hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • उधार

    ,, अरे भाई जल्दी जल्दी से करो, यह क्या तमाशा लगा रखा है, कब तक आप,,। भिन्नाते हु...

  • आखरी मंजिल - भाग 1

    बस से उतर कर बाहर रिक्शे स्टैंड तक का सफर ऐसा लगा, जैसे एक हजार मीटर पैदल चलकर आ...

  • नन्हा आशिक़

    नन्हा आशिक़ पिता से चिपका अंश सिसक पड़ा।जगमोहन बाबू और अथर्व कुछ समझ न पाएं।थोड़ी...

अन्धविश्वास By DINESH KUMAR KEER

अन्धविश्वासदेखो न मम्मी कहाँ से ये कछुआ आ गया हमारे घर में, दोनों बच्चे उस कछुए को देख कर ख़ुशी से उछल पड़े,आयुषी बोली- “अरे मम्मी देखो ये कितना छोटा और प्यारा सा हैं, हम इसे पालतू ब...

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माँ सब जानती है By S Sinha

कहानी - माँ सब जानती है    महेश बाबू कुछ माह पहले रिटायर हुए थे  .  अभी तक वे पटना में खुद के बनाये घर में रह रहे थे  .  उनका इकलौता बेटा सोनू इंजीनियर था  .सोनू मुंबई में किसी मल्...

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वीर बाला कालीबाई By DINESH KUMAR KEER

भील बालिका कालीबाई कलासुआ की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि15 अगस्त 1947 से पूर्व भारत में अंग्रेजों का शासन था। और अंग्रेजों चाहते थे कि उनके राजस्थान राज्य में शिक्षा का प्रसार न हो। ल...

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उधार By Suresh Chaudhary

,, अरे भाई जल्दी जल्दी से करो, यह क्या तमाशा लगा रखा है, कब तक आप,,। भिन्नाते हुए कहा मोहन ने,, बाबू जी बस हो गया, सारा सामान बांध दिया है ट्रक आने की देर है,,,।,, कितनी देर लगेगी...

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बप्पा By Devang Kori

आज बप्पा को आये 11 दिन कैसे बीत गये पता ही नहीं चला...और उनके वापिस वैसे लौटने का समय भी आ गया...आज बहुत सारे लोगो को बप्पा को ले जाते देख एक किस्सा याद आ गया...एक छोटा सा बच्चा था...

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बेटियाँ By DINESH KUMAR KEER

मैंने अपने बच्‍चों को कभी नहीं बताया कि मैं क्‍या काम करता था । मैं उन्‍हें कभी मेरी वजह से शर्मिंदा महसूस नहीं कराना चाहता था । जब मेरी छोटी बेटी ने मुझसे पूछा कि मैं क्‍या करता ह...

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पंडित रामप्रसाद बिस्मिल By DINESH KUMAR KEER

*शत्-शत् नमन 11 जून/जन्म-दिवस, काकोरी कांड के नायक : पंडित रामप्रसाद बिस्मिल ।*पंडित रामप्रसाद का जन्म 11 जून, 1897 को शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनके पिता श्री मुरलीधर श...

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आखरी मंजिल - भाग 1 By Suresh Chaudhary

बस से उतर कर बाहर रिक्शे स्टैंड तक का सफर ऐसा लगा, जैसे एक हजार मीटर पैदल चलकर आया।,, भाई यहां कोई वृद्ध आश्रम है क्या,,। एक बुजुर्ग रिक्शे वाले से पूछा।,, जी एक नही, दस ऐसे आश्रम...

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अहिल्या बाई होल्कर By DINESH KUMAR KEER

नारी शक्ति कितनी महान होती है, वह अपने जीवन में क्या कर सकती है इसका उदाहरण अहिल्या बाई होल्कर की जीवनी पढने के बाद आपको मिल जाएगा. जीवन में परेशानियाँ कितनी भी हो, उनसे कैसे निपटन...

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नन्हा आशिक़ By DINESH KUMAR KEER

नन्हा आशिक़ पिता से चिपका अंश सिसक पड़ा।जगमोहन बाबू और अथर्व कुछ समझ न पाएं।थोड़ी देर में अंश पहले की भांति दादा साथ खेलने लगा। इधर अथर्व एक दो बार खिड़की से झांका पर उसे कुछ समझ न आय...

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सम्राट विक्रमादित्य By DINESH KUMAR KEER

उज्जयिनी नरेश महाराजा चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्यअपने भारत देश में बहुत से राजा-महाराजा हुऐ हैं, जिन्होंने अपने पराक्रम से देश का नाम समुचे विश्व में रोशन किया है। महान राजा अशोक...

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अध्यापक भालू By Rajesh Rajesh

असम के एक घने जंगल में सब जानवरों से ज्यादा समझदार बुद्धिमान बूढा भालू था।आपस में एक भी शब्द बोले बिना अपनी आंखों और शरीर की भाषा से दोनों मित्र बात करते थे, बूढा भालू और लकड़हारा...

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राजा दाहिरसेन By DINESH KUMAR KEER

सिंधुपति राजा दाहिरसेन - बलिदान-दिवस / 20 जून, 712भारत को लूटने और इस पर कब्जा करने के लिए पश्चिम के रेगिस्तानों से आने वाले मजहबी हमलावरों का वार सबसे पहले सिन्ध की वीरभूमि को ही...

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राधाजी की कृपा By DINESH KUMAR KEER

. "राधाजी की कृपा" चन्दन वृंदावन की ब्रज भूमि में रहने वाला अपने माँ-बाप का इकलौता बेटा था। दिन भर वो ब्रज की रज में लोटपोट होता रहता अपने सखाओं के साथ अठखेलियाँ करता रहता। सारा दि...

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-बेटा- By Asha Saraswat

बेटाबहू अगर तुम्हारी इजाजत हो तो क्या मैं अपने बेटे को घर ले जा सकता हूं?घर में बहुत शांति पसरी हुई थी। अगर पत्ते भी हिलते तो उनकी आहट तक सुनाई दे रही थी। उससे ज्यादा मौन और खामोशी...

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Leo Tolstoy की लघुकथाएँ By Kartik Arya

1. अंधे की लालटेनअँधेरी रात में एक अंधा सड़क पर जा रहा था। उसके हाथ में एक लालटेन थी और सिर पर एक मिट्टी का घड़ा। किसी रास्ता चलने वाले ने उससे पूछा, ‘अरे मूर्ख, तेरे लिए क्या दिन...

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पति पत्नी का रिश्ता By DINESH KUMAR KEER

पति पत्नी का रिश्ताहुआ यों कि पति ने पत्नी को किसी बात पर तीन थप्पड़ जड़ दिए, पत्नी ने इसके जवाब में अपना सैंडिल पति की तरफ़ फेंका, सैंडिल का एक सिरा पति के सिर को छूता हुआ निकल गय...

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प्रभु की भक्ति By DINESH KUMAR KEER

एक औरत रोटी बनाते बनाते भगवान के नाम का रोज जाप किया करती थी, अलग से पूजा का समय कहाँ निकाल पाती थी बेचारी, तो बस काम करते - करते ही भगवान की पूजा कर लिया करती थी ये उसका रोज का नि...

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सुहागिन की बिंदी By Asha Saraswat

# *सुहागन की बिंदी* # *बाहर फेरीवाला आया हुआ था। कई तरह का सामान लेकर---बिंदिया, काँच की चूड़ियाँ, रबर बैण्ड, हेयर बैण्ड, कंघी, काँच के और भी बहुत सारे सामान थे। आस-पड़ोस की औरतें...

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अंत्येष्टि कर्म का कड़वा सच By गायत्री शर्मा गुँजन

क्या बात कर रही हो अंजना ' हम ठहरे शेड्यूल कास्ट के लोग और आप कहती हैं कि हमे धर्म-ग्रंथ पढ़ना चाहिए ?? आपका दिमाग तो खराब नहीं हो गया है ,, "हमे नहीं पढ़ना कोई शास्त्र ....'...

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यादें By Suresh Chaudhary

आखरी पैग को उठाते ही कानों में,, जेम्स अब बस भी करो यह तुम्हारा सातवां पैग है,,।,,This is Last पैग, जैनी,,। बड़बड़ाया जेम्स, फिर अधखुली आंखों से कमरे में चारों ओर देखा, किसी को अपन...

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पिता की डायरी By DINESH KUMAR KEER

पिता की डायरीमाँ, पिता जी कहाँ गये? डॉक्टर अशोक ने घर में आते ही अपनी माँ से पूछा,अशोक की माता जी बोली-“ पता नहीं बेटे देखो पुस्तकालय में होंगे “तभी अशोक की पत्नी रेखा बोली- “आपने...

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शीतलता By DINESH KUMAR KEER

शीतलता"अरे नई प्रतियोगिता आई है कहानी पटल पर जिसमें लिखना हैं ,तू बता क्या लिखेगी?"रूकमनी ने चिड़िया की तरह चहकते हुये सरोज से पूछा फोन पर "अरे कुछ नही मन नही है मेरा कुछ लिखने को...

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माँ का आँचल By DINESH KUMAR KEER

माँ का आँचलएक जज अपनी पत्नी को क्यों दे रहे हैं तलाक?"रोंगटे खड़े" कर देने वाली घटना।कल रात एक ऐसा वाकया हुआ जिसने मेरी ज़िन्दगी के कई पहलुओं को छू लियाकरीब 7 बजे होंगे,शाम को मोबा...

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चावल का दाना By DINESH KUMAR KEER

चावल का दाना एक भिखारी एक दिन सुबह अपने घर के बाहर निकला। त्योहार का दिन है। आज गाँव में बहुत भिक्षा मिलने की संभावना है। वो अपनी झोली में थोड़े से चावल दाने डाल कर, बाहर आया। चावल...

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वानर पुत्र नहीं है मानव By Yogesh Kanava

  अपनी आदत के अनुसार ही शर्माजी आज भी सुबह ही घूमने निकल गए। कमर का दर्द अब पहले से काफी कम हो गया था इसलिए अब फिर से उन्होंने धीरे-धीरे अपनी पुरानी दिनचर्या शुरू कर दी थी। करीब मह...

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अधुरी इच्छा By Captain Dharnidhar

पहाड़ो से घिरा गांव , गांव के मध्य कालू का घर , कालू के घर में गौर वर्ण सुन्दर सुशीला चंचल नयनी गृह कार्य में दक्ष उसकी पुत्री.. नाम लच्छी । कालू एक मजदूर कृषकाय दूसरो के खेतों में...

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उस रात का सच By DINESH KUMAR KEER

उस रात का सच वह लड़की का हाथ पकड़े, उसे प्लेटफार्म से खींचते हुए बाहर ले जाने की कोशिश में लगा हुआ था। लड़की रोते हुए, छूटने के लिए पूरी ताकत लगा रही थी। एक महिला बिलखती हुई उसके पीछे...

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काश्मिरी पंडित - भाग 6 By Nikita Patil

साल 1989 में कश्मीर की खूबसूरत घाटी में एक भयानक घटना सामने आई। यह हिंसा और अशांति का समय था, क्योंकि कश्मीरी पंडितों को कट्टरपंथियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा था। उनमें एक प्रमुख...

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जिम्मेवारी By Swati

जिंदगी ने ऐसी मोड़ पे लाकर खड़ा कर दिया है जहां से आगे जाने का रास्ता पता नही है और पीछे जा नही सकती । जैसे तैसे करके यहां तक तो आ गई लेकिन इससे आगे का सफर कैसे करू कुछ समझ नहीं आ...

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प्यार का सच By Bhanuben Prajapati

दिल का रिश्ता बड़ा प्यारा होता है,लेकिन दिल में रहेने वाला का सच्चा प्यार मिले तब। आज कल प्यार का फेसन हो गया है।दिल से दिल मिलाना मतलब ईश्वर के साथ हो होना।जो लोग सच्चा प्यार करते...

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खूनी पंजा By Suresh Chaudhary

राकेश की शादी पर छोटे भाई किशोर सहित सभी मित्र बड़े खुश नजर आ रहे थे, गांव में एक परंपरा होती है, भाभी की गोद में छोटे देवर को बैठना होता है। किशोर ने इस परंपरा का भली प्रकार से नि...

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मासूम बचपन By DINESH KUMAR KEER

1मासूम बचपनमेरे मन में यदा - कदा यह सवाल उठता कि ," क्या बचपन बिल्कुल ही होशमंद नहीं होता या चालाकी की हद तक होशमंद होता है ?" …मैं अपने माता - पिता की सबसे छोटी संतान था। वैसे अगर...

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ईमानदारी की कीमत By DINESH KUMAR KEER

ईमानदारी की कीमतसीमा ने अपनी मैम से सिफ़ारिश कर धरमा को ड्राइवर की नौकरी पर लगवाया । क्योंकि धरमा को गलत बात पसंद नहीं थी, इसलिए हमेशा नौकरी से निकाला जाता था । बेटा ! बड़ी मुश्किल...

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बिन मांगी दुआ By Rakesh Rakesh

राम सेवक दो दिन बाद घर वापस आता है तो उसकी पत्नी लाजवंती राम सेवक से बहुत झगड़ा करती है राम सेवक भी उसकी जली कटी बातें चुपचाप सुनता रहता है क्योंकि इन दिनों राम सेवक अपने घर के सार...

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अमृत मंथन By Abhishek Joshi

यदि  आज  के  समय  के  हिसाब  से  सोचा  जाए  तो  अमृत मंथन  क्या  है  ? यह  प्रश्न  कही  ना  कही  दिमाग  मे  उठता  ही  है ।  अमृत मंथन  यानि  के  विचारों  का  मंथन  ।  आज  के  युग ...

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कार्यालयीन आध्यात्म (महेश अनघ) By Niti Singh Shrivastava

सेवानिवृत आदमी के पास और कुछ हो, न हो, लेकिन दो महत्वपूर्ण चीजें जरूर होती हैं। एक- उम्र के अनुसार 'आध्यात्मिक चिन्तन की और स्वाभाविक झुकाव, औरदो- सरकारी कार्यालयों के काम काज...

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हमसफर भी तुम ही हो By Sumit Singh

अविनाश सुबह समय पर उठा नहीं तो संस्कृति को चिंता हुई. उस ने अविनाश को उठाते हुए उस के माथे पर हाथ रखा. माथा तप रहा था. संस्कृति घबरा उठी. अविनाश को तेज बुखार था. दो दिन से वह खांस...

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माता - पिता का प्यार By DINESH KUMAR KEER

*एक बच्चे को आम का पेड़ बहुत पसंद था।**जब भी फुर्सत मिलती वो आम के पेड के पास पहुंच जाता।* *पेड के उपर चढ़ता,आम खाता,खेलता और थक जाने पर उसी की छाया मे सो जाता।* *उस बच्चे और आम के प...

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पिता और पुत्री की कहानी By DINESH KUMAR KEER

एक घर में एक बेटी ने जन्म लिया और होते ही माँ का स्वर्गवास हो गया। बाप ने बेटी को गले से लगा लिया रिश्तेदारों ने लड़की के जन्म से ही ताने मारने शुरू कर दिए कि पैदा होते ही माँ को खा...

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जीवनसाथी By DINESH KUMAR KEER

जीवनसाथीसीमा कि शादी को अभी आठ महीने ही हुए थे बात तो अच्छे से होती है पतिदेव से पर प्यार होगा या नहीं ये कहना अब भी मुश्किल है...ठीक ठाक ही व्यवहार है या यूं कहें कि भले आदमी है.....

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प्रभाव या परिणाम By RAMAN KUMAR JHA

रमा घर का सारा काम निपटा कर कमरे में सोने आई। रोहित पहले ही आ चुका था, और लेटे-लेटे कब उसकी, आँख लग गई पता ही नहीं चला। रमा भी सोने ही वाली थी, कि अचानक उसका का फोन बजा। रात के 10....

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मैं कौन हूं By Suresh Chaudhary

रेलवे स्टेशन पर आ कर मैने सबसे पहले गाड़ियों की सूची देखी। देख कर पता लगा कि प्रयाग राज जाने वाली गाड़ी शाम के छह बजे जायेगी, थोड़ी भूख भी लग चुकी है लेकिन मैंने अपने कोट की अंदरून...

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कलम By Anita Sinha

कलम। कलम को नमन हे मां शारदे। कलम को चलाती तुम हो हे मां शारदे। कलम को शक्ति प्रदान करती तुम हो हे मां शारदे। कलम की अधिष्ठात्री देवी तुम हो हे मां शारदे। कलम की देवी तुम हो हे मां...

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राधा और कृष्ण की कहानी By DINESH KUMAR KEER

एक बार श्री राधा अपनी सखियों के संग यमुना किनारे बैठी होती हैं। सभी सखी आपस में श्री राधा और श्यामसुन्दर के प्रेम की बातें करती हैं। कोई कहती है राधा के रोम रोम में श्यामसुन्दर बसे...

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मां। - भाग 2 By Anita Sinha

मां दुनिया में कोई हस्ती नहीं बनी है जो मां की बराबरीकर सके। मां ही है वो कश्ती जो भवसागर से नैयापार करा सके।चाहे कितने तीर्थ कर लें हम आठों याम।मां के चरणों में ही मिलेंगे सारे ती...

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माँ की दुआ By DINESH KUMAR KEER

माँ की दुआ"अम्मा! आपके बेटे ने मनीआर्डर भेजा है।"डाकिया साहब ने अम्मा को देखते अपनी मोटरसाइकिल रोक दी। अपने आंखों पर चढ़े चश्मे को उतार आंचल से साफ कर वापस पहनती अम्मा की बूढ़ी आंख...

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अन्धविश्वास By DINESH KUMAR KEER

अन्धविश्वासदेखो न मम्मी कहाँ से ये कछुआ आ गया हमारे घर में, दोनों बच्चे उस कछुए को देख कर ख़ुशी से उछल पड़े,आयुषी बोली- “अरे मम्मी देखो ये कितना छोटा और प्यारा सा हैं, हम इसे पालतू ब...

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माँ सब जानती है By S Sinha

कहानी - माँ सब जानती है    महेश बाबू कुछ माह पहले रिटायर हुए थे  .  अभी तक वे पटना में खुद के बनाये घर में रह रहे थे  .  उनका इकलौता बेटा सोनू इंजीनियर था  .सोनू मुंबई में किसी मल्...

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वीर बाला कालीबाई By DINESH KUMAR KEER

भील बालिका कालीबाई कलासुआ की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि15 अगस्त 1947 से पूर्व भारत में अंग्रेजों का शासन था। और अंग्रेजों चाहते थे कि उनके राजस्थान राज्य में शिक्षा का प्रसार न हो। ल...

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उधार By Suresh Chaudhary

,, अरे भाई जल्दी जल्दी से करो, यह क्या तमाशा लगा रखा है, कब तक आप,,। भिन्नाते हुए कहा मोहन ने,, बाबू जी बस हो गया, सारा सामान बांध दिया है ट्रक आने की देर है,,,।,, कितनी देर लगेगी...

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बप्पा By Devang Kori

आज बप्पा को आये 11 दिन कैसे बीत गये पता ही नहीं चला...और उनके वापिस वैसे लौटने का समय भी आ गया...आज बहुत सारे लोगो को बप्पा को ले जाते देख एक किस्सा याद आ गया...एक छोटा सा बच्चा था...

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बेटियाँ By DINESH KUMAR KEER

मैंने अपने बच्‍चों को कभी नहीं बताया कि मैं क्‍या काम करता था । मैं उन्‍हें कभी मेरी वजह से शर्मिंदा महसूस नहीं कराना चाहता था । जब मेरी छोटी बेटी ने मुझसे पूछा कि मैं क्‍या करता ह...

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पंडित रामप्रसाद बिस्मिल By DINESH KUMAR KEER

*शत्-शत् नमन 11 जून/जन्म-दिवस, काकोरी कांड के नायक : पंडित रामप्रसाद बिस्मिल ।*पंडित रामप्रसाद का जन्म 11 जून, 1897 को शाहजहाँपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। इनके पिता श्री मुरलीधर श...

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आखरी मंजिल - भाग 1 By Suresh Chaudhary

बस से उतर कर बाहर रिक्शे स्टैंड तक का सफर ऐसा लगा, जैसे एक हजार मीटर पैदल चलकर आया।,, भाई यहां कोई वृद्ध आश्रम है क्या,,। एक बुजुर्ग रिक्शे वाले से पूछा।,, जी एक नही, दस ऐसे आश्रम...

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अहिल्या बाई होल्कर By DINESH KUMAR KEER

नारी शक्ति कितनी महान होती है, वह अपने जीवन में क्या कर सकती है इसका उदाहरण अहिल्या बाई होल्कर की जीवनी पढने के बाद आपको मिल जाएगा. जीवन में परेशानियाँ कितनी भी हो, उनसे कैसे निपटन...

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नन्हा आशिक़ By DINESH KUMAR KEER

नन्हा आशिक़ पिता से चिपका अंश सिसक पड़ा।जगमोहन बाबू और अथर्व कुछ समझ न पाएं।थोड़ी देर में अंश पहले की भांति दादा साथ खेलने लगा। इधर अथर्व एक दो बार खिड़की से झांका पर उसे कुछ समझ न आय...

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सम्राट विक्रमादित्य By DINESH KUMAR KEER

उज्जयिनी नरेश महाराजा चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्यअपने भारत देश में बहुत से राजा-महाराजा हुऐ हैं, जिन्होंने अपने पराक्रम से देश का नाम समुचे विश्व में रोशन किया है। महान राजा अशोक...

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अध्यापक भालू By Rajesh Rajesh

असम के एक घने जंगल में सब जानवरों से ज्यादा समझदार बुद्धिमान बूढा भालू था।आपस में एक भी शब्द बोले बिना अपनी आंखों और शरीर की भाषा से दोनों मित्र बात करते थे, बूढा भालू और लकड़हारा...

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राजा दाहिरसेन By DINESH KUMAR KEER

सिंधुपति राजा दाहिरसेन - बलिदान-दिवस / 20 जून, 712भारत को लूटने और इस पर कब्जा करने के लिए पश्चिम के रेगिस्तानों से आने वाले मजहबी हमलावरों का वार सबसे पहले सिन्ध की वीरभूमि को ही...

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राधाजी की कृपा By DINESH KUMAR KEER

. "राधाजी की कृपा" चन्दन वृंदावन की ब्रज भूमि में रहने वाला अपने माँ-बाप का इकलौता बेटा था। दिन भर वो ब्रज की रज में लोटपोट होता रहता अपने सखाओं के साथ अठखेलियाँ करता रहता। सारा दि...

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-बेटा- By Asha Saraswat

बेटाबहू अगर तुम्हारी इजाजत हो तो क्या मैं अपने बेटे को घर ले जा सकता हूं?घर में बहुत शांति पसरी हुई थी। अगर पत्ते भी हिलते तो उनकी आहट तक सुनाई दे रही थी। उससे ज्यादा मौन और खामोशी...

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Leo Tolstoy की लघुकथाएँ By Kartik Arya

1. अंधे की लालटेनअँधेरी रात में एक अंधा सड़क पर जा रहा था। उसके हाथ में एक लालटेन थी और सिर पर एक मिट्टी का घड़ा। किसी रास्ता चलने वाले ने उससे पूछा, ‘अरे मूर्ख, तेरे लिए क्या दिन...

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पति पत्नी का रिश्ता By DINESH KUMAR KEER

पति पत्नी का रिश्ताहुआ यों कि पति ने पत्नी को किसी बात पर तीन थप्पड़ जड़ दिए, पत्नी ने इसके जवाब में अपना सैंडिल पति की तरफ़ फेंका, सैंडिल का एक सिरा पति के सिर को छूता हुआ निकल गय...

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प्रभु की भक्ति By DINESH KUMAR KEER

एक औरत रोटी बनाते बनाते भगवान के नाम का रोज जाप किया करती थी, अलग से पूजा का समय कहाँ निकाल पाती थी बेचारी, तो बस काम करते - करते ही भगवान की पूजा कर लिया करती थी ये उसका रोज का नि...

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सुहागिन की बिंदी By Asha Saraswat

# *सुहागन की बिंदी* # *बाहर फेरीवाला आया हुआ था। कई तरह का सामान लेकर---बिंदिया, काँच की चूड़ियाँ, रबर बैण्ड, हेयर बैण्ड, कंघी, काँच के और भी बहुत सारे सामान थे। आस-पड़ोस की औरतें...

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अंत्येष्टि कर्म का कड़वा सच By गायत्री शर्मा गुँजन

क्या बात कर रही हो अंजना ' हम ठहरे शेड्यूल कास्ट के लोग और आप कहती हैं कि हमे धर्म-ग्रंथ पढ़ना चाहिए ?? आपका दिमाग तो खराब नहीं हो गया है ,, "हमे नहीं पढ़ना कोई शास्त्र ....'...

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यादें By Suresh Chaudhary

आखरी पैग को उठाते ही कानों में,, जेम्स अब बस भी करो यह तुम्हारा सातवां पैग है,,।,,This is Last पैग, जैनी,,। बड़बड़ाया जेम्स, फिर अधखुली आंखों से कमरे में चारों ओर देखा, किसी को अपन...

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पिता की डायरी By DINESH KUMAR KEER

पिता की डायरीमाँ, पिता जी कहाँ गये? डॉक्टर अशोक ने घर में आते ही अपनी माँ से पूछा,अशोक की माता जी बोली-“ पता नहीं बेटे देखो पुस्तकालय में होंगे “तभी अशोक की पत्नी रेखा बोली- “आपने...

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शीतलता By DINESH KUMAR KEER

शीतलता"अरे नई प्रतियोगिता आई है कहानी पटल पर जिसमें लिखना हैं ,तू बता क्या लिखेगी?"रूकमनी ने चिड़िया की तरह चहकते हुये सरोज से पूछा फोन पर "अरे कुछ नही मन नही है मेरा कुछ लिखने को...

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माँ का आँचल By DINESH KUMAR KEER

माँ का आँचलएक जज अपनी पत्नी को क्यों दे रहे हैं तलाक?"रोंगटे खड़े" कर देने वाली घटना।कल रात एक ऐसा वाकया हुआ जिसने मेरी ज़िन्दगी के कई पहलुओं को छू लियाकरीब 7 बजे होंगे,शाम को मोबा...

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चावल का दाना By DINESH KUMAR KEER

चावल का दाना एक भिखारी एक दिन सुबह अपने घर के बाहर निकला। त्योहार का दिन है। आज गाँव में बहुत भिक्षा मिलने की संभावना है। वो अपनी झोली में थोड़े से चावल दाने डाल कर, बाहर आया। चावल...

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वानर पुत्र नहीं है मानव By Yogesh Kanava

  अपनी आदत के अनुसार ही शर्माजी आज भी सुबह ही घूमने निकल गए। कमर का दर्द अब पहले से काफी कम हो गया था इसलिए अब फिर से उन्होंने धीरे-धीरे अपनी पुरानी दिनचर्या शुरू कर दी थी। करीब मह...

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अधुरी इच्छा By Captain Dharnidhar

पहाड़ो से घिरा गांव , गांव के मध्य कालू का घर , कालू के घर में गौर वर्ण सुन्दर सुशीला चंचल नयनी गृह कार्य में दक्ष उसकी पुत्री.. नाम लच्छी । कालू एक मजदूर कृषकाय दूसरो के खेतों में...

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उस रात का सच By DINESH KUMAR KEER

उस रात का सच वह लड़की का हाथ पकड़े, उसे प्लेटफार्म से खींचते हुए बाहर ले जाने की कोशिश में लगा हुआ था। लड़की रोते हुए, छूटने के लिए पूरी ताकत लगा रही थी। एक महिला बिलखती हुई उसके पीछे...

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काश्मिरी पंडित - भाग 6 By Nikita Patil

साल 1989 में कश्मीर की खूबसूरत घाटी में एक भयानक घटना सामने आई। यह हिंसा और अशांति का समय था, क्योंकि कश्मीरी पंडितों को कट्टरपंथियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा था। उनमें एक प्रमुख...

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जिम्मेवारी By Swati

जिंदगी ने ऐसी मोड़ पे लाकर खड़ा कर दिया है जहां से आगे जाने का रास्ता पता नही है और पीछे जा नही सकती । जैसे तैसे करके यहां तक तो आ गई लेकिन इससे आगे का सफर कैसे करू कुछ समझ नहीं आ...

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प्यार का सच By Bhanuben Prajapati

दिल का रिश्ता बड़ा प्यारा होता है,लेकिन दिल में रहेने वाला का सच्चा प्यार मिले तब। आज कल प्यार का फेसन हो गया है।दिल से दिल मिलाना मतलब ईश्वर के साथ हो होना।जो लोग सच्चा प्यार करते...

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खूनी पंजा By Suresh Chaudhary

राकेश की शादी पर छोटे भाई किशोर सहित सभी मित्र बड़े खुश नजर आ रहे थे, गांव में एक परंपरा होती है, भाभी की गोद में छोटे देवर को बैठना होता है। किशोर ने इस परंपरा का भली प्रकार से नि...

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मासूम बचपन By DINESH KUMAR KEER

1मासूम बचपनमेरे मन में यदा - कदा यह सवाल उठता कि ," क्या बचपन बिल्कुल ही होशमंद नहीं होता या चालाकी की हद तक होशमंद होता है ?" …मैं अपने माता - पिता की सबसे छोटी संतान था। वैसे अगर...

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ईमानदारी की कीमत By DINESH KUMAR KEER

ईमानदारी की कीमतसीमा ने अपनी मैम से सिफ़ारिश कर धरमा को ड्राइवर की नौकरी पर लगवाया । क्योंकि धरमा को गलत बात पसंद नहीं थी, इसलिए हमेशा नौकरी से निकाला जाता था । बेटा ! बड़ी मुश्किल...

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बिन मांगी दुआ By Rakesh Rakesh

राम सेवक दो दिन बाद घर वापस आता है तो उसकी पत्नी लाजवंती राम सेवक से बहुत झगड़ा करती है राम सेवक भी उसकी जली कटी बातें चुपचाप सुनता रहता है क्योंकि इन दिनों राम सेवक अपने घर के सार...

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अमृत मंथन By Abhishek Joshi

यदि  आज  के  समय  के  हिसाब  से  सोचा  जाए  तो  अमृत मंथन  क्या  है  ? यह  प्रश्न  कही  ना  कही  दिमाग  मे  उठता  ही  है ।  अमृत मंथन  यानि  के  विचारों  का  मंथन  ।  आज  के  युग ...

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कार्यालयीन आध्यात्म (महेश अनघ) By Niti Singh Shrivastava

सेवानिवृत आदमी के पास और कुछ हो, न हो, लेकिन दो महत्वपूर्ण चीजें जरूर होती हैं। एक- उम्र के अनुसार 'आध्यात्मिक चिन्तन की और स्वाभाविक झुकाव, औरदो- सरकारी कार्यालयों के काम काज...

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हमसफर भी तुम ही हो By Sumit Singh

अविनाश सुबह समय पर उठा नहीं तो संस्कृति को चिंता हुई. उस ने अविनाश को उठाते हुए उस के माथे पर हाथ रखा. माथा तप रहा था. संस्कृति घबरा उठी. अविनाश को तेज बुखार था. दो दिन से वह खांस...

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माता - पिता का प्यार By DINESH KUMAR KEER

*एक बच्चे को आम का पेड़ बहुत पसंद था।**जब भी फुर्सत मिलती वो आम के पेड के पास पहुंच जाता।* *पेड के उपर चढ़ता,आम खाता,खेलता और थक जाने पर उसी की छाया मे सो जाता।* *उस बच्चे और आम के प...

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पिता और पुत्री की कहानी By DINESH KUMAR KEER

एक घर में एक बेटी ने जन्म लिया और होते ही माँ का स्वर्गवास हो गया। बाप ने बेटी को गले से लगा लिया रिश्तेदारों ने लड़की के जन्म से ही ताने मारने शुरू कर दिए कि पैदा होते ही माँ को खा...

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जीवनसाथी By DINESH KUMAR KEER

जीवनसाथीसीमा कि शादी को अभी आठ महीने ही हुए थे बात तो अच्छे से होती है पतिदेव से पर प्यार होगा या नहीं ये कहना अब भी मुश्किल है...ठीक ठाक ही व्यवहार है या यूं कहें कि भले आदमी है.....

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प्रभाव या परिणाम By RAMAN KUMAR JHA

रमा घर का सारा काम निपटा कर कमरे में सोने आई। रोहित पहले ही आ चुका था, और लेटे-लेटे कब उसकी, आँख लग गई पता ही नहीं चला। रमा भी सोने ही वाली थी, कि अचानक उसका का फोन बजा। रात के 10....

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मैं कौन हूं By Suresh Chaudhary

रेलवे स्टेशन पर आ कर मैने सबसे पहले गाड़ियों की सूची देखी। देख कर पता लगा कि प्रयाग राज जाने वाली गाड़ी शाम के छह बजे जायेगी, थोड़ी भूख भी लग चुकी है लेकिन मैंने अपने कोट की अंदरून...

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कलम By Anita Sinha

कलम। कलम को नमन हे मां शारदे। कलम को चलाती तुम हो हे मां शारदे। कलम को शक्ति प्रदान करती तुम हो हे मां शारदे। कलम की अधिष्ठात्री देवी तुम हो हे मां शारदे। कलम की देवी तुम हो हे मां...

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राधा और कृष्ण की कहानी By DINESH KUMAR KEER

एक बार श्री राधा अपनी सखियों के संग यमुना किनारे बैठी होती हैं। सभी सखी आपस में श्री राधा और श्यामसुन्दर के प्रेम की बातें करती हैं। कोई कहती है राधा के रोम रोम में श्यामसुन्दर बसे...

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मां। - भाग 2 By Anita Sinha

मां दुनिया में कोई हस्ती नहीं बनी है जो मां की बराबरीकर सके। मां ही है वो कश्ती जो भवसागर से नैयापार करा सके।चाहे कितने तीर्थ कर लें हम आठों याम।मां के चरणों में ही मिलेंगे सारे ती...

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माँ की दुआ By DINESH KUMAR KEER

माँ की दुआ"अम्मा! आपके बेटे ने मनीआर्डर भेजा है।"डाकिया साहब ने अम्मा को देखते अपनी मोटरसाइकिल रोक दी। अपने आंखों पर चढ़े चश्मे को उतार आंचल से साफ कर वापस पहनती अम्मा की बूढ़ी आंख...

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