jinda murda in Hindi Horror Stories by कौस्तुभ श्रीवास्तव books and stories PDF | जिंदा मुर्दा

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जिंदा मुर्दा

दत्त,जिनकी मौत 2012 में एक कार एक्सीड़ंट में हुई थी, जिला अस्पताल में चार घंटे तक तड़पते रहे यह सुनकर की उनकी बीवी और बच्ची तुरंत ही परलोक सिधार गए थे।आखिरकार रात के 11 बजे वह भी उनके पास चले गए। पर उन्हें यह नही पता था की वे दो उन्हीं से मिलनें आ रहें हैं।

करीब रात के एक बजे, जब पेशंट से मिलने का समय गुजर गया था, एक औरत, जो किसी गाँव की लग रही उस हाॅस्पिटल के सोते हुए गार्ड के सामने से ही चलकर मेन हाॅल में पहुँच गई। वह जैसे ही रिस्पसन टेबल के पास पहुँची, तब वहाँ बैठी औरत ने झल्लाते हुए कहा" तुम यहाँ कैसे आ गई? क्या तुम्हें पता नहीं है अस्पताल बंद हो गया है? गार्डस; इस औरत को यहाँ से ले कर जाओ..." "अरे ऐसा न कहिये, कुछ समय का काम था, बड़ी दूर से आई हूँ। कुछ तो मदद कर दीजिए।" उस औरत नें गिड़गिड़ाते हुए कहा।"नही! मैं ऐसा नही कर सकतीं हूँ।"रिस्पसन टेबल वाली औरत ने कहा। "मेरे साथ ऐसा न करीए, कुछ दया कीजिए।" औरत के बहुत रोने गिड़गिड़ाने से रिस्पसन टेबल वाली औरत को दया आ गई।" आप अपना काम बताइए, मैं जो कर सकती हूंगी,वह करुंगी।" रिस्पसन टेबल वाली औरत के यह कहने पर उस औरत ने बताया की वह मिस्टर दत्त को देखने आई थी।

"सौरी मैम, वो तो अज 11 ही........."उसकी बात खत्म होने से पहले वह औरत सह बात समझ गई की वे नही रहे। वह बिलख बिलखकर रोने लगी। कुछ देर बाद वह औरत चुप हो कर पूछी" क्या मैं उन्हें देख सकती हूँ। अलविदा तो कह दूँ।" सह कहकर बह फिरसे रोने लगी।"मैं किसी नर्स को अभी भेजती हूँ।"रिस्पसन टेबल वाली औरत ने कहा। किस्मत से( या बदकिस्मती से) वहाँ से एक नर्स जा रही थी। रिस्पसन टेबल वाली औरत ने उसे देखकर उससे कहा की वह फ्लोर 3 पर चेम्बर 7 में मिस्टर दत्त की बोड़ी दिखा दो, पल उसने मना कर दिया। बहुत कहने पर उसे यह करना ही पड़ा।

जब उस औरत ने लाश देखी, वह जोर जोर से रोने लगी। करीब पंद्रह मिनट बाद वह उस चेम्बर से निकली और लिफ्ट में नर्स का इंतजार करने लगी। वह नर्स अभी लाश को रख ही रही थी की उसने देखा कि औरत एक गंजी लड़की को फ्लोर के दूसरे ओर हाथ हिला रही थी। तभी वह नर्स लिफ्ट में घुसी।"जरा रुकीए एक लड़की लिफ्ट में आना चाहती है।"औरत की यह बात सुनकर नर्स ने उस लड़की तरफ देखा और तुरंत लिफ्ट को चला कर नीचे जाने लगी। यह देखकर औरत झल्ला उठी और कही "ये आप क्या कर रहीं हैं? वह बेचारी वहाँ अकेले फसी थी और आप उसे छोड़कर कर चली गई?"
" बहन, वह गंजी थी,और उसके हाथ पर एक सफेद रंग का रिब्बन था।"(नर्स)
"तो क्या वह इंसान नहीं थी?"(औरत)
"हाँ"(नर्स)
"क्या???"(औरत)
"जब कोई यहाँ मरता है, तो हम उसके हाथ पर एक सफेद रिब्बन बांधा जाता है ताकि पता लगाया जा सके की वह मरें हैं। वह लड़की आज एक कार अक्सीडेंट में मरी थी।" नर्स के यह कहने उस औरत ने अपना हाथ उठाते हुए कहा
"क्या आप इसकी बात कर रहीं हैं...... "
नर्स ने देखा कि उसकी कलाई में वही सफेद रिब्बन था........
समाप्त?

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