Unknown world - 9 in Hindi Adventure Stories by Vaibhav Surolia books and stories PDF | अन देखी दुनिया - 9

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अन देखी दुनिया - 9

अन देखी दुनिया - 9

नजरबट्टू को हराकर पांचो अपने सफर पर आगे बढ़ चुके थे उन्हें नहीं पता था कि आगे की चुनौती उनके लिए कैसी होने वाली है । पांचों घने जंगल में आगे बढ़ रहे थे । की तभी.............

की तभी... उन्हें एक लंबा और घना पेड़ दिखाई देता है वह सब उस पेड़ के नीचे बैठकर थोड़ी देर आराम करने लगे । जिन याशिका और केशव पेड़ के पीछे की और बैठे थे और अजय और सुप्रिया पेड़ के आगे की ओर ।

सुप्रिया ने हिम्मत कर कर अजय से कहा " अजय मैं तुमसे एक बात कहना चाहती हूं ।

फिर अजय बोलो हां बोलो सुप्रिया ।

सुप्रिया के पसीने छूट गए थे लेकिन उसने हिम्मत कर कर बोली अजय वो मैं तुमसे प्या...... I

इतने में याशिका ने अजय और सब से कहा चलो बहुत हो गया आराम अब हमें आगे का सफर भी तय करना है । और सुप्रिया की बात अधूरी रह गई और वह सब आगे के सफर के लिए निकल पड़े ।

पांचों जंगल के बीचो बीच आ चुके थे लेकिन उन्हें अभी तक डरावनी डायन नहीं दिखी थी शाम होने को आई थी लेकिन डरावनी डायन का कुछ अता पता नहीं था । शाम की वजह से जंगल में अंधेरा हो रहा था और सब डर के मारे चल नहीं पा रहे थे ।

अजय ने याशिका से कहा तुम्हें कहीं दिखा डायन का अड्डा ।

याशिका बोलने वाली थी कि तभी उसे एक गुफा दिखाई दी । गुफा देखकर उसने अजय को गुफा की तरफ इशारा किया और कहा वह देखो शायद डायन उस गुफा में रहती हो ।

गुफा बहुत अजीब थी और अंदर से बहुत अंधेरा था उनको गुफा के पास जाने में बहुत डर लग रहा था लेकिन याशिका सब को हिम्मत दे रही थी कि अगर हमें छोटी उस्ताद की नजरों में अच्छा बनना है तो हमें डायन का लालटेन लेकर आना ही होगा खासकर अजय और जिन ।

सभी बहुत डरे हुए थे डरते डरते वह गुफा की और भड़े |

यशिका ने अर्जुन से कहा गुफा के अंदर सिर्फ मैं और अजय ही जाएंगे और जिन तुम इन दोनों का ध्यान रखना ।

जिन मैं अजय से कहा आका मुझे भी आपके साथ आना है । अगर आपको कुछ हो गया तो मैं कैसे जी पाऊंगा ।

इतने में यशिका बोली साफ-साफ कह दो ना कि तुम्हें यहां डर लग रहा है ।

इतने में केशव ने यशिका से कहा हम सबको साथ में जाना चाहिए अगर साथ में जाएंगे तो डर भी कम लगेगा और हम उस डायन का सामना भी कर पाएंगे ।

याशिका ने कहा तुम सही कह रहे हो अगर हम साथ जाएंगे हमें डर भी कम लगेगा ।

पांचो गुफा में एक साथ अगर बड़े हैं लेकिन अजय सबसे ज्यादा डर रहा था और जिन के साथ था जैसे ही वह अंदर पहुंचे उन्हें कुछ दिखा नहीं क्योंकि गुफा के अंदर बहुत अंधेरा था । गुफा के बाहर उन्होंने मशाल देखी तो साथ में ले ली की गुफा के अंदर अंधेरा कम रहे । वह धीरे धीरे कर कर आगे बढ़ रहे थे नीचे सूखे पत्तो की आवाज से उन्हें और भी डर लग रहा था । वह सब गुफा के बहुत अंदर आ चुके थे कुछ दूर उन्हें कुछ उड़ता हुआ हवा में दिखाई दिया वह सब उसको देखकर डर गए थे । जैसे ही वह उस उड़ती जीत पास जाते हैं तो.......

अगर आपको भी जानना है कि वह उठती चीज क्या थी तो जानने के लिए पढ़ना ना भूले "अन देखी दुनिया - 10 " 13 दिसंबर को तब तक के लिए 🤫🤫 श.......


To be continued.....................