hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • अग्निजा - 72

    प्रकरण-72 और फिर जीतू ने चढ़ाया हुआ मुखौटा निकाल फेंका। केतकी के प्रेमरहित, तपते...

  • ममता की परीक्षा - 114

    आँखों से छलक पड़े आँसू अपनी हथेली से पोंछ कर सुर्ख हो चुके नजरों से जमनादास को घू...

  • सेहरा में मैं और तू - 13

    ( 13 )वैसे तो कबीर और रोहन दोनों की कड़ी मेहनत के अभ्यस्त थे मगर यहां आकर उनका प...

अग्निजा - 72 By Praful Shah

प्रकरण-72 और फिर जीतू ने चढ़ाया हुआ मुखौटा निकाल फेंका। केतकी के प्रेमरहित, तपते रेगिस्तान सरीखे जीवन में अकस्मात हुई प्रेम की बारिश मानो भाप बनकर उड़ गई। जीतू अपने पुराने रूप में...

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अपंग - 76 By Pranava Bharti

76 ------ भानु रिचार्ड को अंदर ले आई थी, वह जानती थी वह काफ़ी परेशान था | उसने रिचार्ड से कहा ; "मैं जानती हूँ, तुम बहुत परेशान हो---" "तुम भी तो हो " रिचार्ड ने भानु का हाथ अपने मे...

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हाँ, मैं भागी हुई स्त्री हूँ - (भाग इक्कीस) By Ranjana Jaiswal

पिता से अनबन की बात बेटा कई बार कर चुका है।उसे लगता है कि इस बात से मैं खुश होऊँगी और कोई ऐसा कदम उठा लूंगी जिससे उसको लाभ होगा।शायद पिता से मिलकर वह इस तरह की साज़िशें रचता है। शुर...

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इश्क़ ए बिस्मिल - 50 By Tasneem Kauser

अरीज अज़ीन को अपने कमरे में पढ़ा रही थी तभी अचानक से हदीद वहाँ पर आ गया। अज़ीन उसे देख कर थोड़ी देर के लिए लिखना भूल गई थी। अज़ीन का यूँ ठेहरा हुआ अंदाज़ देख कर अरीज ने उसकी नज़रों...

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ममता की परीक्षा - 114 By राज कुमार कांदु

आँखों से छलक पड़े आँसू अपनी हथेली से पोंछ कर सुर्ख हो चुके नजरों से जमनादास को घूरते हूए रजनी सर्द स्वर में बोली, "ओह, तो ये है पूरी कहानी। अब समझी कि आपको पैसे का गुरुर क्यों है ?...

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सेहरा में मैं और तू - 13 By Prabodh Kumar Govil

( 13 )वैसे तो कबीर और रोहन दोनों की कड़ी मेहनत के अभ्यस्त थे मगर यहां आकर उनका प्रशिक्षण और भी सख्त हो गया था। स्टेडियम के आसपास बड़े शहर की रौनकें बिखरी पड़ी थीं जिन्हें देख कर शु...

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मुस्कराते चहरे की हकीकत - 26 By Manisha Netwal

विवान गुस्से में कार लेकर वहां से निकल जाता हैं,,,,,नित्या कॉल करके प्रवीण को अवनी और विवान के बारे में बता देती है,,,,कुछ देर में प्रवीण और नित्या घर आते हैं प्रवीण के मां पापा (व...

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खाली कमरा - भाग ९      By Ratna Pandey

उधर सुबह उठकर खुशबू ने देखा राधा और मुरली उनके कमरे में नहीं हैं। उसने राहुल को आवाज़ लगाई, “राहुल देखो तो तुम्हारे माँ बाप घर में नहीं हैं।” “क्या …? ये क्या बोल रही हो खुशबू?” “ह...

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पेहचान - 23 - इतनी भी क्या जल्दी है मरने का! By Preeti Pragnaya Swain

अभिमन्यु दौड़ते हुए नीचे आने लगा, पर उसकी बुरी किस्मत उसका पैर थोड़ा सा मुड़ गया जिसके चलते वो सीढ़ियों से फिसलते हुए नीचे जा गिरा ....पीहू हस्ते हुए बोली अरे .... क्या तुम भी न ,...

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कहानी प्यार कि - 53 By Dr Mehta Mansi

रात को करन और किंजल दोनो होटल के एक कमरे में बैठे थे... बहुत रात हो चुकी थी पर उनकी आंखों में नींद का नामोनिशान नहीं था..." फाइनली इतनी ज्यादा दौड़ धाम के बाद हमने कर दिखाया... अब...

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सोई तकदीर की मलिकाएँ - 29 By Sneh Goswami

  सोई तकदीर की मलिकाएँ    29 अब तक आपने पढा ...भोला सिंह सिधवा गांव का बङा अमीर सरदार है जिसके खेत गाँव में दूर दूर तक फैले हैं । बङी सी हवेली है । कई गाय भैंसे हैं । सुंदर और समझद...

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मेरे घर आना ज़िंदगी - 39 (अंतिम भाग) By Ashish Kumar Trivedi

(39) अन्नप्राशन की पार्टी बहुत अच्छी तरह से निपट गई थी। सुबह पूजा के बाद तय हुआ था कि आज रात सारा परिवार फ्लैट में ही रहेगा। इसलिए पार्टी के वेन्यू से सब लोग फ्लैट में ही आ गए थे।...

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तमाचा - 20 (इलेक्शन) By नन्दलाल सुथार राही

दिव्या जब अपने पार्टी ऑफिस पहुँचती है, तो देखती है कि कॉलेज में जो विद्यार्थी उसका भाषण सुनकर उस पर तालियां बजा रहे थे। उनमें से अधिकतर अभी सामने विपक्षी पार्टी के कार्यालय में बैठ...

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अनूठी पहल - 25 - अंतिम भाग By Lajpat Rai Garg

- 25 - अभी तक ‘देहदान महादान संस्था (रजि.), दिल्ली’ की ओर से पत्र आया था, जिसमें सूचना दी गई थी कि संस्था द्वारा स्वर्गीय प्रभुदास का नाम मरणोपरान्त पद्मश्री पुरस्कार क...

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प्रायश्चित- 2 - Mathur Sahab By Devika Singh

अब राज कुछ समझे उससे पहले ही अंकित जग गया था दूसरा आदमी : वहा!!! भाई आपकी नींद तो बहुत जल्दी ही टूट गई, मुझे अब जल्दी उठोअंकित और राज को ऐसा लग रहा था कि कल रात की सजा देने के लिए...

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अग्निजा - 72 By Praful Shah

प्रकरण-72 और फिर जीतू ने चढ़ाया हुआ मुखौटा निकाल फेंका। केतकी के प्रेमरहित, तपते रेगिस्तान सरीखे जीवन में अकस्मात हुई प्रेम की बारिश मानो भाप बनकर उड़ गई। जीतू अपने पुराने रूप में...

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अपंग - 76 By Pranava Bharti

76 ------ भानु रिचार्ड को अंदर ले आई थी, वह जानती थी वह काफ़ी परेशान था | उसने रिचार्ड से कहा ; "मैं जानती हूँ, तुम बहुत परेशान हो---" "तुम भी तो हो " रिचार्ड ने भानु का हाथ अपने मे...

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हाँ, मैं भागी हुई स्त्री हूँ - (भाग इक्कीस) By Ranjana Jaiswal

पिता से अनबन की बात बेटा कई बार कर चुका है।उसे लगता है कि इस बात से मैं खुश होऊँगी और कोई ऐसा कदम उठा लूंगी जिससे उसको लाभ होगा।शायद पिता से मिलकर वह इस तरह की साज़िशें रचता है। शुर...

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इश्क़ ए बिस्मिल - 50 By Tasneem Kauser

अरीज अज़ीन को अपने कमरे में पढ़ा रही थी तभी अचानक से हदीद वहाँ पर आ गया। अज़ीन उसे देख कर थोड़ी देर के लिए लिखना भूल गई थी। अज़ीन का यूँ ठेहरा हुआ अंदाज़ देख कर अरीज ने उसकी नज़रों...

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ममता की परीक्षा - 114 By राज कुमार कांदु

आँखों से छलक पड़े आँसू अपनी हथेली से पोंछ कर सुर्ख हो चुके नजरों से जमनादास को घूरते हूए रजनी सर्द स्वर में बोली, "ओह, तो ये है पूरी कहानी। अब समझी कि आपको पैसे का गुरुर क्यों है ?...

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सेहरा में मैं और तू - 13 By Prabodh Kumar Govil

( 13 )वैसे तो कबीर और रोहन दोनों की कड़ी मेहनत के अभ्यस्त थे मगर यहां आकर उनका प्रशिक्षण और भी सख्त हो गया था। स्टेडियम के आसपास बड़े शहर की रौनकें बिखरी पड़ी थीं जिन्हें देख कर शु...

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मुस्कराते चहरे की हकीकत - 26 By Manisha Netwal

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खाली कमरा - भाग ९      By Ratna Pandey

उधर सुबह उठकर खुशबू ने देखा राधा और मुरली उनके कमरे में नहीं हैं। उसने राहुल को आवाज़ लगाई, “राहुल देखो तो तुम्हारे माँ बाप घर में नहीं हैं।” “क्या …? ये क्या बोल रही हो खुशबू?” “ह...

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अभिमन्यु दौड़ते हुए नीचे आने लगा, पर उसकी बुरी किस्मत उसका पैर थोड़ा सा मुड़ गया जिसके चलते वो सीढ़ियों से फिसलते हुए नीचे जा गिरा ....पीहू हस्ते हुए बोली अरे .... क्या तुम भी न ,...

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मेरे घर आना ज़िंदगी - 39 (अंतिम भाग) By Ashish Kumar Trivedi

(39) अन्नप्राशन की पार्टी बहुत अच्छी तरह से निपट गई थी। सुबह पूजा के बाद तय हुआ था कि आज रात सारा परिवार फ्लैट में ही रहेगा। इसलिए पार्टी के वेन्यू से सब लोग फ्लैट में ही आ गए थे।...

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तमाचा - 20 (इलेक्शन) By नन्दलाल सुथार राही

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अनूठी पहल - 25 - अंतिम भाग By Lajpat Rai Garg

- 25 - अभी तक ‘देहदान महादान संस्था (रजि.), दिल्ली’ की ओर से पत्र आया था, जिसमें सूचना दी गई थी कि संस्था द्वारा स्वर्गीय प्रभुदास का नाम मरणोपरान्त पद्मश्री पुरस्कार क...

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अब राज कुछ समझे उससे पहले ही अंकित जग गया था दूसरा आदमी : वहा!!! भाई आपकी नींद तो बहुत जल्दी ही टूट गई, मुझे अब जल्दी उठोअंकित और राज को ऐसा लग रहा था कि कल रात की सजा देने के लिए...

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