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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • अथगूँगे गॉंव की कथा - 13

    उपन्यास-   रामगोपाल भावुक                                अथ गूँगे गॉंव की कथा 13...

  • अपंग - 49

    49 ---- भानु को चिंता होना स्वाभाविक ही था यदि माँ-बाबा आए तो राजेश को कहाँ से ल...

  • ममता की परीक्षा - 74

    भोर होते ही बिरजू ,चौधरी और बसंती सहित लगभग पच्चीस गाँव वाले भी थाने पर हाजिर थे...

अथगूँगे गॉंव की कथा - 13 By ramgopal bhavuk

उपन्यास-   रामगोपाल भावुक                                अथ गूँगे गॉंव की कथा 13                अ0भा0 समर साहित्य पुरस्कार 2005 प्राप्त कृति       13       उसी दिन शाम होंने से पहल...

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अपंग - 49 By Pranava Bharti

49 ---- भानु को चिंता होना स्वाभाविक ही था यदि माँ-बाबा आए तो राजेश को कहाँ से लाएगी ?ऐसे आदमी के पाँव भी तो नहीं पड़ा जा सकता जो इस स्वभाव व ख़राब नीयत का हो जिसके इरादों में ही खोट...

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ममता की परीक्षा - 74 By राज कुमार कांदु

भोर होते ही बिरजू ,चौधरी और बसंती सहित लगभग पच्चीस गाँव वाले भी थाने पर हाजिर थे।दरोगा शायद अभी तक नहीं आया था। सिपाही भी बदले हुए लग रहे थे। भारी भीड़ देखकर एक सिपाही बाहर आया और स...

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सपने - (भाग-26) By सीमा बी.

सपने.....(भाग-26)आस्था और आदित्य में उसके बाद कोई बात नहीं हुई......आज के डिनर के लिए जितनी परेशान वो थी, उतना ही आराम से और अच्छे ढंग से निपट गया था अरूणा दी से मिलना और डिनर भी.....

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आँख की किरकिरी - 34 - अंतिम भाग By Rabindranath Tagore

(34) आशा ने कहा - मन में कोई गाँठ मैं रखना तो नहीं चाहती हूँ मौसी, सब भूल जाना ही चाहती हूँ, मगर भूलते ही तो नहीं बनता।  अन्नपूर्णा बोलीं - तू ठीक ही कहती है बिटिया, उपदेश देन...

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बेमेल - 20 By Shwet Kumar Sinha

*** “काकी राम राम!” – घर में प्रवेश करते हुए पड़ोस की रमा ने विनयधर की मां अभिवादन किया। “राम राम बिटिया, आओ बैठो! बहुत दिन बाद आना हुआ! कहो, कैसी हो?” – विनयधर की बुढ़ी मां आभा ने क...

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पेहचान - 5 By Preeti Pragnaya Swain

अभिमन्यु ने पीहू को खाना दिया, फिर दवाई ..... पीहू दवाई को पहले ध्यान से देखी फिर एक एक करके उसके सारे compound पढ़ने लगी ,फिर जाकर खाई ये देख अभिमन्यु मानो एसे situation मे था की...

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इश्क़ ए बिस्मिल - 16 By Tasneem Kauser

कुछ देर के लिए ख़ामोशी छा गई थी। ज़मान साहब उसके जवाब के इंतजार में थे। अरीज की नज़र फ़र्श पर टिकी हुई थी। उसने सर उठाकर कहा था “मैं अपने बाबा से बहुत प्यार करती थी इसलिए नहीं के व...

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अछूत कन्या - भाग ९   By Ratna Pandey

सागर के मुँह से बुखार की बात सुनते ही नर्मदा ने उसकी बात काटते हुए कहा, “अरे कुछ नहीं कभी-कभी सर्दी खांसी के कारण बुखार आ जाता है।” अरुणा जाने लगी तभी उसकी नज़र दीवार पर टंगी उस तस...

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मेरे घर आना ज़िंदगी - 1 By Ashish Kumar Trivedi

(1) ऑफिस से लौटते हुए नंदिता ने एक जगह अपनी स्कूटी खड़ी की। सामने चार सीढ़ियां थीं। उन्हें चढ़कर वह मेडिकल शॉप के काउंटर पर पहुँची। पहले से मौजूद एक ग्राहक अपनी दवाओं के पैसे चुका...

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अतीत के पन्ने - भाग 24 By RACHNA ROY

आज सन्डे है और आलोक और आलेख जल्दी उठकर तैयार हो कर नाश्ता करने लगे और फिर कुछ देर बाद ही शाम भी आ गया और आलेख ने कहा भाई आज दोपहर को पार्टी है आ जाना दुकान बंद कर के।शाम ने कहा हां...

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टॉम काका की कुटिया - 31 By Harriet Beecher Stowe

31 - पिता-पुत्री का पुनर्मिलन समय किसी की बाट नहीं देखता। हफ्तों-पर-हफ्ते, महीनों-पर-महीने और वर्षों-पर-वर्ष निकले जा रहे हैं। संसार भर के नर-नारियों को अपनी छाती पर लादकर काल का प...

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हडसन तट का ऐरा गैरा - 25 By Prabodh Kumar Govil

दोपहर होते - होते ज्यादातर परिंदे घने पेड़ों पर विश्राम के लिए जा चढ़े। धूप तेज़ थी। धूप का चिलका पानी की लहरों पर पड़ता तो ऐसा लगता था मानो चमक के मोती- माणिक बिखरे हुए हों। ऐश ने...

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करोड़ों-करोड़ों बिजलियां - 4 By S Bhagyam Sharma

अध्याय 4 वैगई की बात को सुन कर दूसरे तरफ की वाणी सुब्रमणियम स्तंभित रह गई | “नहीं वैगई...! किसी से भी हमें किसी तरह की समस्या नहीं चाहिए | उस दयानिधि ट्रस्ट के लोगों ने रुपयो...

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नकाब - 25 By Neerja Pandey

भाग 25 पिछले भाग में आपने पढ़ा की रश्मि और सुहास शादी के बाद एक दूसरे को अपनाने की पूरी कोशिश करते है। बस मन में आशंका है तो एक ही बात की कि क्या होगा जब अतीत सामने आ जाएगा..? अब आ...

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सोई तकदीर की मलिकाएं - 13 By Sneh Goswami

  सोई तकदीर की मलिकाएँ    13     केसर के साथ हुए हादसे ने बेबे जी को ऐसा गमगीन कर दिया कि जीवन की कोई भी बात उन्हें चारपाई से उठाने में असमर्थ रही । कोई दवा दाऱू , कोई दान पुण्य उन...

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कोट - २६ By महेश रौतेला

कोट-२६थोड़ा खो जाएं:(२०१८)०८.०९.२०१८ को नन्हे बच्चों के स्कूल किडजी में जाना हुआ, अनायशा के स्कूल में। अनायशा दो साल तीन महीने की थी। उस दिन स्कूल दादा-दादी,नाना-नानी दिवस अर्थात ग्...

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अग्निजा - 33 By Praful Shah

प्रकरण 33 गोवर्धनदास की रमा के साथ जयसुख के साथ रिश्ता पक्का होना वास्तव में कानजी चाचा को बिलकुल भी पसंद नहीं आया। उन्हें रमा से कोई लेना-देना नहीं था, इसका कोई कारण भी नहीं था क्...

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वो पहली बारिश - भाग 52 - अंतिम भाग By Daanu

“सॉरी यार.. फालतू तुम्हारे इतने चक्कर लगवा दिए।", कैब में अपने साथ बैठे ध्रुव को देख कर, निया बोली।“कोई नहीं।", ध्रुव मंद सा मुस्करा कर बाहर देखने लगा।थोड़ी देर में निया की बिल्डिंग...

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शोहरत का घमंड - 2 By shama parveen

आलिया सोचती है कि हमने तो आज तक इतने पैसे देखे भी नही है जीतने की डाक्टर ने मांगे है।तभी वहा पर आलिया के नरेश अंकल आ जाते है। और वो उन्हे देख कर बोलते है कि " क्या हुआ आप दोनो रो क...

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तुम न जाने किस जहाँ में खो गए - 3 - अंतिम भाग By S Sinha

  अंतिम  भाग - 3                           कहानी -  तुम न जाने किस जहाँ में खो गए  - 3     मधुसूदन बेटे के साथ मधु के घर गया  . उसे देख कर मधु बहुत आश्चर्यचकित हुई और उस से ज्यादा ...

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अथगूँगे गॉंव की कथा - 13 By ramgopal bhavuk

उपन्यास-   रामगोपाल भावुक                                अथ गूँगे गॉंव की कथा 13                अ0भा0 समर साहित्य पुरस्कार 2005 प्राप्त कृति       13       उसी दिन शाम होंने से पहल...

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अपंग - 49 By Pranava Bharti

49 ---- भानु को चिंता होना स्वाभाविक ही था यदि माँ-बाबा आए तो राजेश को कहाँ से लाएगी ?ऐसे आदमी के पाँव भी तो नहीं पड़ा जा सकता जो इस स्वभाव व ख़राब नीयत का हो जिसके इरादों में ही खोट...

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ममता की परीक्षा - 74 By राज कुमार कांदु

भोर होते ही बिरजू ,चौधरी और बसंती सहित लगभग पच्चीस गाँव वाले भी थाने पर हाजिर थे।दरोगा शायद अभी तक नहीं आया था। सिपाही भी बदले हुए लग रहे थे। भारी भीड़ देखकर एक सिपाही बाहर आया और स...

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सपने - (भाग-26) By सीमा बी.

सपने.....(भाग-26)आस्था और आदित्य में उसके बाद कोई बात नहीं हुई......आज के डिनर के लिए जितनी परेशान वो थी, उतना ही आराम से और अच्छे ढंग से निपट गया था अरूणा दी से मिलना और डिनर भी.....

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आँख की किरकिरी - 34 - अंतिम भाग By Rabindranath Tagore

(34) आशा ने कहा - मन में कोई गाँठ मैं रखना तो नहीं चाहती हूँ मौसी, सब भूल जाना ही चाहती हूँ, मगर भूलते ही तो नहीं बनता।  अन्नपूर्णा बोलीं - तू ठीक ही कहती है बिटिया, उपदेश देन...

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बेमेल - 20 By Shwet Kumar Sinha

*** “काकी राम राम!” – घर में प्रवेश करते हुए पड़ोस की रमा ने विनयधर की मां अभिवादन किया। “राम राम बिटिया, आओ बैठो! बहुत दिन बाद आना हुआ! कहो, कैसी हो?” – विनयधर की बुढ़ी मां आभा ने क...

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पेहचान - 5 By Preeti Pragnaya Swain

अभिमन्यु ने पीहू को खाना दिया, फिर दवाई ..... पीहू दवाई को पहले ध्यान से देखी फिर एक एक करके उसके सारे compound पढ़ने लगी ,फिर जाकर खाई ये देख अभिमन्यु मानो एसे situation मे था की...

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इश्क़ ए बिस्मिल - 16 By Tasneem Kauser

कुछ देर के लिए ख़ामोशी छा गई थी। ज़मान साहब उसके जवाब के इंतजार में थे। अरीज की नज़र फ़र्श पर टिकी हुई थी। उसने सर उठाकर कहा था “मैं अपने बाबा से बहुत प्यार करती थी इसलिए नहीं के व...

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अछूत कन्या - भाग ९   By Ratna Pandey

सागर के मुँह से बुखार की बात सुनते ही नर्मदा ने उसकी बात काटते हुए कहा, “अरे कुछ नहीं कभी-कभी सर्दी खांसी के कारण बुखार आ जाता है।” अरुणा जाने लगी तभी उसकी नज़र दीवार पर टंगी उस तस...

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मेरे घर आना ज़िंदगी - 1 By Ashish Kumar Trivedi

(1) ऑफिस से लौटते हुए नंदिता ने एक जगह अपनी स्कूटी खड़ी की। सामने चार सीढ़ियां थीं। उन्हें चढ़कर वह मेडिकल शॉप के काउंटर पर पहुँची। पहले से मौजूद एक ग्राहक अपनी दवाओं के पैसे चुका...

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अतीत के पन्ने - भाग 24 By RACHNA ROY

आज सन्डे है और आलोक और आलेख जल्दी उठकर तैयार हो कर नाश्ता करने लगे और फिर कुछ देर बाद ही शाम भी आ गया और आलेख ने कहा भाई आज दोपहर को पार्टी है आ जाना दुकान बंद कर के।शाम ने कहा हां...

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टॉम काका की कुटिया - 31 By Harriet Beecher Stowe

31 - पिता-पुत्री का पुनर्मिलन समय किसी की बाट नहीं देखता। हफ्तों-पर-हफ्ते, महीनों-पर-महीने और वर्षों-पर-वर्ष निकले जा रहे हैं। संसार भर के नर-नारियों को अपनी छाती पर लादकर काल का प...

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हडसन तट का ऐरा गैरा - 25 By Prabodh Kumar Govil

दोपहर होते - होते ज्यादातर परिंदे घने पेड़ों पर विश्राम के लिए जा चढ़े। धूप तेज़ थी। धूप का चिलका पानी की लहरों पर पड़ता तो ऐसा लगता था मानो चमक के मोती- माणिक बिखरे हुए हों। ऐश ने...

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करोड़ों-करोड़ों बिजलियां - 4 By S Bhagyam Sharma

अध्याय 4 वैगई की बात को सुन कर दूसरे तरफ की वाणी सुब्रमणियम स्तंभित रह गई | “नहीं वैगई...! किसी से भी हमें किसी तरह की समस्या नहीं चाहिए | उस दयानिधि ट्रस्ट के लोगों ने रुपयो...

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नकाब - 25 By Neerja Pandey

भाग 25 पिछले भाग में आपने पढ़ा की रश्मि और सुहास शादी के बाद एक दूसरे को अपनाने की पूरी कोशिश करते है। बस मन में आशंका है तो एक ही बात की कि क्या होगा जब अतीत सामने आ जाएगा..? अब आ...

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सोई तकदीर की मलिकाएं - 13 By Sneh Goswami

  सोई तकदीर की मलिकाएँ    13     केसर के साथ हुए हादसे ने बेबे जी को ऐसा गमगीन कर दिया कि जीवन की कोई भी बात उन्हें चारपाई से उठाने में असमर्थ रही । कोई दवा दाऱू , कोई दान पुण्य उन...

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कोट - २६ By महेश रौतेला

कोट-२६थोड़ा खो जाएं:(२०१८)०८.०९.२०१८ को नन्हे बच्चों के स्कूल किडजी में जाना हुआ, अनायशा के स्कूल में। अनायशा दो साल तीन महीने की थी। उस दिन स्कूल दादा-दादी,नाना-नानी दिवस अर्थात ग्...

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अग्निजा - 33 By Praful Shah

प्रकरण 33 गोवर्धनदास की रमा के साथ जयसुख के साथ रिश्ता पक्का होना वास्तव में कानजी चाचा को बिलकुल भी पसंद नहीं आया। उन्हें रमा से कोई लेना-देना नहीं था, इसका कोई कारण भी नहीं था क्...

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वो पहली बारिश - भाग 52 - अंतिम भाग By Daanu

“सॉरी यार.. फालतू तुम्हारे इतने चक्कर लगवा दिए।", कैब में अपने साथ बैठे ध्रुव को देख कर, निया बोली।“कोई नहीं।", ध्रुव मंद सा मुस्करा कर बाहर देखने लगा।थोड़ी देर में निया की बिल्डिंग...

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शोहरत का घमंड - 2 By shama parveen

आलिया सोचती है कि हमने तो आज तक इतने पैसे देखे भी नही है जीतने की डाक्टर ने मांगे है।तभी वहा पर आलिया के नरेश अंकल आ जाते है। और वो उन्हे देख कर बोलते है कि " क्या हुआ आप दोनो रो क...

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तुम न जाने किस जहाँ में खो गए - 3 - अंतिम भाग By S Sinha

  अंतिम  भाग - 3                           कहानी -  तुम न जाने किस जहाँ में खो गए  - 3     मधुसूदन बेटे के साथ मधु के घर गया  . उसे देख कर मधु बहुत आश्चर्यचकित हुई और उस से ज्यादा ...

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