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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • हंस और कौवा

    हंस और कौवापुराने जमाने में एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था तो...

  • मर्म की बात

    मर्म की बात ये तो आप सब जानते ही हैं कि कृष्ण जी ज्ञान के अथाह सागर थे | जब कुरु...

  • मुलाकात - 8

    जया भी आनन्द से मिलने को बहुत आतुर थी वो भी कब से आनन्द को बुला रही थी मिलने को...

हंस और कौवा By DINESH KUMAR KEER

हंस और कौवापुराने जमाने में एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था तो दूसरा अमीर.. दोनों पड़ोसी थे.. गरीब ब्राम्हण की पत्नी, उसे रोज़ ताने देती, झगड़ती एक दिन ग्यारस के द...

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मर्म की बात By उषा जरवाल

मर्म की बात ये तो आप सब जानते ही हैं कि कृष्ण जी ज्ञान के अथाह सागर थे | जब कुरुक्षेत्र की रणभूमि में अपने समक्ष अपने ही परिवारजनों और सगे – संबंधियों देखकर अर्जुन विचलित हो गए थे...

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भाग्य By DINESH KUMAR KEER

"भाग्य....विवाहयोग्य युवक युवती के परिवार वाले ध्यान से पढ़े..!!एक 26 वर्षीय लड़की के पिताजी को उसके नजदीक के परिजन ने एक योग्य वर के बारे में बात की....लड़का शहर में नौकरी करता है दि...

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मुलाकात - 8 By Anju Kumari

जया भी आनन्द से मिलने को बहुत आतुर थी वो भी कब से आनन्द को बुला रही थी मिलने को और आनन्द अपनी ही प्लानिंग मे बिजी था , उसने जया को एक कॉफी हाउस मे बुलाया ,दोनो अपने अपने भविष्य की...

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जादुई तोहफा By Vijay Sanga

सभी लोग जानते हैं की कश्मीर अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है । यहां के खूबसूरत पहाड़ और वादियों की खूबसूरती किसी से भी छुपी नहीं है । लेकिन कभी कभी खूबसूरत दिखने वाली चीजों में कु...

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द वेन्ट्रोलोकिस्ट बनाम गूँगी गुड़िया By Sanjay Nayak Shilp

वेन्ट्रोलोकिस्ट बनाम गूंगी गुड़ियावो एक वेन्ट्रोलोकिस्ट था, वेन्ट्रोलोकिस्ट उसे कहते हैं जो हाथ में एक गुड्डा जैसा पात्र लेकर अपनी आवाज में भी बोलता है, और उस गुड्डे की आवाज भी निका...

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आए बैठे खाए पिए और खिसके By S Sinha

                                         आए बैठे  खाए पिए और खिसके    संजय का फ्री पीरियड था , वह टीचर रूम में अपने सहकर्मियों के साथ बैठा था , तभी उसकी पत्नी सीमा का फोन आया “ सुन...

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ये तो होना ही था By S Sinha

                                                              ये तो होना ही था    साइमन और इसाबेल गोवा में रहने वाले ईसाई परिवार से थे  .  दोनों के पूर्वज लगभग 200 साल पूर्व पुर्तग...

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मालिक By DINESH KUMAR KEER

मालिक*रोज की तरह कुछ दिन पहले मैं गौशाला में सेवा कर रहा था। मेरे हाथ में चारे का कट्टा था। और मैं एक खोर पर चढकर दुसरी खोर मे चारा डाल रहा था।उन दोनों के बीच में एक लोहे का मोटा स...

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एक अनोखा मिलन। By Nitesh Kumar

: एक अनोखा मिलन :"एक छोटे गाँव में, एक गरीब लड़का और एक अमीर लड़की की कहानी है। गाँव में होने वाली एक परंपरागत मेले में वे एक-दूसरे से मिलते हैं। लड़का एक साधारण परिवार से है, जबकि...

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कसक By Suresh Chaudhary

मकान के ठीक सामने बडा सा टेंट और दावत में शामिल हजारों आदमी,मन भावन भोजन। अचानक घर के अंदर आ गया मैं।,, बेटे इतना बडा इंतजाम करने की क्या आवश्यकता थी,,। मां ने मेरे पास आते हुए कहा...

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प्रकृति से लगाव By Nitesh Kumar

:प्रकृति से लगाव:Title(शीर्षक): Attachment to natureउद्देश्य: कपिल, एक छोटे से गाँव का लड़का है, जो Nature के बहुत ही करीबी है, अपने सपनों की खोज में शहर चला आया है। शहर की गलियों...

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डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा की लघुकथाएँ - 5 By Dr. Pradeep Kumar Sharma

डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा की लघुकथाएँ 5 (1) डिबेट नेशनल न्यूज चैनल द्वारा पिछले हफ्ते भर से प्रसारित किया जा रहा था कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारतवर्ष के राष्ट्रीय महापर्व...

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ये तुम्हारी मेरी बातें - 8 By Preeti

पिछले भाग में.." भाभी जी, आप बैठिए मुझे ज़रूरी काम से बाहर जाना पड़ेगा, एक मुवक्किल को टाइम दे रक्खा था अभी याद आया। प्रतिमा वो फाइल निकाल दो चलकर जल्दी से, चलो प्लीज़।" " कौन सी फ...

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रंग बिखेरते फूल By DINESH KUMAR KEER

1. मुझे माफ कर दो : - श्याम लाल अत्यन्त सरल स्वभाव का व्यक्ति था । वह भाग्य से अधिक कर्म करने पर विश्वास करता था । इसके लिए उसका अपना परिचय कठोर सख्त - स्वभाव का था । अनुशासन और मा...

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शुभ संकल्प समूह द्वारा तूलिका के रंग कार्यक्रम आयोजित। By Dr Sunita Shrivastava

शुभ संकल्प समूह द्वारा "तूलिकाके रंग" शीर्षक पर रंगा-रंग फाग उत्सव संपन्न।****लोकप्रिय संस्था शुभ संकल्प समूह द्वारा इंदौर की शान व भारतीय लोक संस्कृति की प्रशंसा यूरोप के नीदरलैंड...

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ट्रैफिक रूल्स By brijesh k

रोहन कर की चाबियां अपने बेटे को दे रहा है , जिसे हाल फीमेल ड्राइविंग लाइसेंसमिल है l लेकिन वह कुछ सोचते हुए अचानक के रुक गया l उन्होंने अपने बेटे से कहा एक बार मुझे ऑफिस के लिए देर...

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बिबटया By संदिप खुरुद

बिबटया गेल्या महिनाभरापासून बालाघाटाच्या डोंगररांगेत व परिसरात बिबटया आल्याची जोरदार चर्चा सुरु होती. बहरात आलेल्या ‍पिकांना ‍दिवसा लाईट नसल्यामुळे रात्री पाणी देण्यासाठी जाणाऱ्या...

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हथकड़ी - 1 By Ashish Bagerwal

जिंदगी किस मोड़ पर कैसे और कब बदल जाए ये कह नही सकते, ऐसा ही कुछ राजपुरोहित जी के साथ हुआ। हीरालाल जी बहुत ही संपन्न और प्रतिष्ठित कारोबारी थे। हर ओर उनकी प्रतिष्ठा, वैभवता की ख्या...

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रिश्तो में ईगो .. By ︎︎αʍί..

कैसे हो दोस्तों ...आशा करती हूं कि मजे में ही होगे। आज मैं पहली बार मातृ भारती पर आपके सामने एक बहुत ही छोटी सी कहानी लेकर आई हूं। जो आंचल और ऋषिकेश की है। दोस्तों इगो घमंड गुरुर क...

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माफी - भाग 2 By Suresh Chaudhary

,, चिंता मत करो, सुधा जी मैं आपके लिए सुमेश का कहीं से भी तलाश करके लाऊंगा,,। धीमी चाल से चलते हुए पंकज ने कहा।,, लेकिन बेटे मेने अभी बताया है कि सुमेश, यह शहर छोड़कर हमेशा के लिए...

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मेरी चुनिंदा लघुकथाएँ - 15 By राज कुमार कांदु

लघुकथा क्रमांक 40 जानवर कौन ?************वह एक पशु चिकित्सक थी। पशुओं के प्रति प्रेम और करुणा ने उसे हमेशा पशु चिकित्सक बनने के लिए प्रेरित किया था। वह अक्सर राह चलते हुए किसी भी घ...

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शुभ प्रभात By DINESH KUMAR KEER

1. शुभ प्रभात- कितना अपनापन लिए लगती थी प्रातः काल की वह बेला, जब सूर्योदय से पूर्व ही नित्य अमित गाँव से शुभ प्रभात सन्देश सुबह - सुबह शहर में अमन को मिल जाता। उसे लगता कि वह चाहे...

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मेरा एक प्रश्न देश के प्रधान से । By नंदी

रास्ते में भिड़ बड़ी लगी हुई थी, ट्रैफिक जाम था ,और सब रास्ता खुल ने की राह में ऑफिस जाने के लिए राह देख रहे थे। तभी पुलिस वाले सबको साइड में करने लगे ,और रास्ते एकदम साफ,धूल मिट्ट...

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राजा और मदिरा - भाग 1 By नंदी

एक धार्मिक राजा हुआ करता था ,,,,, यज्ञ , दान,धर्म,कल्याण कारी कर्म में उसकी रुचि खूब थी। पूरे राज्य में नए मंदिर बंधवाना , गरीबों को सेवा करना आदि काम में राजकोष का खूब धन लगाया जा...

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अभागन कहीं की By Rakesh Rakesh

काजल को पता था कि मेरी विधवा मां मेरा और मेरे छोटे भाई दीपू का पेट आज तक घरों में झाड़ू पोंछा बर्तन धोकर खान पका कर भरती आई है। अब मां के शरीर में इतनी शक्ति नहीं है कि वह मेरा पेट...

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मुम्बई - पार्ट 2 By Komal Mehta

तो दोस्तों आपने सुना कि हमरा आघात हो चुका था, मुंबई में, सारे शिकायतों को मन से अलविदा करते हुये, जीवन को जीना शुरू किया. तब में 8th std में थी, गुजरात में तो मे Grils school में s...

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बकरे की अम्मा By SURENDRA ARORA

लघुकथा बकरे की अम्मा " साब जी ! नया कानून तो लाजवाब है। " " किस कानून की बात कर रहे हो दिलबर ?" " साब जी , अब हर बलात्कारी की सजा मौत मतलब फांसीं से कम कुछ नहीं। " " होना भी यही चा...

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तुम्हारे लिए ये फूल By Kamini Trivedi

आदित्य पान के गल्ले पर रोज बैठकर दोस्तों के साथ गप्पे लड़ाया करता था । उम्र 20 वर्ष । चेहरा गोल । हल्की सी मूंछें थी । छोटे बाल थे । सिगरेट पीने की लत उसे पता नहीं कहां से लग गई थी...

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ये मेरी ख्वाब सी मोहोब्बत - 11 By The_sweet_girl

सिद्धार्थ आज सिया और सारा को लेकर अपने मॉम के मैंशन आया था उसके गोद में सारा थी जोकि बहुत excited लग रही थी और सिद्धार्थ ने सिया का हाथ पकड़ा हुआ था क्युकी सिया को बहुत गबराहट हो र...

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आसरा। वों सात परियाँ By Deepak Pawar

(अब जब यह सच्ची कहानी आपके लिए लिख रहा हूं तब मैं गांव से वापस लौट आया हूं आपने गुजरात के घर ,उम्मीद है इसे वैसे ही लिख्खू जैसी यह कहानी है।मुझे उम्मीद हे की इस कहानी से आप यकीन कर...

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श्रीमद भगवदगीता ने बदल दी मेरी ज़िंदगी. By Piyush Goel

मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ, बचपन गाँव में ही बीता,अपने भाई बहनों के साथ,शिक्षा भी गाँव में ही हुई.बचपन में किसी ने भी गाइड नहीं किया जो भी पढ़ाई की,पापा की पोस्टिंग गाँव में...

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चन्दन By Yashwant Kothari

यशवन्त कोठारी आपने सुनी और पढ़ी होगी रहीम की पंक्ति “चन्दन विष व्यापत नही”, लिपटे रहत भुजंग,”या किसी को चन्दन - सा बदन कहकर पुकारा होगा। भारतीय संस्कृति, साहित्य च...

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दिशा By Bharat(Raj)

दिशा हमेशा सही और सटीक होनी चाहिए चाहे मंजिल कितनी ही दूर क्यों न हो। सही दिशा की तरफ जाते हुए अपनी भावनाओं को, अपनी संवेदनाओं को ,कुछ समय के लिए पहले दु:ख ,तकलीफ ,मुसीबत, निराशा ह...

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मेरे बारे मे कुछ। By Zalri

नमस्ते दोस्तो, मेरे बारेमे तो आप जानते ही होंगे, ओह सोरी सोरी, आप कैसे जानोगे? मैंने बताया जो नही। खैर, मेरा नाम झलक है। और मुझे बचपनसे ही फिल्मों का बहोत शौक रहा है। बचपनमें फिल्...

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रिजॉर्ट संस्कृति का मारा, मैं बेचारा By Yashwant Kothari

यशवंत कोठारी इधर शादी ब्याह की दुनिया में भयंकर बदलाव आये हैं अब विवाह हाई-फाई, हाई टेक हो गए हैं. इन दिनों रिसोर्ट संस्कृति ने अपने पाँव पसार लिए है. गरीब अमीर सब अपने बच्चों की श...

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भूतपूर्व प्रेमियों के नाम… By Yashwant Kothari

यशवंत कोठारी भाइयों, मामाओं और पिताओं,  आप को व आप की यादों को प्रणाम.  आशा हैआप सब अपनी अपनी गृहस्थी में व्यस्त या अस्त व्यस्त होंगे. मुझे आप सब की याद एक साथ आई सो यह स...

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हंस और कौवा By DINESH KUMAR KEER

हंस और कौवापुराने जमाने में एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था तो दूसरा अमीर.. दोनों पड़ोसी थे.. गरीब ब्राम्हण की पत्नी, उसे रोज़ ताने देती, झगड़ती एक दिन ग्यारस के द...

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मर्म की बात By उषा जरवाल

मर्म की बात ये तो आप सब जानते ही हैं कि कृष्ण जी ज्ञान के अथाह सागर थे | जब कुरुक्षेत्र की रणभूमि में अपने समक्ष अपने ही परिवारजनों और सगे – संबंधियों देखकर अर्जुन विचलित हो गए थे...

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भाग्य By DINESH KUMAR KEER

"भाग्य....विवाहयोग्य युवक युवती के परिवार वाले ध्यान से पढ़े..!!एक 26 वर्षीय लड़की के पिताजी को उसके नजदीक के परिजन ने एक योग्य वर के बारे में बात की....लड़का शहर में नौकरी करता है दि...

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मुलाकात - 8 By Anju Kumari

जया भी आनन्द से मिलने को बहुत आतुर थी वो भी कब से आनन्द को बुला रही थी मिलने को और आनन्द अपनी ही प्लानिंग मे बिजी था , उसने जया को एक कॉफी हाउस मे बुलाया ,दोनो अपने अपने भविष्य की...

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जादुई तोहफा By Vijay Sanga

सभी लोग जानते हैं की कश्मीर अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है । यहां के खूबसूरत पहाड़ और वादियों की खूबसूरती किसी से भी छुपी नहीं है । लेकिन कभी कभी खूबसूरत दिखने वाली चीजों में कु...

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द वेन्ट्रोलोकिस्ट बनाम गूँगी गुड़िया By Sanjay Nayak Shilp

वेन्ट्रोलोकिस्ट बनाम गूंगी गुड़ियावो एक वेन्ट्रोलोकिस्ट था, वेन्ट्रोलोकिस्ट उसे कहते हैं जो हाथ में एक गुड्डा जैसा पात्र लेकर अपनी आवाज में भी बोलता है, और उस गुड्डे की आवाज भी निका...

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आए बैठे खाए पिए और खिसके By S Sinha

                                         आए बैठे  खाए पिए और खिसके    संजय का फ्री पीरियड था , वह टीचर रूम में अपने सहकर्मियों के साथ बैठा था , तभी उसकी पत्नी सीमा का फोन आया “ सुन...

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ये तो होना ही था By S Sinha

                                                              ये तो होना ही था    साइमन और इसाबेल गोवा में रहने वाले ईसाई परिवार से थे  .  दोनों के पूर्वज लगभग 200 साल पूर्व पुर्तग...

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मालिक By DINESH KUMAR KEER

मालिक*रोज की तरह कुछ दिन पहले मैं गौशाला में सेवा कर रहा था। मेरे हाथ में चारे का कट्टा था। और मैं एक खोर पर चढकर दुसरी खोर मे चारा डाल रहा था।उन दोनों के बीच में एक लोहे का मोटा स...

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एक अनोखा मिलन। By Nitesh Kumar

: एक अनोखा मिलन :"एक छोटे गाँव में, एक गरीब लड़का और एक अमीर लड़की की कहानी है। गाँव में होने वाली एक परंपरागत मेले में वे एक-दूसरे से मिलते हैं। लड़का एक साधारण परिवार से है, जबकि...

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कसक By Suresh Chaudhary

मकान के ठीक सामने बडा सा टेंट और दावत में शामिल हजारों आदमी,मन भावन भोजन। अचानक घर के अंदर आ गया मैं।,, बेटे इतना बडा इंतजाम करने की क्या आवश्यकता थी,,। मां ने मेरे पास आते हुए कहा...

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प्रकृति से लगाव By Nitesh Kumar

:प्रकृति से लगाव:Title(शीर्षक): Attachment to natureउद्देश्य: कपिल, एक छोटे से गाँव का लड़का है, जो Nature के बहुत ही करीबी है, अपने सपनों की खोज में शहर चला आया है। शहर की गलियों...

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डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा की लघुकथाएँ - 5 By Dr. Pradeep Kumar Sharma

डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा की लघुकथाएँ 5 (1) डिबेट नेशनल न्यूज चैनल द्वारा पिछले हफ्ते भर से प्रसारित किया जा रहा था कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारतवर्ष के राष्ट्रीय महापर्व...

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ये तुम्हारी मेरी बातें - 8 By Preeti

पिछले भाग में.." भाभी जी, आप बैठिए मुझे ज़रूरी काम से बाहर जाना पड़ेगा, एक मुवक्किल को टाइम दे रक्खा था अभी याद आया। प्रतिमा वो फाइल निकाल दो चलकर जल्दी से, चलो प्लीज़।" " कौन सी फ...

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रंग बिखेरते फूल By DINESH KUMAR KEER

1. मुझे माफ कर दो : - श्याम लाल अत्यन्त सरल स्वभाव का व्यक्ति था । वह भाग्य से अधिक कर्म करने पर विश्वास करता था । इसके लिए उसका अपना परिचय कठोर सख्त - स्वभाव का था । अनुशासन और मा...

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शुभ संकल्प समूह द्वारा तूलिका के रंग कार्यक्रम आयोजित। By Dr Sunita Shrivastava

शुभ संकल्प समूह द्वारा "तूलिकाके रंग" शीर्षक पर रंगा-रंग फाग उत्सव संपन्न।****लोकप्रिय संस्था शुभ संकल्प समूह द्वारा इंदौर की शान व भारतीय लोक संस्कृति की प्रशंसा यूरोप के नीदरलैंड...

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ट्रैफिक रूल्स By brijesh k

रोहन कर की चाबियां अपने बेटे को दे रहा है , जिसे हाल फीमेल ड्राइविंग लाइसेंसमिल है l लेकिन वह कुछ सोचते हुए अचानक के रुक गया l उन्होंने अपने बेटे से कहा एक बार मुझे ऑफिस के लिए देर...

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बिबटया By संदिप खुरुद

बिबटया गेल्या महिनाभरापासून बालाघाटाच्या डोंगररांगेत व परिसरात बिबटया आल्याची जोरदार चर्चा सुरु होती. बहरात आलेल्या ‍पिकांना ‍दिवसा लाईट नसल्यामुळे रात्री पाणी देण्यासाठी जाणाऱ्या...

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हथकड़ी - 1 By Ashish Bagerwal

जिंदगी किस मोड़ पर कैसे और कब बदल जाए ये कह नही सकते, ऐसा ही कुछ राजपुरोहित जी के साथ हुआ। हीरालाल जी बहुत ही संपन्न और प्रतिष्ठित कारोबारी थे। हर ओर उनकी प्रतिष्ठा, वैभवता की ख्या...

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रिश्तो में ईगो .. By ︎︎αʍί..

कैसे हो दोस्तों ...आशा करती हूं कि मजे में ही होगे। आज मैं पहली बार मातृ भारती पर आपके सामने एक बहुत ही छोटी सी कहानी लेकर आई हूं। जो आंचल और ऋषिकेश की है। दोस्तों इगो घमंड गुरुर क...

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माफी - भाग 2 By Suresh Chaudhary

,, चिंता मत करो, सुधा जी मैं आपके लिए सुमेश का कहीं से भी तलाश करके लाऊंगा,,। धीमी चाल से चलते हुए पंकज ने कहा।,, लेकिन बेटे मेने अभी बताया है कि सुमेश, यह शहर छोड़कर हमेशा के लिए...

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मेरी चुनिंदा लघुकथाएँ - 15 By राज कुमार कांदु

लघुकथा क्रमांक 40 जानवर कौन ?************वह एक पशु चिकित्सक थी। पशुओं के प्रति प्रेम और करुणा ने उसे हमेशा पशु चिकित्सक बनने के लिए प्रेरित किया था। वह अक्सर राह चलते हुए किसी भी घ...

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शुभ प्रभात By DINESH KUMAR KEER

1. शुभ प्रभात- कितना अपनापन लिए लगती थी प्रातः काल की वह बेला, जब सूर्योदय से पूर्व ही नित्य अमित गाँव से शुभ प्रभात सन्देश सुबह - सुबह शहर में अमन को मिल जाता। उसे लगता कि वह चाहे...

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मेरा एक प्रश्न देश के प्रधान से । By नंदी

रास्ते में भिड़ बड़ी लगी हुई थी, ट्रैफिक जाम था ,और सब रास्ता खुल ने की राह में ऑफिस जाने के लिए राह देख रहे थे। तभी पुलिस वाले सबको साइड में करने लगे ,और रास्ते एकदम साफ,धूल मिट्ट...

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राजा और मदिरा - भाग 1 By नंदी

एक धार्मिक राजा हुआ करता था ,,,,, यज्ञ , दान,धर्म,कल्याण कारी कर्म में उसकी रुचि खूब थी। पूरे राज्य में नए मंदिर बंधवाना , गरीबों को सेवा करना आदि काम में राजकोष का खूब धन लगाया जा...

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अभागन कहीं की By Rakesh Rakesh

काजल को पता था कि मेरी विधवा मां मेरा और मेरे छोटे भाई दीपू का पेट आज तक घरों में झाड़ू पोंछा बर्तन धोकर खान पका कर भरती आई है। अब मां के शरीर में इतनी शक्ति नहीं है कि वह मेरा पेट...

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मुम्बई - पार्ट 2 By Komal Mehta

तो दोस्तों आपने सुना कि हमरा आघात हो चुका था, मुंबई में, सारे शिकायतों को मन से अलविदा करते हुये, जीवन को जीना शुरू किया. तब में 8th std में थी, गुजरात में तो मे Grils school में s...

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बकरे की अम्मा By SURENDRA ARORA

लघुकथा बकरे की अम्मा " साब जी ! नया कानून तो लाजवाब है। " " किस कानून की बात कर रहे हो दिलबर ?" " साब जी , अब हर बलात्कारी की सजा मौत मतलब फांसीं से कम कुछ नहीं। " " होना भी यही चा...

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तुम्हारे लिए ये फूल By Kamini Trivedi

आदित्य पान के गल्ले पर रोज बैठकर दोस्तों के साथ गप्पे लड़ाया करता था । उम्र 20 वर्ष । चेहरा गोल । हल्की सी मूंछें थी । छोटे बाल थे । सिगरेट पीने की लत उसे पता नहीं कहां से लग गई थी...

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ये मेरी ख्वाब सी मोहोब्बत - 11 By The_sweet_girl

सिद्धार्थ आज सिया और सारा को लेकर अपने मॉम के मैंशन आया था उसके गोद में सारा थी जोकि बहुत excited लग रही थी और सिद्धार्थ ने सिया का हाथ पकड़ा हुआ था क्युकी सिया को बहुत गबराहट हो र...

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आसरा। वों सात परियाँ By Deepak Pawar

(अब जब यह सच्ची कहानी आपके लिए लिख रहा हूं तब मैं गांव से वापस लौट आया हूं आपने गुजरात के घर ,उम्मीद है इसे वैसे ही लिख्खू जैसी यह कहानी है।मुझे उम्मीद हे की इस कहानी से आप यकीन कर...

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श्रीमद भगवदगीता ने बदल दी मेरी ज़िंदगी. By Piyush Goel

मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ, बचपन गाँव में ही बीता,अपने भाई बहनों के साथ,शिक्षा भी गाँव में ही हुई.बचपन में किसी ने भी गाइड नहीं किया जो भी पढ़ाई की,पापा की पोस्टिंग गाँव में...

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चन्दन By Yashwant Kothari

यशवन्त कोठारी आपने सुनी और पढ़ी होगी रहीम की पंक्ति “चन्दन विष व्यापत नही”, लिपटे रहत भुजंग,”या किसी को चन्दन - सा बदन कहकर पुकारा होगा। भारतीय संस्कृति, साहित्य च...

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दिशा By Bharat(Raj)

दिशा हमेशा सही और सटीक होनी चाहिए चाहे मंजिल कितनी ही दूर क्यों न हो। सही दिशा की तरफ जाते हुए अपनी भावनाओं को, अपनी संवेदनाओं को ,कुछ समय के लिए पहले दु:ख ,तकलीफ ,मुसीबत, निराशा ह...

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मेरे बारे मे कुछ। By Zalri

नमस्ते दोस्तो, मेरे बारेमे तो आप जानते ही होंगे, ओह सोरी सोरी, आप कैसे जानोगे? मैंने बताया जो नही। खैर, मेरा नाम झलक है। और मुझे बचपनसे ही फिल्मों का बहोत शौक रहा है। बचपनमें फिल्...

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रिजॉर्ट संस्कृति का मारा, मैं बेचारा By Yashwant Kothari

यशवंत कोठारी इधर शादी ब्याह की दुनिया में भयंकर बदलाव आये हैं अब विवाह हाई-फाई, हाई टेक हो गए हैं. इन दिनों रिसोर्ट संस्कृति ने अपने पाँव पसार लिए है. गरीब अमीर सब अपने बच्चों की श...

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भूतपूर्व प्रेमियों के नाम… By Yashwant Kothari

यशवंत कोठारी भाइयों, मामाओं और पिताओं,  आप को व आप की यादों को प्रणाम.  आशा हैआप सब अपनी अपनी गृहस्थी में व्यस्त या अस्त व्यस्त होंगे. मुझे आप सब की याद एक साथ आई सो यह स...

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