निभाके फर्ज़ चुकाके कर्ज हो गए शहीद शहादत में
ये देश के सपूत जवान कूर्बा हुए भारतमाँ की मुहब्बत में
किसीने छोड़ा है माँ का आँचल तो किसीने शर से बाप की छाँव खोई है
किसीकी हुई है गोद सूनी तो कोई गोदभराई पे नही आया है
महेन्दि रचे हाथों से ना उतरा है वो रंग सरहद पे सोया है वो खून की नदियों के संग
शहीद हुआ था माँ का बच्चा भगतसिंह उसी दिन माँ ने पैताल्लीस भगत को खोया है
जागो ओ हिन्दुस्तानी थोड़ी सी कर लो तुम रखवाली
आके हमारी सरहद में कोई कर गया माँ का दामन लाल है
चैन से सोते है हम घरों में क्युकी वो होते है हिमालय की गोद में
खुब मनाते होली दिवाली पटाखों की थैली रंगो की मैली
वहा भी धमाका हुआ है बस पटाखा नही बौम्ब है
माँ के रखवालो की टोली में शहादत में सपूतों की कौम है
छेड़ दो अब वो जंग हो जाए उसकी निन्द्रा भंग
कर दो उसको उतना तंग खो जाए वो मौत के संग
आओ कुछ कर चले माँ भारत को भगतसिंह की जरूरत है
छोड़ ओ लाल माँ के दामन बचपने को जवानी की जरूरत है
क्युकी....
निभाके फर्ज़ चुकाके कर्ज हो गए शहीद शहादत में
ये देश के सपूत जवान कूर्बा हुए भारतमाँ की मुहब्बत में..
निभाके फर्ज़ चुकाके कर्ज हो गए शहीद शहादत में
ये देश के सपूत जवान कूर्बा हुए भारतमाँ की मुहब्बत में
किसीने छोड़ा है माँ का आँचल तो किसीने शर से बाप की छाँव खोई है
किसीकी हुई है गोद सूनी तो कोई गोदभराई पे नही आया है
महेन्दि रचे हाथों से ना उतरा है वो रंग सरहद पे सोया है वो खून की नदियों के संग
शहीद हुआ था माँ का बच्चा भगतसिंह उसी दिन माँ ने पैताल्लीस भगत को खोया है
जागो ओ हिन्दुस्तानी थोड़ी सी कर लो तुम रखवाली
आके हमारी सरहद में कोई कर गया माँ का दामन लाल है
चैन से सोते है हम घरों में क्युकी वो होते है हिमालय की गोद में
खुब मनाते होली दिवाली पटाखों की थैली रंगो की मैली
वहा भी धमाका हुआ है बस पटाखा नही बौम्ब है
माँ के रखवालो की टोली में शहादत में सपूतों की कौम है
छेड़ दो अब वो जंग हो जाए उसकी निन्द्रा भंग
कर दो उसको उतना तंग खो जाए वो मौत के संग
आओ कुछ कर चले माँ भारत को भगतसिंह की जरूरत है
छोड़ ओ लाल माँ के दामन बचपने को जवानी की जरूरत है
क्युकी....
निभाके फर्ज़ चुकाके कर्ज हो गए शहीद शहादत में
ये देश के सपूत जवान कूर्बा हुए भारतमाँ की मुहब्बत में..
निभाके फर्ज़ चुकाके कर्ज हो गए शहीद शहादत में
ये देश के सपूत जवान कूर्बा हुए भारतमाँ की मुहब्बत में
किसीने छोड़ा है माँ का आँचल तो किसीने शर से बाप की छाँव खोई है
किसीकी हुई है गोद सूनी तो कोई गोदभराई पे नही आया है
महेन्दि रचे हाथों से ना उतरा है वो रंग सरहद पे सोया है वो खून की नदियों के संग
शहीद हुआ था माँ का बच्चा भगतसिंह उसी दिन माँ ने पैताल्लीस भगत को खोया है
जागो ओ हिन्दुस्तानी थोड़ी सी कर लो तुम रखवाली
आके हमारी सरहद में कोई कर गया माँ का दामन लाल है
चैन से सोते है हम घरों में क्युकी वो होते है हिमालय की गोद में
खुब मनाते होली दिवाली पटाखों की थैली रंगो की मैली
वहा भी धमाका हुआ है बस पटाखा नही बौम्ब है
माँ के रखवालो की टोली में शहादत में सपूतों की कौम है
छेड़ दो अब वो जंग हो जाए उसकी निन्द्रा भंग
कर दो उसको उतना तंग खो जाए वो मौत के संग
आओ कुछ कर चले माँ भारत को भगतसिंह की जरूरत है
छोड़ ओ लाल माँ के दामन बचपने को जवानी की जरूरत है
क्युकी....
निभाके फर्ज़ चुकाके कर्ज हो गए शहीद शहादत में
ये देश के सपूत जवान कूर्बा हुए भारतमाँ की मुहब्बत में..