Stokar - 16 in Hindi Detective stories by Ashish Kumar Trivedi books and stories PDF | स्टॉकर - 16

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स्टॉकर - 16




स्टॉकर
(16)



आश्रम आने के बाद सारा का मन कुछ शांत हुआ। उसने खुद को आश्रम के कामों में व्यस्त कर दिया था। वह सुबह जल्दी उठती थी। कुछ देर योग करती थी। उसके बाद आश्रम के नियमित कामों में मदद करती थी।
आचार्य दुर्गाशरण उसकी मेहनत व लगन से बहुत प्रभावित थे। वह उसे अपने पास बैठा कर प्यार से समझाते थे कि जो घटा उसे भूल जाओ। अब आगे के जीवन के बारे में सोंचो।
सारा पर आचार्य की बातों का असर हो रहा था। वह अब बीते हुए को भूल कर आगे की तरफ देख रही थी। अपने पिता से अक्सर वह हिंदू धर्मग्रंथों के बारे में सुनती रहती थी। अब आचार्य के पास बैठ कर वह उनसे इस विषय में चर्चा करती रहती थी।
सारा अब एक नई पहचान के साथ नया जीवन शुरू करना चाहती थी। एक दिन उसने आचार्य के सामने इच्छा जताई कि वह उसे हिंदू धर्म में दीक्षित कर एक नया नाम दें। उसकी इच्छा अनुसार आचार्य दुर्गाशरण ने उसे दीक्षा देकर उसका नाम मेघना रख दिया।
एक नए नाम के साथ सारा ने ज़िंदगी की दोबारा शुरुआत की। वह दिल्ली चली गई। वहाँ उसे एक डांस अकादमी में ओडिशी नृत्य सिखाने का काम मिल गया। अब सबके लिए वह मेघना थी।
दिल्ली में भी मेघना ओडिशी नृत्य के कार्यक्रम करती थी। ऐसे ही एक कार्यक्रम में उसकी मुलाकात शिव टंडन से हुई। उसके व्यक्तित्व ने शिव टंडन पर ऐसा असर किया कि चंद मुलाकातों के बाद ही उन्होंने उसे शादी का प्रस्ताव दे डाला।
मेघना को भी शिव के व्यक्तित्व ने आकर्षित किया था। रॉबिन से उलट शिव टंडन उसे विवाह के बंधन में बांधने को उत्सुक था। मेघना ने हाँ कर दी। दोनों ने बहुत सादगी के साथ विवाह कर लिया।

अपनी कहानी समाप्त करते हुए मेघना एसपी गुरुनूर की तरफ देख कर बोली।
"शिव ने सदा ही मुझे पूरा आदर और सम्मान दिया। वह मुझे बहुत प्रेम करते थे। मैं भी उन्हें अपना सब कुछ मानती थी। हमारा वैवाहिक जीवन बहुत लंबा नहीं रहा। पर जितना भी रहा हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे। चार साल के वैवाहिक जीवन में हमारे बीच कभी भी मनमुटाव नहीं हुआ। पर आप लोगों का कहना है कि मैं शिव की हत्या की गुनहगार हूँ।"
अपनी बात कह कर मेघना सिसकने लगी। इंस्पेक्टर अब्राहम ने कहा।
"तुम अपने पति से बहुत प्यार करती थी। पर उनकी हत्या के कुछ ही दिन बाद रॉबिन के साथ भागने का प्रयास कर रही थी।"
"झूठ है ये....मैं किसी के साथ कहीं नहीं भाग रही थी।"
"तुम अपने पति को बहुत चाहती थी। पर रॉबिन का कहना है कि तुम पहले भी उसके साथ रात बिताती रही हो। ये पति के साथ धोखा नहीं था ?"
सब इंस्पेक्टर गीता के इस सवाल पर मेघना तिलमिला उठी।
"ये झूठ है। शिव के मेरी ज़िंदगी में आने के बाद मैं किसी और के साथ रिश्ता रखने की सोंच भी नहीं सकती थी।"
रॉबिन ने मुस्कुराते हुए व्यंग किया।
"अच्छा.... तुम किसी और से रिश्ता रखने की सोंच भी नहीं सकती थीं ?"
"हाँ सही है....तुम मुझे क्यों बदनाम कर रहे हो। मैंने तुमहारी मदद की। इसका ये सिला दे रहे हो।"
"झूठ तुम बोल रही हो। शिव की हत्या वाले दिन हम दोनों साथ थे। तुमने ही मुझे अपने फार्म हाउस में छिपने के लिए भेजा था।"
"झूठ मैं नहीं तुम बोल रहे हो।"
एसपी गुरुनूर ने डांटते हुए कहा।
"लड़ना बंद करो। झूठ सच का पता हम कर लेंगे। अब ये बताओ कि मिस्टर टंडन से शादी के बाद तुम रॉबिन से दोबारा कब और कहाँ मिलीं ? मिस्टर टंडन के साथ राबिन की दोस्ती कैसे शुरू हुई ?"

जवाब मेघना की जगह रॉबिन ने दिया।
"हमारा रिश्ता टूट जाने के बाद मैं अपने जीवन में खुश था। मैं किसी बंधन में बंधना नहीं चाहता था। जबकी सारा यानि कि मेघना मुझ पर शादी के लिए दबाव डाल रही थी। इसलिए उससे रिश्ता खत्म होने पर मैं अपने आप को मुक्त महसूस कर रहा था। दो साल पहले मैंने इश्तिहार देखा कि कोलकाता में एक संस्था चैरिटी के लिए ओडिशी नृत्य का कार्यक्रम करवा रही है। कार्यक्रम में कोई मेघना टंडन नृत्य प्रस्तुत करने वाली हैं। साथ में तस्वीर थी। तस्वीर ने मेरा ध्यान खींच लिया। तस्वीर सारा की थी पर नाम मेघना टंडन था। मैं इस रहस्य को समझने के लिए कोलकाता चला गया।"

रॉबिन ने शिव टंडन से मिलने की कहानी सुनानी शुरू की।

कोलकाता पहुँच कर जब वह मेघना से मिला तब उसे सारी बात पता चली कि कैसे सारा मेघना बनी फिर शिव टंडन से शादी करके मेघना टंडन बन गई।
रॉबिन ने मेघना को उसके पति शिव के साथ दार्जिलिंग उसकी टी स्टेट में आने का न्यौता दिया। मेघना शिव के साथ दार्जिलिंग गई। उसने रॉबिन को शिव टंडन से मिलवाया। शिव से मिलवाने के पीछे मेघना की मंशा रॉबिन को यह एहसास दिलाना था कि देखो तुम्हारे रिश्ता तोड़ देने से मुझे कोई नुकसान नहीं हुआ। बल्कि शिव जैसा अच्छा पति मिला। शिव को उसने रॉबिन का परिचय अपने एक पुराने मित्र व फैन के तौर पर दिया।
रॉबिन का टी स्टेट सत्तर एकड़ का था। उसमें चार एकड़ में उसका सुंदर सा बंगला बना। शिव को वह जगह बहुत पसंद आई। रॉबिन ने उसकी और मेघना की खूब खातिर की। तीन दिन शिव और मेघना रॉबिन के टी स्टेट में रहे। इस दौरान रॉबिन और शिव के बीच अच्छी दोस्ती हो गई।
उसके बाद शिव दो बार और दार्जिलिंग रॉबिन के पास गया। एक बार मेघना के साथ कुछ घंटों के लिए। उसके बाद अकेले दो दिनों के लिए। इस ट्रिप में रॉबिन और शिव एक दूसरे के और भी करीब आ गए। यही कारण था कि जब रॉबिन ने उससे मदद मांगी तो शिव ने उसकी पूरी मदद की।

अपनी कहानी सुना कर रॉबिन चुप हो गया। मेघना ने उसकी किसी भी बात का खंडन नहीं किया। इंस्पेक्टर अब्राहम के मन में एक सवाल बार बार उठ रहा था। उसने रॉबिन से पूँछा।
"दार्जिलिंग में तुम्हारा इतना बड़ा टी स्टेट था। फिर तुम सब कुछ छोड़ कर यहाँ क्यों आ गए ? इसका कारण यह तो नहीं है कि तुम पर बहुत सा कर्ज़ चढ़ गया था। तुम पर वित्तीय धोखाधड़ी का के आरोप भी लगे हैं।"
इंस्पेक्टर अब्राहम की बात सुन कर रॉबिन कुछ असहज हुआ। पर उसने अपनी असहजता छिपा ली।
"पहली बात सच है। मुझ पर कर्ज़ चढ़ गया था। पर वित्तीय धोखाधड़ी की बात गलत है।"
"पर दार्जिलिंग पुलिस ने खबर दी है कि इस विषय में तुम्हारे खिलाफ शिकायत दर्ज़ है।"
"वो मुझ पर झूठा इल्ज़ाम है।"
"तो तुम सिर्फ कर्ज़ के कारण सब कुछ छोड़ कर यहाँ आ गए। मिस्टर टंडन ने भी तुम्हारी बहुत मदद की। कुछ दिनों की दोस्ती में इतना कुछ।"
"ये सही है कि कुछ दिनों की जान पहचान में हम एक दूसरे के करीब आ गए थे। पर शिव ने मेरी केवल इतनी ही सहायता की कि यहाँ मुझे एक छोटा सा फार्म हाउस दिला दिया। मैं हमेशा से खुले में रहने का आदी था। अतः बंद फ्लैट में नहीं रह सकता था। दूसरी मदद उसने यह की कि मुझे कंट्री गोल्फ क्लब की सदस्यता दिला दी। यह सब सिर्फ दोस्ती के चलते नहीं था।"
"तो फिर ??"
"जब शिव बिना मेघना के दो दिन के लिए मेरे टी स्टेट में आकर रुका था तब मैंने उसे अपनी माली हालत के बारे में बताया था। तब शिव ने मुझे एक ऑफर दिया था।"
सब इंस्पेक्टर गीता ने कहा।
"कौन सा ऑफर दिया था ?"
"शिव ने कहा था कि वह मेरा टी स्टेट खरीद सकता है। दरअसल आजकल टी टूरिज़्म का क्रेज़ बढ़ रहा है। लोग कुछ दिनों के लिए किसी टी फार्म में वक्त बिता कर कुदरत की सुंदरता का आनंद उठाने के लिए अच्छी रकम देने को तैयार रहते हैं। शिव मेरी टी स्टेट का इसी मकसद के लिए प्रयोग करना चाहता था।"
रॉबिन ने एक नई बात बताई थी। एसपी गुरुनूर ने मेघना की तरफ देखा। वह बोली।
"रॉबिन जो कह रहा है मुझे उसके बारे में कुछ नहीं पता है। हो सकता है कि इन दोनों के बीच ऐसी बात हुई हो।"
एसपी गुरुनूर ने रॉबिन से पूँछा।
"तो क्या हुआ ? बात बनी नहीं।"
"मैंने अपने सत्तर एकड़ के टी स्टेट की कीमत पच्चीस करोड़ लगाई थी। शिव को कीमत से कोई दिक्कत नहीं थी। पर वह रकम जुटाने के लिए कुछ समय चाहता था।"
इंस्पेक्टर अब्राहम के दिमाग में एक और सवाल था।
"जो तुमने कहा वह मान लेते हैं। पर यह समझ नहीं आया कि तुम दार्जिलिंग से इतनी दूर यहाँ क्यों आ गए। जैसे यहाँ फार्म हाउस खरीदा वैसे ही वहाँ भी अपना जीवन बिता सकते थे।"
"मैं एक नई जगह जाना चाहता था। यहाँ आने का कारण यह था कि मुझे लगा कि यहाँ आगे के जीवन के बारे में सोंचने के लिए शिव की सहायता मिल सकती है।"
"सिर्फ यही या अपनी पुरानी प्रेमिका के पास रहने का लालच था। तुमने ही कहा था कि शिव की गैरहाज़िरी में तुम दोनों साथ में कई रातें बिता चुके थे।"
रॉबिन ने कोई जवाब नहीं दिया। पर मेघना ने एक बार फिर आपत्ति जताई।