Stokar - 35 in Hindi Detective stories by Ashish Kumar Trivedi books and stories PDF | स्टॉकर - 35

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स्टॉकर - 35




स्टॉकर
(35)




रॉबिन शहर के एक बहुत मामूली से होटल में ठहरा था। मेघना कभी ये सोंच भी नहीं सकती थी कि हमेशा मंहगे होटलों में ठहरने वाला कभी इस जगह पर रहेगा।
मेघना ने दरवाज़े पर दस्तक दी तो रॉबिन ने फौरन ही दरवाज़ा खोल दिया।
"आओ....मैं तुम्हारी ही राह देख रहा था।"
मेघना कमरे में घुसी तो वह बहुत ही छोटा सा कमरा था। रॉबिन ने कुर्सी खींचते हुए उसे बैठने को कहा। कुर्सी पर बैठते ही मेघना बोली।
"देखो रॉबिन....हमारे बीच जो था समाप्त हो गया। अब मैं किसी की पत्नी हूँ।"
"हमारा रिश्ता पति पत्नी का था। बिना कानूनी कार्यवाही के नहीं टूट सकता है।"
"हाँ मैं जानती हूँ। इसीलिए तो तुम्हारे बुलाने पर यहाँ आ गई। पर अब मैं मेरे पति के साथ बहुत खुश हूँ। प्लीज़ मुझे बख्श दो।"
"मुझे पता है। तुमने शिव टंडन से शादी की है। अमीर आदमी है। खुश तो तुम ज़रूर ही होगी। पर मुझे क्या मिलेगा ?"
"क्या चाहिए तुम्हें ?"
"मुझे मेरी सारा चाहिए।"
"वो अब नहीं मिल सकती है।"
"क्यों ? तुम मेघना टंडन बन गई हो इसलिए। पर मैं कुछ ही देर में तुम्हें सारा गोम्स साबित कर सकता हूँ।"
मेघना चुप हो गई। जबसे रॉबिन उसे मिला था उसे यही डर सता रहा था।
"मुझे सारा गोम्स साबित कर तुम मेरा और शिव का रिश्ता तोड़ सकते हो। पर इससे तुम्हें क्या मिलेगा।"
रॉबिन उसकी बात पर मुस्कुरा दिया।
"तुम मेरी पत्नी होते हुए भी किसी और की बीवी बन गई। इस बेवफाई की सजा दिला कर मुझे तसल्ली होगी।"
रॉबिन ने मेघना के चेहरे को ध्यान से देखा। यह बात सुन कर वह परेशान हो गई थी।
"लेकिन सिर्फ तसल्ली मेरे किस काम आएगी। इसलिए मैंने सोंचा था कि मेरी सारा मुझे मिल जाए। शिव अपनी मेघना को रख ले।"
रॉबिन की यह बात मेघना को समझ आ गई। वह कुछ देर तक उसे घूरती रही।
"यही सोंच रही हो कि मैं कितना कमीना इंसान हूँ। नहीं तुम गलत हो। मैं तो बहुत दयालु हूँ। सारा में से मेघना मैं शिव के साथ बांट रहा हूँ।"
मेघना कुछ नहीं बोली। वह इस स्थिति में नहीं थी कि रॉबिन को बुरा भला कह सके। रॉबिन उसका पति था। उससे तलाक लिए बिना उसने शिव टंडन से शादी की थी। वह चुटकियों में उसके जीवन को तबाह कर सकता था।
"ज्यादा सोंचने की ज़रूरत नहीं है। बस थोड़ी सी समझदारी से मैं और तुम दोनों खुश रह सकते हैं।"
रॉबिन रुका। वह इंतज़ार कर रहा था कि मेघना कुछ बोले। पर वह अपने विचार में खोई हुई थी।
"मैं और तुम नज़दीक आ सकें इसकी एक राह है मेरे पास। तुम शिव को मेरी टी स्टेट पर लेकर आओ। कह देना कि मैं तुम्हारी कला का पुराना मुरीद हूँ। मैंने तुम्हें टी स्टेट आने की दावत दी है।"
मेघना समझ रही थी कि रॉबिन कोई चाल चल रहा है। पर सब कुछ जानते हुए भी वह उसके जाल में फंसने को मजबूर थी। उसने वही किया जो रॉबिन ने कहा था। वह शिव को लेकर दार्जिलिंग में रॉबिन के टी स्टेट चली गई।
शिव को रॉबिन का टी स्टेट बहुत पसंद आया। उनके टी स्टेट में रहने के दौरान रॉबिन ने शिव से दोस्ती करने की पूरी कोशिश की। वह इसमें कामयाब भी रहा।
वहाँ से लौटने के बाद भी शिव और रॉबिन की फोन पर बात होती रही। उसके बाद एक बार बहुत कम समय के लिए शिव मेघना को लेकर दार्जिलिंग रॉबिन के टी स्टेट में गया।
उस दौरान टी स्टेट में घुमाते हुए रॉबिन ने शिव से कहा कि उसकी बहुत इच्छा थी कि वह अपने टी स्टेट को टी टूरिज़्म के लिए प्रयोग करे। आजकल बहुत से लोग छुट्टियां बिताने के लिए ऐसी ही जगहों पर ठहरना पसंद करते हैं। पर चाह कर भी वह ऐसा नहीं कर पा रहा। उसके ऊपर कुछ कर्ज़ है। वह चाहता है कि अपना टी स्टेट बेचकर जो पैसे आएं उससे कोई और व्यापार शुरू करे।
रॉबिन ने जानबूझ कर यह बात शिव से कही थी। पिछली मुलाकात में शिव ने उसका टी स्टेट देख कर कहा था कि उसकी भी इच्छा ऐसी सुंदर जगह पर कोई प्रापर्टी खरीदने की है।
शिव लौटने के बाद से ही रॉबिन की कही बात पर विचार करने लगा। उसे रॉबिन का टी स्टेट बहुत सुंदर लगा था। उसने टी टूरिज़्म के बारे में कुछ रीसर्च की तो उसे यह आइडिया पसंद आया। उसने सोंचा कि क्यों ना वह रॉबिन का टी स्टेट खुद ही खरीद ले।
इसी विषय में बात करने के लिए तीसरी बार वह रॉबिन के टी स्टेट पर पहुँचा। इस बार वह मेघना को साथ नहीं ले गया था। उसने रॉबिन के समक्ष टी स्टेट खरीदने का प्रस्ताव उसके सामने रखा। शिव अपने साथ एक प्रापर्टी अपरेज़र लेकर गया था। उसने सत्तर एकड़ में फैले टी स्टेट का मूल्यांकन किया। सौदा पच्चीस करोड़ में तय हो गया। शिव यह कह कर लौट आया कि वह पैसों का इंतजाम कर आगे की प्रक्रिया करेगा।
शिव के लौटने के कुछ दिनों के बाद रॉबिन ने उसे फोन कर कहा कि उसकी इच्छा है कि वह शिव के शहर में आकर रहे। वहीं वह कोई व्यापार कर लेगा। जब तक शिव पैसों का इंतजाम नहीं कर पा रहा है उसकी प्रापर्टी के आधार पर उसे तीन करोड़ रुपए एडवांस दे दे।
शिव ने उससे कहा कि वह सोंच कर बताएगा।
जब कुछ दिनों तक शिव ने कोई संपर्क नहीं किया तो रॉबिन ने उसे फोन किया।
"मैंने कुछ एडवांस की बात की थी। तुमने कहा था कि सोंच कर बताओगे। पर तुमने कुछ बताया नहीं।"
"दरअसल इधर मैं कुछ बिज़ी रहा। इसलिए कुछ कर नहीं पाया। वैसे एकदम से तीन करोड़ कैश देना भी मुश्किल होगा।"
रॉबिन कुछ देर शांत रहने के बाद बोला।
"देखो शिव....तुम अपने अपरेज़र को लेकर आए थे। उसने प्रापर्टी को सही तरह से देखा भी था। सच कहूँ तो इस कीमत पर ऐसी प्रापर्टी मिलना कठिन है। मैं बस कुछ मजबूरियों के चलते इसे बेंच रहा हूँ। मैं चाहता था कि अगर तुम कुछ एडवांस दे देते तो मैं वहाँ आ जाता। अपने लिए रहने की कोई व्यवस्था करके कोई छोटा मोटा बिज़नेस डालने की सोंचता। फिर तुम बाकी का पैसा मुझे दे देते।"
इस बार शिव कुछ क्षण सोंचने के बाद बोला।
"तुम्हें रहने के लिए किस तरह का मकान चाहिए ?"
"तुमने तो देखा है कि मैं अब तक खुले में रहने का आदी रहा हूँ। पर अब वहाँ ऐसी व्यवस्था तो हो नहीं सकती है। कोई भी ऐसी जगह जो थोड़ी खुली हो। शहर के बीच ना सही पर शहर से जुड़ी हो।"
"मैंने शहर से दूर रामलाल गंज नाम के कस्बे में एक फार्म हाउस देखा था। काफी खुला हुआ है। कीमत साठ लाख है। फार्म हाउस हाइवे से कुछ ही दूर है। आसानी से शहर आया जा सकता है।"
शिव रुका। फिर मन ही मन कुछ हिसाब लगा कर बोला।
"देखो अभी तीन करोड़ तो नहीं दे सकता। डेढ़ करोड़ का इंतजाम कर सकता हूँ। बाकी पैसा जल्दी ही दे दूँगा। फिलहाल तुम इतने से वह फार्म हाउस खरीद कर जो बचे उससे बिज़नेस शुरू करो।"
रॉबिन ने भी हिसाब लगा कर देखा।
"ठीक है....तुम जिस फार्म हाउस की बात कर रहे थे उसे बिकने ना देना। मैं अगले हफ्ते तक वहाँ आ जाऊँगा। तुम पैसों की व्यवस्था कर लो।"
शिव ने उसे आश्वासन दिया कि वह पैसों का इंतजाम करके रखेगा।
रॉबिन ने वह फार्म हाउस खरीद लिया। उसे गोल्फ खेलने का शौक था। शिव जिस क्लब का मेंबर था उसी में रॉबिन को भी सदस्यता दिला दी।
रॉबिन को पैसा मिल गया था। यहाँ उसके रहने की व्यवस्था भी हो गई। बाकी बचे पैसे उसने बैंक में डाल दिए। उसके यहाँ आने का प्रमुख कारण मेघना थी। वह मेघना का पति था। मेघना ने बिना तलाक लिए शिव से शादी की थी। वह मेघना से नज़दीकी बढ़ाना चाहता था। ताकि भविष्य में उसके दम पर शिव की दौलत लूट सके।
रॉबिन ने मेघना से संपर्क करने की कोशिश शुरू कर दी।
मेघना ने शिव से सिर्फ पैसों के लिए शादी की थी। वह तंगहाली में जीते हुए ऊब गई थी। वह दोबारा वही लाइफस्टाइल चाहती थी जिसकी वह पहले आदी रह चुकी थी।
शिव से शादी के बाद मेघना को वह सब कुछ आसानी से मिल गया। पर वह एक मर्द के साथ टिक कर रहने की आदी नहीं थी। उसने नए मर्दों की तलाश शुरू कर दी।
एक दिन एक पार्टी में मेघना की मुलाकात चेतन शेरगिल से हो गई। चेतन एक आकर्षक नौजवान था। वह एक वित्तीय सलाहकार था। मेघना ने उससे नज़दीकियां बढ़ाना शुरू कर दिया।
मेघना की उम्र करीब इकत्तीस साल थी। पर अभी भी उसके आकर्षण में रत्ती भर भी कमी नहीं आई थी। चेतन जैसे नौजवान को उसके इस आकर्षण में फंसते देर नहीं लगी। वह ना सिर्फ अपने रूप के आकर्षण से चेतन को आकर्षित करती थी बल्कि पैसों का लालच भी देती थी।