The Author Er.Bhargav Joshi અડિયલ Follow Current Read अर्धनिमिलिप्त By Er.Bhargav Joshi અડિયલ Hindi Poems Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books જિનિયસ વૈજ્ઞાનિકોનાં છબરડા મહાન વૈજ્ઞાનિકોએ માનવજાત પર ઘણાં ઉપકાર કરેલા છે અને તેમની એ... પડછાયો - ભાગ 1 કહેવાય છે કે કોઈ સાથે હોય ના હોય પડછાયો સાથે હોય છે. એ પડછાય... જંપલી અલી એ જંપલી, ઊઠ. કંઈ હુધી તું ઘોરતી રૈશ, બાપ.', મંગીનો અ... પડછાયો: એક પેઢીના સ્વપ્નનો વારસો - 3 યશ હવે માત્ર ત્રણ જ વર્ષમાં શહેરની એક પ્રતિષ્ઠિત કન્સ્ટ્રકશન... પંચતંત્ર વાર્તાઓ આધુનિકતા - 1 હા, ચાલો પંચતંત્રની વાર્તાઓને નવા યુગ (New Age) પ્રમાણે બદલી... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Share अर्धनिमिलिप्त (16.6k) 2.3k 10.7k "अर्धनिमिलिप्त"💐💐💐 💐💐 💐💐💐 💐💐 💐💐💐 "राधिका"दुनिया के हर प्रेम का आधार राधिका।श्याम के जीवन का जनाधार राधिका।।आंसू और मिलन की हर्ष रीत राधिका।बंसीधर की बंसी का हर सुर राधिका।।वज्र सा कठोर तप ऐसी प्रीत राधिका।अधूरे मिलन का वो गीत है राधिका।।कृष्ण के मोरपिंछ का रंग है राधिका।वासुदेव के सुदर्शन की धार राधिका।।कान्हा के हर लीला का सार राधिका।प्यार के हर घाव संजोया वो राधिका।।ग्वालिकाओ के उद्धार का द्वार राधिका।वृन्दावन के हर फूलों का प्यार राधिका।।💐💐💐 💐💐 💐💐💐 💐💐 💐💐💐 "हस्र जिंदगी"तुझे लगता है जिंदगी मोज ऐ बसर कर रही है।बस मैं जानता हूं क्या, कैसे हसर कर रही है!?बातों में क्या कहूं कहां असर कर रही है!?रूह से रूह तक मुझे क्या कसर खल रही है।।वो अनजान शख्स और अंजाना है चेहरा।दिल से मेरी सांसो तक जैसे कहर कर रही है।।अल्फ़ाज़ और सोच क्या है उसकी नहीं पता।बस लगता मुज़ पर दर्द की महेर कर रही है।।आलम ओर होता, गर मोहब्बत है जता देते।"बेनाम" सजाये मुफ्त में जिंदगी सह रही है।।💐💐💐 💐💐 💐💐💐 💐💐 💐💐💐 "बनता है"ये आंधी और तूफान से टकराना तो बनता है।गहरे जख्म में थोड़ा मुस्कुराना तो बनता है।।यारी और दुनियादारी सब साथ नहीं चलता।चोट दिल पे लगे तो फ़िर दिखाना तो बनता है।।आशियाना तुमने जब आसमान पे बनाया है।फ़िर सपनों को हवा में उड़ाना तो बनता है।।मानते है साहिल तेरी जद में तो नहीं आता है।नई तेरी कश्ती है फ़िर लड़खड़ाना तो बनता है।।"बेनाम" इश्क की तुमने जो राह पकड़ रखी है।टूटने तक इसमें फ़िर बिखरना तो बनता है।।💐💐💐 💐💐 💐💐💐 💐💐 💐💐💐 "अमर रहे"हे मां भारती के लाल, तेरी नामना अमर रहें।सिंधु जिसके पसारे पाव, ये कामना अमर रहें।।कुछ सपनों की चिंगारियां भी आग उगलती है।तुम्हारे दिलो में उसकी ज्योत, सदा अमर रहें।। छोड़ के गए हो बोझ किसी अधूरे मिलन का यहां। वो बिखरी हुई चूड़ी की शान, सदा अमर रहें।।तुम्हारे खून के हर एक कतरे का हिसाब लेंगे हम।नीले अंबर में लहराते तिरंगे की शान, सदा अमर रहें।।तुम्हारे हौसलों के आगे हिमालय भी सर झुकाता है।"बेनाम" अडिग निश्चय सा तुम्हारा प्रण, सदा अमर रहें।।💐💐💐 💐💐 💐💐💐 💐💐 💐💐💐 बदल दें !?फलसफो से डरकर क्या हम राह बदल दें!?ये गुलदस्ता कांटो का है, क्या चाह बदल दें!?ये घुटन, जो तुम्हें महसूस हवा से हो रही है।ये तेरा ही शहर है, तो क्या शहर बदल दें !?ये आइना हमने बड़े चाहत से खरीद लाए थे।पर दर्द ही दिखता है, तो क्या आंख बदल दें !?माना कि गमगीन है आज इश्क की ये वादिया।तो क्या एक मौसम के लिए आसमन बदल दें!?हम भी मानते है कि ये मुहब्बत जहर की खेती है।अब कर दी है बुआई तो क्या खेत ही बदल दें !??💐💐💐 💐💐 💐💐💐 💐💐 💐💐💐 नमस्कार दोस्तो, मेरी ये नई रचनाएं पढ़कर आप आपका कीमती प्रतिभाव और सुचन मुझे दीजियेगा। आपके सुचन मुझे और अच्छा लिखने हेतु मार्गदर्शन प्रदान करते रहेंगे।आभार। Thank you 😊 ✍️ Er. Bhargav Joshi "benaam"💐💐💐 💐💐 💐💐💐 💐💐 💐💐💐 Download Our App