hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


Languages
Categories
Featured Books

हिंदी भाषा की विडंबना By RICHA TIWARI

एक दिन में भोपाल के बहुत ही प्रसिद्ध और जाने-माने निजी विश्वविद्यालय में इतिहास के सहायक प्राध्यापक का इंटरव्यू देने गई । जैसे ही मैंने वहां पर इंटरव्यू के लिए अंदर प्रवेश किया, वह...

Read Free

निर्मलधारा By Sharovan

निर्मलधारा कहानी / शरोवन वर्षों के बाद जब एक बार फिर से मुझे दंदियाबाड़ा कि भीषण गर्मी और कानों की कनपटियों को अपनी तमतमाती गर्म और पसीने से परेशान करती हुई लू से वास्ता करना पड़ा तो...

Read Free

बहुत करीब मंजिल - भाग 12 - अंतिम भाग By Sunita Bishnolia

नन्नू का इस तरह दादी के कमरे में जाकर तारा को बुलाना माँ-पिताजी और चंदा की धकड़ने बढ़ा रहा था। वो एक-दूसरे को प्रश्नवाचक दृष्टि से देख रहे थे कि क्या जवाब दें नन्नू को, कहाँ है इसकी...

Read Free

गुरु घासीदास जयंती से सामाजिक विकास की बात By Manjre Manjre

     छत्तीसगढ़ में सतनामियों के लिए गुरु घासीदास जयंती का उपलक्ष्य एक बहुत बड़ा आयोजन और अवसर होता है. क्योंकि, वे लोग गुरु घासीदास जी के अनुयायी तथा सतनामी धर्म के मानने वाले होते ह...

Read Free

खुशीयों की दिवाली By दिनू

आज जब चारों ओर भाग- दौड़ मची हुई है। कैरियर को लेकर कितनी अथक मेहनत करनी पड़ती है। बड़ी मुश्किल से जब हम जब किसी पद प्रतिष्ठा में स्थापित हो पाते है। तब हमारी आकांक्षाए बढ़ जाती है। पह...

Read Free

माँ की ममता By धरमा

न्यायालय में एक मुकद्दमा आया ,जिसने सभी को झकझोर दिया |अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं| मगर ये मामला बहुत ही अलग किस्म का था|एक 70 साल के...

Read Free

भंगिन By Sharovan

भंगिन शरोवन की एक ज्वलंत कहानी अचानक से आकाश में जैसे भटकी हुई बदलियों ने चमकते हुये चन्द्रमा के मुख पर अपनी चादर डाल दी तो पल भर में ही सारा आलम फैली हुई स्याही के रंग में नहा गया...

Read Free

शहीद भगत सिंह By धरमा

सरदार भगत सिंह का नाम अमर शहीदों में सबसे प्रमुख रूप से लिया जाता है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के जिला लायलपुर में बंगा गांव (जो अभी पाकिस्तान में है) के एक देशभक्...

Read Free

प्रमोशन By Ashwajit Patil

            अनिशा बाथरूम में शीशे के सामने खड़ी होकर अपने चेहरे को ही देखे जा रही थी. उसके चेहरे पर डर और परेशानी के भाव स्पष्ट देखे जा सकते थे. उसका दिल जोरो से धड़क रहा था. उसके...

Read Free

जुड़ी रहूँ जड़ों से - भाग 9 - अंतिम भाग By Sunita Bishnolia

अम्मी को समझाते और अपनी फिक्र करते अब्बू के भावुक हो जाने पर अम्मी को समझाते हुए शबनम बोली- "अम्मी आप तो आप बिलाल के मिजाज के बारे में भी जानती हैं और और हमारे मिजाज को भी अच्छी तर...

Read Free

सूनी सड़क का मोहताज By Sharovan

'नीरव की पत्नी नीली अचानक से गायब हो गई और बहुत प्रयास तथा खोजने के पश्चात भी जब उसका कुछ पता नहीं चल सका तो जि़न्दगी के इस दर्दभरे हादसे ने उसके भविष्य में अंधकार के काले बादल...

Read Free

बचपन की दीपावली By दिनू

बचपन वाली दीपावली बचपन की दीपावली का मतलब छोटी दीवाली, बड़ी दिवाली और उसके बाद गंगा स्नान (कार्तिकी) की तैयारी हुआ करता था। धनतेरस और भैया दूज कम से कम हमारे गांव में तो नहीं मनाया...

Read Free

SIA A Life Story of Hizra By Devika Singh

छनाक’ की आवाज के साथ आईना चकनाचूर हो गया था। आईने का हर टुकड़ा सिया का अक्स दिखा रहा था। मांग में भरा सिंदूर, गले का मंगलसूत्र, कानों के कुंडल ये सब मानो सिया को चिढ़ा रहे थे। शायद...

Read Free

क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खां By दिनू

अशफाक उल्ला खाँ के जयंती पर उन्हें शत शत नमन अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ, भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्होंने काकोरी काण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। ब्रिटि...

Read Free

उम्मीद बाकी है By Ranjana Jaiswal

शीत ऋतु की एक संध्या थी |मैं छत पर खड़ी क्षितिज की ओर ,जहां अभी-अभी सूर्यास्त हुआ था ,आकाश को निहार रही थी |सुदूर पश्चिमी क्षितिज पर ढलने वाली रात के भूरे साये बचे-खुचे दिन के गुलाब...

Read Free

दास्तान-ए -दर्द By Pranava Bharti

डॉ. प्रणव भारती ----------------------------------------- दास्तान-ए-दर्द शीर्षक में छिपी चार उपन्यासिकाएँ अपने भीतर एक पूरा का पूरा समुद्र उठाए घूमती हैं | इस दर्द के सैलाब में विभ...

Read Free

दूसरा मायका   By Ratna Pandey

संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी लता बहुत ही संस्कारी थी।   सबकी चहेती थी वह, भगवान ने भी रंग रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई, छह बहन, पाँच भाई इतना बड...

Read Free

अचेतन अपराधी - 1 By Kishanlal Sharma

"देख सामने पुलिस वाला खड़ा है।तेरी लाइट भी नही है।उतरकर चल।वरना चालान कर देगा।"अपने दोस्त की बात सुनकर सुदेश भड़क गया।उसने भद्दी सी गाली दी और आगे बढ़ता गया।पुलिस वाले को देखते ही उसक...

Read Free

पति-पत्नी में आनाकानी By दिनू

*सुबह सुबह पति-पत्नी के झगड़ा हो गया,*बीवी गुस्से मे बोली - बस, बहुत कर लिया बरदाश्त, अब एक मिनट भी तुम्हारे साथ नही रह सकती।*पति भी गुस्से मे था, बोला "मैं भी तुम्हे झेलते झेलते त...

Read Free

ज़िन्दगी - 10 By Mehul Pasaya

हा वोरा बेटा है. लेकिन तुमने उसे मौत के घाट उतार दिया. में तुम्हे छोडूंगी नही.अरे नही मेरे मित्र ऐसे नही हो सकता वो तो मुझे पता नहीं था. की वो आपका बेटा है.हा वो मेरा पौता है तो अब...

Read Free

घावों भरा साल बनाम विटामिन एम. By Neelam Kulshreshtha

दीपावली के लक्ष्मी पूजन पर विशेष घावों भरा साल बनाम विटामिन एम. -नीलम कुलश्रेष्ठ- फ़्लैश  बैक नं. एकः “मैं तो आप के बेटे की कॉपी लेकर आपके घर आया था लेकिन आप लोग कहीं बाह...

Read Free

शेष जीवन (कहानियां पार्ट 26) By Kishanlal Sharma

लेकिन आज अनुपम ने छाया के हाथ की बनी चाय पी ली थी।चाय पीने से शरीर मे गर्मी जरूर आयी लेकिन वह इतना भीग चुका था कि उसे बार बार छींक आने लगी।उसके शरीर और हाथ पैरों में दर्द होने लगा।...

Read Free

पिता का पत्र (समाज व पुत्रों के नाम) By धरमा

पिता का पत्र समाज व पुत्रों के नाम... शहर के एक मध्यवर्गीय बूढ़े पिता ने अपने पुत्रों के नाम एक पत्र लिखकर खुद को गोली मार ली । चिट्टी क्यों लिखी और क्या लिखा । यह जानने से पहले सं...

Read Free

शहरे खामोशां By Asha Parashar

बरसात शुरू हो गई, तेज बौछार नहीं, हल्की बूंदा-बांदी हो रही थी। पर जब पानी आंखों में गिरे तो खुले आसमान तले बैठना मुश्किल हो जाता हे। वह उठ कर सामने पेड़ के नीचे वाले बैंच पर जा बैठा...

Read Free

कन्यादान - रिश्ता दिल का दिल से By धरमा

कन्यादान - रिश्ता दिल का दिल सेबेटियाँ पराई नहीं, दिलों में रहती है... एक बार एक गरीब पिता ने अपनी एकलौती पुत्री की सगाई करवाई... लड़का बड़े अच्छे घर से था, इसलिए माता-पिता दोनों ब...

Read Free

वो सुबह कभी तो आएगी By Arun Singla

वो सुबह कभी तो आएगी कैलाश प्रसाद 35 वर्ष की आयु में ही परलोक चले गए थे। उनकी पत्नी सुमित्रा देवी की उम्र भी उस समय लगभग 25 वर्ष रही होगी.सुमित्रा देवी के कोई संतान ना हो सकी थी, और...

Read Free

मझधार : नेहा हमेशा चुपचाप क्यो रहती थी? By Anita

पूरे 15 वर्ष हो गए मुझे स्कूल में नौकरी करते हुए. इन वर्षों में कितने ही बच्चे होस्टल आए और गए, किंतु नेहा उन सब में कुछ अलग ही थी. बड़ी ही शांत, अपनेआप में रहने वाली. न किसी से बो...

Read Free

हिंदी भाषा की विडंबना By RICHA TIWARI

एक दिन में भोपाल के बहुत ही प्रसिद्ध और जाने-माने निजी विश्वविद्यालय में इतिहास के सहायक प्राध्यापक का इंटरव्यू देने गई । जैसे ही मैंने वहां पर इंटरव्यू के लिए अंदर प्रवेश किया, वह...

Read Free

निर्मलधारा By Sharovan

निर्मलधारा कहानी / शरोवन वर्षों के बाद जब एक बार फिर से मुझे दंदियाबाड़ा कि भीषण गर्मी और कानों की कनपटियों को अपनी तमतमाती गर्म और पसीने से परेशान करती हुई लू से वास्ता करना पड़ा तो...

Read Free

बहुत करीब मंजिल - भाग 12 - अंतिम भाग By Sunita Bishnolia

नन्नू का इस तरह दादी के कमरे में जाकर तारा को बुलाना माँ-पिताजी और चंदा की धकड़ने बढ़ा रहा था। वो एक-दूसरे को प्रश्नवाचक दृष्टि से देख रहे थे कि क्या जवाब दें नन्नू को, कहाँ है इसकी...

Read Free

गुरु घासीदास जयंती से सामाजिक विकास की बात By Manjre Manjre

     छत्तीसगढ़ में सतनामियों के लिए गुरु घासीदास जयंती का उपलक्ष्य एक बहुत बड़ा आयोजन और अवसर होता है. क्योंकि, वे लोग गुरु घासीदास जी के अनुयायी तथा सतनामी धर्म के मानने वाले होते ह...

Read Free

खुशीयों की दिवाली By दिनू

आज जब चारों ओर भाग- दौड़ मची हुई है। कैरियर को लेकर कितनी अथक मेहनत करनी पड़ती है। बड़ी मुश्किल से जब हम जब किसी पद प्रतिष्ठा में स्थापित हो पाते है। तब हमारी आकांक्षाए बढ़ जाती है। पह...

Read Free

माँ की ममता By धरमा

न्यायालय में एक मुकद्दमा आया ,जिसने सभी को झकझोर दिया |अदालतों में प्रॉपर्टी विवाद व अन्य पारिवारिक विवाद के केस आते ही रहते हैं| मगर ये मामला बहुत ही अलग किस्म का था|एक 70 साल के...

Read Free

भंगिन By Sharovan

भंगिन शरोवन की एक ज्वलंत कहानी अचानक से आकाश में जैसे भटकी हुई बदलियों ने चमकते हुये चन्द्रमा के मुख पर अपनी चादर डाल दी तो पल भर में ही सारा आलम फैली हुई स्याही के रंग में नहा गया...

Read Free

शहीद भगत सिंह By धरमा

सरदार भगत सिंह का नाम अमर शहीदों में सबसे प्रमुख रूप से लिया जाता है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के जिला लायलपुर में बंगा गांव (जो अभी पाकिस्तान में है) के एक देशभक्...

Read Free

प्रमोशन By Ashwajit Patil

            अनिशा बाथरूम में शीशे के सामने खड़ी होकर अपने चेहरे को ही देखे जा रही थी. उसके चेहरे पर डर और परेशानी के भाव स्पष्ट देखे जा सकते थे. उसका दिल जोरो से धड़क रहा था. उसके...

Read Free

जुड़ी रहूँ जड़ों से - भाग 9 - अंतिम भाग By Sunita Bishnolia

अम्मी को समझाते और अपनी फिक्र करते अब्बू के भावुक हो जाने पर अम्मी को समझाते हुए शबनम बोली- "अम्मी आप तो आप बिलाल के मिजाज के बारे में भी जानती हैं और और हमारे मिजाज को भी अच्छी तर...

Read Free

सूनी सड़क का मोहताज By Sharovan

'नीरव की पत्नी नीली अचानक से गायब हो गई और बहुत प्रयास तथा खोजने के पश्चात भी जब उसका कुछ पता नहीं चल सका तो जि़न्दगी के इस दर्दभरे हादसे ने उसके भविष्य में अंधकार के काले बादल...

Read Free

बचपन की दीपावली By दिनू

बचपन वाली दीपावली बचपन की दीपावली का मतलब छोटी दीवाली, बड़ी दिवाली और उसके बाद गंगा स्नान (कार्तिकी) की तैयारी हुआ करता था। धनतेरस और भैया दूज कम से कम हमारे गांव में तो नहीं मनाया...

Read Free

SIA A Life Story of Hizra By Devika Singh

छनाक’ की आवाज के साथ आईना चकनाचूर हो गया था। आईने का हर टुकड़ा सिया का अक्स दिखा रहा था। मांग में भरा सिंदूर, गले का मंगलसूत्र, कानों के कुंडल ये सब मानो सिया को चिढ़ा रहे थे। शायद...

Read Free

क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खां By दिनू

अशफाक उल्ला खाँ के जयंती पर उन्हें शत शत नमन अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ, भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्होंने काकोरी काण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। ब्रिटि...

Read Free

उम्मीद बाकी है By Ranjana Jaiswal

शीत ऋतु की एक संध्या थी |मैं छत पर खड़ी क्षितिज की ओर ,जहां अभी-अभी सूर्यास्त हुआ था ,आकाश को निहार रही थी |सुदूर पश्चिमी क्षितिज पर ढलने वाली रात के भूरे साये बचे-खुचे दिन के गुलाब...

Read Free

दास्तान-ए -दर्द By Pranava Bharti

डॉ. प्रणव भारती ----------------------------------------- दास्तान-ए-दर्द शीर्षक में छिपी चार उपन्यासिकाएँ अपने भीतर एक पूरा का पूरा समुद्र उठाए घूमती हैं | इस दर्द के सैलाब में विभ...

Read Free

दूसरा मायका   By Ratna Pandey

संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी लता बहुत ही संस्कारी थी।   सबकी चहेती थी वह, भगवान ने भी रंग रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई, छह बहन, पाँच भाई इतना बड...

Read Free

अचेतन अपराधी - 1 By Kishanlal Sharma

"देख सामने पुलिस वाला खड़ा है।तेरी लाइट भी नही है।उतरकर चल।वरना चालान कर देगा।"अपने दोस्त की बात सुनकर सुदेश भड़क गया।उसने भद्दी सी गाली दी और आगे बढ़ता गया।पुलिस वाले को देखते ही उसक...

Read Free

पति-पत्नी में आनाकानी By दिनू

*सुबह सुबह पति-पत्नी के झगड़ा हो गया,*बीवी गुस्से मे बोली - बस, बहुत कर लिया बरदाश्त, अब एक मिनट भी तुम्हारे साथ नही रह सकती।*पति भी गुस्से मे था, बोला "मैं भी तुम्हे झेलते झेलते त...

Read Free

ज़िन्दगी - 10 By Mehul Pasaya

हा वोरा बेटा है. लेकिन तुमने उसे मौत के घाट उतार दिया. में तुम्हे छोडूंगी नही.अरे नही मेरे मित्र ऐसे नही हो सकता वो तो मुझे पता नहीं था. की वो आपका बेटा है.हा वो मेरा पौता है तो अब...

Read Free

घावों भरा साल बनाम विटामिन एम. By Neelam Kulshreshtha

दीपावली के लक्ष्मी पूजन पर विशेष घावों भरा साल बनाम विटामिन एम. -नीलम कुलश्रेष्ठ- फ़्लैश  बैक नं. एकः “मैं तो आप के बेटे की कॉपी लेकर आपके घर आया था लेकिन आप लोग कहीं बाह...

Read Free

शेष जीवन (कहानियां पार्ट 26) By Kishanlal Sharma

लेकिन आज अनुपम ने छाया के हाथ की बनी चाय पी ली थी।चाय पीने से शरीर मे गर्मी जरूर आयी लेकिन वह इतना भीग चुका था कि उसे बार बार छींक आने लगी।उसके शरीर और हाथ पैरों में दर्द होने लगा।...

Read Free

पिता का पत्र (समाज व पुत्रों के नाम) By धरमा

पिता का पत्र समाज व पुत्रों के नाम... शहर के एक मध्यवर्गीय बूढ़े पिता ने अपने पुत्रों के नाम एक पत्र लिखकर खुद को गोली मार ली । चिट्टी क्यों लिखी और क्या लिखा । यह जानने से पहले सं...

Read Free

शहरे खामोशां By Asha Parashar

बरसात शुरू हो गई, तेज बौछार नहीं, हल्की बूंदा-बांदी हो रही थी। पर जब पानी आंखों में गिरे तो खुले आसमान तले बैठना मुश्किल हो जाता हे। वह उठ कर सामने पेड़ के नीचे वाले बैंच पर जा बैठा...

Read Free

कन्यादान - रिश्ता दिल का दिल से By धरमा

कन्यादान - रिश्ता दिल का दिल सेबेटियाँ पराई नहीं, दिलों में रहती है... एक बार एक गरीब पिता ने अपनी एकलौती पुत्री की सगाई करवाई... लड़का बड़े अच्छे घर से था, इसलिए माता-पिता दोनों ब...

Read Free

वो सुबह कभी तो आएगी By Arun Singla

वो सुबह कभी तो आएगी कैलाश प्रसाद 35 वर्ष की आयु में ही परलोक चले गए थे। उनकी पत्नी सुमित्रा देवी की उम्र भी उस समय लगभग 25 वर्ष रही होगी.सुमित्रा देवी के कोई संतान ना हो सकी थी, और...

Read Free

मझधार : नेहा हमेशा चुपचाप क्यो रहती थी? By Anita

पूरे 15 वर्ष हो गए मुझे स्कूल में नौकरी करते हुए. इन वर्षों में कितने ही बच्चे होस्टल आए और गए, किंतु नेहा उन सब में कुछ अलग ही थी. बड़ी ही शांत, अपनेआप में रहने वाली. न किसी से बो...

Read Free