hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • हार या जीत

    कोर्ट का आदेश आने के साथ ही माधुरी के चेहरे पर विजयी मुस्कान लहराने लगी, मानव की...

  • एक प्यारी सी बच्ची

    एक प्यारी सी बच्चीचालीस - बयालीस साल की घरेलू स्त्री थी सीमा जी का भरापूरा परिवा...

  • पिता का सम्मान

    " पितृ सम्मान "रात के दस बज रहे हैं और तुम अभी तक घर नहीं लौटे ... ? कल से तुम्ह...

स्वतंत्रता सेनानी - गोपाल कुम्हार By DINESH KUMAR KEER

स्वतंत्रता सेनानी - गोपाल कुम्हारस्वतंत्रता सेनानी श्री बोध कुम्हार" जी का झारखंड में स्मारक /शिलालेखगोपाल कुम्हार जी - भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अंग्रेजों स...

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हार या जीत By Suresh Chaudhary

कोर्ट का आदेश आने के साथ ही माधुरी के चेहरे पर विजयी मुस्कान लहराने लगी, मानव की ओर घृणा भरी नजरों से देखा, गर्दन सीधी हो गई, दोनों कंधे अकड़ के कारण सीधे तन गए। लेकिन मानव हारे हु...

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4 अप्रैल 1979 By ABHAY SINGH

4 अप्रेल 1979 की रात दो बजे.. पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो फांसी के तख्ते पर खड़े थे। जेलर, घड़ी की सुइयों पर नजर टिकाए था। 2 बजकर 4 मिनट हुए, पांचवा मिनट शुरू हो चुका थ...

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एक प्यारी सी बच्ची By DINESH KUMAR KEER

एक प्यारी सी बच्चीचालीस - बयालीस साल की घरेलू स्त्री थी सीमा जी का भरापूरा परिवार था । धन - धान्य की कोई कमी नहीं थी । सुधा भी ख़ुश ही थी अपने घर - संसार में , लेकिन कभी - कभी अचान...

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आसिफ़ अली By ABHAY SINGH

पहली फोटो उस बन्दे की है, जिसने भगतसिंह का केस लड़ा। इनका परिचय दूं.. इसके पहले एक मजेदार घटना बताता हूँ। 2020 में मैनें भक्तों की भीड़ पर रैंडम पत्थर फेंका। चार लोग चोटिल हुए। पूछ...

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बुढ़ापे का सहारा By DINESH KUMAR KEER

बुढ़ापे का सहारासीमा... आखिर बात क्या है कल से देख रहा हूं तुम बार - बार छत पर जाती हो ... कई बार छत से चढ़ते - उतरते हुए देखकर आखिरकार दिनेश जी ने अपनी पत्नी जानकी से पूछा ही लिया...

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बाप, खुद बाप बनने के बाद समझ आता है। By ABHAY SINGH

बाप, खुद बाप बनने के बाद समझ आता है। कहीं पढ़ा था,कि पिता-पुत्र के सम्बंध वक्त के साथ बदलते हैं। कम उम्र का बच्चा पिता को आइडोलाइज करता है, उसके जैसा बनना चाहता है। लेकिन निजी वैयक...

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चोपड़ चकल्लस By Yashwant Kothari

यशवन्त कोठारी  जयपुर की कई विशेषताएं हैं, जैसे दर्टीनेस दाऊ नेम इज जयपुर। कई बार जब जयपुर को देखता हूंख् तो यह समझ में नहीं आता कि जयपुर में गंदगी है या गंदगी में कहीं जयपुर छ...

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पिता का सम्मान By DINESH KUMAR KEER

" पितृ सम्मान "रात के दस बज रहे हैं और तुम अभी तक घर नहीं लौटे ... ? कल से तुम्हारा बाहर जाना बंद ... ! !यह कमरे में धुंंआ किस चीज का है ... ?सिगरेट का पैकेट ... ! !लगता है अब तुम्...

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द ऐक्सप्लोडिंग मैंगोज़ By ABHAY SINGH

नेताओ को आम खाने का शौक होता है।काटकर, चूसकर, छीलकर..आम, और अवाम को खाने वाले नेताओं ने हमारे बीच काफी गहरी लकीरें बनाई।जो ऐसी खाई में तब्दील हुई कि आम आदमी, उसमें धंसकर रह गया। जि...

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रामदुलारी की तेरहवीं By Sonali Rawat

आकाश में काले बादल घुमड़ रहे थे ।किसी भी क्षण वर्षा हो सकती थी ।वर्षा की संभावना से मनुष्योंका समूह- “राम नाम सत्य है “ की गुहार लगाता जल्दी-जल्दी कदम बढ़ाता शमशान की ओर जा रहा था।...

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अनमोल धरोहर By DINESH KUMAR KEER

अनमोल धरोहरडैडी... आज आपके रखें नये ड्राइवर ने मेरे साथ बदतमीजी की ... देर शाम लौटी जांहवी ने अपने पापा को बाहर हाल में बैठे हुए देखकर शिकायती लिहाजे में कहा...क्या ... उसकी ये हिम...

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सिमटते क्षेत्रीय दल, सिमटता लोकतन्त्र By ABHAY SINGH

सिमटते क्षेत्रीय दल, सिमटता लोकतन्त्र..90 का दशक,कांग्रेस के बिखराव का दौर रहा है। आखरी कांग्रेस सरकार 1985 में बनी। फिर गठबन्धन सरकारों का युग आया। ●●नरसिंहराव सरकार, अनेक छोटे दल...

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सावित्री और सत्यवान की कहानी By DINESH KUMAR KEER

सावित्री को अपने पिता की चेतावनी बार बार स्मरण हो उठती, उसने गिनती लगाई, आज मास का अंतिम दिवस है। तपस्या और प्रेम की परीक्षा का आखिरी पड़ाव आ पहुँचा था। अंधे सास ससुर को खाना खिलाकर...

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समय के साथ बदलाव By ABHAY SINGH

समय के साथ चलिए वरना....1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही Digital photography ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिय...

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रास बिहारी बोस By DINESH KUMAR KEER

रास बिहारी बोस की पुण्य तिथि पर कोटि कोटि नमन...Rash Bihari Bose: रास बिहारी ने Subhash Chandra Bose को बनाकर दी आजाद हिंद फौज | Jharokha 30 Augमहान स्वतंत्रता सेनानी रास बिहारी बो...

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मुस्कुराहट का कर्ज़ By Sonali Rawat

"अरे आगे जाओ बाबा।"कार से उतरते हुए आनंद के कानों में आवाज आई तो उसकी निगाहें उस बूढ़े व्यक्ति की तरफ उठ गई जो किसी से खाना खिला देने को कह रहा था। आनंद की स्मृतियों में उस बूढ़े को...

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गृहमंत्री की बेटी By ABHAY SINGH

गृहमंत्री की बेटी किडनैप हो गयी!!! "राजा नही फकीर है, देश की तकदीर है" के नारे के साथ वीपी के जनता दल ने 140 सीटें जीत ली। कांग्रेस 195 सीट के साथ पहले नम्बर पर रही। लेकिन कहाँ 415...

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कुंवर चैन सिंह By DINESH KUMAR KEER

कुंवर चैन सिंह मध्य प्रदेश में भोपाल के निकट स्थित नरसिंहगढ़ रियासत के राजकुमार थे, जो 24 जुलाई 1824 को अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। 1857 के सशस्त्र स्वाधी...

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सुबह की सैर By Dr Jaya Shankar Shukla

*आज सुबह "morning walk" पर,एक व्यक्ति को देखा* मुझ से आधा "किलोमीटर" आगे था।अंदाज़ा लगाया कि, मुझ से थोड़ा "धीरे" ही भाग रहा था। एक अजीब सी "खुशी" मिली। मैं पकड़ लूंगा उसे, और यकीन...

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रानी चेन्नम्मा By DINESH KUMAR KEER

रानी चेन्नम्मा के साहस एवं उनकी वीरता के कारण देश के विभिन्न हिस्सों खासकर कर्नाटक में उन्हें विशेष सम्मान हासिल है और उनका नाम आदर के साथ लिया जाता है।कित्तूर का पतन शुरु होने का...

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संस्मरण (मेरे जीवन का अविस्मरणीय क्षण) By उषा जरवाल

 शीर्षक – गलतफ़हमी बनी सीख   बात उन दिनों की है जब मैं पाँचवी कक्षा में पढ़ती थी | मेरे गाँव का प्राथमिक विद्यालय नदी के पार था | नदी पर एक छोटा – सा पुल बना हुआ था जिसे पार करके हम...

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लाल किले के प्राचीर से By bhagirath

 लाल किले के प्राचीर से       लाल किले के प्राचीर से इस बार भी सपने दिखाए गए । जनता को लुभाने के लिए नये-नये सपने बुने गए। लोगों की आँखों में सपने तैरे और फिर तालियों की गड़गड़ाहट के...

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मास्टर सूर्यसेन By DINESH KUMAR KEER

सूर्य सेन (22 मार्च 1894 — 12 जनवरी 1934) भारत की स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी थे। उन्होने इंडियन रिपब्लिकन आर्मी की स्थापना की और चटगांव विद्रोह का सफल नेतृत्व किया। वे...

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चिठ्ठी By DINESH KUMAR KEER

एक गाँव के एक उच्चवर्गीय बूढ़े पिता ने अपने पुत्रों के नाम एक चिट्ठी लिखकर खुद को गोली मार ली। चिट्टी क्यों लिखी और क्या लिखा। यह जानने से पहले संक्षेप में चिट्टी लिखने की पृष्ठभूम...

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सोते वक्त By bhagirath

सोते वक्त   कमरे में दो चारपाईयाँ बिछी हैं। बीच में एक दहकती हुई अंगीठी कमरे को गर्म कर रही है। एक चारपाई पर बूढ़ा और दूसरी पर बुढिया रजाई ओढ़ कर बैठे हुए हैं। वे यदाकदा हाथ अंगीठी क...

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क्रांतिकारी - शिवराम हरि राजगुरु By DINESH KUMAR KEER

अमर शहीद क्रांतिकारी शिवराम हरि राजगुरु मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले महान क्रांतिकारी अमर शहीद "शिवराम राजगुरु जी" की जयंती (24 अगस्त) पर मैं उन्हें श...

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दोस्तों, ख़ुशियाँ बाँटते चलो …. By Piyush Goel

हरगढ़ के राजा बड़े ही दयालु,धार्मिक व्यक्ति थे. अपनी प्रजा का बहुत ही ध्यान रखते थे, समय-समय पर लोगों से मिलना, प्रजा भी राजा से बहुत ही खुश रहती थी. समय-समय पर राजा धार्मिक आयोजन...

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मन माखन By DINESH KUMAR KEER

मन माखन माखन क्या है ? मन ही माखन है. भगवान को मन रूपी माखन का भोग लगाना है. क्योकि भोग तो भगवान लगाते है भक्त तो प्रसाद ग्रहण करता है, इसलिए हम भोक्ता न बने, बस मन माखन जैसा कोमल...

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तांगेवाला By Rajesh Rajesh

नेतराम तांगेवाला बस अड्डे से यात्रियों को आस पास के गांव में छोड़ता और लाता था। तांगा घोड़ा ही उसकी रोजी-रोटी थी।नेतराम वैसे तो मेहनती ईमानदार पुरुष था, लेकिन उसके अंदर एक बहुत बड़...

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नल और दमयन्ती की कहानी By DINESH KUMAR KEER

नल-दमयंती कथा महाभारत महाकाव्य, में एक प्रसंग के अनुसार नल और दमयन्ती की कथा महाराज युधिष्ठिर को सुनाई गई थी।युधिष्ठिर को जुए में अपना सब-कुछ गँवा कर अपने भाइयों के साथ 12 वर्ष के...

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छोटी सी मजाक By Rajesh Rajesh

सिकंदर दिल्ली में सरकारी नौकरी करता था, वह जब भी अपने गांव आता था, तो अपने बचपन के दोस्त रामफल और उसके परिवार के लिए दिल्ली से कुछ ना कुछ खाने पीने की चीज या अन्य कोई सामान लेकर जर...

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फूलों का महत्व By DINESH KUMAR KEER

पूजा और फूल हम बचपन से देखते आए हैं कि हमारे बड़े- बुजुर्ग भगवान की पूजा के लिए घर की क्यारी से फूल चुनते रहे...पूजा में इन फूलों की क्या उपयोगिता है,आज हमने इसी विषय पर लिखने की क...

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सत्य इतिहास - भाग 1 - कौन है पुंजा ? By Ritin Pundir

कई वर्षों से देश मे एक नैरेटिव सेट कर दिया गया कि, की राणा पूंजा एक भील थे. जो सभी ने आसानी से मान लिया . जबकिं राणा पूंजा ,भीलों की सेना प्रतिनिधित्व करते थे, भीलों के राणा थे, ना...

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लाडली दान .... By Lotus

लाडली यानी बेटी अपने माता पिता की लाडली होती है एक बेटी विवाह के पुर्व अपना सारा सुख दुख अपने माता पिपा पर छोड देती है ...कभी सरल कभी भोली और रूठकर अपने माता पिता से अपना सारा जिद...

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मंजूर था By Abhishek Joshi

सोचा  की  एक  बार  तुजे  रोक लू  ।  तुजसे  बात  करना  मोहब्बत  के  लिए  जरूरी था ।। १ ।।      है   अन-गिनत  गलत फहमी  हमारे  बीच ।  उसे भी मिटाना  बहुत  जरूरी  था ।। २ ।।     पर  न...

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एक अनोखी कहानी By DINESH KUMAR KEER

थोड़ी शर्म करो जी...कहते हैं... किसी के घर की साफ़ सफाई के बारे में जानना हो तो उसका वाशरूम देखिये। और किसी के दिल को देखना हो तो उसके घर के बर्तनों और खिलाने के अंदाज को देखिये।अपने...

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डाकू और मजदूर की कहानी By DINESH KUMAR KEER

डाकू और मजदूर की कहानीमुश्किल समय में धैर्य नहीं खोना चाहिए एक बार एक व्यक्ति दिन भर मजदूरी करके पैसे कमाने के पश्चात अपने घर की तरफ जा रहा था। सर्दियों के दिन थे और शाम ढल चुकी थी...

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तात्या टोपे By DINESH KUMAR KEER

1857 की क्रांति के हीरो अमर शहीद क्रांतिकारी रामचंद्रराव पांडुरंगराव येवलकर उर्फ तात्या टोपे जी की जन्म जयंती पर कोटि-कोटि नमनजन्म : सन 1814जन्मस्थान : यवला (महाराष्ट्र)पिता : पांड...

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तस्वीरी दुनिया - भाग 1 By Abhishek Joshi

यह  कहानी  पूर्णरूप  से  काल्पनिक  है ।  नाही  इसमे  बताई  गई  कहानी  का  अस्तित्व  है  ।  ओर  नहीं  कही  जिक्र  ये  सिर्फ  कहानी  के  सरिए  से ही  लिखी  है ।    रामायण  काल  मे  क...

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मंगल पांडे By DINESH KUMAR KEER

*1857 क्रांति की चिंगारी बनी दावानल* आज ही के दिन दिनांक 29 मार्च 1857 को भारतीय परतंत्रता के विरुद्ध क्रांति के प्रथम पुरुष, 34 वीं बंगाल नेटिव इन्फेंट्री की छठी कंपनी के साधारण स...

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भगिनि निवेदिता By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भगिनी निवेदिता---- नंदू अपने परिवार में अकेला ऐसा सदस्य था जिसके ऊपर उसके बाबा भाई बहन कि निगाहे लगी रहती उन दिनों नंदू कि पारिविक स्थिति ठीक नही थी आय का कोई श्रोत था नही और नंदू...

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बदनसीब - 2 By Suresh Chaudhary

जब तीनों लड़के और लड़की मुझे खरी खोटी सुना कर चले गए, तब मैं शाम तक इसी सदमे में रहा, क्या यह वो ही औलाद है, जिनका पालन पोषण करने में नमिता और मैंने दिन रात एक कर दिया था। आज कितनी...

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तो हमसे वफ़ा कैसे कर सकते हैं   By Ratna Pandey

शहर से कुछ ही दूरी पर एक छोटी सी पहाड़ी थी, जहां सुंदर वृक्षों की घनी आबादी थी। शहर के लोग अक्सर छुट्टी के दिन अपनी शाम गुजारने उस पहाड़ी पर आकर वृक्षों के नीचे बैठकर जीवन का और उन...

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अर्द्धांगिनी By DINESH KUMAR KEER

*अर्द्धांगिनी - धर्म पत्नी की विदाई*एक गांव में भाई और उसकी पत्नी रात को बाते करते करते सो जाते है, सोने के बाद भाई की *पत्नी* अचानक रात को गुजर जाती है !घर में रोने की आवाज आ रही...

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अतिथि देवो भव By नंदलाल मणि त्रिपाठी

ढलती शाम धीरे धीरे बढ़ता अंधेरा एक दिवस के अवसान का संदेश ।अचानक देवरिया रेलवे प्लेट फार्म पर अफरा तफरी एक लंबा चौड़ा लगभग छः फिट लंबा नौजवान गोरा हाफ पैंट औऱ बनियान पहने विक्षिप्त स...

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ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत By DINESH KUMAR KEER

ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत (१८३x-१८६४) १९वी शताब्दी के क्रांतिकारियों में से एक थे। जोधपुर रियासत में आउवा ठिकाने के ठाकुर कुशाल सिंह चॉपावत ने १८५७ के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जो...

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हाइपरटेंशन (जिंदगी चवन्नी) By नंदलाल मणि त्रिपाठी

शिखर सिंह खानदानी बड़े आदमी खानदानी रईस बाप दादो को शान शौकत रुतबा उनके परिवार में कोई किसी नौकरी में नही जाता ।उनके यहां ही सैकड़ो कारिंदे काम करते शिखर सिंह बड़े ही विनम्र एव मिलनसा...

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नानक जी भील By DINESH KUMAR KEER

बूंदी के डाबी किसान आंदोलन के आंदोलनकारी, क्रांतिकारी प्रखर कवि, ओजस्वी वक्ता, वीर अमर शहीद नानक जी भील की शहादत दिवस पर उन्हें कोटि कोटि सादर नमन ।नानक भील का जन्म 1890 मे बरड क्ष...

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स्वतंत्रता सेनानी - गोपाल कुम्हार By DINESH KUMAR KEER

स्वतंत्रता सेनानी - गोपाल कुम्हारस्वतंत्रता सेनानी श्री बोध कुम्हार" जी का झारखंड में स्मारक /शिलालेखगोपाल कुम्हार जी - भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अंग्रेजों स...

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हार या जीत By Suresh Chaudhary

कोर्ट का आदेश आने के साथ ही माधुरी के चेहरे पर विजयी मुस्कान लहराने लगी, मानव की ओर घृणा भरी नजरों से देखा, गर्दन सीधी हो गई, दोनों कंधे अकड़ के कारण सीधे तन गए। लेकिन मानव हारे हु...

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4 अप्रैल 1979 By ABHAY SINGH

4 अप्रेल 1979 की रात दो बजे.. पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो फांसी के तख्ते पर खड़े थे। जेलर, घड़ी की सुइयों पर नजर टिकाए था। 2 बजकर 4 मिनट हुए, पांचवा मिनट शुरू हो चुका थ...

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एक प्यारी सी बच्ची By DINESH KUMAR KEER

एक प्यारी सी बच्चीचालीस - बयालीस साल की घरेलू स्त्री थी सीमा जी का भरापूरा परिवार था । धन - धान्य की कोई कमी नहीं थी । सुधा भी ख़ुश ही थी अपने घर - संसार में , लेकिन कभी - कभी अचान...

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आसिफ़ अली By ABHAY SINGH

पहली फोटो उस बन्दे की है, जिसने भगतसिंह का केस लड़ा। इनका परिचय दूं.. इसके पहले एक मजेदार घटना बताता हूँ। 2020 में मैनें भक्तों की भीड़ पर रैंडम पत्थर फेंका। चार लोग चोटिल हुए। पूछ...

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बुढ़ापे का सहारा By DINESH KUMAR KEER

बुढ़ापे का सहारासीमा... आखिर बात क्या है कल से देख रहा हूं तुम बार - बार छत पर जाती हो ... कई बार छत से चढ़ते - उतरते हुए देखकर आखिरकार दिनेश जी ने अपनी पत्नी जानकी से पूछा ही लिया...

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बाप, खुद बाप बनने के बाद समझ आता है। By ABHAY SINGH

बाप, खुद बाप बनने के बाद समझ आता है। कहीं पढ़ा था,कि पिता-पुत्र के सम्बंध वक्त के साथ बदलते हैं। कम उम्र का बच्चा पिता को आइडोलाइज करता है, उसके जैसा बनना चाहता है। लेकिन निजी वैयक...

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चोपड़ चकल्लस By Yashwant Kothari

यशवन्त कोठारी  जयपुर की कई विशेषताएं हैं, जैसे दर्टीनेस दाऊ नेम इज जयपुर। कई बार जब जयपुर को देखता हूंख् तो यह समझ में नहीं आता कि जयपुर में गंदगी है या गंदगी में कहीं जयपुर छ...

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पिता का सम्मान By DINESH KUMAR KEER

" पितृ सम्मान "रात के दस बज रहे हैं और तुम अभी तक घर नहीं लौटे ... ? कल से तुम्हारा बाहर जाना बंद ... ! !यह कमरे में धुंंआ किस चीज का है ... ?सिगरेट का पैकेट ... ! !लगता है अब तुम्...

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द ऐक्सप्लोडिंग मैंगोज़ By ABHAY SINGH

नेताओ को आम खाने का शौक होता है।काटकर, चूसकर, छीलकर..आम, और अवाम को खाने वाले नेताओं ने हमारे बीच काफी गहरी लकीरें बनाई।जो ऐसी खाई में तब्दील हुई कि आम आदमी, उसमें धंसकर रह गया। जि...

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रामदुलारी की तेरहवीं By Sonali Rawat

आकाश में काले बादल घुमड़ रहे थे ।किसी भी क्षण वर्षा हो सकती थी ।वर्षा की संभावना से मनुष्योंका समूह- “राम नाम सत्य है “ की गुहार लगाता जल्दी-जल्दी कदम बढ़ाता शमशान की ओर जा रहा था।...

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अनमोल धरोहर By DINESH KUMAR KEER

अनमोल धरोहरडैडी... आज आपके रखें नये ड्राइवर ने मेरे साथ बदतमीजी की ... देर शाम लौटी जांहवी ने अपने पापा को बाहर हाल में बैठे हुए देखकर शिकायती लिहाजे में कहा...क्या ... उसकी ये हिम...

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सिमटते क्षेत्रीय दल, सिमटता लोकतन्त्र By ABHAY SINGH

सिमटते क्षेत्रीय दल, सिमटता लोकतन्त्र..90 का दशक,कांग्रेस के बिखराव का दौर रहा है। आखरी कांग्रेस सरकार 1985 में बनी। फिर गठबन्धन सरकारों का युग आया। ●●नरसिंहराव सरकार, अनेक छोटे दल...

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सावित्री और सत्यवान की कहानी By DINESH KUMAR KEER

सावित्री को अपने पिता की चेतावनी बार बार स्मरण हो उठती, उसने गिनती लगाई, आज मास का अंतिम दिवस है। तपस्या और प्रेम की परीक्षा का आखिरी पड़ाव आ पहुँचा था। अंधे सास ससुर को खाना खिलाकर...

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समय के साथ बदलाव By ABHAY SINGH

समय के साथ चलिए वरना....1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही Digital photography ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिय...

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रास बिहारी बोस By DINESH KUMAR KEER

रास बिहारी बोस की पुण्य तिथि पर कोटि कोटि नमन...Rash Bihari Bose: रास बिहारी ने Subhash Chandra Bose को बनाकर दी आजाद हिंद फौज | Jharokha 30 Augमहान स्वतंत्रता सेनानी रास बिहारी बो...

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मुस्कुराहट का कर्ज़ By Sonali Rawat

"अरे आगे जाओ बाबा।"कार से उतरते हुए आनंद के कानों में आवाज आई तो उसकी निगाहें उस बूढ़े व्यक्ति की तरफ उठ गई जो किसी से खाना खिला देने को कह रहा था। आनंद की स्मृतियों में उस बूढ़े को...

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गृहमंत्री की बेटी By ABHAY SINGH

गृहमंत्री की बेटी किडनैप हो गयी!!! "राजा नही फकीर है, देश की तकदीर है" के नारे के साथ वीपी के जनता दल ने 140 सीटें जीत ली। कांग्रेस 195 सीट के साथ पहले नम्बर पर रही। लेकिन कहाँ 415...

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कुंवर चैन सिंह By DINESH KUMAR KEER

कुंवर चैन सिंह मध्य प्रदेश में भोपाल के निकट स्थित नरसिंहगढ़ रियासत के राजकुमार थे, जो 24 जुलाई 1824 को अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। 1857 के सशस्त्र स्वाधी...

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सुबह की सैर By Dr Jaya Shankar Shukla

*आज सुबह "morning walk" पर,एक व्यक्ति को देखा* मुझ से आधा "किलोमीटर" आगे था।अंदाज़ा लगाया कि, मुझ से थोड़ा "धीरे" ही भाग रहा था। एक अजीब सी "खुशी" मिली। मैं पकड़ लूंगा उसे, और यकीन...

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रानी चेन्नम्मा By DINESH KUMAR KEER

रानी चेन्नम्मा के साहस एवं उनकी वीरता के कारण देश के विभिन्न हिस्सों खासकर कर्नाटक में उन्हें विशेष सम्मान हासिल है और उनका नाम आदर के साथ लिया जाता है।कित्तूर का पतन शुरु होने का...

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संस्मरण (मेरे जीवन का अविस्मरणीय क्षण) By उषा जरवाल

 शीर्षक – गलतफ़हमी बनी सीख   बात उन दिनों की है जब मैं पाँचवी कक्षा में पढ़ती थी | मेरे गाँव का प्राथमिक विद्यालय नदी के पार था | नदी पर एक छोटा – सा पुल बना हुआ था जिसे पार करके हम...

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लाल किले के प्राचीर से By bhagirath

 लाल किले के प्राचीर से       लाल किले के प्राचीर से इस बार भी सपने दिखाए गए । जनता को लुभाने के लिए नये-नये सपने बुने गए। लोगों की आँखों में सपने तैरे और फिर तालियों की गड़गड़ाहट के...

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मास्टर सूर्यसेन By DINESH KUMAR KEER

सूर्य सेन (22 मार्च 1894 — 12 जनवरी 1934) भारत की स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी थे। उन्होने इंडियन रिपब्लिकन आर्मी की स्थापना की और चटगांव विद्रोह का सफल नेतृत्व किया। वे...

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चिठ्ठी By DINESH KUMAR KEER

एक गाँव के एक उच्चवर्गीय बूढ़े पिता ने अपने पुत्रों के नाम एक चिट्ठी लिखकर खुद को गोली मार ली। चिट्टी क्यों लिखी और क्या लिखा। यह जानने से पहले संक्षेप में चिट्टी लिखने की पृष्ठभूम...

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सोते वक्त By bhagirath

सोते वक्त   कमरे में दो चारपाईयाँ बिछी हैं। बीच में एक दहकती हुई अंगीठी कमरे को गर्म कर रही है। एक चारपाई पर बूढ़ा और दूसरी पर बुढिया रजाई ओढ़ कर बैठे हुए हैं। वे यदाकदा हाथ अंगीठी क...

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क्रांतिकारी - शिवराम हरि राजगुरु By DINESH KUMAR KEER

अमर शहीद क्रांतिकारी शिवराम हरि राजगुरु मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले महान क्रांतिकारी अमर शहीद "शिवराम राजगुरु जी" की जयंती (24 अगस्त) पर मैं उन्हें श...

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दोस्तों, ख़ुशियाँ बाँटते चलो …. By Piyush Goel

हरगढ़ के राजा बड़े ही दयालु,धार्मिक व्यक्ति थे. अपनी प्रजा का बहुत ही ध्यान रखते थे, समय-समय पर लोगों से मिलना, प्रजा भी राजा से बहुत ही खुश रहती थी. समय-समय पर राजा धार्मिक आयोजन...

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मन माखन By DINESH KUMAR KEER

मन माखन माखन क्या है ? मन ही माखन है. भगवान को मन रूपी माखन का भोग लगाना है. क्योकि भोग तो भगवान लगाते है भक्त तो प्रसाद ग्रहण करता है, इसलिए हम भोक्ता न बने, बस मन माखन जैसा कोमल...

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तांगेवाला By Rajesh Rajesh

नेतराम तांगेवाला बस अड्डे से यात्रियों को आस पास के गांव में छोड़ता और लाता था। तांगा घोड़ा ही उसकी रोजी-रोटी थी।नेतराम वैसे तो मेहनती ईमानदार पुरुष था, लेकिन उसके अंदर एक बहुत बड़...

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नल और दमयन्ती की कहानी By DINESH KUMAR KEER

नल-दमयंती कथा महाभारत महाकाव्य, में एक प्रसंग के अनुसार नल और दमयन्ती की कथा महाराज युधिष्ठिर को सुनाई गई थी।युधिष्ठिर को जुए में अपना सब-कुछ गँवा कर अपने भाइयों के साथ 12 वर्ष के...

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छोटी सी मजाक By Rajesh Rajesh

सिकंदर दिल्ली में सरकारी नौकरी करता था, वह जब भी अपने गांव आता था, तो अपने बचपन के दोस्त रामफल और उसके परिवार के लिए दिल्ली से कुछ ना कुछ खाने पीने की चीज या अन्य कोई सामान लेकर जर...

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फूलों का महत्व By DINESH KUMAR KEER

पूजा और फूल हम बचपन से देखते आए हैं कि हमारे बड़े- बुजुर्ग भगवान की पूजा के लिए घर की क्यारी से फूल चुनते रहे...पूजा में इन फूलों की क्या उपयोगिता है,आज हमने इसी विषय पर लिखने की क...

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सत्य इतिहास - भाग 1 - कौन है पुंजा ? By Ritin Pundir

कई वर्षों से देश मे एक नैरेटिव सेट कर दिया गया कि, की राणा पूंजा एक भील थे. जो सभी ने आसानी से मान लिया . जबकिं राणा पूंजा ,भीलों की सेना प्रतिनिधित्व करते थे, भीलों के राणा थे, ना...

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लाडली दान .... By Lotus

लाडली यानी बेटी अपने माता पिता की लाडली होती है एक बेटी विवाह के पुर्व अपना सारा सुख दुख अपने माता पिपा पर छोड देती है ...कभी सरल कभी भोली और रूठकर अपने माता पिता से अपना सारा जिद...

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मंजूर था By Abhishek Joshi

सोचा  की  एक  बार  तुजे  रोक लू  ।  तुजसे  बात  करना  मोहब्बत  के  लिए  जरूरी था ।। १ ।।      है   अन-गिनत  गलत फहमी  हमारे  बीच ।  उसे भी मिटाना  बहुत  जरूरी  था ।। २ ।।     पर  न...

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एक अनोखी कहानी By DINESH KUMAR KEER

थोड़ी शर्म करो जी...कहते हैं... किसी के घर की साफ़ सफाई के बारे में जानना हो तो उसका वाशरूम देखिये। और किसी के दिल को देखना हो तो उसके घर के बर्तनों और खिलाने के अंदाज को देखिये।अपने...

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डाकू और मजदूर की कहानी By DINESH KUMAR KEER

डाकू और मजदूर की कहानीमुश्किल समय में धैर्य नहीं खोना चाहिए एक बार एक व्यक्ति दिन भर मजदूरी करके पैसे कमाने के पश्चात अपने घर की तरफ जा रहा था। सर्दियों के दिन थे और शाम ढल चुकी थी...

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तात्या टोपे By DINESH KUMAR KEER

1857 की क्रांति के हीरो अमर शहीद क्रांतिकारी रामचंद्रराव पांडुरंगराव येवलकर उर्फ तात्या टोपे जी की जन्म जयंती पर कोटि-कोटि नमनजन्म : सन 1814जन्मस्थान : यवला (महाराष्ट्र)पिता : पांड...

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तस्वीरी दुनिया - भाग 1 By Abhishek Joshi

यह  कहानी  पूर्णरूप  से  काल्पनिक  है ।  नाही  इसमे  बताई  गई  कहानी  का  अस्तित्व  है  ।  ओर  नहीं  कही  जिक्र  ये  सिर्फ  कहानी  के  सरिए  से ही  लिखी  है ।    रामायण  काल  मे  क...

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मंगल पांडे By DINESH KUMAR KEER

*1857 क्रांति की चिंगारी बनी दावानल* आज ही के दिन दिनांक 29 मार्च 1857 को भारतीय परतंत्रता के विरुद्ध क्रांति के प्रथम पुरुष, 34 वीं बंगाल नेटिव इन्फेंट्री की छठी कंपनी के साधारण स...

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भगिनि निवेदिता By नंदलाल मणि त्रिपाठी

भगिनी निवेदिता---- नंदू अपने परिवार में अकेला ऐसा सदस्य था जिसके ऊपर उसके बाबा भाई बहन कि निगाहे लगी रहती उन दिनों नंदू कि पारिविक स्थिति ठीक नही थी आय का कोई श्रोत था नही और नंदू...

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बदनसीब - 2 By Suresh Chaudhary

जब तीनों लड़के और लड़की मुझे खरी खोटी सुना कर चले गए, तब मैं शाम तक इसी सदमे में रहा, क्या यह वो ही औलाद है, जिनका पालन पोषण करने में नमिता और मैंने दिन रात एक कर दिया था। आज कितनी...

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तो हमसे वफ़ा कैसे कर सकते हैं   By Ratna Pandey

शहर से कुछ ही दूरी पर एक छोटी सी पहाड़ी थी, जहां सुंदर वृक्षों की घनी आबादी थी। शहर के लोग अक्सर छुट्टी के दिन अपनी शाम गुजारने उस पहाड़ी पर आकर वृक्षों के नीचे बैठकर जीवन का और उन...

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अर्द्धांगिनी By DINESH KUMAR KEER

*अर्द्धांगिनी - धर्म पत्नी की विदाई*एक गांव में भाई और उसकी पत्नी रात को बाते करते करते सो जाते है, सोने के बाद भाई की *पत्नी* अचानक रात को गुजर जाती है !घर में रोने की आवाज आ रही...

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अतिथि देवो भव By नंदलाल मणि त्रिपाठी

ढलती शाम धीरे धीरे बढ़ता अंधेरा एक दिवस के अवसान का संदेश ।अचानक देवरिया रेलवे प्लेट फार्म पर अफरा तफरी एक लंबा चौड़ा लगभग छः फिट लंबा नौजवान गोरा हाफ पैंट औऱ बनियान पहने विक्षिप्त स...

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ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत By DINESH KUMAR KEER

ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत (१८३x-१८६४) १९वी शताब्दी के क्रांतिकारियों में से एक थे। जोधपुर रियासत में आउवा ठिकाने के ठाकुर कुशाल सिंह चॉपावत ने १८५७ के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जो...

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हाइपरटेंशन (जिंदगी चवन्नी) By नंदलाल मणि त्रिपाठी

शिखर सिंह खानदानी बड़े आदमी खानदानी रईस बाप दादो को शान शौकत रुतबा उनके परिवार में कोई किसी नौकरी में नही जाता ।उनके यहां ही सैकड़ो कारिंदे काम करते शिखर सिंह बड़े ही विनम्र एव मिलनसा...

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नानक जी भील By DINESH KUMAR KEER

बूंदी के डाबी किसान आंदोलन के आंदोलनकारी, क्रांतिकारी प्रखर कवि, ओजस्वी वक्ता, वीर अमर शहीद नानक जी भील की शहादत दिवस पर उन्हें कोटि कोटि सादर नमन ।नानक भील का जन्म 1890 मे बरड क्ष...

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