Raktanchal in Hindi Film Reviews by Milan A Gauswami books and stories PDF | Raktanchal

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Raktanchal

क्या? पूर्वांचल मे रक्तानचल?

जी सही सुना,max player ले के आया हे नया वेब सीरीज रक्तानचल.
कहानी की शुरुवात ही खून की प्यासी है, जहा सभी ફિલ્મે हीरो और विलेन के साथ आती है वेसे रक्तानचल मे दोनो तरफ विलेन ही मिलेंगे. कहानी शुरुवात के एपिसोड से ही हिट लगती है मिर्जापूर जेसी.
कहानी तो एसे जोस से सुरु होती हे जेसे बंदूक से निकली गोली. खेल मे जीत हार होती रहती हे, पर यहां तो दोनों नोट आउट रहने वाले खिलाड़ी होते हे. एक विजय सिंह तो दूसरा वसीम खान. एक समाज का पहले से ही हिसा होता हे, और दूसरा हालातों से बनता हे।
यहा वसीम खान अजगर की तरह पूरे सिस्टम को निगल के बेठा होता हे। और उसका जोर से साथ निभाते हे पोलिटिकल पार्टी के नेता पुजारी जी देस की असली तस्वीर दिखती हे स्टोरी मे गुंडे के बिना नेता और नेता के बिना ગુંડા ना चले. और आप सोचते हे कि परिवार के साथ देखे तो रुक ना क्युं कि ये तो पुरानी वेब सीरीज से ज्यादा शरीफ गालियां बोलते हे.
पहले ही एपीसोड से क्राइम की शुरुवात होती हे, अच्छे पे वार बुरे का जय जय कार करने वाले ही एक नए बुराई का उद्घाटन करते हे। इस तरह इस मे भी विजय सिंह के बाप का खून वसीम के लोग कर देते हे उसी के सामने ही,
विजय सिंह बन ना तो चाहते थे कलेक्टर पर वसीम के काम कुछ नया हालात खड़ा कर देते हे।
और यहा से सुरु होता हे एक्शन विजय सिंह के हालात उसे मजबूर करते हे बदले की आग जलाने पे यहा बताया जाता हे कि एक आम आदमी की आवाज को हमारा खोखला सिस्टम केसे दबाता हे पर उनमे कयी आवाज ना दबने વાલી होती हे और वैसी ना डर ने वाली आवाज होती हे विजय सिंह. विजय सिंह को पुजारी जी के सामने का पक्ष यानी साहब सिंह का सहारा मिल जाता हे। और यहां से सुरु होता हे क्राइम विजय सिंह अब वसीम खान को बर्बाद करने मे आगे निकल जाता हे। वोट बैंक मे दोनो पार्टी का घोटाला करने का तरीका हमारे देश का राजतंत्र बयान कर्ता हे।
समाज मे हो रही खराब राजनीति और साधु ओ के भेस मे छुपे दरिन्दे जो भगवान के नाम की आड़ मे एसा गिरा हुआ काम करते हें। इसी बातों पर भी इस कहानी में पर्दा हटाया गया हे। जो इस कहानी मे साहब सिंह को जीत दिलाता है। जिस से विजय सिंह का नाम वसीम खान के आगे बड़ा होता जाता हे। पर वसीम खान इस धंधे का पुराना खिलाड़ी होता हे इस लिए किसी तरह से पुजारी की सीट वापस ले आता हे। कहानी यहा से पलट जाती हे।
वेसे तो ये कहानी मे ज्यादा अश्लील ता का दिखावा नहीं हे पर कोई भी गाली बाकी नहीं रहती हे। यहा अच्छा इंसान बुरा बन जाता है और वो भी हालत से जो वसीम खान लाता है विजय सिंह की जिंदगी मे। और उसके बाद विजय सिंह रुकने का नाम नहीं लेता है। यहां से आगे तक कहानी लंबी खींची जाती हे। दुश्मनी आमने सामने जोरों सोरों से सुरु होती हे। आप को बने रहने का मन कर्ता हे। वसीम का एक वार तो विजय सिंह दो वार कर्ता हे। यहा फर्क़ इतना हे के वसीम असली मे विलेन हे और विजय सिंह कहानी का हीरो वाला विलेन।
पांच एपीसोड के बाद सब मार कूट का ही सीन आता रेहता हे। कहानी मे हीरोइन की भी एक जलक देखने को मिल जाती हे। विजय सिंह वसीम के सारे धंधे बंध कर्ता रेहता हे। और कहानी आगे बढ़ती रहती हे। और एक नए बड़े विलेन की बिना देखी एंट्री होती हे, जो कहानी का સસ્પેન્સ होता हे। वसीम इधर राजनीति मे रहने से विजय सिंह को धोखे से फंसा देता हे। एक पूरी बरात को मार देता हे और धोखे से नाम विजय सिंह का बता कर कहानी मे नया मोड़ लाता हे। और विजय सिंह के नाम का वॉरंट निकलता हे। जेसे निर्दोष आदमी मारता हे बिना कोई वज़ह से, वेसे ही विजय सिंह भी फस जाता हे। खास आदमी ओ के बीच रखे पुजारी जी को विजय मार डालता हे।और वसीम खान को एक बड़ा झटका लगा ता हे।
लेकिन कहानी मे चाल चलने मे विजय सिंह को एक लड़की मिल ती हे जो वसीम के खास आदमी को मारने मे विजय सिंह की मदद करते हे। वो भी एक સસ્પેન્સ रेहता हे कहानी मे कि वो विजय की मदद क्यु करते हे। उसी लड़की कयी बार वसीम के आदमी को मार ने का प्लान बनाती हे। पर कामयाब नहीं हो पाती। उसके चलते वसीम को पता चलता हे, कि वो लड़की विजय सिंह के लिए काम करती हे और अपने आदमी को नयी चाल चलने को बोलता हे।
और पहली सीजन की कहानी का अंतिम चरण सुरु होता हे। वसीम विजय सिंह को जाल में फंसा लेता हे। और उसको अकेले बुलाता हे। और खुद પહોંચ जाता हे पूरी सेना के साथ विजय सिंह को मारने। आमने सामने गोलियां चल ने लगती हे। विजय सिंह को वसीम खान गोलियां चला कर मारने लगता हे। और वहीं विजय सिंह नदी मे लगी गोलियों के साथ पानी मे बेह कर चला जाता है। और इधर सब को लगता हे विजय सिंह मार दिया गया.। पर वो पुरानी फ़िल्मों की तरह कहीं दूर दूसरे गाव मे उसकी बॉडी निकलती हे।
और वहां पे कहानी का एन्ड और दूसरे सीजन के સસ્પેન્સ का राज सुरु होता हे। और जहा पे बॉडी निकल ता हे। वहां विजय सिंह का प्यार उसे मिलता हे। जो सायद हमे नए सीजन मे देखने को मिल जाएगा।
कहानी काफी इसरो से हमारे देश ओर दुनिया मे हो रहे आतंकवाद और उसका जन्म कहा से होता हे उसके बारे मे कड़वी सच्चाई लेके आता हे। मजेदार इंसान बुराई कब पकड़ता हे वह यहां जोर शोर से चीला चीला के बताया गया हें। हम समाज के बुरे काम खत्म करना चाहें तो भी यह सिस्टम कितना खराब हे ये दिखाया जाता हे। सभी की अच्छी ऐक्टिंग हे। और काफी गालियां भी सीख ने को मिलती हे। बस आगे कहानी का સસ્પેન્સ देखने के लिए सीजन दो का इंतजार करिए। मजा आएगा आगे देखने मे

_ मिलन