Ek Haseen Khawaab in Hindi Love Stories by Preeti Rajput books and stories PDF | एक हसीन ख्वाब

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एक हसीन ख्वाब

एक अरसा गुजर गया था खुद से लड़ते-लड़ते, उस मोहब्बत को भुलाते-भुलाते जो एकतरफा थी या दो तरफा जानते ही नहीं थे। लॉकडाउन के बाद अंकुर पहली बार किसी ट्रिप पर निकला था। बैग में 2 जोड़ी कपड़े और जरुरत की कुछ चीजें, बस कसौल बस स्टॉप पर पहुंची तो अहान और अंकुर सुंदर वादियों की खूबसूरती में खो गए।

अहान ने अंंकुर के कंधे को थपथपाते हुए कहा - "भाई पहुंच गए"

अंकुर भी वादियों की खूबसूरती में खोया हुआ था कि तभी उसकी नजर उससे थोड़ी ही दूर खड़ी एक लड़की पड़ी, लंबे घुंघराले बाल, ब्लू डेनम शॉर्ट्स, व्हाइट टी शर्ट...लड़की को देखकर अंकुर एक अजीब सा एहसास होता है मानो वो उस लड़की को जानता है। तभी टैक्सी ड्राइवर उस लड़की को आवाज लगाता है

"मैडम ....मैडम यहां..."

टैक्सी ड्राइवर की आवाज सुनकर लड़की पीछे मुड़कर देखती है, ये तो आयशा है

अंकुर – "आयशा"

अंकुर और आयशा डेटिंग एप पर मिले थे लेकिन किसी वजह से अंकुर और आयशा की बातें कम होने लगी और दोनों एक दूसरे से दूर हो गए। अंकुर की आवाज सुनकर आयशा उसकी तरफ देखती है

"अंकुर"

अंकुर आयशा के पास जाता है और कुछ पल उसे देखता ही रह जाता है, अंकुर आयशा से हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाता है लेकिन बीच में ही रोक लेता है।

अंकुर – "कैसी हो"

आयशा - "ठीक हूं, तुम बताओ"

अंकुर - "मैं भी ठीक हूं, तुम यहां कैसे"

आयशा- "क्यों मैं यहां नहीं आ सकती"

अंकुर – "मेरा मतलब वो नहीं था, मेरा मतलब ट्रेकिंग के लिए आई हो या बस घूमने"

आयशा – "ट्रैंकिग के लिए"

अंकुर – "अकेले"

आयशा - "हां"

अंकुर - "हम्म, अच्छी बात है मैंने जितना सोचा था तुम उसे भी ज्यादा डेयरिंग और स्ट्रांग हो, वैसे मैं भी ट्रेंकिग के लिए आया हूं अहान के साथ"

अंकुर और आयशा की बातें चल ही रही होती हैं कि अहान भी उनके पास आता है

अहान - "ये कौन है"

अंकुर आयशा की तरफ देखते हुए कहता है

"ये आयशा है मेरी दोस्त"

अहान आयशा की तरफ अपना हाथ बढ़ाते हुए कहता है

"हाय मैं अहान हूं"

फिर अहान की तरफ शक भरी निगाहों से देखता हुआ पूछता है

"मैं तो तेरा बचपन का दोस्त हूं, मुझे तेरी सारी गर्लफ्रेंड्स तक के नाम पता है फिर आयशा के बारे में मुझे कैसे नहीं पता, तुम दोनों कहां मिले थे"

आयशा बताने ही वाली होती है कि अंकुर कहता है

"हां तू नहीं जानता क्योंकि हम दोनों बिजनेस सेमिनार में मिले थे"

आयशा अंकुर की तरफ देखती है, अंकुर नहीं चाहता था कि अहान आयशा और उसके बारे में कुछ भी गलत सोचे इसलिए उसने डेटिंग एप वाली बात राज रखना ही बेहतर समझा। वहीं अहान को अंकुर पर शक तो होता है लेकिन वो ज्यादा सवाल नहीं करता और आयशा से कहता है

"तुम्हारा क्या प्लान है,"

आयशा मुस्कुराते हुए कहती हैं-

"मैं ट्रेकिंग के लिए आई हूं, कुछ देर होटल में आराम करने के बाद ट्रेक शुरु करेंगी"

अहान ये देखकर हैरान हो जाता है कि एक लड़की अकेले ट्रेंकिग के लिए आई है

"तुम अकेले ट्रेेंकिग के लिए आई हो, वाऊ"

आयशा हंसते हुए अहान की तरफ देखती है और कहती है

"हां, क्यों लड़कियां अकेले ट्रेक नहीं कर सकती, खैर मैं यहीं पल बड़ी हूं।"

अहान हैरानी से आयशा को देखते हुए पूछता है

"मतलब ?"

आयशा - "ये मेरा होमटाउन है, मेरा बचपन यहीं गुजरा है, पापा की जॉब की वजह से दिल्ली शिफ्ट हो गए, लेकिन यहां से जुड़ी यादें हर साल मुझे यहां ले ही आती हैं, पास में ही मेरे अंकल का होटल है, इसलिए मैं अक्सर अकेले ट्रेंकिग के लिए यहां आ जाती हूं।"

अहान और आयशा जहां अपनी बातों में मशरुफ थे, वहीं अंकुर खामोशी से आयशा को देखे जा रहा था,

अहान- "यार, तो तुम अपने अंकल के होटल में हमें भी डिस्काउंट में रुम दिला दो"

अहान की ये बात सुनकर आयशा जोर- जोर से हंसने लगी, लेकिन अंकुर को थोड़ी शर्मिंदगी सी महसूस हुई, उसने अहान को आंखे दिखाते हुए कहा

"अहान ! बहुत हो गया मजाक, चलो ट्रेक भी करना, वरना अंधेरा यहीं हो जाएगा"

इतने में आयशा कहती हैं-

"तुम लोग चाहो तो मेरे अंकल के होटल में ठहर सकते हो, मैं उन्हें तुम्हारे लिए रुम का अरेंजमेंट करने को बोल देती हूं।"

अंकुर - "नहीं इसकी कोई जरुरत नहीं है"

अहान - "अरे जरुरत क्यों नहीं है,चलो चलो"

अहान की जिद्द के आगे अंकुर को हार मानी पड़ी और दोनों आयशा के साथ होटल के लिए निकल पड़े। होटल पहुंचकर आयशा ने अपने अंकल से कहकर अहान और अंकुर के लिए एक रुम का आरेंजमेंट करा दिया। कुछ ही देर में नाश्ता भी आ गया। अहान नाश्ते का मजा लेने लगा। वहीं अंकुर आयशा को लेकर बेचैन था, अंकुर अपने रुम से निकलकर बलकनी पर पहुंचा तो देखा आयशा बाहर गार्डन में बैठी चाय पी रही थी, अंकुर आयशा के चेहरे पर आ रहे बालों को इस तरह देख रहा था मानो वो उन्हें छूने के लिए तड़प रहा हो, अंकुर खुद भी नहीं समझ पा रहा था कि वो आयशा के लिए ये सब महसूस क्यों कर रहा है, पर उस पल में उसकी कोई ख्वाहिश थी तो बस आयशा को देखते रहना। इतने में अहान हाथ में ब्रेड लिए रुम से बाहर आया

"अंकुर ! अंकुर वो"

अहान ने देखा कि अंकुर बाहर कुछ देख रहा है, वो चुपचाप उसके पास गया और देखने लगा कि अंकुर आयशा को देखे जा रहा है। अहान ने अंकुर के कंधे पर हाथ रखकर कहा

अंकुर ! अंकुर

पर अंकुर कहां जवाब देने वाला था उसे तो आयशा के आगे कुछ और नजर ही नहीं आ रहा था। फिर अहान ने आयशा को आवाज दी

"आयशा"

आयशा का नाम सुनते ही अंकुर अपने ख्वाब से बाहर आया और अहान को गुस्से से देखने लगा, मानो अहान ही उसके खूबसूरत ख्वाब के टूटने की वजह हो। अब आयशा को भी पता चल गया था कि अंकुर और अहान बालकनी पर खड़े हैं। अहान ने आयशा की तरफ देखते हुए कहा

"ट्रेक पर जा रही हो, हम भी तुम्हारे साथ चले। रुको हम नीचे आ रहे हैं"

इतना कहकर अहान अंकुर को लेकर गार्डन में चला गया,

"आयशा हम लोग साथ में चलते हैं हैना ट्रेक पर....क्यों अंकुर"

अंकुर ने आयशा की तरफ देखते हुए कहा

"क्यों नहीं, अगर आयशा को ऐतराज ना हो तो"

आयशा ने अंकुर की तरफ देखा, जैसे वो भी अंकुर के साथ वक्त बिताना चाहती है पर फिर उसने अहान को देखते हुए कहा

– "नहीं आई थिंक तुम दोनों को अलग ट्रेक करना चाहिए, मुझे अकेले ट्रेकिंग करना ज्यादा पसंद है।"

अहान अब तक इतना तो समझ चुका था कि अंकुर और आयशा के दिल में एक दूसरे के लिए कुछ तो ऐसा है जिसे वो दोनों छिपा रहे हैं

"यार हम बुरे लड़के नहीं है, तुम तो अंकुर जानती भी हो और कसौल में हमारा पहला ट्रेक है तो हमें यहां के बारे में ज्यादा पता भी नहीं है, तुम हमारे साथ ट्रेक करोगी तो हम लोग टाइम पर ट्रेकिंग पूरी भी कर लेगें और शाम तक होटल लौट भी आएंगे" अहान ने जिद्द करते हुए कहा

अहान के कई बार जिद्द करने पर आयशा ने हामी भर दी और तीनों ट्रेकिंग के लिए निकल पड़े । अहान ट्रेकिंग के दौरान अपने व्लॉग बनाने में बिजी था और अंकुर-आयशा की खामोश मोहब्बत में इस बात की जिद्द जारी थी कि पहले बात कौन करेगा। फिर अंकुर ने पहला कदम बढ़ाने की सोची और आयशा से बात करने की कोशिश की

"चैटिंग पर तो तुम बहुत बातें किया करती थी अब सामने हूं तो देख भी नहीं रही हो"

अंकुर की इस बात का आयशा ने कोई जवाब नहीं दिया और चलना जारी रखा, फिर अंकुर ने दोबारा कोशिश की, ये सोचकर की शायद इस बार आयशा कुछ कह दे

"यार तुम्हें पता है तुम्हारे लिखे हुए ईमेल मैंने आज भी संभालकर रखे हैं, कितनी अजीब बात हैना वीडियो कॉल के जमाने में भी हम दोनों एक दूसरे को ईमेल पर लेटर लिखा करते थे"

आयशा ने फिर अंकुर की बातों का कोई जवाब नहीं दिया और तेजी से आगे बढ़ने लगी, आयशा के चेहरे पर प्यार और गुस्सा दोनों साफ नजर आ रहे थे, अंकुर को समझ नहीं आ रहा था कि वो ्क्या करे, लेकिन वो आयशा के गुस्से की वजह भी जानना चाहता था इसलिए वो आयशा के पास गया और उसका हाथ पकड़कर बोला

"यार मैं इतनी देर से बात करने की कोशिश कर रहा हूं, तुम किसी बात का जवाब क्यों नहीं देती"

आयशा की आखों में नमी थी और चेहरे पर गुस्सा

"मेरा हाथ छोड़ो मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी है"

अंकुर ने गुस्से में आयशा का हाथ और जोर से पकड़ लिया और आयशा को अपनी तरफ खींचकर बोला

"पर मुझे तो करनी है, तुम मेरे साथ ऐसा बिहेव क्यों कर रही हो, पिछले तीन सालों में एक दिन ऐसा नहीं गया जब मैंने तुम्हें याद नहींं किया।मैंने तुम्हें कितने कॉल मैसेज किए पर तुम तो जैसे गायब ही हो गई थी और जब आज मैंने बस स्टॉप पर तुम्हें देखा तो ऐसा लगा जैसे मुझे मेरी जिंदगी मिल गई हो"

आयशा की आंख से एक आंसू बहकर जमीन पर गिरा, पर फिर आयशा ने खुद को संभालते हुए कहा

"और पता है मुझे कैसा लगा,मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी लाइफ की गलती एक बार फिर मेरे सामने आकर खड़ी हो गई हो।"

अंकुर ने आयशा का हाथ छोड़ दिया और आयशा के करीब जाकर बोला

"यार"

अंकुर की आँखों में आयशा के लिए प्यार साफ नजर आ रहा था, पर आयशा को अंकुर के प्यार पर यकीन नहीं था। अंकुर की आंखों में अपनी नम भरी आंखों से देखते हुए आयशा ने कहा

"याद है तुम्हें हम कितनी बातें किया करते थे मैं तुम्हें अपनी डेली रुटीन से लेकर अपने सीक्रेट तक हर चीज शेयर किया करती थी...यहां तक कि हमारे बीच वो बातें भी हुई जो लवर्स या हसबैंड वाइफ के बीच होती हैं...मुझे लगने लगा था कि मुझे दुनिया का बेस्ड पार्टनर मिला है, फिर वो दिन आया- 28 अगस्त 2018. याद है तुम्हें..मेरा बर्थडे था...तुम मुझ से मिलने दिल्ली आने वाले थे...मैं पहली बार तुम्हें देखने वाली थी...मैंने पूरी टैरिस को लाइट्स से सजाया था, बर्थडे मेरा था पर मैंने तुम्हारी पसंद की सारी चीजें बनाई थी...तुम्हें मुझे व्हाइट ड्रेस में देखना बहुत पसंद था, इसलिए व्हाइट ड्रेस पहनी थी...हमारे बीच कोई ना आए..इसलिए किसी को अपने बर्थडे पर इनवाइट नहीं किया...अपने और तुम्हारे लिए सेम वॉच का सेट खरीदा था...जो तुम्हें हमेशा मेरी याद दिलाती...छत पर अकेले बैठे घंटों तुम्हारा इंतजार किया, पर घड़ी में सिर्फ वक्त बित रहा था। तुम्हारे आने की कोई खबर नहीं थी, तुम्हें कई मैसेज्स किए पर तुम्हारा कोई जवाब नहीं आया। मुझे लगने लगा कि कहीं तुम्हें कुछ हो ना गया हो। कई बार कॉल ट्रॉय की पर तुमने फोन नहीं उठाया और फिर आखिरकार तुमने कॉल पिक की, पर वो तुम नहीं थे। किसी लड़की ने तुम्हारा कॉल पिक किया था। उस लड़की ने कहा कि तुम वॉशरुम में हो और जब मैंने उस पूछा कि आप कौन तो उसने कहा कि वो तुम्हारी गर्लफ्रेंड बोल रही है, तुम जानते हो उस पल में मुझ पर क्या बीती होगी ।"

आयशा का गुस्सा अब आसूंओं में बदल चुका था, अंकुर कुछ कहता इसे पहले ही आयशा आगे बढ़ गई। काफी चलने के बाद चारों कैंप साइट पर पहुंच गए, आयशा उदास पहाड़ के एक कोने पर बैठी कुछ सोच रही होती कि तभी अंकुर उसके पास जाकर बैठ जाता है, आयशा अंकुर को अपने पास बैठा देखकर वहां से उठने लगती है कि तभी अंकुर उसका हाथ पकड़ लेता है

"जानती हो मैं डेटिंग एप पर जब तुमसे मिला था, तो मैंने नहीं सोचा था कि मैं तुम्हारे लिए कभी कुछ फील करुंगा। लेकिन जैसे जैसे तुमसे बातें होने लगी, मुझे तुम्हारे अलावा किसी और को सुनना अच्छा लगता ही नहीं था, मैं बस ये सोचता था कि जब मैं तुम्हें मिलूंगा तो क्या कहूंगा कुछ कह भी पाऊंगा या नहीं और उसदिन जब मैं दिल्ली आया था तुमसे मिलने"

इतना कहकर अंकुर ने अपनी जेब से एक खूबसूरत लोकेट निकाला और आयशा को दिखाते हुए बोला

"मैंने सोचा था कि ये मैं तुम्हें तुम्हारे बर्थडे पर दूंगा। पर जब मैं होटल पहुंचा तो वहां मुझे मेरी एक्स गर्लफ्रेंड खुश्बू मिल गई। वो भी उसी होटल में ठहरी हुई थी, और जब मैं होटल से तुम्हारे घर के लिए निकलने लगा तो मैंने देखा कि खूश्बू होटल वापस आ रही थी, उसने काफी ज्यादा पी रखी थी और वो ढंग से चल भी नहीं पा रही थी, मैं क्या करता, उसे वैसे ही वहां नहीं छोड़ सकता था। मैं उसे उसके रुम तक ले गया, उसने इतना ज्यादा पी रखी थी कि उसने मेरे कपड़ों पर उल्टी कर दी, और जब मैं कपड़े साफ करने के लिए वॉशरुम में गया तो शायद उसी दौरान तुम्हारा फोन आ गया। और उसके बाद खुश्बू ने नशे की हालत में तुमसे क्या कहा मैं नहीं जानता। पर जब मैंने तुम्हें कॉल बैक किया तो तुम्हारा नंबर बंद आ रहा था। मैंने कई कॉल मैसेजस किए लेकिन तुम्हारा कोई जवाब नहीं मिला। मैं तुम्हारे घर भी गया था पर वहां जाकर पता चला कि तुम अपने दोस्तों के साथ बाहर गई हो।"

आयशा का गुस्सा अब शांत होने लगा था और उसके चेहरे पर अंकुर के लिए प्यार साफ नजर आ रहा था, फिर अंकुर ने आयशा की तरफ देखते हुए कहा

"मुझे तो प्यार पर ही यकीन नहीं था और डेटिंग एप पर भी प्यार मिल सकता है ये तो शायद मैं कभी मान ही नहीं सकता था, लेकिन तुमने सबकुछ बदल दिया।"

अयाशा अंकुर की बातें बड़े गौर से सुन रही होती है, अंकुर अयाशा के और करीब आता है और आयशा के चेहरे से बाल हटाते हुए उसे किस करने वाला ही होता है कि अहान पीछे से अवाज देता है।

"यार क्या कर रहे हो, यहां आकर मेरी मदद करो टेंट लगाने में "

अंकुर और अयाशा अहान की हेल्प के लिए चले जाते हैं, अब मौसम भी खराब होने लगता है, अहान कहता है

यार लगता है बारिश होने वाली है ऐसे में हम होटल वापस कैसे जाएंगे

फिर आयशा अंकुर और अहान से कहती है

"लगता है आज यहीं रुकना पड़ेगा, मेरे पास खाना बनाने का कुछ सामान है, आइ थिंक हमारे लिए हो जाएगा।"

आयशा की बात सुनकर अहान आयशा से कहता है

"Are you sure, हम तो लड़के हैं हम तो रह लेंगे, पर तुम रह पाओगी।"

इतने में अंकुर मुस्कुराते हुए कहता है

"तुम भुल गए वो पहाड़न है"

आयशा बैग से सामान निकालने लगती है और कहती है

"चलो बहुत हो गया मजाक अब खाना बनाने में मेरी मदद करो"

रात को खाना खाने के बाद अहान अंकुर और आयशा एक ही टेंट में बैठे होते हैं, बाहर हल्की-हल्की बारिश शुरु होने लगती है, अहान अंकुर आयशा से कहता

"यार चलो Truth And Dare खेलते हैं।"

अंकुर और आयशा खेलने के लिए तैयार हो जाते हैं, अहान अपनी पानी की बोतल को बीच में रखकर उसे घूमता है। बोतल जाकर अंकुर पर रुकती है,अहान अंकुर से सवाल पूछने वाला ही होता है कि आयशा कहती है

"तुम्हारा पहला प्यार"

आयशा का ये सवाल सुनकर अहान अजीबो गरीब निगाहों से आयशा और अंकुर को देखने लगता है, फिर अंकुर कहता है

"आयशा"

अंकुर का जवाब सुनने के बाद आयशा का चेहरा शर्म से लाल हो जाता है, लेकिन अहान को इस जवाब पर हैरानी होती है

"आयशा, पर कैसे, जहां तक मुझे याद है तुम्हारी पहली गर्लफ्रेंड खूश्बू थी उसके बाद तो तुम किसी के साथ रिलेशन में नहीं आए फिर पहला प्यार आयशा कैसे"

अंकुर – "हां मैं खुश्बू के साथ 4 साल रिलेशन में था पर तब मुझे प्यार का मतलब नहीं पता था, जो मुझे आयशा को देखकर फील होता है वो आज तक किसी को देखकर हुआ ही नहीं, और जब आयशा से मिला तो समझ आया कि असल में प्यार होता क्या , ब्रेकअप के बाद खूश्बू के साथ बिताया वक्त मुझे कभी याद नहीं आया, पर आयशा से बिना मिले भी मैंने हर दिन सिर्फ उसे ही याद किया।"

अंकुर की ये बातें सुनकर अहान काफी हैरान होता है, वन नाइट स्टैंड, हुकअप में यकीन रखने वाला लड़का आज रोमांटिक बातें कर रहा है, अहान अंकुर के कंधे को थपथपाते हुए कहता है

"भाई क्या बात है तू रोमांटिक बातें भी करता है।"

अंकुर की ये बातें सुनकर अयाशा का चेहरा खुशी से लाल हो जाता है

"काफी टाइम हो गया है, आई थिंक मुझे अब अपने टेंट में जाना चाहिए, गुड नाइट"

ये कहकर आयशा वहां से अपने टेंट में चली जाती है, रात के ढाई बजे हैं बाहर अभी भी हल्की हल्की बारिश हो रही है, पर ना तो अंकुर को नींद आ रही है और ना नहीं आयशा को। अंकुर उठकर अपने टेंट से बाहर आता है, वो देखता है कि आयशा के टेंट में उजाला है। वो आयशा के टेंट पास जाता है और धीमी आवाज में आयशा को बुलाता है

"आयशा, आयशा"

आयशा अपने टेंट से बाहर आती है

"क्या हुआ ?"

अंकुर - "कुछ नहीं, मुझे नींद नहीं आ रही थी"

आयशा शर्माते हुए अंकुर की तरफ देखकर कहती है

"ओह,"

अंकुर - "तुम क्या कर रही थी"

आयशा- "मुझे भी नींद नहीं आ रही थी तो गाने सुन रही थी।"

अंकुर- "बैठकर कुछ देर बात करें"

आयशा- "हां लेकिन अगर हम यहां पर ज्यादा देर खड़े रहे तो पूरे भीग जाएंगे, तुम मेरे टेंट में आ जाओ अंदर बैठकर बात करते हैं।"

अंकुर और आयशा अंदर चले जाते हैं, जगह कम होने की वजह से दोनों एक दूसरे के काफी करीब बैठे होते हैं

अंकुर - "काफी ठंड है, हैना"

आयशा - "हां पहाड़ों पर ठंड होती ही है, ऊपर से बारिश भी हो रही है"

अंकुर - "क्या तुम अब भी नाराज हो"

आयशा- "नहीं, गलती मेरी भी थी, मैंने किसी और की बातें सुनकर तुमसे रिश्ता तोड़ दिया, मुझे तुमसे बात करनी चाहिए थी"

अंकुर - "चलो तुम्हें अपनी गलती का एहसास तो हो गया"

आयशा मुस्कुराते हुए अंकुर की आंखों में देखती है, अंकुर अपनी जेब से लॉकेट को निकालता है

"तो फिर क्या अब मैं तुम्हें ये लॉकेट पहना सकता हूं"

आयशा बिना कुछ कहे अपने बाल एक साइड करती है, अंकुर आयशा के और करीब जाता है और आयशा को वो लोकेट पहना देता है और आयशा के शॉलडर पर किस कर देता है, आयशा मुड़कर अंकुर को देखती है, अंकुर अपने हाथ से आयशा के चेहरे को सहलाता है और फिर उसके करीब आकर उसके कान में कहता है

"आई लव यू, मैं तुमसे और सिर्फ तुमसे प्यार करता हूं।"

और अचानक आयशा को किस कर लेता है, आयशा भी अंकुर को किस करने लगती है, मानो दोनों कब से इसी पल का इंतजार कर रहे थे बाहर बारिश भी तेज होने लगती है। तभई अंकुर को अहान की आवाज आने लगती है

"अंकुर, अंकुर"

अंकुर के आसपास की सबसे चीजें धुंंधली होने लगती है और आयशा का हाथ मानो उसके हाथ से छुट रहा हो और फिर कई आवाजों के बाद अंकुर की नींद खुलती है, चारों तरफ गाड़ियों की आवाज आ रही है, वो अपनी आंखे खोलता है और देखता है कि वो बस में बैठा हुआ है और उसके सामने अहान खड़ा है। अंकुर एक पल के लिए चौंक जाता है और चारों तरफ देखने लगता है

"आयशा, अयाशा कहां है, मैं बस में क्या कर रहा हूं?"

अहान चौंककर अंकुर की तरफ देखता है और कहता है

"कौन आयशा, भाई क्या हो गया,"

अंकुर एक फिर अपने चारों तरफ ध्यान से देखता है इतने में अहान कहता है

"भाई चल उठ जल्दी, हम कसौल पहुंच गए, टैक्सी ड्राइवर से बात हो गई है, वो बाहर हमारा इंतजार कर रहा है, चल जल्दी कर इसी बस में बैठा रहेगा क्या"

अहान बैग उठाकर बस से उतरने लगता है, अंकुर को अभी भी यकीन नहीं हो रहा होता कि आयशा के साथ बिताए वो सारे पहल महज एक ख्वाब थे, तभी वो अपनी जींस की जेब में हाथ डालता है और लोकेट को बाहर निकालता है, अब उसे यकीन हो जाता है कि जो उसने महससू किया और देखा वो सब एक ख्वाब था। अंकुर मुस्कुराते हुए खड़की से बाहर की तरफ देखता है उसे बाहर आयशा मुस्कुराती हुई नजर आती है, वो उसे देखकर मुस्कुराता है और फिर लोकेट अपनी जेब में डाल देता है और अपना बैग उठाकर बस से उतर जाता है।