Shayarana kalam in Hindi Poems by Dr Gayathri Rao books and stories PDF | शायराना कलाम

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शायराना कलाम

वक़्त के दो पहलु में
हम सदके जाये
काश हमारा
बचपन लौट आये ।

- गायत्री rao
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काश वक़्त में एक पल पीछे चले जाए
और दो पलो में
बचपन जी आये
gayatrirao


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तेरे इंतज़ार में अब तन्हाई के मुसाफिर बनगए है
इतनी आदत सी होगई है
के अब भरी महफ़िल में भी तनहा महसूस करने लगे है !
-gayatrirao


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ज़िन्दगी की इस कश्मकश में
इस कदर लड़ रही हूँ
अपनों को जुड़ ते हुए
खुद से बिखर रही हूँ
-gayatrirao

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ढूंद होते है शब्द सारे
जब ये निगाहे सब कुछ कह देती है
-gayatrirao

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मुश्किलो में राह छोड़ कर जाने वाले कई है
मगर
कम होते है लोग जो मुश्किलो में साया बन कर साथ देते है |
-gayatrirao

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यु हमसे नज़रें फेर कर
जहाँ जा रहे हो
क्या है वो खता हमारी
इतना तो इत्याते जाओ
©gayatrirao
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जहाँ लोग आईने में देख
खुद को सवार रहे थे
कोई था वहां
जो आईने में
अपना वजूद ढूंढ रहा था
-gayatrirao
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तजुर्बे की बात क्या कहें ऐ मोहतरमा
दिल ने जो ठोकर खाये थे कभी
आज कविताओं के शब्द बनकर निहार रहे है
और
दर्द में जो आंसू बहते थे कभी
अब हँसी के सन्नाटो में चिप गए है
-gayatrirao

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पूछते ये चाँद तारे मुझसे कभी , क्या दुआ है जिसे हँसी तुमने बेशुमार पायी है ?
मेने कहा, जिनके नाम से मिली हर मुस्कान वो प्यारी है
क्यों की मेरी हर दुआ में मैने शामिल उन्हें पायी है
©gayatrirao

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मग़रूर थे वो नाजाने
किन खयालो में
के जीना भूल गए
©gayatrirao

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यु ही कभी कभी
हमसे गुफ्तगू कर लिया करो
हकीकत में न सही
सपनो में ही वक़्त गुज़ारा करो




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इस गहरे सन्नाटे में भी
एक अजब सी शोर क्यों है
तेरी ग़ैर मौजदूगी में भी
तेरी मौजदूगी क्यों है
-gayatrirao
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धुप से तने बचाती पेड़ की ठंडी चाव है
दूर बादलो के बीच बसा एक छोटा सा गाव है ~
- gayatrirao



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न बातें न शब्द का परिहास है
बस दो नैनो का इज़हार है
gayatrirao

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कैद हुए उनकी बातों में इस कदर
के खुद को भूलने लगे
प्यार के तरानो में बेहगेर इस कदर के
कांटा चुभा फिर भी बया करना भूल गए
-gayatrirao

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चलते चलते यूँ मूढ़ कर तो देखिये जनाब
कहीं आपका कोई सामान न रह गया हो
-gayatrirao

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इस हँसी पर कई दीवाने है मशरुर
एक तरफ़ा मूढ़ कर देखतो लीजिये हुज़ूर
-gayatrirao

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ऐसे क्या खेल ते हो ख्वाबो से
ज़रा हकीकत में जज़्बा जाताकर तो देखो
gayatrirao

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सुना था दो दिलो में ताल मेल थी
तो इस हसीन मुलाकातों में एक अजीब सन्नाटा क्यों थी ?
-gayatrirao

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चेहरे के पीछे चेहरा है
और उस चेहरे पर नकाब
उठ जाये जो पर्दा नकाब से
खुल जाए राज़ हज़ार
-gayatrirao

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अक्सर हर किसी से झूठ कहने लगी हूँ
जागती हु रात भर तेरे प्यार में
और नींद न आने की बहाने देती हूं
-gayatrirao

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aise yun na muskuraiye e- mohatrma
pal bhar mein dil baag baag hojaega
dekh chaand aapko wo bhi sharma jaega
- gayatrirao
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दिल तुझे क्या हुआ अचानक ये
बीते पालो को दोहराकर
ऐसे मुस्कुराने लगा है
हालातो पे हस्स रहा है या
आंसू के समंदर में डूबते हुए
तैरना सीख गया है
-gayatrirao

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तारीफों के पल बंधे
इस खूबसूरती की बाग़ में
अब शब्द भी सजदा करे
आपके नाम की माला में
-gayatrirao

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rhagir tu rehguzar ,
chalraha tu kidhar ,
kadam chalaya tune jidhar ,
waqt se pehle kuch kar guzar ,
rhagir tu rehguzar
_gayatrirao
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