,लहराती चाल,ढीली-ढाली टी-शर्ट, और मुस्कराता चेहरा देखकर.

भोला को गुस्सा कभी नहीं आता है और वह सबके काम आता है.

भोला तुम्हें कहीं मजमा देखते हुए,कुत्ते-बिल्लियों को दूध पिलाते हुए नजर आ जाएगा.

और कभी-कभी ऐसे काम कर जाएगा कि फौरन मुंह से निकल जाएगा-कितने बुद्धू हो तुम!

और जब भोला से दोस्ती हो जाएगी,तो उसकी मासूमियत तुम्हारा दिल जीत लेगी.

तब तुम कहोगे,‘ भोला बुद्धू नहीं है, भोला भला है.’

... और भोला की भोलागिरी की तारीफ भी करोगे.