hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • छल - Story of love and betrayal - 16

    भैरव ने प्रेरित के कंधे पर हाथ रख कर कहा "फिर….फिर क्या हुआ साब जी"?प्रेरित ने ज...

  • आत्म सम्मान

    "आत्म सम्मान" डा जय शंकर शुक्लछुआछूत के रोग से ग्रसित...

  • गुमनाम क्रांतिकारी

    हमारे देश को स्वतंत्र बनाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों तथा क्रांतिकारियों ने...

छल - Story of love and betrayal - 16 By Sarvesh Saxena

भैरव ने प्रेरित के कंधे पर हाथ रख कर कहा "फिर….फिर क्या हुआ साब जी"?प्रेरित ने जेल की सलाखों से बाहर देखते हुए कहा, "एक दिन मेरा फोन लगातार बजता जा रहा था, मैं मीटिंग में बिजी था...

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आत्म सम्मान By Dr Jaya Shankar Shukla

"आत्म सम्मान" डा जय शंकर शुक्लछुआछूत के रोग से ग्रसित रोगी, स्वस्थ हो जाने पर भी काफी दिन तक क्वॉरेंटाइन मैं रहता है क्वॉरेंटाइन में रहना उसकी मजबूरी है ज...

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गुमनाम क्रांतिकारी By Harshit Ranjan

हमारे देश को स्वतंत्र बनाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों तथा क्रांतिकारियों ने प्रयास किया था और उनके बलिदानों का ज़िक्र आज भी हमारे इतिहास में है । लेेेकि कई क्रांतिकारी ऐसे भी...

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अनपढ़ By Dr Jaya Shankar Shukla

"अनपढ़" -डा जय शंकर शुक्लदोपहर का समय, फिर भी हल्की-हल्की धूप खिली है। फाल्गुन का उत्सव, होली का दिन चारों ओर धूम-धम्क्कड़ ढोल-नगाडों के साथ नाचती-गात...

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अंत... एक नई शुरुआत - 16 By निशा शर्मा

"समय कभी नहीं ठहरता बेटा । ये एक जगह तो टिककर रह ही नहीं सकता जैसे कि तुम कभी कहीं एक जगह टिककर नहीं बैठती न बिल्कुल वैसे ही । देखना एक दिन हमारा भी बुरा समय उड़ जायेगा और फिर मेरी...

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चंद्रशेखर आज़ाद By Harshit Ranjan

चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म सन् 1906 में मध्यप्रदेश के भाभरा गाँव में हुआ था । उनके पिताजी का नाम सीताराम तिवारी तथा माताजी का नाम जगरानी तिवारी था । उनके पिता संस्स्कृत भाषा के बहुत ब...

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कजरी - भाग ८ By Ratna Pandey

अभी तक आपने पढ़ा कि ऑफिस में भी नवीन की चेयर पर 'आई विल किल यू' की पर्ची चिपकी हुई मिलने के बाद वह परेशान हो गया। घर पर निशा के साथ बात करने के बाद दोनों ने पुलिस कंप्लेंट करने का न...

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नातेदार By Dr Jaya Shankar Shukla

सारा सामान लेकर वह स्टेशन पर आ गया। वेटिंग रूम में पहुँचने पर वेंटिग रूम के इंचार्ज ने उसे बताया कि रात में यहाँ सामान-चोर आते हैं। अतः अपने सामान के प्रति सावधानी रखें। दिव्यांश अ...

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एक नई राह  By Ratna Pandey

दिन प्रतिदिन शांतनु की बिगड़ती आदतों से परेशान होकर रुचि ने उससे कहा, “शांतनु तुम्हें अपने आप को बदलना होगा। तुम्हारी यह रंगरेलियां मैं सहन नहीं कर पाऊंगी। तुम्हें क्या लगता है, मु...

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औरत कभी रिटायर नहीं होती By Ranjana Jaiswal

मम्मी जी बहुत बीमार थीं |बिस्तर से सिर्फ नीति-क्रिया से निबटने के लिए ही किसी तरह उठतीं |कभी-कभी नहीं उठ पातीं तो घर के किसी सदस्य को मदद के लिए पुकारतीं |पापा जी दिन-रात उनकी देखभ...

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ज़िंदगी के इंद्रधनुषी रंग By kirti chaturvedi

कहते हैं कि होई वही जो रब रची राखा। कभी—कभी ज़िंदगी में ऐसे लम्हे गुजरतें हैं कि पता ही नहीं होता कि ज़िंदगी किस ओर करवट लेगी। हम सोचते हैं कि हमारी ज़िंदगी के फैसले हम ले रहे होते...

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घोंसला By Ratna Pandey

अधेड़ उम्र की यमुना के घर के बाहर आँगन में एक विशाल वृक्ष था। उस वृक्ष पर कई पक्षी अपना घोंसला बनाकर रहते थे। यमुना हर सुबह पक्षियों को दाना डालती और पक्षी भी रोज़ दाना चुगने नीचे...

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वैवाहिक विज्ञापन By Rama Sharma Manavi

5 फिट 7 इंच,गेहुआँ रँग,MBA, मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत युवक हेतु गौरवर्णी,लंबी, उच्चशिक्षित, सुंदर, संस्कारी,गृहकार्यदक्ष,सजातीय वधू की आवश्यकता है। अक्सर वैवाहिक विज्ञापन के...

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स्वीकृति - 11 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति 11 सुष्मिता को जल्द ही याद आ जाता है कि दुकान के बाहर जो शख्स खड़ा है उसे उसने पहले कहाँ देखा था . उसने उसे अपने पिता के उसी कमरे में एक बार देखा था , जिस कमरे में उसे य...

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14 फरवरी 2019 By Damini

पीली-पीली सरसों के खेतों के बीच भागती सुनीता माँ- बापू को आवाज़ें लगा रही थी। "अम्मा-अम्मा फोन आया है भाई का फोन आया है।" सावित्री खेतों में काम करते हुए हंसिया से खरपतवार हटा रही...

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बेटा यही सही है   By Ratna Pandey

स्वाति के विवाह को दो वर्ष भी पूरे नहीं हुए थे कि दुर्भाग्य, सौभाग्य की हत्या कर उसके जीवन में हमेशा के लिए प्रवेश कर गया। जितना दुःख पूनम और अजय को अपने बेटे को खोने का था, उतना ह...

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भैया मुझे माफ़ कर दो  By Ratna Pandey

नवीन और मानव दोनों भाइयों की उम्र में केवल एक वर्ष का ही अंतर था। नवीन मानव से बड़ा था, बचपन से दोनों साथ में खेलते-कूदते बड़े हुए थे। नवीन मानव से ज़्यादा प्रतिभाशाली था, चाहे पढ़ा...

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गुलाबी लिफाफा By kirti chaturvedi

आज समीर की शादी की पच्चीसवीं सालहिरह थी। शाम में सब दोस्त और परिवारजन आने वाले थे। वह मंदिर सुबह ही जाकर लौट आया था। उसकी पत्नी बच्चों को लेकर बाजार निकल गई थी। एक कप काफी लेकर वह...

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माता कुमाता न भवति By Indresh Kumar Uniyal

“पापा जल्दी बाहर आओ” छोटी पुत्री क्षिप्रा की पुकार सुनकर किसी अनिष्ट की आशंका से चिंतित गोपाल तेजी से घर के मुख्यद्वार पर पहुँचा. देखा तो उसकी दोनों पुत्रियाँ एक अपरिचित वृद्ध महिल...

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ज़िन्दगी - 4 By Mehul Pasaya

जी इट्स ओके भैयाअरे नही बेटा गर्मी से बिमार पड सकते हो सो आप ये रुमाल लो और मुह साफ कार्लोओके भौया लाओहा ये लो। हम्म अब ये जैसे ही इस रुमाल से अपना मुह साफ करेगी ये बेहोश हो जायेगी...

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एक माँ ऐसी भी By Pranava Bharti

डॉ. वीरेन वर्मा ने अपने नए जन्मे शिशु को अपनी बाहों में उठाकर सीने से चिपका लिया | सत्रह वर्ष की रीना पिता के पीछे खड़ी थी | उसे समझ में नहीं आ रहा था कैसे रिएक्ट करे ? डॉ. भी कहाँ...

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क्या करण अपने घर को बचाएगा By Ratna Pandey

लगभग दो वर्ष बीत चुके थे रूपा और करण को एक दूसरे की ज़िंदगी में आए हुए, दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे। करण रूपा की हर ख़्वाहिश पूरी करता, फ़िल्म देखना, मॉल में जाना और बाइक पर...

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रूस-यूक्रेन संघर्ष By Sonu Rj

अंतर्राष्ट्रीय संबंध रूस-यूक्रेन संघर्ष टैग्स: सामान्य अध्ययन-IIद्विपक्षीय समूह और समझौतेभारत के हितों पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव प्रिलिम्स के लिये रूस और यूक्रे...

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घोड़ा एक पैर By Deepak sharma

अन्धे शीशों वाली दीवारें ! गहरा यह सन्नाटा ! अजनबी यह बिस्तर ! मेरे हाथ-पैर इतने भारी क्यों हैं ? ’’कोई है ?’’ मैं पूछता हूँ । ’’मुझे पहचान रहे...

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कथित हितैषी का खत By Rama Sharma Manavi

आजकल अमिता दिवाली की सफाई में लगी हुई थी।तीन वर्ष के बेटे विशु के संग काम करना बेहद मुश्किल हो जाता है।जरा आँख बची कि विशु सामान फैलाने लग जाता था,डाँटने पर मासूमियत से अपनी थोड़ी...

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पुनर्जन्म का सत्य By Sonu Rj

भूमिकापुनर्जन्म वह दार्शनिक या धार्मिक अवधारणा है जिसके मुताबिक आत्मा ,शरीर के मरने के बाद दुसरे शरीर में एक नया जीवन शुरू कर सकती है | ये अवधारणा हिन्दू धर्म की एक मुख्य विचारधारा...

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बेरोजगारी बनाम हक की लड़ाई By Rajesh Kumar

मैंने मोबाइल पर एक तस्वीर देखी जिसमें एक युवक का सिर फटा हुआ है और सारा शरीर खून से लतपत है। खबर को पढ़ा तो पता चला वो युवक एक विद्यार्थी है जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज चार्ज किया जिस...

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मुझे कौन बचाएगा By Ratna Pandey

वंदना अपने माता पिता संजना और विजय की इकलौती संतान थी। वह बहुत ही मेहनती और महत्त्वाकांक्षी लड़की थी। बड़े-बड़े सपने लेकर अपने छोटे से घर में रहती थी। अपने माता-पिता को कैसे ख़ुशिया...

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असली गहना By sudha bhargava

असली गहना/सुधा भार्गव चंदर बैंक में एक क्लर्क था। वह पड़ोस के कुछ बच्चों को पढ़ाया भी करता था। ताकि कुछ अतिरिक्त आमदनी हो जाय और पत्नी को खुश रख सके। वह इतना कमा लेता था कि दो...

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छल - Story of love and betrayal - 16 By Sarvesh Saxena

भैरव ने प्रेरित के कंधे पर हाथ रख कर कहा "फिर….फिर क्या हुआ साब जी"?प्रेरित ने जेल की सलाखों से बाहर देखते हुए कहा, "एक दिन मेरा फोन लगातार बजता जा रहा था, मैं मीटिंग में बिजी था...

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आत्म सम्मान By Dr Jaya Shankar Shukla

"आत्म सम्मान" डा जय शंकर शुक्लछुआछूत के रोग से ग्रसित रोगी, स्वस्थ हो जाने पर भी काफी दिन तक क्वॉरेंटाइन मैं रहता है क्वॉरेंटाइन में रहना उसकी मजबूरी है ज...

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गुमनाम क्रांतिकारी By Harshit Ranjan

हमारे देश को स्वतंत्र बनाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों तथा क्रांतिकारियों ने प्रयास किया था और उनके बलिदानों का ज़िक्र आज भी हमारे इतिहास में है । लेेेकि कई क्रांतिकारी ऐसे भी...

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अनपढ़ By Dr Jaya Shankar Shukla

"अनपढ़" -डा जय शंकर शुक्लदोपहर का समय, फिर भी हल्की-हल्की धूप खिली है। फाल्गुन का उत्सव, होली का दिन चारों ओर धूम-धम्क्कड़ ढोल-नगाडों के साथ नाचती-गात...

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अंत... एक नई शुरुआत - 16 By निशा शर्मा

"समय कभी नहीं ठहरता बेटा । ये एक जगह तो टिककर रह ही नहीं सकता जैसे कि तुम कभी कहीं एक जगह टिककर नहीं बैठती न बिल्कुल वैसे ही । देखना एक दिन हमारा भी बुरा समय उड़ जायेगा और फिर मेरी...

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चंद्रशेखर आज़ाद By Harshit Ranjan

चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म सन् 1906 में मध्यप्रदेश के भाभरा गाँव में हुआ था । उनके पिताजी का नाम सीताराम तिवारी तथा माताजी का नाम जगरानी तिवारी था । उनके पिता संस्स्कृत भाषा के बहुत ब...

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कजरी - भाग ८ By Ratna Pandey

अभी तक आपने पढ़ा कि ऑफिस में भी नवीन की चेयर पर 'आई विल किल यू' की पर्ची चिपकी हुई मिलने के बाद वह परेशान हो गया। घर पर निशा के साथ बात करने के बाद दोनों ने पुलिस कंप्लेंट करने का न...

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नातेदार By Dr Jaya Shankar Shukla

सारा सामान लेकर वह स्टेशन पर आ गया। वेटिंग रूम में पहुँचने पर वेंटिग रूम के इंचार्ज ने उसे बताया कि रात में यहाँ सामान-चोर आते हैं। अतः अपने सामान के प्रति सावधानी रखें। दिव्यांश अ...

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एक नई राह  By Ratna Pandey

दिन प्रतिदिन शांतनु की बिगड़ती आदतों से परेशान होकर रुचि ने उससे कहा, “शांतनु तुम्हें अपने आप को बदलना होगा। तुम्हारी यह रंगरेलियां मैं सहन नहीं कर पाऊंगी। तुम्हें क्या लगता है, मु...

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औरत कभी रिटायर नहीं होती By Ranjana Jaiswal

मम्मी जी बहुत बीमार थीं |बिस्तर से सिर्फ नीति-क्रिया से निबटने के लिए ही किसी तरह उठतीं |कभी-कभी नहीं उठ पातीं तो घर के किसी सदस्य को मदद के लिए पुकारतीं |पापा जी दिन-रात उनकी देखभ...

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ज़िंदगी के इंद्रधनुषी रंग By kirti chaturvedi

कहते हैं कि होई वही जो रब रची राखा। कभी—कभी ज़िंदगी में ऐसे लम्हे गुजरतें हैं कि पता ही नहीं होता कि ज़िंदगी किस ओर करवट लेगी। हम सोचते हैं कि हमारी ज़िंदगी के फैसले हम ले रहे होते...

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घोंसला By Ratna Pandey

अधेड़ उम्र की यमुना के घर के बाहर आँगन में एक विशाल वृक्ष था। उस वृक्ष पर कई पक्षी अपना घोंसला बनाकर रहते थे। यमुना हर सुबह पक्षियों को दाना डालती और पक्षी भी रोज़ दाना चुगने नीचे...

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वैवाहिक विज्ञापन By Rama Sharma Manavi

5 फिट 7 इंच,गेहुआँ रँग,MBA, मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत युवक हेतु गौरवर्णी,लंबी, उच्चशिक्षित, सुंदर, संस्कारी,गृहकार्यदक्ष,सजातीय वधू की आवश्यकता है। अक्सर वैवाहिक विज्ञापन के...

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स्वीकृति - 11 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति 11 सुष्मिता को जल्द ही याद आ जाता है कि दुकान के बाहर जो शख्स खड़ा है उसे उसने पहले कहाँ देखा था . उसने उसे अपने पिता के उसी कमरे में एक बार देखा था , जिस कमरे में उसे य...

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14 फरवरी 2019 By Damini

पीली-पीली सरसों के खेतों के बीच भागती सुनीता माँ- बापू को आवाज़ें लगा रही थी। "अम्मा-अम्मा फोन आया है भाई का फोन आया है।" सावित्री खेतों में काम करते हुए हंसिया से खरपतवार हटा रही...

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बेटा यही सही है   By Ratna Pandey

स्वाति के विवाह को दो वर्ष भी पूरे नहीं हुए थे कि दुर्भाग्य, सौभाग्य की हत्या कर उसके जीवन में हमेशा के लिए प्रवेश कर गया। जितना दुःख पूनम और अजय को अपने बेटे को खोने का था, उतना ह...

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भैया मुझे माफ़ कर दो  By Ratna Pandey

नवीन और मानव दोनों भाइयों की उम्र में केवल एक वर्ष का ही अंतर था। नवीन मानव से बड़ा था, बचपन से दोनों साथ में खेलते-कूदते बड़े हुए थे। नवीन मानव से ज़्यादा प्रतिभाशाली था, चाहे पढ़ा...

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गुलाबी लिफाफा By kirti chaturvedi

आज समीर की शादी की पच्चीसवीं सालहिरह थी। शाम में सब दोस्त और परिवारजन आने वाले थे। वह मंदिर सुबह ही जाकर लौट आया था। उसकी पत्नी बच्चों को लेकर बाजार निकल गई थी। एक कप काफी लेकर वह...

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माता कुमाता न भवति By Indresh Kumar Uniyal

“पापा जल्दी बाहर आओ” छोटी पुत्री क्षिप्रा की पुकार सुनकर किसी अनिष्ट की आशंका से चिंतित गोपाल तेजी से घर के मुख्यद्वार पर पहुँचा. देखा तो उसकी दोनों पुत्रियाँ एक अपरिचित वृद्ध महिल...

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ज़िन्दगी - 4 By Mehul Pasaya

जी इट्स ओके भैयाअरे नही बेटा गर्मी से बिमार पड सकते हो सो आप ये रुमाल लो और मुह साफ कार्लोओके भौया लाओहा ये लो। हम्म अब ये जैसे ही इस रुमाल से अपना मुह साफ करेगी ये बेहोश हो जायेगी...

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एक माँ ऐसी भी By Pranava Bharti

डॉ. वीरेन वर्मा ने अपने नए जन्मे शिशु को अपनी बाहों में उठाकर सीने से चिपका लिया | सत्रह वर्ष की रीना पिता के पीछे खड़ी थी | उसे समझ में नहीं आ रहा था कैसे रिएक्ट करे ? डॉ. भी कहाँ...

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क्या करण अपने घर को बचाएगा By Ratna Pandey

लगभग दो वर्ष बीत चुके थे रूपा और करण को एक दूसरे की ज़िंदगी में आए हुए, दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे। करण रूपा की हर ख़्वाहिश पूरी करता, फ़िल्म देखना, मॉल में जाना और बाइक पर...

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रूस-यूक्रेन संघर्ष By Sonu Rj

अंतर्राष्ट्रीय संबंध रूस-यूक्रेन संघर्ष टैग्स: सामान्य अध्ययन-IIद्विपक्षीय समूह और समझौतेभारत के हितों पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव प्रिलिम्स के लिये रूस और यूक्रे...

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घोड़ा एक पैर By Deepak sharma

अन्धे शीशों वाली दीवारें ! गहरा यह सन्नाटा ! अजनबी यह बिस्तर ! मेरे हाथ-पैर इतने भारी क्यों हैं ? ’’कोई है ?’’ मैं पूछता हूँ । ’’मुझे पहचान रहे...

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कथित हितैषी का खत By Rama Sharma Manavi

आजकल अमिता दिवाली की सफाई में लगी हुई थी।तीन वर्ष के बेटे विशु के संग काम करना बेहद मुश्किल हो जाता है।जरा आँख बची कि विशु सामान फैलाने लग जाता था,डाँटने पर मासूमियत से अपनी थोड़ी...

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पुनर्जन्म का सत्य By Sonu Rj

भूमिकापुनर्जन्म वह दार्शनिक या धार्मिक अवधारणा है जिसके मुताबिक आत्मा ,शरीर के मरने के बाद दुसरे शरीर में एक नया जीवन शुरू कर सकती है | ये अवधारणा हिन्दू धर्म की एक मुख्य विचारधारा...

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बेरोजगारी बनाम हक की लड़ाई By Rajesh Kumar

मैंने मोबाइल पर एक तस्वीर देखी जिसमें एक युवक का सिर फटा हुआ है और सारा शरीर खून से लतपत है। खबर को पढ़ा तो पता चला वो युवक एक विद्यार्थी है जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज चार्ज किया जिस...

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मुझे कौन बचाएगा By Ratna Pandey

वंदना अपने माता पिता संजना और विजय की इकलौती संतान थी। वह बहुत ही मेहनती और महत्त्वाकांक्षी लड़की थी। बड़े-बड़े सपने लेकर अपने छोटे से घर में रहती थी। अपने माता-पिता को कैसे ख़ुशिया...

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असली गहना By sudha bhargava

असली गहना/सुधा भार्गव चंदर बैंक में एक क्लर्क था। वह पड़ोस के कुछ बच्चों को पढ़ाया भी करता था। ताकि कुछ अतिरिक्त आमदनी हो जाय और पत्नी को खुश रख सके। वह इतना कमा लेता था कि दो...

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