The Author Heena_Pathan Follow Current Read कब्रस्तान की आवाज - 4 By Heena_Pathan Hindi Horror Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books THE MIRROR KEEPER The village library stood like a quiet guardian in the heart... Predicament of a Girl - 13 Predicament of a Girl A romantic and sentimental thriller Ko... HAPPINESS - 104 Keep erasing hatred from hearts in the universe. Keep... Love at First Slight - 28 The Grand Event at Marina Bay SandsThe night was alive with... The Village Girl and Marriage - 2 Diya had only seen the world of books; she had not witnessed... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Heena_Pathan in Hindi Horror Stories Total Episodes : 4 Share कब्रस्तान की आवाज - 4 (6) 2.4k 7.4k 3 कब्रस्तान की आवाज में अब तक आपने देखा ! शान और रोहन श्रेया के बारे में बताता है और रात के बारे में बता ता है ! शान रोहन को कहता है अनामिका के बारे में और अपने सपने के बारे में बता ता है ! मैने देखा कि रात गहरी है और आस पास कोहरा और तूफानी हवाएं और चमगादड़ आस पास और मेरे पीछे कोई भाग रहा है और में भागते हुए उस कब्रस्तान मे जाता हूं और वहा मुझे डरावनी आवाजे सुनाई देती है और धीरे धीरे सारी कबर मे से डरावने लोग निकलते है और मुझे घेर लेते है मे अनामिका अनामिका पुकारता हूं और अचानक से जमीन फट के कुछ साप निकलते है और धीरे धीरे बड़े होते है और मुझे अनामिका की आवाज में वह संगीत सुनाई देता है ! रोहन उसे कहता है चिंता मत करो ! शान अपना मोबाइल ढूंढ ता है रोहन मेरा फोन कहा गया कमरे में ढूंढ ने के बाद देखता है कि उसका फोन बंद होता है उसे चार्ज में लगा के वह तैयार होने जाता है ! रोहन उसका वेट करता है और दोनों बाहर जाने के लिए निकलते है बहार बहुत कोहरा होता है ठंड और बारिश जैसा माहौल होता है ! शान मौसम अच्छा है पर दोनों गाड़ी में बैठने लगते है और आगे कि और सड़क आकर शान गाड़ी में लगे टीवी को ओन करता है मोबाइल चेक करता है तो मोबाइल मे नेटवर्क नहीं आता वह रोहन को कहता है तुम्हारे फोन मे है क्या नेटवर्क रोहन कहता है मेरा फोन कहा गया रुक मे देखूं ! शान फिर गाड़ी चलाने लगता है ! सड़क पर कोहरा और ठंड बढ़ रही थी फिर आगे जाके देखता है कि टीवी ऑन हो गया वह न्यूज लगाता है ! न्यूज़ मे ठंड और स्नो फॉल कि संभावना बता ते है ! रोहन टीवी बंद कर देता है उसमे सोंग लगा देता है !सचमुच आज का मौसम बड़ा भयंकर है शान कहता है । घर छोड़ने के आधे घंटे बाद ही अंधेरा छाने लग गया था। तेज- तेज बर्फ के गोले गिर रहे थे। बर्फ के गोले गाड़ी की बिलकुल समांतराल रेखा में गिरे जा रहे थे, मानो वे पंक्तिबद्ध होकर गाड़ी के आगे- आगे चलना चाहते हो। दूर तक कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। आगे सड़क तय करने के लिए गाड़ी की हेडलाइट का ही भरोसा था और दिशा निर्णय के लिए जी पी एस ऑन करता है शान । कुछ ही दूरी पर आगे सड़क है अथवा खाई, कुछ भी खाली आँखों से देखकर पता नहीं चल पा रहा था। जी पी एस जहाँ शान को मुड़ने को कहता था हम वहीं मुड़ जाते थे। दो घंटे चलने के बाद एक जगह पर पहुँचकर जीपीएस सिग्नल ने काम करना बंद कर दिया । अब तक चारों तरफ घुप्प अंधेरा था। हम राजमार्ग पर सीधे- सीधे चले जा रहे थे। अंधेरा इस तरह था कि आसपास कुछ भी ढंग से नहीं दिख रहा था। शान डर के मारे चुप हो गया था। शान ने तब निश्चय किया कि इस अंधेरी रात में आगे बढ़ने का कोई मतलब नहीं ,कहीं पर रातभर के लिए रुक जाना ही सही रहेगा। वह रोहन को कहता है कि कहीं रुक जाते है ! रोहन हा क्यू नहीं और अचानक गाड़ी ने साथ छोड़ दिया और शान गुस्से में चिलाय इसे भी अभी है बंद होना था ! सुम शाम सड़क और कोहरा और अंधेरा दूर दूर तक बस खाई और ही थी वह गाड़ी से नीचे उतर कर देखता है और रोहन गाड़ी में हर बैठा रहता है ! और शान का मोबाइल रिंग होता है शान देखता है और कार मे बैठे रोहन को और मोबाइल को देख कर चोक जाता है ! देखता है कि रोहन का फोन आ रहा होता है उसे वह सोचता है हा रोहन का फोन कहीं रह गया होगा और वह फोन उठा ता है रोहन उसे कहता है कब से कॉल लगा रहा हूं !आगे पढ़िए ......अध्याय -5 ‹ Previous Chapterकब्रस्तान की आवाज - 3 Download Our App